लेखांकन या लेखाकर्म का अर्थ (lekhankan kise kahte hai)lekhankan meaning in hindi;लेखाकर्म एक विश्लेषणात्मक कार्य है। यदि पुस्तपालन व्यापारिक गतिविधियों को विस्तारपूर्वक दैनिक आधार पर लिखता है, तो लेखाकर्म वार्षिक आधार (या अन्य साययिक आधार पर) उन गतिविधियों को संक्षिप्त, सारगर्भित व परिणाम मूलक बनाने की विधि है। इसके अन्तर्गत अंतिम खाते बनाना कोष-बहाव तथा रोकड़-बहाव विवरण तैयार करना, अंतिम खातों का विश्लेषण, निर्वाचन, प्रस्तुतीकरण व प्रकाशन का कार्य आता। विभिन्न पक्षों को सूचनाएं उपलब्ध करवाना भी इसी के अंतर्गत आता है।लेखाकर्म या लेखांकन की परिभाषा (lekhankan ki paribhasha)मैल्हासमैने तथा स्लैविन " लेखांकन स्वामित्व मे अथवा सम्पत्ति के अधिकार मे बढ़ने और घटने की भाषा मे, परिवर्तनों को लिपिबद्ध करने तथा वित्तीय व्यवहारों का विश्लेषण एवं व्याख्याएं करने की प्रक्रिया है।हेरोल्ड बीरमेन तथा ऐलन आर. ड्रेबिन " लेखांकन को वित्तीय सूचना के पहचानने, मापने, लिपबध्द करने तथा सम्प्रेषित करने के रूप मे परिभाषित किया जा सकता है। लेखांकन के उद्देश्य (lekhankan uddeshya)(अ) मुख्य उद्देश्यजिन प्रमुख उद्देश्यों की पूर्ति के लिए पुस्तपालन तथा लेखाकर्म किया जाता है वे मुख्य उद्देश्य कहे जाते है-- 1. व्यवसाय मे लाभ हो रहा है या हानि। यदि लाभ हुआ है तो कितना और यदि हानि हुई है तो कितनी? 2. एक निश्चित समय पर व्यापार की कितनी सम्पत्तियां एवं दायित्व और इनकी वित्तीय स्थिति क्या है? 3. यह ज्ञात करना कि व्यापार उन्नति पर है या अवनति पर? 4. प्रत्येक व्यापारी यह जानना चाहता है कि एक निश्चित समय पर उसे किसी अमुक व्यक्ति को कितनी धनराशि देनी तथा किसी अमुक व्यक्ति से कितनी धनराशि लेनी है? 5. कानूनी आदेशों का पालन करने के लिए भी पुस्तपालन एवं लेखाकर्म किया जाता है। जैसे प्रत्येक ऐसी कम्पनी के लिए जिसकी स्थापना कम्पनीज अधिनियम, 1956 इसके पूर्व के कम्पनीज अधिनियमों के अन्तर्गत है, पुस्तपालन एवं लेखाकर्म रखना आवश्यक ही नही वरन् अनिवार्य है। एकाकी व्यापार एवं साझेदारी संस्था द्वारा लेखाकर्म रखना किसी भी अधिनियम द्वारा " अनिवार्य " नही है, परन्तु हिसाब-किताब रखने के लाभ इतने अधिक है कि ये संस्थाएं भी पुस्तपालन एवं लेखाकर्म को अपनाती है। (ब) अन्य उद्देश्य पुस्तपालन एवं लेखाकर्म के द्वारा उपर्युक्त मुख्य उद्देश्यों की पूर्ति तो की ही जाती है, किन्तु उनके द्वारा कुछ अन्य सूचनाएं भी अपने आप प्राप्त हो जाती है। इन अतिरिक्त सूचनाओं को प्राप्त करना "सहायक" उद्देश्यों मे गिना जाता है। ये सूचनाएं व उद्देश्य निम्न है-- 1. यह ज्ञात प्राप्त किया जा सकता है कि कितना माल है, कितना माल बिक चुका है तथा कितना माल क्रय किया जा चुका है? 2. व्यवसाय मे रोकड़ की क्या स्थिति है? 3. कर्मचारियों की त्रुटियों व कपटों को जाना जा सकता है। ऐसा होने से इन पर अच्छा नियंत्रण रखा जा सकता है। 4. व्यापार मे प्रयुक्त पूंजी का विस्तृत ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। 5. बहुत से व्यापारी कर निर्धारण के उद्देश्य से आवश्यक जानकारी प्राप्त करने के लिए लेखे करते है। 