मीठी वाणी क्यों बोलना चाहिए कक्षा 7? - meethee vaanee kyon bolana chaahie kaksha 7?

mithi vani boliye essay in hindi

दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं मीठी वाणी बोलिए पर निबंध । इस निबंध के माध्यम से हम आपको यह बताने जा रहे हैं कि मनुष्य की मीठी वाणी से वह सभी का दिल जीत सकता है एवं दुनिया में मिठास ला सकता है । चलिए अब हम पढ़ेंगे मीठी वाणी बोलिए पर निबंध ।

प्रस्तावना- मीठी वाणी बोलिए यह लाइन एक दोहे से ली गई है। इसका अर्थ है कि हम सभी को सदैव मीठी वाणी बोलना चाहिए । जब हम सामने वाले व्यक्ति से मीठी वाणी बोलते हैं तो वह प्रसन्न हो जाता है और हमारी इज्जत करता है । वह हमें सदैव मान सम्मान देता है। जिस व्यक्ति की मीठी वाणी होती है वह सदैव दूसरो की प्रसंशा के योग्य बनता है ।

वह कभी भी किसी व्यक्ति से गलत नहीं बोलता है । जब हम किसी से कुछ गलत नहीं बोलेंगे तो दूसरा व्यक्ति भी हमसे कभी भी कुछ गलत बात नहीं बोलेगा । हमें सदैव यह कोशिश करना चाहिए कि हम सामने वाले व्यक्ति से मधुर बोले, मीठा बोले.

मीठी वाणी क्यों बोलना चाहिए कक्षा 7? - meethee vaanee kyon bolana chaahie kaksha 7?
mithi vani boliye essay in hindi

image source – http://balsanskar.ashram.org/

मीठी वाणी बोलने के फायदे- मीठी वाणी बोलने से हमें शांति मिलती है । हमारे अंदर किसी तरह का छल कपट नहीं होता है । जब हम मीठी वाणी बोलते हैं तब हमारा कोई भी दुश्मन नहीं होता है । सभी हमसे प्रेम करते हैं और हमारा सम्मान करते हैं । जो व्यक्ति दूसरे से क्रोध करता है उससे कठोर वाणी बोलता है वह कभी भी सुखी नहीं रहता है, उसका दिल कभी भी शांत नहीं रहता है । वह सदैव परेशान रहता है ।

हमारे देश के कई कवियों ने कहानी, उपन्यास और दोहे के माध्यम से बताने की कोशिश की है कि हम सभी को सदैव मीठी वाणी बोलना चाहिए । जब हम मीठी वाणी बोलते हैं तो सामने वाला व्यक्ति हमारा मान सम्मान करता है । जो व्यक्ति मीठी वाणी बोलता है वह हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर लेता है ।

जब हम कोई बिजनेस करते हैं तब हमें सदैव लोगों से अच्छी बातें करना चाहिए उनसे कभी क्रोध नहीं करना चाहिए जिससे कि हमारे पास ज्यादा से ज्यादा ग्राहक आए और हमारी आमदनी बढ़ सके ।

हमें सदैव मीठी वाणी बोलना चाहिए जिससे कि लोग हमसे प्यार करें और हमारे पास आकर बैठे हमसे बातचीत करें । हमें सदैव दूसरों से अच्छी अच्छी बातचीत करना चाहिए । हमें कभी भी ऐसी बात नहीं करना चाहिए जिससे उसके दिल पर ठेस पहुंचे और वह हमसे नफरत करने लगे ।

जब कोई व्यक्ति किसी से नफरत करता है तो वह कुछ भी कर सकता है । हमें कभी भी दुश्मन नहीं बनाने चाहिए । सभी को अपनी मीठी वाणी से दोस्त बनाना चाहिए । इस दुनिया में जो व्यक्ति मीठी वाणी बोलता है वह कभी भी किसी से दुश्मनी नहीं करता है और ना ही क्रोध करता है । हमें ईश्वर ने बनाया है और हमें सब कुछ दिया है । ईश्वर ने हमें वाणी दी है इस वाणी से हमें सदैव मीठी वाणी बोलना चाहिए ।

