लेखक को खीरे खाने से इंकार करने पर अफसोस क्यों हो रहा था? Show नवाब साहब ने साधारण से खीरों को इस तरह से संवारा कि वे खास हो गए थे। खीरों की सजावट ने लेखक के मुँह में पानी ला दिया था परंतु वे पहले ही खीरा खाने से इंकार कर चुके थे। अब उन्हें अपना भी आत्म-सम्मान बचाना था। इसीलिए नवाब साहब के दुबारा पूछने पर उन्होंने मैदा (अमाशय) कमजोर होने का बहाना बनाया। 261 Views
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
77 Views लेखक को नवाब साहब के किन हाव-भावों से महसूस हुआ कि वे उनसे बातचीत करने के लिए तनिक भी उत्सुक नहीं हैं? लेखक ने डिब्बे में प्रवेश किया तो वहाँ पहले से ही एक सज्जन पुरुष पालथी लगाए सीट पर बैठे थे। उनके सामने खीरे रखे थे। लेखक को देखते ही उनके चेहरे के भाव ऐसे हो गए जैसे लेखक का आना अच्छा नहीं लगा। ऐसा लग रहा था जैसे लेखक ने उनके एकांत चिंतन में विघ्न डाल दिया था। इसीलिए वे परेशान हो जाते हैं। परेशानी की स्थिति में कभी खिड़की के बाहर देखते हैं और कभी खीरों को देखते हैं। उनकी असुविधा और संकोच वाली स्थिति से लेखक को लगा कि नवाब उनसे बातचीत करने में उत्सुक नहीं है। 700 Views ‘लखनवी अंदाज’ पाठ के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है? ‘लखनवी अंदाज’ पाठ के लेखक यशपाल हैं। लेखक इस पाठ के माध्यम से यह बताना चाहता है कि बिना पात्रों, घटना और विचार के भी स्वतंत्र रूप से रचना लिखी जा सकती है। इस रचना के माध्यम से लेखक ने दिखावा पसंद लोगों की जीवन शैली का वर्णन किया है। लेखक को रेलगाड़ी के डिब्बे में एक नवाब मिलता है। नवाब बड़े सलीके से खीरे को खाने की तैयारी करता है लेकिन उसे लेखक के सामने खीरा खाने में संकोच होता है इसलिए अपने नवाबी अंदाज में लजीज रूप से तैयार खीरे को केवल सूँघकर खिड़की के बाहर फेंक देता है। नवाब के इस व्यवहार से लगता है कि वे लोग आम लोगों जैसे कार्य एकांत में करना पसंद करते हैं उन्हें लगता है कि कहीं किसी के देख लेने से उनकी शान में फर्क न आ जाए। आज का समाज भी ऐसी ही दिखावा पसंद संस्कृति का आदी हो गया है। 3450 Views नवाब साहब ने बहुत ही यत्न से खीरा काटा, नमक-मिर्च बुरका, अंतत: सूँघकर ही खिड़की से बाहर फेंक दिया। उन्होंने ऐसा क्यों किया होगा? उनका ऐसा करना उनके कैसे स्वभाव को इंगित करता है? नवाब साहब ने बहुत नजाकत और सलीके से खीरा काटा, उन पर नमक-मिर्च लगाया। उन नमक-मिर्च लगी खीरे की फाँकों को खाया नहीं अपितु सूँघकर खिड़की से बाहर फेंक दिया था। उनकी इस हरकत का यह कारण होगा कि वे एक नवाब थे, जो दूसरों के सामने खीरे जैसी आम खाद्य वस्तु खाने में शर्म भव करते थे। लेखक को अपने डिब्बे में देखकर नवाब को अपनी रईसी याद आने लगी। इसीलिए उन्होंने खीरे को मात्र सूँघकर ही खिड़की से बाहर फेंक दिया। नवाब साहब के ऐसा करने से ऐसा लगता है कि वे दिखावे की जिंदगी जी रहे हैं। वे दिखावा पसंद इंसान थे। उनके इसी प्रकार के स्वभाव ने लेखक को देखकर खीरा खाना अपमान समझा। गुड -शक्कर, मूँगफली, तिल, चाय, कॉफी आदि का प्रयोग किया जाता है। बरसात में कई लोग कढ़ी खाना अच्छा नहीं समझते। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी को चावल नहीं खाने चाहिए। 633 Views निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
