खाना खाने के बाद सांस क्यों फूलती है? - khaana khaane ke baad saans kyon phoolatee hai?

हिंदी न्यूज़ लाइफस्टाइलHealth Tips: इन 5 कारणों से फूलने लगती है सांस, जानें लक्षण और उपचार

Panting Symptoms Causes And Preventions:  1 मिनट में सामान्य से अधिक बार सांस लेने की स्थिति को हांफना या सांस फूलना कहते हैं। तेजी से सांस लेने की इस प्रकिया को अंग्रेजी में हाइपरवेंटिलेशन कहा...

खाना खाने के बाद सांस क्यों फूलती है? - khaana khaane ke baad saans kyon phoolatee hai?

Manju Mamgainलाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीSun, 14 Feb 2021 03:38 PM

Panting Symptoms Causes And Preventions:  1 मिनट में सामान्य से अधिक बार सांस लेने की स्थिति को हांफना या सांस फूलना कहते हैं। तेजी से सांस लेने की इस प्रकिया को अंग्रेजी में हाइपरवेंटिलेशन कहा जाता है। हार्ट फेलियर, फेफड़ों में संक्रमण, दम घुटने आदि जैसी स्थिति के दौरान व्यक्ति में हांफने जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं। दरअसल सांस फूलना कोई बीमारी नहीं हैं, हालांकि यह किसी बड़ी बीमारी का लक्षण जरूर हो सकता है। 

सांस फूलने के कारण-
-सीओपीडी -

यह फेफड़ों से जुड़ी एक आम बीमारी है, जिसमें ब्रोंकाइटिस में सांस की नली में सूजन और एंफिसेमा में फेफड़ों में मौजूद छोटी हवाओं की थैली नष्ट हो जाने जैसी समस्या उत्पन्न होती है। 

-अस्थमा-
जल्दी-जल्दी सांस लेना अस्थमा अटैक का भी लक्षण हो सकता है। बता दें कि सांस की नली में सूजन आने से व्यक्ति को सांस लेने में समस्या पैदा हो सकती है।

-शरीर में पानी की कमी-
शरीर में पानी की कमी होने पर सांस लेने के तरीके में भी बदलाव आने लगता है। शरीर की कोशिकाओं को पानी की कमी की वजह से पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पाती और व्यक्ति निर्जलीकरण जैसी समस्या का शिकार होकर जल्दी-जल्दी हांफने लगता है।

-खून के थक्के-
जब व्यक्ति को पल्मोनरी एंबॉलिज्म की समस्या होती है तो फेफड़ों में खून के थक्के जमने लगते हैं, जिसकी वजह से व्यक्ति को छाती में दर्द, धड़कनों का तेजी से धड़कना, सांस लेने में तकलीफ जैसी शिकायत होने लगती है।

-संक्रमण-
फेफड़ों को संक्रमित करने वाले रोग जैसे निमोनिया, व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई उत्पन्न करते हैं। जिसकी वजह से व्यकित का सांस फूलने लगता है। लंबे समय तक अगर इस तरह के संक्रमण का इलाज न किया जाए तो फेफड़ों में तरल पदार्थ भर जाता है और व्यक्ति को सांस लेने में मुश्किल पैदा हो सकती है। 

सांस फूलने के लक्षण-
- गले में जलन और फेफड़ों में जलन महसूस करना।
- आंखों में पानी आ जाना
- चक्कर आना या बेहोशी महसूस करना
- सांस लेते वक्त आवाज निकलना
- दिल की गति का तेज हो जाना

कैसे करें बचाव-
-फेफड़ों को क्षति पहुंचाने वाली आदतें जैसे अल्कोहल और धूम्रपान का सेवन करने से बचें।
-कपालभाती, प्राणायाम, अनुलोम विलोम प्राणायाम जैसे सरल प्राणायाम करने से हांफने की समस्या को दूर किया जा सकता है।
-नियमित व्यायाम करने से भी हाइपरवेंटिलेशन की समस्या को रोका जा सकता है।
-यदि आप पैनिक अटैक जैसा महसूस कर रहे हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

खाना खाने के बाद सांस क्यों फूलती है? - khaana khaane ke baad saans kyon phoolatee hai?

