ओरिजिनल शंख की पहचान कैसे करें? - orijinal shankh kee pahachaan kaise karen?

दक्षिणावर्ती शंख की असली पहचान क्या है | दक्षिणावर्ती शंख के फायदे और प्रकार – पूजा और शुभ कार्यो में शंख का विशेष ही महत्त्व हैं. समुद्र मंथन के दौरान जिन 14 रत्नों की प्राप्ति हुई थी उसमे एक शंख भी था. पूजा और शुभ कार्य में शंख का प्रयोग किया जाता है जिसे शुभ माना जाता हैं. हिंदू धर्म में शंख का कुछ विशेष ही महत्व हैं. क्योंकि शंख की प्राप्ति समुद्र मंथन से हुई थी. समुद्र मंथन देवताओं और असुरो के बिच में हुआ था. शादी विवाह, शुभ कार्य तथा उत्सव के दौरान शंख बजाने की परंपरा हैं. शंख की ध्वनि को अत्यंत मंगलकारी और शुभकारी माना जाता हैं.

सभी शंखो में दक्षिणावर्ती शंख को सर्वश्रेष्ठ माना गया है शास्त्रों में शंख की स्थापना के नियम भी बताए गए हैं. आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से दक्षिणावर्ती शंख के बारे में आपको संपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे.

ओरिजिनल शंख की पहचान कैसे करें? - orijinal shankh kee pahachaan kaise karen?

  • दक्षिणावर्ती शंख की असली पहचान क्या है
  • दक्षिणावर्ती शंख के फायदे
  • नकारात्मक शक्तियों का प्रवेश नही होता
  • शत्रु नही पंहुचा पाते है हानि
  • लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए सहायक
  • दक्षिणावर्ती शंख को घर में कैसे स्थापित करे
  • शंख के प्रकार
  • हमारे कुछ शब्द

दक्षिणावर्ती शंख की असली पहचान क्या है

जो भी शंख पाए जाते है उसमे से अधिकतर शंख वामावर्ती होते हैं. वामावर्ती शंख का पेट बायीं तरफ खुला हुआ होता हैं. जबकि दक्षिणावर्ती शंख का मुख दायी तरफ खुला हुआ होता हैं. शास्त्रों के अनुसार शंख को शुभ और कल्याणकारी माना जाता हैं. दक्षिणावर्ती शंख की पहचान करने का और भी एक तरीका हैं की इस शंख को कान के पास लगाने से उसमे से ध्वनी सुनाई देती हैं.

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दक्षिणावर्ती शंख के फायदे

दक्षिणावर्ती शंख को घर में स्थापित करना शुभ माना जाता हैं. इस शंख को घर में रखने से घर में पॉजीटिव ऐनर्जी का संचार होता हैं. दक्षिणावर्ती शंख के घर में रखने के कुछ फायदे तथा विशेष लाभ होते है, जो निम्नलिखित हैं:

नकारात्मक शक्तियों का प्रवेश नही होता

अगर विधि विधान से घर में दक्षिणावर्ती शंख को स्थापित किया जाए तो धन की प्राप्ति होती हैं. तथा वहा पर भुत, पिशाच और प्रेत जैसी बुरी शक्तियां दूर रहती हैं नकारात्मक शक्ति दूर रहती है. घर में पॉजीटिव ऐनर्जी बनी रहती हैं.

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शत्रु नही पंहुचा पाते है हानि

माना जाता है की शत्रु पक्ष कितना भी बलवान और शक्तिशाली हो वह हमें हानि नहीं पंहुचा पाते हैं. इसके प्रभाव से मृत्यु, भय, दुर्घटना और चोरी आदि से रक्षण मिलता हैं.

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लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए सहायक

शास्त्रों के अनुसार दक्षिणावर्ती शंख को स्थापित करने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती हैं. घर में से रोग और दरिद्रता से छुटकारा मिलता हैं. तथा सुख, शांति और धन की प्राप्ति होती हैं.

दक्षिणावर्ती शंख को घर में कैसे स्थापित करे

दक्षिणावर्ती शंख को घर में रखना शुभ माना जाता हैं. लेकिन इस शंख को कुछ नियम को ध्यान में रख के स्थापित किया जाता हैं. तभी इसका लाभ पूर्ण रूप से मिलता हैं.

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दक्षिणावर्ती शंख को स्थापित करने से पहले सर्वप्रथम एक लाल रंग का वस्त्र ले उसके पश्चात शंख में गंगाजल भर ले तथा निम्नलिखित मंत्र का एक माला जाप करे.

