निम्नलिखित में कौन सा पश्च स्वर है? - nimnalikhit mein kaun sa pashch svar hai?

क्या आप पश्च स्वरका परिभाषा एवं उसका संख्या जानना चाहते हैं? यह आपके लिए एक बेहतरीन आर्टिकल हो सकता है. कृपया इसको आखिर तक जरूर पढ़ लीजिए.

निम्नलिखित में कौन सा पश्च स्वर है? - nimnalikhit mein kaun sa pashch svar hai?

सबसे पहले यह जान लेना चाहिए कि मध्य स्वर का परिपेक्ष क्या है. जैसा कि आप जानते ही होंगे हिंदी वर्णमाला में कुल 11 स्वर हैं. जिह्वा के आधार पर स्वर के 3 भेद होते हैं क्रमशः – अग्र स्वर, मध्य स्वर एवं पश्च स्वर. 

पश्च स्वर का क्या परिभाषा होता है? 

जिन स्वरों के उच्चारण में जिह्वा का पिछले भाग प्रयोग होता है, उसे पश्च स्वर कहते हैं जैसे: आ, ऊ, उ, ओ ,औ. 

पश्च स्वर संख्या में कितने होते हैं? 

हिंदी वर्णमाला के कुल 11 स्वरों में 5 पश्च स्वर होते हैं. जो निम्नलिखित हैं – आ, ऊ, उ, ओ ,औ (5). 

स्वर के कुल कितने प्रकार हैं जानिए – ह्रस्व, दीर्घ, प्लुत स्वर, अग्र, मध्य,  स्वर, मूल एवं संधि.

Conclusion 

जिन स्वरों के उच्चारण में जिह्वा का पिछले भाग प्रयोग होता है, उसे पश्च स्वर कहते हैं जैसे: आ है. हिंदी वर्णमाला में इस स्वर की कुल संख्या 5 है. 

कल्पना करता हूं कि आपको यह लेख बहुत पसंद आया होगा अगर आपके मस्तिष्क में कोई भी प्रश्न हो तो आप मुझे कमेंट बॉक्स में जरूर पूछिए. हमें उत्तर देने में बेहद खुशी होगी.

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उपरोक्त विकल्पो में 'आ' पश्च स्वर है,अन्य विकल्प असंगत हैं। अत: इसका सही उत्तर विकल्प 1 ‘आ होगा।  

निम्नलिखित में कौन सा पश्च स्वर है? - nimnalikhit mein kaun sa pashch svar hai?
Key Points

 जिन स्वरों के उच्चारण में जिह्वा का पिछला भाग सक्रिय रहता है, उन्हें   'पश्च स्वर' कहते हैं। जैसे– , उ, ऊ, ओ, औ, ऑ।

निम्नलिखित में कौन सा पश्च स्वर है? - nimnalikhit mein kaun sa pashch svar hai?
  

 इ

 अग्र स्वर 

 ई

 संवृत्त स्वर 

 अ

 अग्र स्वर 

निम्नलिखित में कौन सा पश्च स्वर है? - nimnalikhit mein kaun sa pashch svar hai?
Additional Information

 मुखाकृति के आधार पर स्वरों का वर्गीकरण :

मुखाकृति के आधार पर 8 स्वर होते है-

   स्वर

 परिभाषा

 उदाहरण

 अग्र स्वर 

 जिन स्वरों के उच्चारण में जिह्वा का आगे का भाग   सक्रिय रहता है, उन्हें ‘अग्र स्वर’ कहते हैं।

 अ, इ, ई, ए, ऐ।

 पश्च स्वर 

 जिन स्वरों के उच्चारण में जिह्वा का पिछला भाग   सक्रिय रहता है, उन्हें ‘पश्च स्वर’ कहते हैं।

 आ, उ, ऊ, ओ, औ,   ऑ।

 संवृत्त स्वर 

 संवृत्त का अर्थ है, कम खुला हुआ। जिन स्वरों के   उच्चारण में मुख कम खुले, उन्हें ‘संवृत्त स्वर’ कहते हैं।

 ई, ऊ।

 अर्द्धसंवृत्त स्वर 

 जिन स्वरों के उच्चारण में मुख संवृत्त स्वरों से थोड़ा   अधिक खुलता है, वे अर्द्धसंवृत्त स्वर कहलाते हैं।

 ए, ओ।

 विवृत्त स्वर 

 विवृत्त का अर्थ है, अधिक खुला हुआ। जिन स्वरों के   उच्चारण में मुख अधिक खुलता है, उन्हें विवृत्त स्वर   कहते हैं।

 आ।

 अर्द्धविवृत स्वर 

 विवृत्त स्वर से थोड़ा कम और अर्द्धसंवृत्त से थोड़ा   अधिक मुख खुलने पर जिन स्वरों का उच्चारण होता   है, उन्हें अर्द्धविवृत्त स्वर कहते हैं।

 ऐ, ऑ।

Last updated on Sep 22, 2022

The Uttar Pradesh Secondary Education Service Selection Board (UPSESSB) has decided to extend the last date to submit online applications to conduct recruitment for the post of UP TGT (Trained Graduate Teacher). Now the applicants can submit their online application up to 16th July 2022. In this year's recruitment cycle the total vacancy of 3539 has been released. Willing candidates having the required UP TGT Eligibility Criteria can apply for the exam. This is a golden opportunity for candidates who want to get into the teaching profession in the state of Uttar Pradesh.

पश्च स्वर कौन कौन से हैं?

पश्च स्वर- जिन स्वरों के उच्चारण में जीभ का पश्च यानी पिछला भाग काम करता है, उसे पश्च स्वर कहते हैं। जैसे- आ, उ, ऊ, ओ, औ, अं, अ:। इनका उच्चारण जीभ के पिछले भाग से किया जाता है।

प्लुत स्वर की संख्या कितनी होती है?

प्लुत स्वर की संख्या नहीं होती है, अर्थात हिन्दी व्याकरण के स्वर वर्ण में यह नहीं होता है, लेकिन इसमें स्वर के ही गुण होते हैं। इसे लिखते समय (ऽ) से दर्शया जाता है।

निम्नलिखित में से कौन सा दीर्घ स्वर है?

दीर्घ स्वर सात होते है- आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ।

अ अग्र मध्य पश्च स्वर में से कौन सा स्वर है?

, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ । इनमें से अ, इ, उ, ए, ओ हरच हैं और आ, ई, ऊ, ऐ, औ दीर्घ हैं।