Show 18 अप्रैल 2019 की आधी रात बीत चुकी थी। मुंबई एयरपोर्ट पर जेट एयरवेज के S2-3504 विमान ने लैंडिंग की अनुमति मांगी। कॉकपिट में बैठे पायलट यात्रियों को समय पर पहुंचाना चाहते थे क्योंकि वो जानते थे कि जेट एयरवेज की ये आखिरी उड़ान है। इस लैंडिंग के बाद जेट एयरवेज के पहिए थम गए। करीब दो साल गुजरने को हैं। जेट के कर्मचारी, शेयर होल्डर, देनदार, यात्री और एयरक्राफ्ट फिर से आसमान में उड़ान भरने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन उड़ान से पहले ही झटके लगने शुरू हो गए हैं। आखिर खुले आसमान में दोबारा कब उड़ान भर पाएगी भारत की सबसे पुरानी प्राइवेट एयरलाइन जेट एयरवेज? यात्री
अपनी सीट पर बैठ जाएं जालान-कालरॉक कंसोर्टियम ने अक्टूबर 2020 में निवेशकों की कमेटी को एक रिजॉल्यूशन प्लान पेश किया था। जिसे मंजूरी दे दी गई। फिलहाल मामला NCLT यानी नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में अटका हुआ है। कॉरपोरेट इंसॉल्वेंसी रिजोल्यूशन प्रोसेस (CIRP) के तहत आने वाली कंपनी के केस का 330 दिन के अंदर निपटारा करना होता है लेकिन अब तक 550 दिन से ज्यादा हो चुके हैं। पिछले अक्टूबर के बाद कंपनी के मामले की सुनवाई सीधे फरवरी, 2021 में डाली गई थी। जबकि खुद ट्रिब्यूनल इस मामले को राष्ट्रीय हित का मामला बता चुका है। इस प्लान पर अभी भी NCLT की मंजूरी मिलने का इंतजार है। जालान ने बांध ली कुर्सी की पेटी फरवरी के अंत में इकॉनमिक टाइम्स और मिंट को दिए इंटरव्यू में मुरारी लाल जालान ने कहा, 'मैं जेट एयरवेज के विमानों को जल्द से जल्द उड़ान भरते देखना चाहता हूं लेकिन हम नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं। NCLT की ओर से हरी झंड़ी मिलने के 4 से 6 महीने के अंदर हमारे विमान हवा में होंगे।' विमान टेक-ऑफ के लिए तैयार है
खराब मौसम की वजह से उड़ान में टर्बुलेंस होना तय
आखिर कब दोबारा उड़ान भर पाएगा जेट एयरवेज अगर दोनों पक्ष सहमत नहीं हुए तो मामला NCLAT और सुप्रीम कोर्ट भी जा सकता है। इसकी सुनवाई में करीब 3 महीने का वक्त लगेगा। इसके बाद सिक्योरिटी क्लियरेंस के लिए गृह मंत्रालय से अनुमति लेने में भी कई महीने लग सकते हैं। टेक्निकल तैयारी और DGCA की टेस्ट फ्लाइट में भी करीब 3 महीने लगेंगे। सीधे शब्दों में कहें तो जेट एयरवेज का 2021 में उड़ान भर पाना मुश्किल है। एविएशन सेक्टर में एक कहावत काफी प्रचलित है, 'जमीन पर रहकर आसमान में उड़ने की कामना करना ज्यादा अच्छा है बजाए आसमान में उड़ते हुए जमीन में उतरने के।' देखना दिलचस्प होगा कि जेट एयरवेज 2022 तक किस स्थिति में पहुंचता है। सबसे पुरानी एयरलाइन कौन सी है?इस सूची में सबसे पुरानी एयरलाइंस कंपनी KLM रॉयल डच एयरलाइंस है। KLM रॉयल की स्थापना 7 अक्टूबर 1919 को नीदरलैंड में की गई थी। कंपनी ने पहली अंतरराष्ट्रीय उड़ान 1920 में भरी थी।
दुनिया की सबसे बड़ी एयरलाइन का नाम क्या है?सबसे ज्यादा एयरक्राफ्ट वाली एयरलाइंस की लिस्ट में पहले स्थान पर अमेरिकन एयरलाइंस मौजूद है. इस एयरलाइंस के पास कुल 960 हवाई जहाज मौजूद हैं. दूसरे स्थान पर अमेरिकी की ही डेल्टा एयरलाइंस का नाम आता है. उनके पास कुल 866 एयरक्राफ्ट्स हैं.
भारत में कुल कितने एयरलाइन हैं?कुल 26 एयरलाइंस वर्तमान में भारतीय घरेलू क्षेत्र में काम कर रही हैं। प्रमुख एयरलाइंस इंडिगो, जेट एयरवेज , Spice jet ,Air India, Go Air , Air Asia India,Vistara Airlines हैं।
एयर इंडिया का मुख्यालय कहाँ स्थित है?नई दिल्ली, भारतएअर इंडिया / मुख्यालयnull
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