‘ओम श्री लक्ष्मी सहोदराय नम:’

यह मंत्र जाप करने के बाद लाल वस्त्र में शंख को लपेट ले और अपने मंदिर में उचित स्थान पर स्थापित करे. शुक्रवार के दिन इस शंख की पूजा करे तथा पूजा करने के पश्चात शंख को अवश्य बजाए.

जिस घर में दक्षिणावर्ती शंख को स्थापित किया जाता हैं उस घर में लक्ष्मी जी का वास होता हैं. ऐसे घर में लक्ष्मी जी का आशीर्वाद सदैव रहता है तथा उनकी कृपा बनी रहती हैं. पूजा के शंख को बजाने से शंख की ध्वनि से नकारात्मक उर्जा ख़त्म हो जाती है और पॉजीटिव ऐनर्जी बनी रहती हैं.

ओरिजिनल शंख की पहचान कैसे करें? - orijinal shankh kee pahachaan kaise karen?

शंख के प्रकार

शंख के मुख्यतौर पर तिन प्रकार होते हैं. जो दक्षिणावर्ती, मध्यावर्ती और वामावर्ती हैं. दक्षिणावर्ती शंख का मुख दाई तरफ खुलता है. मध्यावर्ती शंख का मुख बिच में खुलता है. और वामावर्ती शंख का मुख बाई तरफ खुलता हैं. तो मुख देख के भी आप शंख की पहचान कर सकते है. मध्यावर्ती शंख बहुत की कम जगह देखने मिलते है तथा शास्त्रों के अनुसार इस शंख को चमत्कारिक माना जाता हैं.

इस तिन शंख के अलावा और भी काफी प्रकार के शंख मिलते है लेकिन यह तिन शंख मुख्य माने जाते हैं. जैसे की शंख के और भी प्रकार है, जो निम्नलिखित हैं.

  • गरुड़ शंख
  • गोमुखी शंख
  • विष्णु शंख
  • लक्ष्मी शंख
  • सुघोष शंख
  • राक्षस शंख
  • देव शंख
  • मणिपुष्पक शंख
  • पौंड्र शंख
  • चक्र शंख
  • राहू एवं केतु शंख
  • शनि शंख

आदि प्रकार के शंख भी पाए जाते हैं. इन सभी शंखो का भी अलग अलग विशेष महत्व होता हैं.

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हमारे कुछ शब्द

दोस्तों इस आर्टिकल ( दक्षिणावर्ती शंख की असली पहचान क्या है | दक्षिणावर्ती शंख के फायदे और प्रकार ) के माध्यम से हमने दक्षिणावर्ती शंख की पहचान करने का तरीका बताया जिस शंख का मुख दाई तरफ खुलता है वह दक्षिणावर्ती शंख होता हैं. इस शंख को घर में हमने बताया उस तरीके से मंत्र उच्चारण के साथ स्थापित करने से घर में चल रही सभी समस्या का निवारण होता हैं. पॉजीटिव ऐनर्जी बनी रहती हैं.

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इस आर्टिकल के माध्यम से हमने और भी शंख के प्रकार बताए इनका भी एक विशेष महत्व होता हैं. दक्षिणावर्ती शंख को स्थापित करने से उन पर माता लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है. दोस्तों आशा करते है की दक्षिणावर्ती शंख के बारे में हमने जो जानकरी प्रदान की वह आपको अच्छी लगी होगी.

असली शंख की पहचान कैसे की जाती है?

Shankh ki pehchan |शंख की पहचान | दक्षिणावर्ती शंख की पहचान | - YouTube.

सबसे अच्छा शंख कौन सा होता है?

दक्षिणावर्ती शंख का घर में होना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस शंख को घर में बजाने से पॉजिटिव एनर्जी आती है। दक्षिणावर्ती शंख को दाएं हाथ से पकड़ा जाता है। इस शंख को देवस्वरूप माना गया है और इसके पूजन से लक्ष्मी प्राप्ति के साथ-साथ संपत्ति भी बढ़ती है।

शंख कैसे खरीदें?

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माना जाता है कि वामावर्ती संख बजाने से नकारात्मक ऊर्जा के बुरे प्रभावों को दूर किया जाता है और यह हमारे परिवेश और आत्मा को शुद्ध करता है..
इस तरह के प्राकृतिक शंख की विशेष ज्योमेट्री सकारात्मक ऊर्जा क्षेत्र बनाती है..

घर में कितने शंख रखना चाहिए?

पूजा के लिए घर के किसी मंदिर में दो शंख एक साथ नहीं रखने चाहिएशंख को कभी भी फर्श पर न रखें क्योंकि यह एक देवता के समान होता है। टूटे हुए कटे या फटे हुए शंख को कभी भी मंदिर में नहीं रखना चाहिए