खनिजों के संरक्षण की क्या आवश्यकता होती है? - khanijon ke sanrakshan kee kya aavashyakata hotee hai?

इसे सुनेंरोकेंहमें खनिजों के संरक्षण की आवश्यकता इसलिए होती है क्योंकि उद्योग और कृषि दोनों ही खनिजों पर निर्भर करते है। खनिजों का प्रयोग लाखों वर्षों से होता रहा है। खनिज संसाधन सीमित तथा अनवीकरण योग्य है। अयस्क के निरंतर खनन से लागत बढ़ती है क्योंकि उत्खनन की गहराई बढ़ने के साथ-साथ उसकी गुणवत्ता घटती जाती है।

कौन सा संसाधन अचक्रीय हैं?

इसे सुनेंरोकेंकौन सा संसाधन अचक्रीय है? सौर क्षेत्र (भू-भागीय समुद्र) व इसमें पाए जाने वाले संसाधन तथा पवन ऊर्जा, जल, वन व वन्य जीवन।

अनवीनीकरण संसाधन क्या है?

इसे सुनेंरोकेंअनवीकरणीय संसाधन (Non-renewable resource) वे संसाधन होते हैं, जिनके भण्डार में प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा पुनर्स्थापन नहीं होता रहता है। यह संसाधन मानवीय क्रियाओं द्वारा समाप्त हो जाते हैं तथा पुनः निर्माण होने में करोड़ों वर्ष की अवधि लेते हैं। इसका उदाहरण कोयला, पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस आदि हैं।

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खनिजों की संरक्षण की आवश्यकता क्या होती है?

इसे सुनेंरोकेंखनिजों के संरक्षण की आवश्यकता इसलिए होती है क्योंकि खनिज बहुत ही अमूल्य होते हैं। तथा इनका ज्यादा दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। खनिजों के संरक्षण की आवश्यकता है, इसलिए भी है क्योंकि यह समाप्य प्रकार का सोच है, जो कि एक दिन खत्म हो जाएगा और भविष्य में आने वाली पीढ़ियां इसका प्रयोग नहीं कर पाएगी।

हमें खनिजों के सेक्शन की क्यों आवश्यकता है?

इसे सुनेंरोकेंखनिजों के बनने में करोड़ों वर्ष लग जाते हैं। जिस तेजी से हम खनिजों का इस्तेमाल कर रहे हैं उसकी तुलना में खनिजों का पुनर्रभरण की प्रक्रिया अत्यंत धीमी होती है। इसलिए खनिज संसाधन सीमित हैं और अनवीकरण योग्य हैं। इसलिए खनिजों का संरक्षन महत्वपूर्ण हो जाता है।

क्या कोयला अचक्रीय संसाधन है?

इसे सुनेंरोकेंहम इसका उपयोग माध्यमों से बार-बार करते हैं, और यह आवश्यक भी हैं। तो हम यह कह सकते हैं कि पानी एक चक्रीय संसाधन है। दूसरे चक्रीय संसाधन की बात करें तो कोयला है, जिसको हम एक बार उपयोग करने के बाद पुनः उपयोग कर सकते हैं।

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प्राकृतिक संसाधन क्या है समझाइए?

इसे सुनेंरोकेंप्राकृतिक संसाधन वे संसाधन हैं जो मानव जाति के कार्यों के बिना मौजूद हैं। दूसरे शब्दों में वो प्राकृतिक पदार्थ, जो अपने अपेक्षाकृत मूल प्राकृतिक रूप में मूल्यवान माने जाते हैं, उन्हें प्राकृतिक संसाधन कहते हैं। इन सभी मूल्यवान संसाधनों के विशेषताओं में चुम्बकीय, गुरुत्वीय, विद्युतीय गुण या बल आदि शामिल हैं।

खनिज क्या है खनिजों का महत्व स्पष्ट कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंखनिजों का महत्व क्या है? खनिज पदार्थ हमारे लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आधुनिक औद्योगिक उन्नति का आधार खनिज पदार्थ ही हैं। कारखानों में लगी मशीनें, पानी पर तैरते विशाल जहाज, ऊँची इमारतें, विभिन्न प्रकार की धातुओं से बनी वस्तुएं खनिज पदार्थों की देन है। देश की औद्योगिक विकास का आधार खनिज पदार्थ है।

खनिज एवं ऊर्जा संसाधन के क्या महत्व है?

इसे सुनेंरोकेंये संसाधन हैं- खनिज तथा ऊर्जा। पृथ्वी पर जैसे जल और थल अति महत्त्वपूर्ण खजाने हैं ठीक उतने ही महत्त्वपूर्ण खनिज संसाधन भी हैं। खनिज संसाधन के बिना हम अपने देश के औद्योगिक क्रियाकलापों को गति, युक्ति एवं दिशा नहीं दे सकते। इसलिये देश का आर्थिक विकास भी अवरुद्ध हो सकता है।

खनिज संसाधनों के निर्माण व सांद्रण में लाखों वर्ष लगे हैं। उनके वर्तमान उपभोग दर की तुलना में उनके पुनर्निर्माण की प्रक्रिया थोड़ी धीमी है। इसीलिए खनिज संसाधन सीमित तथा अनवीकरण योग्य है| इसी कारण खनिजों की संरक्षण की आवश्यकता महत्वपूर्ण है।

अध्याय : 1. खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

खनिजों को आर्थिकी की रीड की हड्डी कहा जाता है। मुख्यत: खनिज अनवीकरण होते हैं। इसलिए इनके संरक्षण की अति आवश्यकता है।
खनिजों के संरक्षण के मापदण्ड :
1. खनिज संसाधनों को सुनियोजित एवं सतत् पोषणीय ढंग से प्रयोग करने के लिए एक तालमेल युक्त प्रयास करना चाहिए।
2. निम्न कोटि के अयस्कों का कम लागतों पर प्रयोग करने के लिए उन्नत प्रौद्योगिकीयों का सतत् विकास करते रहना होगा।
3. धातुओं के पुन: चक्रण को प्रोत्साहित करना चाहिए।
4. खनिजों के निर्यात में कमी करनी चाहिए।
5. रद्दी धातुओं का प्रयोग तथा अन्य प्रतिस्थापनों का उपयोग करना चाहिए।


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Solution : खनिजों के बनने में करोड़ों वर्ष लग जाते हैं। जिस तेजी से हम खनिजों का इस्तेमाल कर रहे हैं उसकी तुलना में खनिजों का पुनर्रभरण की प्रक्रिया अत्यंत धीमी होती है। इसलिए खनिज संसाधन सीमित हैं और अनवीकरण योग्य हैं। इसलिए खनिजों का संरक्षन महत्वपूर्ण हो जाता है।

Solution : हमें खनिजों के संरक्षण की आवश्यकता इसलिए होती है क्योंकि उद्योग और कृषि दोनों ही खनिजों पर निर्भर करते है। खनिजों का प्रयोग लाखों वर्षों से होता रहा है। उन खनिजों का बहुत महत्व है जो कार्य योग्य होते है। खनिज निर्माण की भूगर्भिय प्रक्रियाएँ इतनी धीमी है कि उसके वर्तमान उपभोग की दर की तुलना में उनके पुनर्भरण की दर अपरिमित रूप से थोड़ी है। हमारे देश में मूल्वान खनिज पाए जाते है परन्तु कम समय के लिए। खनिज संसाधन सीमित तथा अनवीकरण योग्य है। अयस्क के निरंतर खनन से लागत बढ़ती है क्योंकि उत्खनन की गहराई बढ़ने के साथ-साथ उसकी गुणवत्ता घटती जाती है।