Short Note Show निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए − फिर भी जैसे मौत और विपत्ति के बीच भी आदमी मोह और माया के बंधन में जकड़ा रहता है, मैं फटकार और घुडकियाँ खाकर भी खेल-कूद का तिरस्कार न कर सकता था। Advertisement Remove all ads Solutionलेखक हर समय अपने खेलकूद, सैरसपाटे में मस्त रहता और बड़े भाई से डाँट खाता था परन्तु फिर भी खेलकूद नहीं छोड़ता था। जैसे संकटों में फँसकर भी मनुष्य अपनी मोहमाया नहीं छोड़ता है उसी प्रकार छोटा भाई खेलकूद को नहीं छोड़ता था। Concept: गद्य (Prose) (Class 10 B) Is there an error in this question or solution? Advertisement Remove all ads Chapter 2.1: बड़े भाई साहब - लिखित (ग) [Page 64] Q 2Q 1Q 3 APPEARS INNCERT Class 10 Hindi - Sparsh Part 2 Chapter 2.1 बड़े भाई साहब Advertisement Remove all ads मौत और विपत्ति के बीच से क्या आशय है?फिर भी जैसे मौत और विपत्ति के बीच भी आदमी मोह और माया के बंधन में जकड़ा रहता है, मैं फटकार और घुडकियाँ खाकर भी खेल-कूद का तिरस्कार न कर सकता था। इस पंक्ति का आशय यह है कि जिस प्रकार मनुष्य किसी भी परिस्थिति में अपनी मोह-माया को त्याग नहीं सकता ठीक उसी प्रकार छोटा भाई भी अपने खेल-कूद का त्याग नहीं कर पा रहा था।
मौत और विपत्ति के बीच में लेखक क्या करना पसंद करता था?लेखक हर समय अपने खेलकूद, सैरसपाटे में मस्त रहता और बड़े भाई से डाँट खाता था परन्तु फिर भी खेलकूद नहीं छोड़ता था। जैसे संकटों में फँसकर भी मनुष्य अपनी मोहमाया नहीं छोड़ता है उसी प्रकार छोटा भाई खेलकूद को नहीं छोड़ता था।
लेखक का मौन क्या दर्शाता है?मित्र लेखक का मौन रहना उनकी अपराध स्वीकृति को दर्शाता है। ऐसे में बड़े भाई साहब लेखक पर स्नेह और रोष के मिले हुए शब्दों का प्रयोग करते थे। लेखक को समझाते और डांटते भी थे।
लेखक को कौन सा नया शौक पैदा हो गया था?लेखक को कनकौए उड़ाने का नया शौक पैदा हो गया था ।
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