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अमावस्या के दिन न खरीदें ये चीजें, नहीं तो एक के बाद एक आएंगी मुसीबतेंनई दिल्ली: जिस तरह हर काम को करने का शुभ-अशुभ मुहूर्त होता है, वैसे ही घर में कुछ खास चीजों को लाने का भी शुभ-अशुभ समय होता है. यदि अच्छी चीज भी गलत समय में लाई जाए तो वह बर्बादी का कारण बन सकती है. ऐसा ही एक दिन अमावस्या का होता है, जिस दिन घर में कुछ खास चीजों को लाना जिंदगी में मुसीबतों को खुद बुलावा देना है. हिंदू धर्म में अमावस्या को पितृ यानी कि पूर्वजों को समर्पित किया गया है. लिहाजा अमावस्या के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना चाहिए वरना पितृ नाराज हो जाते हैं.Updated:Dec 16, 2021, 09:07 AM IST पूजा का सामान1/5 भगवान के वस्त्र, पूजा का सामान गलती से भी अमावस्या के दिन न खरीदें. ऐसा करना आपको मुश्किल में डाल सकता है. अमावस्या के दिन खरीदी गईं ये चीजें भगवान को नाराज करती हैं. झाड़ू2/5 झाड़ू को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है. यदि अमावस्या के दिन झाड़ू खरीदी जाए तो मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं और घर में रखा पैसा भी बर्बाद हो जाता है. लिहाजा आर्थिक स्थिति की मजबूती चाहते हैं तो कभी भी अमावस्या के दिन झाड़ू न खरीदें. शराब-नॉनवेज3/5 वैसे तो शराब पीना या कोई भी नशा करना धर्म में वर्जित ही माना गया है लेकिन कुछ खास दिनों में नशा करना जिंदगी पर बड़ा संकट ला सकता है. अमावस्या भी इन्हीं में से एक है. धर्म-शास्त्रों के मुताबिक अमावस्या के दिन शराब-नॉनवेज खरीदना या इनका सेवन करना पितरों को नाराज करता है और जिंदगी में नकारात्मकता लाता है. ये काम शनि को भी नाराज करते हैं. तेल4/5 जिस तरह शनिवार के दिन तेल खरीदने और लगाने से बचना चाहिए. उसी तरह अमावस्या को भी तेल नहीं लगाना चाहिए. हालांकि इस दिन जरूरतमंदों को तेल का दान करना शुभ होता है. आटा या अनाज5/5 अमावस्या के दिन अनाज या आटा खरीदना भी अशुभ होता है. ऐसा करना पूर्वजों की नाराजगी का कारण बनता है. (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) अगली गैलरी प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष में पंद्रहवें दिन पड़ने वाली तिथि अमावस्या (Amavasya) कहलाती है. आषाढ़ मास की अमावस्या के दिन देवताओं के संग पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए के क्या करें और क्या न करें, जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.आषाढ़ मास की अमावस्या के नियम पंचांग (Panchang) के अनुसार प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष में पंद्रहवें दिन पड़ने वाली अमावस्या तिथि का बहुत ज्यादा धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व होता है. मान्यता है कि अमावस्या (Amavasya) तिथि पर पूजा-पाठ, तंत्र-मंत्र आदि से जुड़े उपाय करने व्यक्ति की मनोकामना शीघ्र ही पूरी होती है. आषाढ़ मास की अमावस्या (Ashadha Amavasya) जिसे हलहारिणी अमावस्या भी कहा जाता है, इस साल 28 जून 2022, मंगलवार को पड़ेगी. यह तिथि पितरों की पूजा के लिए समर्पित है. मान्यता है कि अमावस्या के दिन की जाने वाली पूजा में कुछ चीजों को करने पर जहां मनचाही सफलता प्राप्त होती है तो वहीं इस दिन कुछ कार्यों को करने पर इंसान को तमाम तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ता है. आइए जानते हैं कि सुख-समृद्धि की कामना को पूरा करने के लिए अमावस्या के दिन क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए. आषाढ़ मास की अमावस्या पर करें ये काम
आषाढ़ मास की अमावस्या पर न करें ये काम
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.) आज की बड़ी खबरेंअमावस्या के दिन कौन कौन से कार्य नहीं करना चाहिए?अमावस्या को किसी के घर भोजन न करें। अमावस्या को सदाचरण और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। अमावस्या पर क्रोध, हिंसा, अनैतिक कार्य, मांस-मदिरा का सेवन एवं स्त्री से शारीरिक संबंध निषेध है।
अमावस्या के दिन घर में क्या करना चाहिए?मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पितरों का नाम लेकर घी का एक दीया पीपल के वृक्ष में जलाकर रख दें।. अमावस्या के दिन दान का विशेष महत्व है। ... . अमावस्या के दिन सुबह उठकर स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें। ... . अमावस्या के दिन श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करना चाहिए।. अमावस्या के दिन क्या क्या नहीं खरीदना चाहिए?अमावस्या के दिन पूजा का सामान नही खरीदना चाहिए। अमावस्या के एक दिन पहले पूजा पाठ का सामान खरीद कर रख ले। नशा करना बहुत बुरी आदत है पर अगर आप नशे के आदि है तो अमावस्या के दिन नशे से बचे वरना आपके जीवन से चाह कर भी समस्याएं खत्म नही होगी।
अमावस्या के दिन संबंध बनाने से क्या होता है?शास्त्रों में उल्लेख है कि पति-पत्नी को अमावस्या के दिन संबंध बनाने से बचना चाहिए। इससे वैवाहिक जीवन में नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अमावस्या की रात नकारात्मक शक्तियां ऊर्जावान हो जाती हैं, साथ ही यह तांत्रिकों की रात भी मानी जाती है। अमावस्या को दान-पुण्य का कार्य करना चाहिए और पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए।
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