मध्यकाल में पटना का क्या नाम था? - madhyakaal mein patana ka kya naam tha?

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मध्यकाल में पटना का क्या नाम था? - madhyakaal mein patana ka kya naam tha?

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पटना के नाम के पीछे छुपा है एक 'सच', शायद आप भी नहीं जानते होंगे!

बिहार की राजधानी पटना को सभी जानते हैं। यह दुनिया की एक प्राचीन नगरी रही है। यही नहीं, बॉलीवुड की कई फिल्मों में इसका नाम भी आ चुका है। इस शहर को पहले पाटलिपुत्र के नाम से जाना जाता था।

पाटलिपुत्र अर्थात वर्तमान पटना का इतिहास काफी प्राचीन है। यह हजारों साल प्राचीन शहर है। इस ऐतिहासिक नगरी में कई ऐसे सम्राट हुए, जिन्होंने अपनी राजधानी पटना में बनाई और पूरे देश की सत्ता पर राज किया। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि बिहार की राजधानी रही पटना का निर्माण कैसे हुआ? इसका नाम पटना कैसे पड़ा? नहीं जानते हैं तो आइए हम आपको बताते हैं इसका इतिहास। इसके इतिहास को जानने के बाद आप भी एक बार हैरान हो सकते हैं।

आगे की स्लाइड्स में क्लिक कर जानें कुछ ऐसी बातें, जो इससे पहले शायद आपने नहीं सुनी होगी...


1. प्राचीन संस्कृत ग्रंथों में पाटलिपुत्र की ख्याति किस रूप में थी ?

उत्तर- प्राचीन संस्कृत ग्रंथों में और पुराणों में पाटलिपुत्र का नाम पुष्पपुर या कुसुमपुर माना जाता है। इस नगर के समीप पाटल पुष्पों का उत्पादन होता था । सभवतः पाटलिपुत्र शब्द भी यहाँ पाटल पुष्पों के पल्लवित होने के कारण प्रचारित है । शरत काल में कौमुदी महोत्सव होता था। यह महोत्सव दुर्गापूजा के असवर-सा दृष्टिगत होता था।


2. पाटलिपुत्र नगर के वैभव का वर्णन करें।

उत्तर- पाटलिपुत्र प्राचीनकाल से ही अपनी वैभव परम्परा के लिए विख्यात रही है। विदेशी यानी लोग आकर अपने संस्मरणों में यहाँ की अनेक उत्कृष्ट सम्पदाओं का वर्णन किया है । मेगास्थनीज ने लिखा है कि चन्द्रगुप्तमौर्य काल में यहाँ की शोभा और रक्षा व्यवस्था अति उत्कृष्ट थी अशोक काल में यहाँ निरन्तर समृद्धि रही। कवि राजशेखर ने अपनी रचना काव्यमीमांसा में ऐसी ही बात लिखी है कि यहाँ बड़े-बड़े कवि-वैयाकरण-भाष्यकार यहाँ परीक्षित हुए। आज पाटलिपुत्र नगर ‘पटना’ नाम से जाना जाता है जहाँ संग्रहालय, गोलघर, जैविक उद्यान इत्यादि दर्शनीय स्थल हैं। इस प्रकार पाटलिपुत्र प्राचीनकाल से आज तक विभिन्न क्षेत्रों में वैभव धारण करता है जिसका संकलित रूप संग्रहालय में देखने योग्य है।


3. पाटलिपुत्रवैभवम् पाठ का पाँच वाक्यों में परिचय दें।

उत्तर- इसमें बिहार की राजधानी पटना के प्राचीन महत्त्व का निरूपण करने के साथ ऐतिहासिक परम्परा से आधुनिक राजधानी के प्रसिद्ध स्थलों का भी निरूपण किया गया है। इस पाठ को कण्ठाग्र करके छात्र किसी वाक्–प्रतिस्पर्धा में भाग ले सकते हैं।


4.कवि दामोदर गुप्त के अनुसार पाटलिपुत्र कैसा नगर है ?

उत्तर- कवि दामोदर गुप्त के अनुसार पाटलिपुत्र (पटना) महानगर पृथ्वी पर बसे नगरों में श्रेष्ठ है। यहाँ सरस्वती के वंशज यानि विद्वान लोग वसते हैं। कवि ने इस महानगर की तुलना इन्द्र की भरी-पुरी नगरी से की है।


5. पाटलिपुत्र को शिक्षा का प्राचीन केंद्र क्यों माना जाता है ?

उत्तर- राजशेखर-रचित काव्यमीमांसा ‘काव्य’ से हमें जानकारी मिलती है कि पाटलिपुत्र शिक्षा का एक प्राचीन केंद्र था। यहाँ संस्कृत के अनेक विद्वान हुए । पाणिनी, पिङ्गल, वररुचि तथा पतञ्जलि की परीक्षा यहीं ली गई थी और यहीं उन्होंने ख्याति प्राप्त की थी।


6. चंद्रगुप्त मौर्य तथा अशोक के समय पाटलिपुत्र कैसा नगर था ?