6. यह ज्ञात किया जा सकता है कि एक निश्चित समय पर व्यवसाय की क्या आवश्यकताएं हैं? संदर्भ; मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, लेखक डाॅ सुरेश चन्द्र जैन। आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए;प्रधानमंत्री रोजगार योजना क्या है? सम्पूर्ण जानकारी आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए;जिला उद्योग केन्द्र के उद्देश्य एवं महत्व आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; स्वर्ण जयंती रोजगार योजना क्या है? आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; रानी दुर्गावती योजना क्या है? आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए;दीनदयाल स्वरोजगार योजना क्या है? आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए;कार्यशील पूंजी घटक या तत्व, महत्व, आवश्यकता आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; मूल्य निर्धारण का अर्थ, उद्देश्य, विधियां/नितियां आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; लागत किसे कहते है, लागत के तत्व आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए;लेखांकन अर्थ, परिभाषा, उद्देश्य आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए;महिला उद्यमी की समस्याएं आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; भारत मे उद्यमिता विकास की समस्याएं आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए;उद्यमी की समस्याएं या कठिनाईयां Show written by Khatabook | November 1, 2021 Table of ContentTable of Contentअक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नप्रश्न: लेखांकन सिद्धांत कब निर्धारित किए गए थे? उत्तर: लेखांकन सिद्धांतों की अवधारणा तब निर्धारित की गई थी जब पूंजीवाद और वाणिज्य को बढ़ावा देने के लिए 15 या 16वीं शताब्दी में टी-लेजर बहीखाता अभ्यास में डबल-एंट्री सिस्टम की स्थापना की गई थी। प्रश्न: क्या सभी देश विश्व स्तर पर जीएएपी सिस्टम का पालन करते हैं? उत्तर: नहीं। IFRS या अंतरराष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानक यूरोपीय संघ, दक्षिण अमेरिकी और एशियाई देशों जैसे ११० देशों द्वारा इस्तेमाल वैश्विक लेखा प्रणाली है। प्रश्न: क्या संयुक्त राज्य अमेरिका लेखांकन में GAAP सम्मेलनों का पालन करता है? उत्तर: हाँ। संयुक्त राज्य अमेरिका अपने लेखांकन सिद्धांतों और वित्तीय विवरणों की रिकॉर्डिंग के लिए जीएएपी मानकों का उपयोग करता है। प्रश्न: लेखांकन अवधारणाओं लेखांकन सिद्धांतों के रूप में ही कर रहे हैं? उत्तर: नहीं। लेखांकन सम्मेलनों और अवधारणाओं दोनों लेखांकन सिद्धांतों का एक हिस्सा हैं, हालांकि लेखांकन सिद्धांतों को समझाने में एक दूसरे पर निर्भर हैं। प्रश्न: लेखांकन मानकों और सिद्धांतों को कौन प्रमाणित करता है? उत्तर: वित्तीय लेखा मानक बोर्ड (FASB) एक स्वतंत्र प्राधिकरण है जो लगातार निगरानी और जीएएपी प्रणाली को अद्यतन करने का काम करता है। भारत में, सभी 50 राज्य सरकारें अपनी लेखा रिपोर्ट और वित्तीय विवरण तैयार करने के लिए जीएएपी का पालन करते हैं। प्रश्न: क्या लेखांकन सम्मेलन लेखांकन प्रणाली का एक हिस्सा हैं? उत्तर: हाँ। लेखांकन सम्मेलनों और अवधारणाओं दोनों लेखांकन सिद्धांतों का एक हिस्सा हैं, हालांकि लेखांकन सिद्धांतों को समझाने में एक दूसरे पर निर्भर हैं। |