उत्तर प्रदेश के राजकीय पुष्प कौन सा है? - uttar pradesh ke raajakeey pushp kaun sa hai?

उत्तर प्रदेश के राजकीय प्रतीक – भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों की तरह ही प्रत्येक राज्य के अपने राजकीय चिह्न एवं प्रतीक हैं। उसी क्रम में यहाँ आपको उत्तर प्रदेश के राजकीय प्रतीकों के बारे में जानकारी दी जा रही है। उत्तर प्रदेश के राज्य प्रतीकों की जानकारी नीचे दी गयी है –

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राजकीय चिन्ह

मछली एवं तीर कमान –  उत्तर प्रदेश का राजकीय चिन्ह या सरकारी मोहर के प्रारूप में एक वृत्त में ऊपर धनुष, बीच में बहती गंगा-यमुना नदियां और नीचे दायें-बायें दो मछलियाँ हैं। इसे 1938 ईo में स्वीकृत किया गया।

उत्तर प्रदेश के राजकीय पुष्प कौन सा है? - uttar pradesh ke raajakeey pushp kaun sa hai?

राज्य पशु ( State Animal )

अंग्रेजी नाम : स्वैम्प डियर
हिन्दी नाम : बारहसिंघा
वैज्ञानिक नाम : रूसरवस डुवाओसेली

इसके सींग बहुत बड़े तथा बहुशाखित होती है। जिनकी संख्या सामान्यतः 12 तक पहुँच जाती है इसलिए इसे बारहसिंघा कहा जाता है। दलदली जगहों में इनका प्राकृतवास होने के कारण इन्हें अंग्रेजी में “स्वैम्प डियर” कहा गया है। यह भारत वर्ष के मात्र तीन स्थानों उत्तर प्रदेश के तराई वन क्षेत्र, उत्तर पूर्व स्थित असम राज्य एवं मध्य प्रदेश के आरक्षित वन क्षेत्रों में पाया जाता है। मूलतः शाकाहारी प्रवृत्ति के इस जीव की ऊँचाई 130-135 सेमी., वजन लगभग 180 किग्रा. तथा सींगों की औसत लम्बाई 75 सेमी. होती है। इसका प्राकृतवास मुख्यतः दलदली व कीचड़ वाले ऊँची घास से आच्छादित क्षेत्र हैं। उत्तर प्रदेश में यह दुधवा राष्ट्रीय उद्यान, किशनपुर वन्य जीव विहार आदि में भी पाया जाता है। यह विश्व की संकटग्रस्त प्रजातियों की सूची में सम्मिलित है।

उत्तर प्रदेश के राजकीय पुष्प कौन सा है? - uttar pradesh ke raajakeey pushp kaun sa hai?

राज्य मछली ( State Fish )

अंग्रेजी नाम : चीतल
हिन्दी नाम : मोय, चीतल
वैज्ञानिक नाम : चिताला

इस मछली की पीठ पर सुन्दर चित्ती पाए जाने के कारण इसको चीतल कहा गया है। चिताला संकटग्रस्त मत्स्य प्रजाति है जिसे साधारणतः फैदरबैक के नाम से जाना जाता है। विभिन्न प्रान्तों में इसे चीतल, मोय, पारी सीतुल वाला, काण्डल्ला आदि नामों से भी जाना जाता है। मीठे जल में मत्स्य पालन के लिए चीतल एक अच्छी एवं पौष्टिक प्रजाति की मछली है। यह भारत में गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, कोसी, गोमती, गेरुआ, सतलुज, केन, बेतवा एवं महानदी नदियों में पायी जाती है। इस प्रजाति का निवास बड़ी नदियों, झीलों, जलाशयों तथा रुके हुए पानी में है। शल्क छोटे होते हैं। इस प्रजाति मात्र में ही छोटी या वयस्क मछली के शरीर पर प्रायः सुनहरी या रूपहली लगभग 15 खड़ी धारियाँ होती है। इसकी अधिकतम लम्बाई 150 सेमी. एवं अधिकतम वजन 14 किग्रा. होता है। यह मछली द्विजननांगी होती है, जिसमें नर दो वर्षों के बाद तथा मादा 3 वर्षों के बाद परिपक्व होती है। यह प्रजाति संकटापन्न हो गयी है।

उत्तर प्रदेश के राजकीय पुष्प कौन सा है? - uttar pradesh ke raajakeey pushp kaun sa hai?

