क्या पुरुष तलाक ले सकता है - kya purush talaak le sakata hai

पुरुष तलाक कैसे ले? पुरुषों के लिए तलाक का कानून, केवल पुरुष ही पढ़े।

पुरुष तलाक कैसे ले ( Purush Talak Kaise Le ) - Hello दोस्तों कैसे हैं आप सब, मैं आशा करता हूँ की आप सब अच्छे होंगे, दोस्तों आज का यह लेख पुरुष तलाक कैसे ले?, पूरी तरह से इस विषय पर आधारित हैं, 

यह लेख केवल और केवल पुरुषो के लिए हैं अगर आप एक पुरुष हैं यानि पति हैं और आप तलाक लेना चाहते हैं. लेकिन आपकी पत्नी आपको तलाक देने से इंकार कर रही हैं।

या फिर आपकी पत्नी अपने मायके जाकर बैठे गई हैं, और महीनो गुजर गए पत्नी को मायके गए लेकिन वो आने का नाम नही ले रही हैं, ऐसे में जब आप पत्नी से तलाक लेने की बात करते हैं तो पत्नी आपको झूठे केस में फसा देने की धमकी देती हैं।

क्या पुरुष तलाक ले सकता है - kya purush talaak le sakata hai
पुरुष तलाक कैसे ले? पुरुषों के लिए तलाक का कानून

तो ऐसे में आपको क्या करना चाहिए और ऐसे कौन से क़ानूनी कदम उठाने चाहिए जिससे की तलाक लिया जा सके, तो अगर आप भी एक पुरुष / पति हैं और जानना चाहते हैं की एक पुरुष यानि एक पति कैसे अपनी पत्नी से तलाक ले सकता हैं।

तो बने रहिए इस पोस्ट के अंत तक क्योकि हम आपको इस पोस्ट में पुरुष तलाक कैसे ले सकते हैं और पुरुषो के लिए तलाक के क्या नियम और कानून हैं इसकी जानकारी मात्र ही नही देंगे बल्कि हम आपको एक ऐसा सरला रास्ता बताएँगे जिससे की बिना किसी परेशानी के, बिना पैसे खर्चे के, बिना किसी तामझाम के, और बिना कोई मुकदमा किये आप आसानी से तलाक ले पाएंगे।

दोस्तों मैं एक बात फिर से कहना चाहूँगा की यह लेख केवल और लेवल पुरुषो के हित और उनके बचाव के लिए लिखा गया हैं, क्योकि हमारे भारत देश में ज्यादातर सभी कानून महिलाओ के समर्थन में हैं।

इसलिए यह लेख खास पति यानि पुरुषो के लिए ही लिखा गया हैं, साथ ही अगर आप महिला हैं तो भी यह लेख आपके काम का हैं क्योकि इसमें जो तलाक लेने के तरीको के बारे में बता गया हैं।

वह तरीका ना के केवल पुरुषो पर लागु होता हैं बल्कि इस नियम से महिलाये भी आसानी से बीना किसी परेशानी का सामना किये बगेर ही अपने पति से तलाक ले सकती हैं।

लेकिन जैसे की मैंने सुरु में ही यह बात स्पष्ट कर दिया हैं की यह लेख पुरुषो के हित यानि पति के फेवर में लिखा गया हैं।

दोस्तों इससे पहले की मैं आपको तलाक लेने के नियम के बारे मैं बतलाऊ, उससे पहले मैं आपको अपना परिचय देना चाहूँगा, दोस्तों मैं Adv.Dr.Jay Ram Dayal Upadhyay एक क़ानूनी विशेषग्य और एक समाज सेवी हूँ, मुझे वकालत में 16 सालो का अनुभव रहा हैं।