हम जिस क्षेत्र में काम कर रहे हैं उस क्षेत्र में सफलता प्राप्त करना है तो हमें अपनी वाणी को मीठा करना होगा । जब हम सामने वाले व्यक्ति से अच्छे से बात करते हैं, विनम्रता से बात करते हैं तब वह व्यक्ति हमारी बातों को ध्यान से सुनता है और हमारी कही गई बात पर विचार करता है ।

जो व्यक्ति किसी व्यक्ति से बुरा बोलता है तब सामने वाला व्यक्ति यह सोचता है कि यह तो बुरा व्यक्ति है इससे बातचीत करना नहीं चाहिए ,इसके संस्कार अच्छे नहीं है । यह किसी के साथ में अच्छा नहीं कर सकता है । उस व्यक्ति से कभी भी कोई व्यक्ति व्यवहार नही रखता है ।

उपसंहार- हमे हमेशा मीठी वाणी बोलना चाहिए. जो व्यक्ति दूसरों से अच्छा व्यवहार रखता है मीठी वाणी बोलता है उसके आसपास अच्छे अच्छे लोग रहते हैं । उससे कोई भी बातचीत करने से घबराता नहीं है क्योंकि वह जानते हैं कि यह व्यक्ति बहुत ही अच्छा है वो कभी भी किसी का बुरा नहीं कर सकता है.

हमे चाहिए की हम अच्छी वाणी का महत्व समझे. एक दोहा के माध्यम से कवि ने बताया है कि हमें सदैव मीठी वाणी बोलना चाहिए-

दोहा – ऐसी वाणी बोलिए ,मन का आपा खोय ।

औरन को शीतल करे ,आपहु शीतल होय।

  • मीठी वाणी पर कविता Meethi vani poem in hindi

दोस्तों हमारे द्वारा लिखा गया यह लेख मीठी वाणी बोलिए पर निबंध mithi vani boliye essay in hindi आपको पसंद आए तो शेयर जरूर करें धन्यवाद ।

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arun

कैसे बात करे हमारे वाणी कैसी होनी चाहिए 


वाणी कैसी होनी चाहिए ? हमें कैसी वाणी बोलनी चाहिए? वाणी कैसी होनी चाहिए ? मीठी वाणी कैसे बोली जाती है ? हमें मीठी वाणी क्यों बोलना चाहिए ? हमें कैसी वाणी बोलनी चाहिए ? वाणी को मधुर करने के उपाय ? हमारी बोली मीठी क्यों होनी चाहिए ? वाणी का प्रयोग ?  इन सभी सवालो का जवाब आज हम इस पोस्ट में जानने की कोशिश करेंगे तो चलिए जानते है कि हमे कैसे बोलना चाहिए। अपने बोली से अपने बोलने के तरीके से सामने वाला को कैसे इम्प्रेस करे और बातचीत के जरिये कैसे अपने व्यक्तित्व को निखारे।

” वाणी में इतनी शक्ति होती है कि कड़वा बोलने वाले का शहद भी नहीं बिकता और मीठा बोलने वाले की मिर्ची भी बिक जाती है । “

  • जीवन क्या है, जीवन का उद्देश्य क्या हैं, जीवन का परिभाषा, जीवन की सच क्या हैं, कैसे जीना चाहिए,

दुसरो से कैसे बात करना चाहिए?

इस आर्टिकल की प्रमुख बातें

  • दुसरो से कैसे बात करना चाहिए?
  • मीठी वाणी कैसे बोले?
  • सही शब्दो का इस्तेमाल करे
  • हमेशा सत्य और प्रिय बोले
  • वाणी कैसी बोलनी चाहिए?
    • इसे भी पढ़े :-

मनुष्य का भाषा पर विशेष अधिकार है । भाषा के कारण ही मनुष्य इतनी उन्नति कर सका है । हमारी वाणी में मधुरता का जितना अधिक अंश होगा हम उतने ही दूसरों के प्रिय बन सकते हैं । हमारी बोली में माधुर्य के साथ – साथ शिष्टता भी होनी चाहिए । अगर हम मृदु वचन बोलेंगे तो इनका प्रभाव दूसरे व्यक्ति पर अच्छा पड़ेगा।