राज्य पक्षी ( State Bird )

अंग्रेजी नाम : सारस, क्रेन
हिन्दी नाम : सारस
वैज्ञानिक नाम : ग्रूस एंटीगोन

सर अर्थात् सरोवर के पास इसका प्राकृतवास होने के कारण इसे सारस कहा जाता है। इसके नर और मादा एक साथ जोड़े में रहते हैं तथा लोकमान्यता में आदर्श दम्पत्ति के प्रतीक रूप में देखे जाते हैं। यह शुद्ध एवं स्वस्थ पारिस्थितिकीय तन्त्र वाले जलाशयों के पास ही मिलता है। यह लगभग 6 फीट ऊँचाई तथा 8 फीट तक पंखों के विस्तार के साथ कद में उड़ने वाले पक्षियों में सबसे ऊँचा पक्षी है। सारस उत्तरी एवं केन्द्रीय भारत, पाकिस्तान तथा नेपाल देश में पाए जाते है। इसके परों का रंग हल्का स्लेटी राख जैसा होता है तथा शिखर हल्के चिकने हरे पंखों से आच्छादित रहता है। ये कठोर परिस्थितियों, जैसे अत्यधिक ठंडक में भी सुगमता से जीवित रहते हैं। दलदली भूमि क्षेत्रों में ह्रास तथा प्राकृतवास संकुचित होने के कारण सारस संकटग्रस्त प्राणी हो गया है।

उत्तर प्रदेश के राजकीय पुष्प कौन सा है? - uttar pradesh ke raajakeey pushp kaun sa hai?

राज्य वृक्ष ( State Tree )

अंग्रेजी नाम : अशोक
हिन्दी नाम : अशोक
स्थानीय नाम : सीता अशोक
वैज्ञानिक नाम : सराका असोका

लोकमान्यता में शोक नाशक होने के कारण इसे अशोक कहा गया है। इसकी छाल से अशोकारिष्ट दवा बनती है। पौराणिक पंचवटी का यह सदस्य वृक्ष है। यह आर्द्र क्षेत्र का वृक्ष है। हिन्दू नववर्ष के प्रथम दिन इसके फूल की कली वर्ष भर शोक रहित रहने के लिए खायी जाती है। औसत ऊँचाई के इस सदाबहार पवित्र वृक्ष का वर्णन हमारे प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। इसकी पत्तियाँ संयुक्त होती हैं तथा फूल और फल बड़े गुच्छों में फरवरी से अप्रैल के मध्य आते हैं। पौध रोपण हेतु इसकी नर्सरी पौध बीजों द्वारा उत्पादित की जाती है। सामान्यतः यह वृक्ष सघन छत्र होने के कारण उद्यानों, मार्गों के किनारे, आवास परिसरों व मंदिरों में लगाये जाते हैं। औषधीय गुणों के कारण यह आयुर्वेदिक औषधि बनाने में प्रयुक्त होता है। वर्तमान में यह प्रजाति संकटग्रस्त हो गयी है।

उत्तर प्रदेश के राजकीय पुष्प कौन सा है? - uttar pradesh ke raajakeey pushp kaun sa hai?

राज्य पुष्प ( State Flower )

अंग्रेजी नाम : फ्लेम ऑफ़ द फॉरेस्ट
हिन्दी नाम : पलाश, ढाक, टेसू
वैज्ञानिक नाम : ब्यूटिया मोनोस्पर्मा

श्रेष्ठ गुण वाली पत्तियाँ धारण करने के कारण इसे पलाश कहा गया है। इसकी पत्तियों में भोजन या प्रसाद लेना बहुत लाभदायक माना जाता है। इसके बीज पेट के कीड़े दूर करने की श्रेष्ठ औषधि हैं। यह वातरोग नाशक है। होली पर इसके फूल के रंग से होली खेली जाती है। आयुर्वेदिक क्षार प्राप्त करने के लिए यह सर्वश्रेष्ठ वृक्ष है। यह धीरे-धीरे बढ़ने वाला टेढ़ा-मेढ़ा मध्यम ऊँचाई का पर्णपाती वृक्ष है। सामान्यतः इसे ढाक, पलाश एवं जंगल की आग के नाम से जाना जाता है। इसके तीन पर्णफलक होते हैं। इसके डेढ़ से दो इंच आकार के सुर्ख नारंगी लाल रंग के पुष्प फरवरी से मार्च के मध्य निकलते हैं। यह एक बहुपयोगी वृक्ष है। इसके पत्तों से दोने और पत्तल बनाये जाते हैं तथा यह चारा पत्ती, रेजिन, रंग, औषधि एवं चारकोल बनाने के काम भी आता है।

उत्तर प्रदेश के राजकीय पुष्प कौन सा है? - uttar pradesh ke raajakeey pushp kaun sa hai?

उत्तर प्रदेश का राजकीय फूल कौन है?

सही उत्तर पलाश है। उत्तर प्रदेश का राजकीय फूल पलाश है। पलाश का वैज्ञानिक नाम ब्यूटिया मोनोस्पर्म है।

उत्तर प्रदेश का राष्ट्रीय फल क्या है?

Detailed Solution.

उत्तर प्रदेश का राष्ट्रीय पेड़ क्या है?

राजकीय वृक्ष अशोक। उत्तर प्रदेश का राजकीय वृक्ष अशोक है जिसे यहां की स्थानीय भाषा में सीता “अशोक” कहा जाता है।

यूपी का राजकीय पशु कौन सा है?

Solution : उत्तर प्रदेश के राजकीय प्रतीक <br> राजकीय पशु - बारहसिंगा <br> राजकीय पक्षी - सारस (Crane) <br> राजकीय वृक्ष - अशोक <br> राजकीय पुष्प - पलाश <br> मोर हमारे देश का राष्ट्रीय पक्षी जबकी गोरैया दिल्ली का राजकीय पक्षी है।