और इसी के आधार पर मैं MandarTimes की एक टीम का हिस्सा भी हूँ जहाँ पर मैं समय समय पर कानून से जुड़े हर एक पहलुओ को और कानून से जुडी सभी प्रकार की समस्या के निवारण हेतु इससे जुडी महत्वपूर्ण और जानकारीपूर्ण लेख भी साझा करता रहता हूँ।

दोस्तों मैं यहाँ पर कोई भी फालतू की बाते आपके साथ नही करूँगा और न ही तलाक को लेकर कोई गलत जानकारी दूंगा जिससे की आप और भी ज्यादा परेशानी में पड़ जाए, तो आइये जानते हैं की पुरुष के लिए तलाक लेने के कौन कौन से कानून हैं।

दोस्तों अगर बात की जाये की अगर कोई पुरुष यानि कोई पति अपने पत्नी से तलाक लेना चाहता हैं लेकिन उसकी पत्नी तलाक देने से सक्त मना कर देती हैं और उल्टा पुरुष को झूठे केस में फसा देने की धमकी देती हैं।

तो ऐसे में पुरुष को ऐसा क्या करना चाहिए जिससे की महिला को ना चाहते हुए भी जबरदस्ती अपने पति को तलाक देना पड़े। साथियों अगर आप YouTube पर या फिर Google पर पति तलाक कैसे ले 

इसकेनियमो के बारे में बढ़ेंगे या विडियो देखेंगे तो वहां पर आपको ऐसा दिखाया या बताया जाता हैं जिससे की ऐसा लगता हैं की तलाक लेना तो बस एक खेल हैं, लेकिन जब लोग उस विडियो में बताये गए तरीको के आधार पर चलते हैं।

या फिर जैसे की विडियो में बता गया होता हैं की अगर पत्नी तलाक देने से मना कर रही हैं तो पत्नी फ़ौरन ये केस कर दे पत्नी तलाक देने पर मजबूर हो जाएगी, तो जो लोग इस प्रकार की विडियो देखा करके अपने पत्नी के ऊपर तलाक ना देने पर उसपर कोई केस फाइल करते हैं।

तो ऐसे में उल्टा पति ही बुरी तरीके से फस जाता हैं, जिसके बाद पति को ना तो तलाक मिल पता है और ना ही कोई कानून या कोर्ट उनके फेवर में होती हैं, ऐसे में पति का जीवन नरक के समान हो जाता हैं।

लेकिन दोस्तों इसका मतलब यह बिलकुल भी नही हैं की YouTube पर जो विडियो में बताया जाता हैं वह जानकारी गलत होती हैं. YouTube पर जो भी विडियो अभी तक बनी हैं तलाक लेने के ऊपर, उन सभी विडियो में जो कुछ भी जानकारी दी गई हैं।

उसका प्रावधान कानून में भी हैं लेकिन जब बात आती हैं की पुरुष तलाक कैसे ले सकते हैं?, तो ऐसे में YouTube पर ज्यादतर विडियो में केवल और केवल हवा हवाई बाते ही की गई होती हैं जैसे की पति अपने पत्नी पर फलाना केस करे दे तो पति को तलाक मिल जायेगा, या फिर एक दिन में तलाक कैसे ले इत्यादि।

दोस्तों मैं आपको यहाँ पर बताना चाहूँगा की ये सभी हवा हवाई बाते केवल और केवल सुनने में ही अच्छा लगता हैं, और ये सारे कानून तो वैसे महिला और पुरुष दोनों के लिए ही कहने को एक सामान हैं लेकिन असल में ये सारे कानून महिलाओ के सपोर्ट में होता हैं।

लेकिन जब बात आती हैं की पुरुष तलाक कैसे ले सकते हैं तो ऐसे में कानून का समर्थन पुरुषो को न मात्र के बराबर ही मिल पता हैं, इसलिए अगर आप अपनी पत्नी से तलाक लेना चाहते हैं तो ऐसे में मैं आपकी इसमें पूरी मदद करूँगा।

