आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005
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Alert भारत के प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), भारत में आपदा प्रबंधन के लिए शीर्ष निकाय है। आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के द्वारा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की स्थापना और राज्य और जिला स्तरों पर संस्थागत तंत्र के लिए एक सक्षम वातावरण का निर्माण अनिवार्य किया गया है। भारत सरकार प्राकृतिक तथा मानव जनित आपदाओं द्वारा होने वाले विनाश तथा हानि की रोकथाम, शमन और तैयारी के राष्ट्रीय संकल्प को प्रोत्साहित करता है। भारत सरकार सभी सरकारी एजेंसियों, गैर-सरकारी संगठनों और लोगों की भागीदारी के निरंतर और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से प्राकृतिक और मानव-निर्मित आपदाओं से होने वाली क्षति और विनाश को कम करने के लिए एक राष्ट्रीय संकल्प को बढ़ावा देने का प्रयास करती है। तकनीक के माध्यम से, सक्रिय, बहु-आपदा तथा बहु-आयामी रणनीति के द्वारा एक आपदा रोधी, गतिशील भारत का निर्माण करने की योजना है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का प्रतीक चिन्ह भारत में आपदा प्रबंधन की प्रभावशीलता में सुधार करने के लिए सभी हितधारकों को सशक्त बनाने की राष्ट्रीय परिकल्पना को प्रतिबिंबित करता है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पांच प्रमुख प्रभाग नीति एवं योजना प्रभाग, प्रशमन प्रभाग, प्रचालन प्रभाग, संचार तथा सूचना प्रौद्योगिकी प्रभाग, प्रशासन और वित्त प्रभाग हैं। प्राकृतिक आपदावैश्विक पहलराज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणमानव निर्मित आपदाऊपर जाएँ साँचा:Infobox institute राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (National Disaster Management Authority / NDMA) का गठन संसद के अधिनीयम के अन्तगर्त भारत और अन्य क्षेत्र में क्षमता विकास के लिये एक प्रमुख संस्थान के रूप में अपनी भूमिका निभाने के उद्देश्य के साथ किया गया है। इस दिशा में प्रथम प्रयास सन 1995 में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन केंद्र के गठन के साथ आरम्भ हुआ जो आगे चल कर अपने नये नाम राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के रूप में प्रशिक्षण एवं क्षमता विकास के लिए विकसित हुआ। आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अंतर्गत राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में मानव संसाधन विकास, क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण, अनुसंधान, अभिलेखन एवं नीतिगत पैरवी के लिए नोडल एजेंसी के रूप मे जिम्मेदारी सौंपी गयी है। एन. आई. डी. एम. लगभग सभी राज्यों में स्थापित आपदा प्रबन्धन केन्द्रों को सहयोग प्रदान करता है | ऐसे अधिकांश केंद्र, राज्यों के प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान में स्थित हैं। आपदा प्रबंधन केंद्र के कई कार्यक्रमो का खर्च एन. आई. डी. एम. द्वारा वहन किया जाता है। वर्तमान में 29 ऐसे केंद्र स्थापित किये जा चुके हैं और कुछ स्थापित किये जाने की प्रक्रिया में हैं। आपदा प्रबंधन केंद्र का प्रशिक्षण कार्यक्रम, एन. आई. डी. एम. द्वारा आयोजित वार्षिक प्रशिक्षण सम्मेलन के दौरान आपसी परामर्श के माध्यम से तैयार किया जाता है। वार्षिक प्रशिक्षण सम्मेलन में राज्यों के राहत आयुक्त, प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान के महानिदेशक एवं भारत सरकार के सम्बंधित नोडल मंत्रालयों एवं विभागों के प्रतिनिधियों द्वारा भाग लिया जाता है। इन्हें भी देखें[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 में क्या बताया गया है?आपदा प्रबंधन अधिनियम,2005 में आपदा को परिभाषित किया गया है। इस अधिनियम के मुताबिक, आपदा का तात्पर्य किसी भी क्षेत्र में प्राकृतिक या मानव निर्मित कारणों से उत्पन्न "तबाही, दुर्घटना एवं गंभीर घटना" से है। आपदा प्रबंधन अधिनियम,2005 के तहत सरकार ने कोविड-19 महामारी को आपदा घोषित किया गया है।
राजस्थान आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 कब लागू हुआ?इस अधिनियम को वर्ष 2005 में भारत सरकार द्वारा आपदाओं के कुशल प्रबंधन और इससे जुड़े अन्य मामलों के लिये पारित किया गया था। हालाँकि यह जनवरी 2006 में लागू हुआ।
आपदा प्रबंधन अधिनियम कब पारित किया गया था?आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 को राज्यसभा ने 28 नवंबर को और लोकसभा ने 12 दिसंबर को पारित किया और 23 दिसंबर को भारत के राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त की।
भारत में आपदा राष्ट्रीय संस्थान प्रबंधन कहाँ स्थित है?आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत, NIDM को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में मानव संसाधन विकास, क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण, अनुसंधान, प्रलेखन और नीति वकालत के लिए नोडल जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। यह विक्रम नगर, नई दिल्ली में स्थित है।
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