Advertisement Remove all ads Show Advertisement Remove all ads One Line Answer बिना खीरा खाए नवाब साहब को डकार लेते देखकर लेकर क्या सोचने पर विवश हो गया? Advertisement Remove all ads Solutionलेखक ने देखा कि नवाब साहब ने खीरों की फाँकों का रसास्वादन किया उन्हें मुँह के करीब ले जाकर सूंघा और बाहर फेंक दिया। इसके बाद नवाब साहब को डकार लेता देखकर लेखक यह सोचने पर विवश हो गया कि क्या इस तरह सँघने मात्र से पेट भर सकता है। Concept: लखनवी अंदाज़ Is there an error in this question or solution? Advertisement Remove all ads Chapter 12: यशपाल - लखनवी अंदाज़ - अतिरिक्त प्रश्न Q 7Q 6Q 8 APPEARS INNCERT Class 10 Hindi - Kshitij Part 2 Chapter 12 यशपाल - लखनवी अंदाज़ Advertisement Remove all ads खीरे की घटना से लेखक क्या …CBSE, JEE, NEET, CUETQuestion Bank, Mock Tests, Exam Papers NCERT Solutions, Sample Papers, Notes, Videos खीरे की घटना से लेखक क्या सोचने मे विवश हो गए ? chap-'lucknow ke nawab' Posted by Arpita Bajpai 4 years, 7 months ago
Posted by Ankit Class 10 1 week, 1 day ago
Posted by Saloni Kumari 10 hours ago
Posted by Sneha Chechani 1 week ago
Posted by Ajeet Singh Maurya 6 days, 12 hours ago
Posted by 🥺 🐼 4 days, 14 hours ago
Posted by Monika Khichar 1 week ago
Posted by A.K Modi 4 days, 5 hours ago
Posted by Pranju Wadaskar 19 hours ago
Posted by Anshika Sharma 1 day, 5 hours ago
Posted by Samriddhi Singh 2 days, 18 hours ago
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प्रश्न 1.
प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. रचना और अभिव्यक्ति प्रश्न 5. (ख) छात्र अपनी रुचि के अनुसार स्वयं लिखें। प्रश्न 6. प्रश्न 7. अन्य पाठेतर हल प्रश्न प्रश्न 1.
प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10.
प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. खीरे की घटना से लेखक क्या सोचने को वववश हो गया?बिना खीरा खाए नवाब साहब को डकार लेते देखकर लेकर क्या सोचने पर विवश हो गया? उत्तर- लेखक ने देखा कि नवाब साहब ने खीरों की फाँकों का रसास्वादन किया उन्हें मुँह के करीब ले जाकर सूंघा और बाहर फेंक दिया। इसके बाद नवाब साहब को डकार लेता देखकर लेखक यह सोचने पर विवश हो गया कि क्या इस तरह सँघने मात्र से पेट भर सकता है।
लेखक ने खीरा खाने से क्यों इंकार किया था?खीरा खाने की इच्छा होते हुए भी लेखक ने उसे खाने से इंकार क्यों कर दिया? नवाब साहब की भाव-भंगिमा देखकर लेखक के मन में यह विचार आया कि नवाब साहब का मुँह खीरे के स्वाद की कल्पना से ही भर गया है। पूर्व में इनकार कर चुकने के कारण आत्मसम्मान की रक्षा के लिए लेखक ने खीरा खाने से इंकार कर दिया।
लेखक ने खीरे को क्या माना?Answer:खीरे को अपदार्थ वस्तु इसलिए कहा गया हैं क्योंकि क्योंकि उन्हें यह लजीज नही लगा होगा क्योंकि नवाबों के लिहाज से खीरा बहुत ही आम चीज है क्योंकि नवाब बहुत ही शौकीन होते हैं और वे महंगी और लजीज चीजों का आनंद ही लेना चाहते है।
लेखक ने खीरा न खाने का क्या बहाना बनाया?खीरों की सजावट ने लेखक के मुँह में पानी ला दिया था परंतु वे पहले ही खीरा खाने से इंकार कर चुके थे। अब उन्हें अपना भी आत्म-सम्मान बचाना था। इसीलिए नवाब साहब के दुबारा पूछने पर उन्होंने मैदा (अमाशय) कमजोर होने का बहाना बनाया।
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