और साथ ही मैं आपको बताऊंगा ही नही बल्कि प्रैक्टिकली तलाक कैसे लेते हैं और ऐसा कौन सा तरीका हैं जिसकी मदद से आप अपनी पत्नी से तलाक ले सकते हैं इसके बारे में भी आगे बताया गया हैं।

दोस्तों मैं पेशे से एक वकील हूँ और मुझे वकालत करते करते 16 वर्ष बीत चुके हैं जिसके दौरान मैंने कई ऐसे मामलो को देखा हैं जिसमे की पत्नी अपने पति को तलाक देना ही नही चाहती हैं और पत्नी महीनो व सालो से अपने अपने पति को छोड़कर अपने मायके या कही और रह रही होती हैं।

ऐसे में जब पति अपनी पत्नी से घर आने की बात करता हैं या पति अपनी पत्नी से तलाक लेने की बात करता हैं तो ऐसे मे पत्नी तलाक देने से साफ साफ इंकार कर देती हैं और ना ही पति के साथ रहना चाहती हैं, ऊपर से पति को पत्नी के मायके की ओर से यह धमकी भी दी जाती हैं की।

वह अपनी पत्नी के सारे खर्चे उठाये, नही तो उसे झूठे केस में फसा दिया जायेगा, अब ऐसे में पति परेशान हो जाता हैं और बिना किसी जानकारी के अननफ़नन में किसी के कहने पर पति अपनी पत्नी पर हिन्दू विवाह की धारा 9 का केस दर्ज करवा देता हैं।

और जब पत्नी को कोर्ट द्वारा यह नोटिस आता हैं जिसमे की कोर्ट यह जानने की कोइसिस कर रही होती हैं की पति के साथ पत्नी क्यों नही रह रही हैं, तो ऐसे में पत्नी की ओर से जबाबी करिवाई करते हुए पत्नी और उसके मायके वाले पति पर झूठे केस जैसे - घरेलु हिंसा का केस, या दहेज का केस इत्यादि जैसे झूठे केस में फसा देती हैं।

तो अब ऐसे में पति न तो घर का रहता हैं और नही ही घाट का, क्योकि पत्नी की और से किया गया जबाबी करवाई काफी जोखिम भर होता हैं, और क्योकि हमारा भारतीय कानून महिलो के पक्षपात में हमेसा से ही होता हैं।

जिससे की पत्नी जब अपने मायके के इलाके वाले छेत्र में यानि कोर्ट में पति पर झूठा केस दर्ज करवा देती हैं तो ऐसे में फिर पति को पत्नी के मायके वाले छेत्र में जो भी कोर्ट पड़ता हैं, ओ पति को उस कोर्ट में कोर्ट के तारिक पर कोर्ट के समक्ष समय समय पर पेश होना होता हैं।

ऐसे में परेशानी तब पढ़ जाती हैं जब पत्नी का मायके पति के घर से काफी दुरी पर हो या किसी अलग जिले में पत्नी का मायके हो, क्योकि जैसे ही पत्नी को यह पता चलागे की पति ने उसके ऊपर धारा 9 का केस किया हैं तो ऐसे में पत्नी अपने मायके वाले छेत्र में जो कोर्ट होगा वहां पर पति के खिलाफ केस फाइल करेगी।

और फिर पति को अपने बचाव के लिए एक वकील करना होता हैं, फिर बेफजूल के पैसे खर्च होते हैं आने जाने में, इत्यादि इन सब चीजों से एक पति को गुजरना पड़ता हैं।

और अंत में होता यही हैं की पति अपनी बात कोर्ट में ढंग से नही रख पता हैं और कोर्ट को भी यही लगता हैं की इसमें सारा दोष पुरुषो का ही हैं जिसकी वजह से कोर्ट अपना फैसला महिला के हक़ में सुनती हैं जिसके कारण पति केस हार जाता है।