मीठी वाणी जीवन के सौंदर्य को निखार देती है और व्यक्तित्व की अनेक कमियों को छिपा देती है । हमारी वाणी ही हमारी शिक्षा – दीक्षा , परंपरा और मर्यादा का परिचय देती है।कटु वाणी आदमी को रुष्ट कर सकती है । वाणी के द्वारा कहे गए कठोर वचन दीर्घकाल के लिए भय और दुश्मनी का कारण बन जाते हैं।वाणी किसी भी स्थिति में कटु एवं अशिष्ट नहीं होनी चाहिए ।

  • स्वभाव क्या है ? स्वभाव कैसा होना चाहिए, स्वभाव की परिभाषा,
  • कैसे इम्प्रेस करे लोगो को ? लोगो का दिल कैसे जीते? बातों से कैसे इम्प्रेस करे

मीठी वाणी कैसे बोले?

बाणों से बींधा हुआ अथवा फरसे से कटा हुआ वन भी अंकुरित हो जाता है , किन्तु कटु वचन कहकर वाणी से किया हुआ घाव नहीं भरता । जो व्यक्ति उपयोगी और अनुपयोगी का अन्तर समझ लेते हैं, वे कभी व्यर्थ शब्द व्यक्त नहीं करते । कठोर शब्दों में कहे गए हितकर वाक्यों को सुनकर भी मनुष्य रुष्ट हो जाता है ।  

कम बोलने से मन की शक्ति बढ़ती है । इसीलिए हमेशा कम बोले और मधुर बोले, मधुर वचन सुनने में भी और कहने में भी प्रसन्नता देते हैं । लेकिन मधुर वचन अहंकार त्याग से ही सम्भव है। पशु न बोलने के कारण और मनुष्य बोलने के कारण कष्ट उठाते हैं । कोमल उत्तर से क्रोध शान्त हो जाता है । और कटु वचन से उठता है । कठोर किन्तु हित की बात कहने वाले लोग थोड़े ही होते हैं।

  • संयम क्या हैं, संयम किसे कहते हैं, संयम का अर्थ, संयमित क्यो रहना चाहिए।

सही शब्दो का इस्तेमाल करे

शब्द से ही सृष्टि का उदगम् है और उसी में सृष्टि का विनाश और पुनः शब्द से ही सृष्टि की नई रचना होती है इसलिए हमेेशा अपने शब्दों पर संयम रख कर ही बोलना चाहिए। उचित समय पर कही गई बात ज्यादा वजन रखती है । नीति वचन झूठ बोलना तलवार के घाव के समान है , घाव भर जाएगा , किन्तु उसका निशान सदा बना रहेगा ।गाली से प्रतिष्ठा नहीं बढ़ती दोनों ओर अपमान होता है । 

हृदय केवल हृदय की बात कर सकता है क्योंकि उसके पास वाणी नहीं होती । वाणी से भी वाणों की वर्षा होती है । जिस पर इसकी बौछारें पड़ती , वह दिन – रात दुखी रहता है । बोलना शिष्टाचार है और शिष्टाचार में सच और ईमानदारी होना आवश्यक है । कठोर वचन बुरा है क्योंकि तन – मन को जला देता है और मृदुल वचन अमृत वर्षा के समान है । इस दुनिया में सबसे ज्यादा कमजोर चीज , कठोर बात है ।

  • कामयाबी के लिए जरूरी पॉजिटिव बातें, मोटिवेशनल बाते, सच्ची बाते,

हमेशा सत्य और प्रिय बोले

वाणी मूर्खो की समझ में नहीं आती और अधिक बोलना विद्वानों को उद्विगन करता है । सत्य बोलें , प्रिय बोलें , किन्तु अप्रिय सत्य न बोलें । किसी साथ व्यर्थ वैर और शुष्क विवाद न करें । जो अपने मुख और जिह्वा पर संयम रखता है , वह अपनी आत्मा को सन्तापों से बचाता है । मौन से अच्छा भाषण दूसरा नहीं । फिर भी बोलना पड़े तो जहाँ एक शब्द से काम चलता हो , वहाँ दूसरा शब्द न बोलें । जो इंसान तोलकर नहीं बोलता , उसे सख्त बातें सुननी पड़ती हैं।

वाणी कैसी बोलनी चाहिए?

