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खबर की भाषा और शीर्षक से आप संतुष्ट हैं? खबर के प्रस्तुतिकरण से आप संतुष्ट हैं? खबर में और अधिक सुधार की आवश्यकता है? 5 जनवरी 2021 को कलकत्ता उच्च न्यायालय में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का पद भार संभाला. इसके बाद 29 अप्रैल 2021 को कोलकाता हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश बनाए गए.इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) के मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस राजेश बिंदल (Justice Rajesh Bindal) ने सोमवार को उत्तर प्रदेश राजभवन (Raj Bhavan Lucknow) में पद और गोपनीयता की शपथ ली. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) ने जस्टिस राजेश बिंदल को शपथ दिलाई है. इस अवसर पर राजभवन के गांधी हाल में सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे. सीएम ने मुख्य न्यायाधीश को बधाई दी है. इस दौरान मंत्रिमंडल के सहयोगी तथा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे. कलकत्ता हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल को इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है. यह नियुक्ति राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने की है. इस आशय की अधिसूचना भारत सरकार के अपर सचिव राजिंदर कश्यप ने जारी की है. इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने जस्टिस राजेश बिंदलसतलज यमुना विवाद में बनी इडी ट्रिब्यूनल में रख चुके हैं हरियाणा सरकार का पक्षमुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल का जन्म 16 अप्रैल 1961 को हरियाणा के अंबाला में हुआ था. कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से विधि स्नातक करने के बाद सितंबर 1985 से उन्होंने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में विधि कार्य शुरू किया. वकालत करने के दौरान वो हरियाणा राज्य की ओर से सतलज यमुना विवाद में बनी इडी ट्रिब्यूनल में हरियाणा सरकार के पक्षकार थे. इसके साथ ही प्रोविडेंट फंड, आयकर विभाग और अन्य महत्वपूर्ण विभागों की तरफ से हाईकोर्ट में सरकार का पक्ष रखते थे. लद्दाख और जम्मू कश्मीर के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के भी पद पर रहेउन्होंने 22 मार्च 2006 को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में जज के रूप में शपथ ली. यहां से ट्रांसफर होने के पहले उन्होंने लगभग 80000 वादों का निस्तारण किया था. पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट से स्थानांतरित होकर जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बने. इसके बाद लद्दाख और जम्मू कश्मीर के एक साथ कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के पद पर थे. जम्मू कश्मीर से स्थानांतरण के बाद उन्होंने 5 जनवरी 2021 को कलकत्ता उच्च न्यायालय में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का पद भार संभाला. इसके बाद 29 अप्रैल 2021 को कोलकाता हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश बनाए गए. इलाहाबाद हाई कोर्ट में अभी तक कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का काम जस्टिस एमएन भंडारी देख रहे थे. ये भी पढ़ें- Lakhimpur Kheri Violence: किसानों के रेल रोको आंदोलन से पहले पुलिस कर्मियों की छुट्टियां रद्द, 20 IPS अफसरों को सौंपी 13 जिलों की जिम्मेदारी ये भी पढ़ें- Uttar Pradesh Election 2022 : अखिलेश यादव 5 जिलों में करेंगे विजय यात्रा, पार्टी के कार्यकर्ताओं को आदेश; जिलों के कार्यकर्ता ही होंगे रथयात्रा में शामिल न्यायमूर्ति बिंदल ने मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण से मुआवाजा पाने के लिए व्यक्ति के मुकदमा लड़ने को याद करते हुए कहा कि जब उसे मुआवजा देने का आदेश दिया गया, तब उसने अदालत से यह रकम अपने (अदालत के) पास ही रख लेने को कह दिया था. (सांकेतिक फोटो) लखनऊ, जेएनएन। जस्टिस राजेश बिंदल ने सोमवार को उत्तर प्रदेश राजभवन में इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पद तथा गोपनीयता की शपथ ली। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उनको पद तथा गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर राजभवन के गांधी हाल में सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुख्य न्यायाधीश को भी बधाई दी। इलाहाबाद हाई कोर्ट के नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश राजेश बिन्दल को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने लखनऊ के राजभवन के गांधी सभागार में शपथ दिलाई। इस मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनको बधाई भी दी। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल दिन में 11 बजे उनको राजभवन में शपथ दिलाई। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक, मुख्य सचिव आरके तिवारी, राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता, प्रमुख सचिव न्याय, मुख्य न्यायाधीश महोदय के परिवार के सदस्य तथा उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीशगण, रजिस्ट्रार तथा वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री के मंत्रिमंडल के सहयोगी तथा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे। UP Politics- सरकारी एजेंसियों पर है भाजपा का कब्जा: अखिलेश यादव; झांसी जेल में बंद पूर्व विधायक से की मुलाकात यह भी पढ़ेंकलकत्ता हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल को इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने की है। इस आशय की अधिसूचना भारत सरकार के अपर सचिव राजिंदर कश्यप ने जारी की है। मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल का जन्म 16 अप्रैल 1961 को हरियाणा के अंबाला में हुआ था। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से विधि स्नातक करने के बाद सितंबर 1985 से वे पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट में विधि कार्य शुरू किया। वकालत करने के दौरान वे हरियाणा राज्य की ओर से सतलज यमुना विवाद में बनी इडी ट्रिब्यूनल में हरियाणा सरकार के पक्षकार थे। इसके साथ ही प्रोविडेंट फंड, आयकर विभाग व अन्य महत्वपूर्ण विभागों की तरफ से हाईकोर्ट में सरकार का पक्ष रखते थे। दादी ने 100 रुपये नहीं दिए तो पोते ने काटकर कर दी हत्या यह भी पढ़ेंउन्होंने 22 मार्च 2006 को पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट में जज के रूप में शपथ ली। यहां से स्थानांतरण होने के पहले उन्होंने लगभग 80000 वादों का निस्तारण किया था। पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट से स्थानांतरित होकर जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बने। इसके बाद लद्दाख व जम्मू कश्मीर के एक साथ कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के पद पर थे। जम्मू कश्मीर से स्थानांतरण के बाद उन्होंने पांच जनवरी 2021 को कलकत्ता उच्च न्यायालय में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का पद भार संभाला। इसके बाद 29 अप्रैल 2021 को कोलकाता हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश बनाए गए। इलाहाबाद हाई कोर्ट में अभी तक कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का काम जस्टिस एमएन भंडारी देख रहे थे। वर्तमान में उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश कौन है?इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का उच्च न्यायालय है।
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. भारत के मुख्य न्यायाधीश कौन है 2022?न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ को 9 नवंबर, 2022 से भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया है." किरेन रिजिजू ने 9 नवंबर को औपचारिक शपथ ग्रहण समारोह के लिए न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ को अपनी शुभकामनाएं दी.
यूपी के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति कौन करता है?संविधान का अनुच्छेद 217: यह कहता है कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI), राज्य के राज्यपाल के परामर्श से की जाएगी। मुख्य न्यायाधीश के अलावा किसी अन्य न्यायाधीश की नियुक्ति के मामले में उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श किया जाता है।
उच्च न्यायालय का मुखिया कौन होता है?सही उत्तर राष्ट्रपति है। उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। न्यायाधीशों की नियुक्ति करते समय, राष्ट्रपति भारत के मुख्य न्यायाधीश और संबंधित राज्य के राज्यपाल से परामर्श करता है।
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