और फिर पति को अपनी पत्नी के सारे खर्चे उठाने पड़ते हैं, और फिर पत्नी जब चाहती हैं जैसे चाहती हैं अपने पति के साथ अन्याय करती हैं, और यहाँ तक की पत्नी अपने पति को छोड़ करके किसी दुसरे मर्द के साथ शाररिक समंध बनाती हैं।

और जब पति अपनी पत्नी के खिलाफ कोर्ट में यह आरोप लगाते हुए केस करता हैं की पत्नी ने किसी दुसरे मर्द के साथ शाररिक समंध में हैं, तो ऐसे में कोर्ट उनके द्वारा किये गए केस पर कोई खास रिएक्शन नही करती हैं, और उल्टा पति को ही जेल की हवा खानी पड़ती हैं।

क्योकि यहाँ पर माननीया न्यायालय के नज़र में पति दोषी होती है, क्योकि पति केस हार चूका होता हैं इसलिए इसमें कोर्ट को भी यही लगता हैं की ये सारे आरोप पति ने अपनी पत्नी पर जान भुज करके लगाये हैं, जिससे होता यह हैं की कोर्ट उस निर्दोष पति को जेल भेज देती हैं।

दोस्तों ये सारी बाते जो मैंने आपको बताई हैं ये सारी बाते सच हैं, और मेरे एक दो नही बल्कि ऐसे दर्जनों कई क्लाइंट रहे हैं जिनको उनकी पत्नी ने इसी प्रकार से झूठे केस में फसाया था।

लेकिन समय रहते उनकी मुलाकात हमसे हुई और फिर मैंने उनको अपनी पत्नी से छुटकारा कैसे पाए. यानि अपनी पत्नी से तलाक कैसे ले इसकी पूरी जानकारी दी, और उन क्लाइंट में से कईयों का तलाक हो चूका हैं।

और जिन पुरुषो का तलाक अभी नही हुआ हैं तो उन्हें बस कुछ ही महीनो के बाद उन्हें कोर्ट तलाक की डिग्री ग्रैंड कर देगी, तो आइये अब हम आपको बताते हैं की आप कैसे अपनी पत्नी से तलाक ले सकते हैं वो भी बिना किसी लागलपेट के।

पुरुष तलाक कैसे ले?

Purush Talak Kaise Le - दोस्तों अगर आप एक पुरुष हैं और अपनी पत्नी से किसी कारण से तलाक लेना चाहते हैं तो ऐसे में आपके पास दो रस्ते हैं जिसके बदोलत आप अपनी पत्नी से छुटकारा पा सकते हैं यानि तलाक ले सकते हैं।

दोस्तों पहला और सबसे आसन रास्ता तलाक लेना का यही है की आप आपसी सहमति के साथ तलाक ले सकते हैं, दोस्तों आपसी सहमति से लिया गया तलाक सबसे आसन और जल्दी मिलने वाला तलाक होता हैं, आपसी सहमति से लिया गया तलाक महज 6 महीनो में ही मिल जाती है।

ऐसे में अगर आपकी पत्नी आपसी सहमति से तलाक लेने को राजी नही हो रही हैं तो ऐसे में आपको अपने पत्नी को तलाक के लिए कैसे भी करके मनाना होगा जिससे की पत्नी तलाक देने के लिए राजी हो जाये।

लेकिन दोस्तों अगर आपके लाख कहने पर और लाख मनाने पर भी पत्नी आपको तलाक नही दे रही हैं तो ऐसे में अब आपको क्या करना चाहिए, और ऐसे कौन कौन से क़ानूनी तरीके हैं जिसकी मदद से आप आसानी से अपनी पत्नी से तलाक ले सकते हैं. तो आइये हम जानते हैं।

दोस्तों सबसे पहेल की अगर आपकी पत्नी मायके जाकर बैठ गई हैं और वो आपके पास आना नही चाहती हैं और न ही आपको तलाक देना चाहती हैं यानि पत्नी का पूरा इरादा यही हैं की ना तो तलाक दूंगी और ना ही साथ रहूंगी. तो अब आपको क्या करना हैं आइये हम आपको बताते हैं।