उत्तर- चन्द्रगुप्त मौर्य के समय पाटलिपुत्र की रक्षा-व्यवस्था काफी मजबूत थी। यह सुंदर नगर था। अशोक के शासनकाल में इस नगर का वैभव और अधिक समृद्ध हुआ ।


7. पाटलिपुत्र के प्राचीन महोत्सव का वर्णन करें।

उत्तर- पाटलिपुत्र से शरतकाल में कौमुदी महोत्सव बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता था। सभी नगरवासी आनंदमग्न हो जाते थे। इस समारोह का विशेष प्रचलन गुप्तवंश के शासनकाल में था । आज़कल जिस तरह दुर्गापूजा मनाई जाती है, उसी प्रकार प्राचीनकाल में कौमुदी महोत्सव मनाया जाता था।


8. सिख संप्रदाय के लोगों के लिए पटना नगर क्यों महत्त्वपूर्ण है ?

उत्तर- सिख संप्रदाय के लोगों के लिए प्राचीन पटना नगर में पूजनीय स्थल अवस्थित है। यहाँ उनके दसवें गुरु गोंविद सिंहजी का जन्म-स्थान है। यह स्थल गुरुद्वारा के नाम से जाना जाता है । देश-विदेश से सिख संप्रदाय के अलावा अन्य संप्रदाय के तीर्थयात्री भी यहाँ दर्शन के लिए आते हैं।


9. लेखक ‘पाटलिपुत्र वैभवम्’ पाठ से हमें क्या संदेश देना चाहते हैं ?

उत्तर- लेखक का कहना है कि प्राचीन काल में पाटलिपुत्र एक महान नगर था, जहाँ शिक्षा, वैभव और समृद्धि थी। मध्यकाल में इसकी स्थिति ठीक नहीं थी। मुगलकाल में इस नगर का पुनः उद्धार हुआ तथा अंग्रेजी के शासन काल से लेकर वर्तमान में इस नगर का अत्यधिक विकास हो रहा है।


10. प्राचीन पाटलिपुत्र में शिक्षा के संबंध में लेखक के क्या विचार हैं ?

उत्तर- प्रस्तुत पाठ में लेखक ने बताया है कि दामोदर नामक कवि से हमें जानकारी मिलती है कि सरस्वती के वंशज यहाँ रहते थे । राजशेखर कवि के अनुसार पाणिनी, पिंगल, वररूचि आदि महान विद्वानों की परीक्षा यहाँ ली जाती थी। इससे ज्ञात होता है कि प्राचीन पाटलिपुत्र शिक्षा का एक महान केंद्र था।


11. लेखक के विचार में प्राचीन काल से आज तक पाटलिपुत्र किस प्रकार का नगर रहा है ?

उत्तर- लेखक के विचार से पाटलिपुत्र नगर प्राचीन काल से लेकर आज तक राजनैतिक, धार्मिक, औद्योगिक और शिक्षा जैसे विविध क्षेत्रों में वैभव धारण करता रहा है और यहाँ इनका संकलित रूप से दर्शन किया जा सकता है। यहाँ के लोग कई उत्सव मनाते आए हैं। पाटलिपुत्रवासी पटनदेवी की पूजा करते हैं । पाटलिपुत्र एक महान नगर रहा है।


Class 10th Sanskrit Subjective 2022 

पाठ -1 मङ्गलम्
पाठ -2 पाटलिपुत्रवैभवम
पाठ -3 अलसकथा
पाठ -4 संस्कृतसाहित्ये लेखिकाः
पाठ – 5 भारतमहिमा
पाठ -6 भारतीयसंस्काराः
पाठ -7 नीतिश्लोकाः
पाठ – 8 कर्मवीरकथा
पाठ -9 स्वामी दयानन्दः
पाठ -10 मन्दाकिनीवर्णनम्
पाठ -11 व्याघ्रपथिककथा
पाठ -12 कर्णस्य दानवीरता
पाठ -13 विश्वशांति:
पाठ -14 शास्त्रकाराः

मध्य काल में पटना का नाम क्या था?

यह ऐतिहासिक नगर कई नाम पा चुका है- पाटलिग्राम, पाटलिपुत्र, पुष्पपुर, कुसुमपुर, अजीमाबाद और पटना. माना जाता है कि इसका मौजूदा नाम शेरशाह सूरी के समय से प्रचलित हुआ. शेरशाह सूरी ने इस नगर को पुनर्जीवित करने की कोशिश की. उसने गंगा के किनारे एक किला बनाया.

पटना का पुराना पुराना नाम क्या था?

पटना (Patna) भारत के बिहार राज्य के पटना ज़िले में स्थित एक ऐतिहासिक नगर है और राज्य की राजधानी है। यह बिहार का सबसे बड़ा नगर है। पटना का प्राचीन नाम पाटलिपुत्र, पुष्पपुरी और कुसुमपुर था।

पाटलिपुत्र पटना के नाम से कब प्रसिद्ध हुआ?

पटना का इतिहास और परंपरा सभ्यता की शुरुआत से ही आरम्भ होती है। पटना का पुराना नाम पाटलिपुत्र या पाटलीपट्टन था जो 600 ईसा पूर्व इतिहास में पाया गया। पटना का नाम समय के साथ परिवर्तित होकर पाटलिग्राम, कुसुमपुर, अजीमाबाद और आधुनिक दौर में पटना नाम से जाना जाता है। चंद्रगुप्त मौर्य ने 4वी.

पटना को किस नाम से भी जाना जाता है?

पटना का मूल नाम पाटलिपुत्र या पाटलिपट्टन था और इसका इतिहास 600 ईसा पूर्व से शुरू होता है। पटना का नाम पाटलिग्राम, कुसुमपुर, पाटलिपुत्र, अजीमाबाद आदि जैसे शुरुआती चरणों में कई बदलावों से गुजरा है, जो अंततः वर्तमान में समाप्त हो गया।