सांस फूलना आजकल एक आम समस्या बन गई है। वयस्क और बुजुर्ग ही नहीं बल्कि टीनेजर बच्चे भी इस समस्या से परेशान नजर आते हैं। कुछ सीढ़ियां चढ़ लेने पर सांस फूल जाती है, थोड़ा-सा शारीरिक श्रम करने पर सांस फूलने लगती है... ये सभी स्थितियां इस बात का संकेत हैं कि आपके वायुमार्ग में किसी तरह की रुकावट आ रही है और आपका शरीर लगातार कमजोर भी हो रहा है...सांस फूलने की स्थिति
-जब थोड़ा-सा फिजिकल वर्क करने के बाद आपको तेज-तेज सांस आने लगती है और आप थका हुआ अनुभव करते हैं तो यह स्थिति सांस फूलना कहलाती है। इस दौरान आप सामान्य स्थिति से अलग बहुत तेज-तेज सांस लेते हैं और आपके फेफड़े अधिक से अधिक ऑक्सीजन प्राप्त करना चाहते हैं।

-यह स्थिति काफी कष्टपूर्ण होती है। कुछ लोगों में यह स्थिति थोड़ी देर रहती है और फिर तुरंत ठीक हो जाती है। जबकि कुछ लोगों में यह स्थिति काफी अधिक समय तक रह सकती है। इन्हें सीने में जकड़न और भारीपन का अनुभव लगातार होता रह सकता है।

खाना खाने के बाद सांस क्यों फूलती है? - khaana khaane ke baad saans kyon phoolatee hai?

सांस फूलने की समस्या के कारण


-कुछ लोगों को सांस भरने के लिए काफी प्रयास करना पड़ता है। क्योंकि सांस लेने के दौरान उन्हें इस तरह का अनुभव होता है कि वे ऑक्सीजन को ठीक तरह से खींच नहीं पा रहे हैं और वायु उनके सीने में ही अटक रही है।

-यह सही है कि सांस फूलने की समस्या के दौरान काफी घबराहट हो सकती है और दिमाग बहुत अधिक थकान का अनुभव कर सकता है। लेकिन इस स्थिति से फेफड़ों (Lungs) को किसी तरह की फिजिकल क्षति नहीं पहुंचती है।

क्या होता है वायुमार्ग?
-हम नाक और मुंह के माध्यम से सांस के रूप में जो ऑक्सीजन लेते हैं, वह वायुमार्ग के माध्यम से ही शरीर के अंदर प्रवेश करती है और रक्त में मिलकर पूरी शरीर को जीवित और ऊर्जावान बनाए रखने का काम करती है।

-वायुमार्ग या श्वसनतंत्र एक जटिल संरचना होती है, जो अनेक छोटी-बड़ी ट्यूब्स से मिलकर बनी होती है। यदि किसी बीमारी के कारण श्वसनतंत्र के कार्यों में बाधा आती है तो सांस फूलने की समस्या हो सकती है। इन कारणों में शरीर में बढ़ा हुआ फैट, हार्ट की समस्या या ट्यूमर जैसे रोग भी शामिल हैं।

यह स्थिति है अधिक हानिकारक
-हल्की-सी मेहनत के बाद भी सांस फूलना इस बात का संकेत है कि आपकी जीवनशैली बहुत आलस्यपूर्ण है। लेकिन जब बिना कुछ किए ही सांस फूलने की समस्या होने लगे तो इसे बिल्कुल भी अनदेखा नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह किसी गंभीर रोग का लक्षण हो सकता है। इसलिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

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थोड़ा-सा चलने पर ही फूलने लगता है सांस