तो दोस्तों ऐसे में आपको अपनी पत्नी को किसी भी प्रकार से उकसाना नही हैं और ना ही अपने पत्नी पर किसी प्रकार से कोई क़ानूनी कार्यवाई करनी हैं जिससे इ पत्नी बोखलाकर आपके ऊपर केस कर दे।

इसलिए अगर पत्नी मायके गई हैं और महीनो बीत गए हैं और अब साल बीतने को हैं तो ऐसे में आपको अपनी ओर से कोई भी एक्शन नही लेना हैं, फिर चाहे वह धारा 9 हो या कोई भी क़ानूनी धारा हो आपको इन सब चीजों से बस बचना हैं।

आपको बस शांति से अपने घर में रहना हैं, अब आप भी सोच रहे होंगे की भला ये क्या बात हुई, इससे कैसे न्याय मिलेगा और कैसे तलाक मिलेगा, तो अगर आप ऐसा सोच रहे हैं तो हम आपको आगे बताएँगे की आपके ऐसा करने से आप कैसे आसानी से तलाक ले सकते हैं।

दोस्तों जैसे की मैंने बताया की अगर पत्नी अपने मायके जाकर रह रही हैं और आने का नाम नही ले रही हैं तो चिंता की कोई बात नही, ऐसे में आपकी पत्नी अपने मायके में जबतक रहती हैं आप उसे रहने दीजिये।

और साथ ही यह भी नज़र बनाये रखिये की आपकी पत्नी क्या क्या करती हैं, दोस्तों ऐसा करते करते समय बीतता जायेगा, जैसे की पहले एक महीने बीतेंगे फिर साल बीतेंगे, फिर दो से तीन साल बीत जायेंगे।

तो अगर दोस्तों पत्नी को अपने मायके गए दो से तीन साल बीत जाता हैं तो दोस्तों यह केस आपके फेवर में आ जायेगा, अब आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा की आखिर पत्नी अगर साल भर अपने मायके जाकर रहती हैं।

तो इससे केस मेरे फेवर में कैसे चले आएगा, तो हम आपको बता दे की जब पत्नी अपने ससुराल को छोड़ करके व अपने पति को छोड़ करके दो साल या फिर इससे ज्यादा अपने ससुराल में ही रह जाती हैं, तो पति यानि पुरुष इसके आधार पर Desertion नाम के तलाक के आधार पर।

कोर्ट में तलाक की याचिका लगा सकते हैं, दोस्तों Desertion तलाक लेने का सबसे आसान आधार हैं जिसके आधार पर पति अपनी पत्नी के खिलाफ Desertion तलाक के आधार को कोर्ट में पेश करता हैं जिससे की पति को तलाक मिल ही जाते हैं।

दोस्तों वैसे तो तलाक लेने के एक दो नही बल्कि दस से भी ज्यादा आधार हैं हिन्दू विवाह अधिनियम कानून में लेकिन इसमें ज्यादातर आधार महिलाओ के पक्ष में हैं, लेकिन इसमें से महज कुछ ही ऐसे आधार हैं जिसके बदोलत पुरुष तलाक ले सकता हैं।

और इन आधारों में से एक आधार का नाम Desertion हैं, दोस्तों Desertion का मतलब पति या पत्नी का परित्याग होता हैं, दोस्तों तलाक के इस आधार को कोर्ट में तभी पेश किया जाता हैं जब पति या पत्नी लंबे समय से एक दुसरे के साथ नही होते हैं तब।

तो दोस्तों जब दो वर्ष पुरे हो जायेंगे तो ऐसे में कानून पूरी तरह से आपके तरफ होगा, यानि आपके फेवर में होगा आइये जानते हैं कैसे?।