 जब मन और वाणी एक होकर कोई चीज माँगते हैं , तब उस प्रार्थना का फल अवश्य मिलता है । अगर झूठ बोलने से किसी की जान बचती है तो झूठ बोलना पाप नहीं हैं। लेकिन याद रखे झूठा वादा करने से विनम्र इंकार करना अच्छा है । हमेशा सबकी बात ध्यान से सुनो परन्तु अपनी सलाह केवल थोड़े ही मनुष्यों को दो । क्योंकि प्रत्येक स्थान और समय बोलने के योग्य नहीं होता हैं। कभी कभी मौन वाणी से ज्यादा प्रभावी सिद्ध होता ।

मीठी वाणी क्यों बोलना चाहिए कक्षा 7? - meethee vaanee kyon bolana chaahie kaksha 7?

जहाँ मनुष्य की जिह्वा बोलने में असमर्थ हो जाती है , वहाँ पत्थर बोलना प्रारम्भ कर देते हैं । मौन उस अज्ञानी के लिए आभूषण है जो ज्ञानियों की सभा में जा बैठा है । नम्रता और मीठे वचन ही मनुष्य का आभूषण है । शब्द बड़ी साधना से उठ पाते हैं , उन्हें गिराने की चेष्टा नहीं होनी चाहिए । किसी से बात करते समय अपनी वाणी पर नियंत्रित रखना अति आवश्यक है।

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  • विपरीत परिस्थितियों को कैसे संभाले ? कठिन परिस्थिति में क्या करे ?

दोस्तों आपने अभी देखा कि वाणी कैसे होनी चाहिए, दूसरों से कैसे बात करनी चाहिए, किस प्रकार बात करके हम अपनी प्रतिष्ठा को और बढ़ा सकते हैं तो इस पोस्ट को अपने दोस्त यारों के साथ शेयर जरूर करे और आपको कैसे लगा हमे कॉमेंट करके बताए। धन्यवाद! 

दोस्तों नमस्कार ! हम कोशिश करते हैं कि आप जो चाह रहे है उसे बेहतर करने में अपनी क्षमता भर योगदान दे सके। प्रेणना लेने के लिए कही दूर जाने की जरुरत नहीं हैं, जीवन के यह छोटे-छोटे सूत्र आपके सामने प्रस्तुत है...

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मीठी बोली क्यों बोलना चाहिए?

मीठी वाणी जीवन के सौंदर्य को निखार देती है और व्यक्तित्व की अनेक कमियों को छिपा देती है, किंतु हमें इस बात का सदैव ध्यान रखना चाहिए कि अपने स्वार्थ के लिए हमें चापलूसी या दूसरों को ठगने के लिए मीठी वाणी का प्रयोग नहीं करना चाहिए। हमारा हृदय निर्मल होना चाहिए और वाणी में एकरूपता होनी चाहिए

मीठी वाणी बोलने से क्या लाभ होता है?

मीठी वाणी और मृदु व्यवहार का चुंबक ,लोहे को भी अपनी ओर आकृष्ट कर लेता है। मधुर वचनों के प्रभाव से जीवन में धन तथा मित्र बनते चले जाते हैं और आनंद और खुशियाँ भी जीवन में बढ़ती रहती है। अपने मस्तिष्क को हम शीतल रखें ,शीतल क्योंकि शीतल मस्तिष्क वाला व्यक्ति ही विवेक और विश्वास से अपनी वाणी का उपयोग कर पाता है ।

जीवन में मधुर भाषण का क्या महत्व है?

मधुर वाणी मनोनुकूल होती है जो कानों में पड़ने पर चित्त द्रवित हो उठता है। वाणी की मधुरता ह्रदय-द्वार खोलने की कुंजी है। एक ही बात को हम कटु शब्दों में कहते हैं और उसी को हम मधुर बना सकते हैं। वार्तालाप की शिष्टता मनुष्य को आदर का पात्र बनाती है और समाज में उसकी सफलता के लिए रास्ता साफ़ कर देती है।