मुद्रा का निर्गमन कैसे होता है - mudra ka nirgaman kaise hota hai

विहंगावलोकन


कुछ पहल

बैंकनोटों के संबंध में ग्राहक सेवा में सुधार करने के लिए कुछ प्रयास किए हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं :

  • कटे नोटों पर अधिनिर्णय करने और गंदे नोटों को पूर्ण अधिकार में लेने के लिए बैंकों को प्रोत्साहन देना
  • बैंक शाखाओं को मुद्रा विनिमय सुविधा का अंतरण
  • बैंकनोटों और सिक्कों के वितरण तथा अंतिम संपर्कता सुनिश्चित करने के लिए कारोबारी प्रतिनिधियों (बीसी) और कैस-इन-ट्रांजिट कंपनियों की सेवाएं लेने के लिए बैंकों को अनुमति देना
  • बैंक नोटों की नई एमजी शृंखला की शुरूआता
  • मणि एप एक मोबाइल एप्लीकेशन है जो दृष्टिबाधित व्यक्तियों को भारतीय बैंक नोटों के मूल्यवर्ग की पहचान करने में सहायता करता है ।

मुद्रा निर्गमन क्या होता है?

रिज़र्व बैंक देश का मुख्य नोट निर्गमकर्ता प्राधिकारी है। भारत सरकार के साथ हम स्वच्छ और असली नोटों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लक्ष्य के साथ राष्ट्र की मुद्रा के डिज़ाइन, उत्पादन और समग्र प्रबंध के लिए उत्तरदायी हैं।

भारत में पत्र मुद्रा का निर्गमन कौन करता है?

1. पत्र मुद्र का निर्गमन करना - हमारे देश में पत्र-मुद्रा का निर्गमन करने का अधिकार रिजर्व बैंक को प्राप्त है। एक रूपये के नोट को छोड़कर यह समस्त नोटों का निर्गमन करता हैै। नोट निर्गमन के लिए इसे रू0 200 करोड़ का सोना व विदेशी प्रतिभूतियाँ कोष में रखना अनिवार्य होता है।

मुद्रा का मुख्य उद्देश्य क्या है?

वैध मुद्रा वह सिक्का अथवा बैंकनोट है जो कानूनी रूप से कर्ज अथवा देयता के बदले दी जा सकती है । भारत सरकार द्वारा सिक्‍का निर्माण अधिनियम, 2011 की धारा 6 के तहत जारी सिक्के भुगतान अथवा अग्रिम के तौर पर वैध मुद्रा होंगे, बशर्ते कि उन्‍हें विकृत नहीं किया गया हो तथा निर्धारित वजन की तुलना में उसका वजन कम नहीं हुआ हो ।

भारत में 1 साल में कितने पैसे छपते हैं?

आरबीआई के मुताबिक, हर साल करीब साढ़े 4 हजार करोड़ रुपये नोटों की छपाई में ही खर्च हो जाता है. कहां छपते हैं नोट?