सांस फूलने के कारण
-आलसी जीवनशैली के अतिरिक्त और भी कई कारण होते हैं, जो सांस फूलने की समस्या पैदा करते हैं। इनमें बातें शामिल हैं...
-बहुत अधिक वजन बढ़ने के कारण सांस लेने में समस्या होना
-बिना रुके लगातार शारीरिक श्रम करना भी सांस फूलने की वजह हो सकती है।
-शारीरिक कमजोरी और खून की कमी के कारण भी सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
-नींद पूरी ना होना भी सांस लेने में समस्या का कारण बन सकता है।
-अत्यधिक प्रदूषण युक्त स्थान पर रहने से सांस लेने में दिक्कत होती है।
-जो लोग बहुत अधिक स्मोकिंग करते हैं, उन्हें भी सांस से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
-अस्थमा या हार्ट से जुड़ी किसी समस्या के कारण भी सांस फूलने की दिक्कत हो सकती है।

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सांस फूलने की समस्या से मुक्ति पाने का उपाय


सांस फूलने की समस्या का निदान
-यदि आपको कोई गंभीर रोग नहीं है और फिर भी सांस फूलने की समस्या हो रही है तो आपको अपनी जीवनशैली में सुधार करने की बहुत अधिक आवश्यकता है। अन्यथा आनेवाले समय में आप हार्ट पेशंट बन सकते हैं।

-किसी भी बीमारी से जुड़ा शक दूर करने के लिए अपना कंप्लीट हेल्थ चेकअप कराएं। लेकिन इससे पहले अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें।

-नियमित रूप से योग और वॉक करनेवाले लोगों की मांसपेशियां और फेफड़े प्राकृतिक रूप से मजबूत बनते हैं। इसलिए अपनी दिनचर्या में इन दोनों ही ऐक्टिविटीज को जरूर शामिल करें।

-पोषण से भरपूर भोजन का सेवन करें। इससे आपके शरीर को अंदर से मजबूती मिलेगी। आपका श्वसनतंत्र ठीक रहेगा और सांस फूलने की समस्या से मुक्ति मिलेगी।

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सांस फूलना कौन सी बीमारी के लक्षण है?

एलर्जी, अस्थमा, हृदय रोग,मोटापा, टीबी जैसी समस्याओं से ग्रसित लोगों को सांस फूलने की समस्या अधिक हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक सांस फूलने की समस्या को हर बार फेफड़े और हृदय की दिक्कतों से जोड़कर देखना सही नहीं है। कई लोगों में किडनी और मांसपेशियों से संबंधित समस्याओं के कारण भी सांस की दिक्कत हो सकती है।

सांस फूलने की वजह क्या हो सकती है?

सांस फूलना या सांस ठीक से लेने का अहसास होना, संक्रमण, सूजन, एलर्जी, चोट मेटावोलिक परिस्थितियां एवं अन्य कई कारणों की वजह से हो सकता है। दमा के मरीजें में यह बीमारी सिगरेट एवं प्रदूषित वातावरण में रहने के कारण होती है।

क्या कमजोरी से सांस फूलती है?

मरीज कमजोरी और थकान महसूस करने लगता है। इस बीमारी से फेफड़ा सिकुड़ जाता है। फैक्ट्री में काम करनेवालों को इस बीमारी के होने की आशंका अधिक होती है। इससे बचने के लिए सबसे जरूरी है कि अगर अाप को जिन कारणों से परेशानी हो रही है उससे बचें।

सांस फूल रही हो तो क्या करना चाहिए?

अगर आप को सांस फूलने की समस्या होती है। तो आप को गर्म पानी की भाप लेना चाहिए। इससे आपके नाक की नलियां साफ होती है और सांस लेने में किसी प्रकार की समस्या नहीं होती है। यह भी पढ़ें - वजन घटाने नहीं करें सप्लीमेंट का सेवन होता है जमकर नुकसान।