पश्चिमी विक्षोभ या वेस्टर्न डिस्टर्बन्स (Western Disturbance) भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी इलाक़ों में सर्दियों के मौसम में आने वाले ऐसे तूफ़ान को कहते हैं जो वायुमंडल की ऊँची तहों में भूमध्य सागर, अन्ध महासागर और कुछ हद तक कैस्पियन सागर से नमी लाकर उसे अचानक वर्षा और बर्फ़ के रूप में उत्तर भारत, पाकिस्तान व नेपाल पर गिरा देता है।[1][2] उत्तर भारत में रबी की फ़सल के लिये, विशेषकर गेंहू के लिये, यह तूफ़ान अति-आवश्यक होते हैं।[3][4] Show मानसून से अंतर[संपादित करें]ध्यान दें कि उत्तर भारत में गर्मियों के मौसम (सावन) में आने वाले मानसून से पश्चिमी विक्षोभ का बिलकुल कोई सम्बन्ध नहीं होता। मानसून की बारिशों में गिरने वाला जल दक्षिण से हिन्द महासागर से आता है और इसका प्रवाह वायुमंडल की निचली तहों में होता है। मानसून की बारिश ख़रीफ़ की फ़सल के लिये ज़रूरी होती है, जिसमें चावल जैसे अन्न शामिल हैं। इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
पश्चिमी विक्षोभ से क्या तात्पर्य है?यह पाकिस्तान व उत्तरी भारत में वर्षा एवं हिमपात के साथ आता है। पश्चिमी विक्षोभ अपने साथ जो नमी ले जाते हैं वह भूमध्य सागर और/या अटलांटिक महासागर से आती है। पश्चिमी विक्षोभ सर्दी और मानसून पूर्व बारिश करते हैं तथा उत्तरी उपमहाद्वीप में रबी की फसल के विकास में महत्त्वपूर्ण है।
पश्चिमी विक्षोभ क्या है Drishti IAS?इन्हें भूमध्य सागर में उत्पन्न होने वाले एक 'बहिरूष्ण उष्णकटिबंधीय तूफान' के रूप में चिह्नित किया जाता है, जो एक निम्न दबाव का क्षेत्र है तथा उत्तर-पश्चिम भारत में अचानक वर्षा, बर्फबारी एवं कोहरे के लिये ज़िम्मेदार हैं। पश्चिमी विक्षोभ का अर्थ इसके नाम में निहित है। यह विक्षोभ 'पश्चिम' से 'पूर्व' दिशा की ओर आता है।
पश्चिमी विक्षोभ की उत्पत्ति स्थान कौन सा है?पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यसागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होते हैं। यूक्रेन और उसके पड़ोस पर एक उच्च दबाव का क्षेत्र समेकित (consolidate) हो जाता है। इस समेकन के परिणामस्वरूप ध्रुवीय क्षेत्रों से ठंडी हवा का प्रवेश उच्च नमी और गर्म हवा वाले क्षेत्र की ओर होता है।
पश्चिमी विक्षोभ के चलते होने वाली बारिश को क्या कहा जाता है?एक्सपर्ट कहते हैं, वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण तेज बारिश होती है. इसका सीधा असर फसल पर पड़ता है.
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