Snake Ear Facts: आपने सांप के आंख, मुंह, जीभ देखे होंगे, लेकिन कभी सांप के कान देखे हैं? शायद ही देखे होंगे. तो आज हम आपको बताते हैं कि सांप के कान नहीं होते हैं तो फिर वो सुनते कैसे हैं?दरअसल, सांप के पास सुनने के लिए इंसानों और अन्य जानवरों की तरह अलग से कान नहीं होते हैं. लेकिन, उनके शरीर में अलग तरह का सिस्टम होता है, जिसेस वो किसी की आहट को भी सुन लेते हैं और उसके हिसाब से अपना बचाव कर लेते हैं. उनके आंतरिक कान होते हैं और इसलिए उन्हें बहरा नहीं कहा जा सकता है. Show
अब सवाल है कि आखिर सांप के कान किस तरह से काम करते हैं. दरअसल, सांप के शरीर में एक छोटी सी हड्डी होती है, जो जबड़े की हड्डी को भीतरी कान की नली से जोड़ती है. ऐसे में सांप के कान का काम उनकी स्किन करती है और वो स्किन दिमाग को कमांड देती है. जैसे अन्य जीवों में कान में ईयर ड्रम होते हैं, वैसे सांप के कान में नहीं होते हैं. वहीं, जो प्रोसेस दूसरे लोगों के कानों में होता है, वैसे ही होता है. बस वे स्किन के जरिए कमांड अंदर देते हैं. बता दें कि सांपों के सुनने की क्षमता सीमित होती है. उनके शरीर में एक छोटी सी हड्डी होती है. सांप केवल 200 से 300 हर्ट्ज की ध्वनि सुन सकते हैं. ट्रेंडिंग डेस्क। World Snake Day 2022: यदि आपने चिड़ियाघर किसी सांप को देखा, जो बिल्कुल भी हिलडुल नहीं रहा, आंखें खुली हैं, मगर पलकें नहीं झपका रहा, तो आपको यह लग रहा होगा कि वह आपको ही एकटक देख रहा है। अपने दिमाग में कैद कर रहा है। या फिर सम्मोहित करने की कोशिश कर रहा है। मगर असल में ऐसा है नहीं जनाब। दरअसल, सांप की पलकें नहीं होतीं, इसलिए वे कभी भी अपनी आंखें बंद नहीं करता। हां, अगर वह हिल नहीं रहा तो आप यह मान सकते हैं कि वह झपकी ले रहा है। जी हां, वह खुली आंखो से ही सोता है। वर्ल्ड स्नेक डे (World Snake Day) पर हम आपको सांपों से जुड़े कुछ रोचक फैक्ट बताने जा रहे हैं। तो आइए दिलचस्प तस्वीरें देखते हुए सांपों के बारे में कुछ मजेदार और जरूरी बातें जानते हैं। इस सवाल पूछने का एक कारण है वो ये कि ये सांप ( नाग का बच्चा जैसा कि हमारी झाडू लगाने वाली कह रही है )हमारे घर मे खाने के कमरे (dinning room )की बालकनी मे निकला था। क्यूंकि येसांप का बच्चा दरवाजे के पीछे छिपा हुआ था इसलिए झाडू वाली ने इसे पहले नही देखा और उसने जैसे ही दरवाजे के पीछे झाडू लगाई कि ये सांप का बच्चा बाहर आ गया ।झाडू वाली इसे देख कर डर कर जोर से चिल्लाई और जब हम वहां ये देखने को पहुंचे की झाडू वाली आख़िर चिल्लाई क्यूं तो हमारे भी होश उड़ गए इन छोटे मियां को देख कर। बिल्कुल काला ये बच्चा बार-बार अपना फन उठाता था और जीभ निकाल रहा था जिसे देखकर और भी डर लग रहा था ।अब सवाल ये था कि इसे भगाया कैसे जाये क्यूंकि ये बच्चा अपने आप जा नही पा रहा था।बार-बार ये दीवार पर चढ़ता तो था पर दीवार ऊँची होने की वजह से बाहर नही जा पा रहा था।और नाली से बाहर शायद ये जाना नही चाहता था। इसलिए कभी ऊपर कभी नीचे ये इधर-उधर घूमता रहा और इसी बीच हमने इसकी फोटो खींच ली। :) खैर हम लोगों की हिम्मत नही थी इसे भगाने या मारने की।चूँकि घर मे कुछ काम चल रहा था इसलिए कुछ मजदूर थे तो उन्हें ही बुलाया इसे बाहर निकलने के लिए। हमारी झाडू वाली को ये डर था कि अगर इसे छोड़ दिया गया तो या तो ये या फिर( इसके माँ-बाप )कोई बड़ा सांप आकर उसे काट लेगा क्यूंकि उसकी झाडू इस बच्चे को लग गयी थी और सांप कभी भी उसे घायल करने वाले को नही छोड़ता है।क्यूंकि सांप की आँख मे उसकी फोटो आ गयी होगी।ऐसा उसका कहना था। वैसे हम लोग बचपन से (गाँव मे ) भी ऐसा ही कुछ सुनते आ रहे है कि अगर सांप को मारो तो उसकी आँख को जरुर फोड़ देना चाहिऐ नही तो मारने वाले की तस्वीर सांप की आँख मे रह जाती है और फिर सांप बदला लेने जरुर आता है। अब इसमे कितनी सच्चाई है पता नही। वैसे फिल्मों मे तो ऐसा खूब दिखाते है। आपका क्या कहना है ? क्या वाकई मे ऐसा होता है ? क्या सांपों की आंखें होती हैं?इसकी आँखों में पलकें नहीं होती, ये हमेशा खुली रहती हैं। साँप विषैले तथा विषहीन दोनों प्रकार के होते हैं। इसके ऊपरी और निचले जबड़े की हड्डियाँ इस प्रकार की सन्धि बनाती है जिसके कारण इसका मुँह बड़े आकार में खुलता है।
सांपों का राजा कौन सा है?नागों के राजा
वासुकि नाग को सभी नागों का राजा माना जाता है। वासुकि को भगवान शिव का परम भक्त माना जाता है। यही कारण है कि भगवान शिव उन्हें अपने शरीर पर धारण किए रहते हैं।
सांप कितना दूरी तक देख सकता है?- कोबरा सांप करीब 20 फीट दूरी तक देख सकता है, लेकिन वह अपनी जीभ से आसपास की स्थिति को भाप लेते है, इसलिए सांप अपनी जीभ लपलपाते हैं।
सांप और नाग में क्या अंतर होता है?उल्लेखनीय है कि नाग और सर्प में फर्क है। सभी नाग कद्रू के पुत्र थे जबकि सर्प क्रोधवशा के। कश्यप की क्रोधवशा नामक रानी ने सांप या सर्प, बिच्छु आदि विषैले जन्तु पैदा किए।
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