परंपरा रही है कि सत्तारूढ़ दल के किसी अनुभवी विधायक को विधानसभा के अध्यक्ष (स्पीकर) और जानकार विधान पार्षद को विधान परिषद के सभापति (चेयरमैन) पद की जिम्मेवारी सौंपी जाती है। इन पर विधानमंडल के दोनों सदनों की कार्यवाही के संचालन की जिम्मेदारी होती है। जन प्रतिनिधियों, सत्तापक्ष और विपक्ष की निगाहें भी उन पर टिकी होती हैं। Show ऐसे एक दर्जन से अधिक वरिष्ठ विधायक विधानसभा का अध्यक्ष व तीन दर्जन विधान पार्षद अब तक सभापति बन चुके हैं। वैसे तो दोनों पद काफी प्रतिष्ठा के होते हैं, लेकिन अधिकतर मामलों में ऐसा देखा गया है कि इन पदों पर काबिज होने के बाद नेताओं की राजनीतिक पारी सिमट जाती है। पद से हटने के बाद उनके राजनीतिक कैरियर पर असर पड़ा। उनका सक्रिय राजनीति से नाता खत्म हो गया और जनता एवं दलों में उनकी हैसियत एक आदर्श नेता या मार्गदर्शक की रह गई। पद से हटने पर नेपथ्य में चले गए कई नेता कौन कब से कब तक रहे विधानसभा अध्यक्ष नाम कार्यकाल सभापतियों की सूची
बिहार का प्रथम विधानसभा अध्यक्ष कौन था?सभापतियों की सूची. बिहार विधानसभा की पहली महिला अध्यक्ष कौन थी?राबड़ी देवी (जन्म: 1956 गोपालगंज) स्वतन्त्र भारत में बिहार प्रान्त की पहली महिला मुख्यमंत्री थीं। राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी 25 जुलाई 1997 को बिहार की मुख्यमन्त्री उस समय बनीं जब बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में उनके पति को जेल जाना पड़ा था।
बिहार विधानसभा के सभापति कौन थे?राम दयालू सिंह बिहार विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में चुने गए थे।
बिहार विधान सभा की पहली बैठक कब हुई?एवं 19 सदस्य उप राज्यपाल द्वारा मनोनीत थे। यही परिषद्, सदस्यों के संख्या बल में अनेक परिवर्तनों के बाद आज बिहार विधान सभा के रूप में विद्यमान है। इस विधायी परिषद् की पहली बैठक 20 जनवरी, 1913 को पटना में हुई। भारत सरकार अधिनियम, 1919 के द्वारा भारत में नये शासन पद्धति की शुरूआत हुई।
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