123 Views 1. डिब्बे में लेखक के प्रवेश करते ही नवाब साहब के आँखों में कैसा भाव दिखा? (क) ख़ुशी के (ख) असंतोष के (ग) दुःख के (घ) संतोष के ► (ख) असंतोष के 2. नवाब साहब ने खीरों की फाँक का क्या किया? (क) खिड़की से बाहर फेंक दिया (ख) लेखक को दे दिया (ग) खा गए (घ) बच्चे को दे दिया ► (क) खिड़की से बाहर फेंक दिया 3. नवाब साहब को कनखियों से कौन देख रहा था? (क) बच्चा (ख) लड़की (ग) लेखक (घ) इनमें से कोई नहीं ► (ग) लेखक 4. नवाब साहब ने खीरों को खिड़की से बाहर क्यों फेंक दिया? (क) अमीरी दिखाने के लिए (ख) पेट भरने के कारण (ग) तबीयत खराब होने के कारण (घ) इनमें से कोई नहीं ► (क) अमीरी दिखाने के लिए 5. लेखक ने ट्रेन में सेकंड क्लास का टिकट क्यों लिया था? (क) आराम से यात्रा करने के लिए (ख) अमीरी दिखाने के लिए (ग) नई कहानी के बारे में सोचने के लिए (घ) इनमें से कोई नहीं ► (ग) नई कहानी के बारे में सोचने के लिए 6. लेखक ने नवाब साहब से खीरा न खाने का कारण क्या बताया? (क) उन्हें खीरा पसंद नहीं है (ख) पेट भरा हुआ है (ग) इच्छा नहीं है (घ) इनमें से कोई नहीं ► (ग) इच्छा नहीं है 7. नवाब साहब ने लेखक को क्या खाने का निमंत्रण दिया? (क) बादाम (ख) खीरा (ग) बिस्किट (घ) इनमें से कोई नहीं ► (ख) खीरा 8. अकेले सफ़र का वक्त काटने के लिए नवाब साहब ने क्या खरीदा था? (क) अखबार (ख) पुस्तक (ग) खीरा (घ) पत्रिका ► (ग) खीरा 9. नवाब साहब को क्या गवारा न था? (क) मँझले दर्जे में यात्रा करते दिखना (ख) लेखक से बात करना (ग) खीरा खाना (घ) इनमें से कोई नहीं ► (क) मँझले दर्जे में यात्रा करते दिखना 10. ठाली बैठे, कल्पना करते रहने की पुरानी आदत किसकी थी? (क) नवाब साहब की (ख) यात्री की (ग) लेखक की (घ) कवि की ► (ग) लेखक की 11. वार्तालाप की शुरुआत किसने की? (क) लेखक ने (ख) नवाब साहब ने (ग) दुकानदार ने (घ) इनमें से कोई नहीं ► (ख) नवाब साहब ने 12. लेखक कनखियों से किसकी ओर देख रहे थे? (क) खिड़की की तरफ (ख) घर की तरफ (ग) स्टेशन की तरफ (घ) नवाब साहब की तरफ ► (घ) नवाब साहब की तरफ 13.लखनऊ स्टेशन पर कौन खीरे के इस्तेमाल का तरीका जानते हैं? (क) नवाब साहब (ख) लेखक (ग) खीरा बेचने वाले (घ) इनमें से कोई नहीं ► (ग) खीरा बेचने वाले 14. नवाब साहब ने खीरे की तैयारी के बाद उसका क्या किया? (क) खा गए (ख) खिड़की से बाहर फेंक दिया (ग) नवाब साहब को दे दिया (घ) इनमें से कोई नहीं ► (ख) खिड़की से बाहर फेंक दिया 15. नवाब साहब का सहसा क्या करना लेखक को अच्छा नहीं लगा? (क) बात करना (ख) खीरा खाना (ग) भाव-परिवर्तन करना (घ) जेब से चाकू निकालना ► (ग) भाव-परिवर्तन करना लेखक ने खीरा न खाने का क्या कारण बताया था?Answer. Answer: लेखक ने नवाब साहब से खीरा न खाने का कारण यह बताया कि उनकी खीरा खाने की इच्छा नहीं हैं।
नवाब साहब ने खीरा क्यों नहीं खाया अगर वह खा लेते तो क्या होता?उत्तर: नवाब साहब को झूठी शान दिखाने की आदत रही होगी। वे खीरे को गरीबों का फल मानते होंगे और इसलिए किसी के सामने खीरे को खाने से बचना चाहते होंगे। वह यह भी दिखाना चाहते होंगे कि नफासत के मामले में उनका कोई सानी नहीं है। इसलिए उन्होंने खीरे को बड़े यत्न से काटा, नमक-मिर्च बुरका और फिर खिड़की से बाहर फेंक दिया।
लेखक यशपाल ने खीरा न खाने का क्या बहाना बनाया?खीरों की सजावट ने लेखक के मुँह में पानी ला दिया था परंतु वे पहले ही खीरा खाने से इंकार कर चुके थे। अब उन्हें अपना भी आत्म-सम्मान बचाना था। इसीलिए नवाब साहब के दुबारा पूछने पर उन्होंने मैदा (अमाशय) कमजोर होने का बहाना बनाया।
नवाब साहब ने खीरे के बारे में क्या बताया?नवाब साहब ने खीरे की यह विशेषता बताई कि खीरा खाने से शरीर के कई रोग दूर होते है। नवाब साहब सेकंड क्लास के डब्बे में सफर कर रहे थे,लेखक के अनुसार उन्होंने सफर काटने के लिए खीरा खरीदा होगा। नवाब साहब लेखक के सामने खीरा खाने से संकोच कर रहे थे।
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