पहला फायदा तो यह होगा की जब आप दो वर्षो के बाद कोर्ट में Desertion नमक के तलाक के आधार को बनाकर कोर्ट में दाखिल करते हैं तो ऐसे में कोर्ट आपको आसानी से तलाक दे देती है।

दूसरी ओर जब दो साल बाद जैसे लम्बी अवधि बीत जाती हैं, और आपकी पत्नी अभी तक मायके में ही रह रही हैं या फिर कही ओर रह रही हैं और ऐसे करते करते दो बर्ष से भी ज्यादा का समय हो गया हैं।

तो उसके बाद अगर आपकी पत्नी आपके ऊपर कोर्ट में कोई केस फाइल करना चाहती हैं या कर देती हैं या फिर आपके प्रोपर्टी से आधा हिस्सा मांगती हैं या फिर आपसे अपना मेंटेंस का खर्चा मांगती हैं।

तो ऐसे में आपके पत्नी के लिए फिर यह बहुत ही मुस्किल हो जाता हैं की कोर्ट उनकी केस को एक्सेप्ट कर ले, क्योकि दोस्तों जब दो साल अलग रहने के बाद पत्नी आपके ऊपर कोई केस फाइल करेंगी, टी ऐसे में उनका केस यहाँ पर कोर्ट के नज़र में बहुत ही कमजोर पड़ जाता हैं।

अब मान लीजिये की कोई पत्नी अपने पति से दो साल या इससे ज्यादा वर्सो या महीनो से अपने मायके या कही और किसी के साथ अलग रह रही हैं, और फिर दो साल के बाद अचानक से पत्नी कोर्ट में अपने पति के ऊपर धारा 498A का केस करने जा रही हैं।

तो ऐसे में जैसे ही महिला कोर्ट में केस फाइल करेगी, तो उसके बाद कोर्ट के ओर से पत्नी को नोटिस भेजकर यह पूछा जायेगा की आप दो वर्सो तक कहाँ थे, तो ऐसे में पत्नी इसका जबाब दे ही नही पति हैं, और अगर वह कोई झूठे बात कोर्ट के समक्ष पेश करती हैं।

तो फिर ऐसे में कोर्ट पत्नी से उसके बताये गए कारणों पर सबूत की मांग करेगा, और जिससे की पत्नी के पास सबूत न होने के कारन कोर्ट केवल तीन ही नोटिस भेजेगा और, इस बीच अगर महिला कोर्ट के द्वारा आये गए नोटिस को इग्नोर कर देती हैं।

या फिर अगर कोई पुक्ता प्रमाण कोर्ट को नही दे पति हैं की वे इस दो वर्षो तक कहाँ थी, तो ऐसे में कोर्ट पति को आसानी से बीना किसी देरी के पति को तलाक की डिग्री ग्रेंड कर देती हैं।

दोस्तों कई बार ऐसा भी होता हैं की जब पत्नी अपने पति व अपने ससुराल से काफी लंबे वर्षो तक अलग कही जाकर के रहती हैं और फिर अचानक से आकर वह अपने पति पर कोई भी केस दर्ज कराती हैं, तो ऐसे में कई बार कोर्ट द्वारा उनके अप्लिकेशन को ही रिजेक्ट कर दिया जाता हैं।

तो दोस्तों देखा न आपने की अगर आप महज कुछ दो वर्ष ही रुक जाते हैं तो कैसे आप बिना किसी परेशानी से तलाक ले सकते हैं, लेकिन दोस्तों आपको यहाँ पर आपको अपने पत्नी को बस केवल और केवल मनाते रहना हैं कभी फोन करके या किसी और भी तरीके से की वह वापस आ जाये।

लेकिन आपको अपनी ओर से कोई ऐसा कदम नही उठाना हैं जिससे की आपके और आपके पत्नी के बीच झगडा बड़े जिससे की पत्नी आपके ऊपर ये सारी केस दर्ज कर दे।

इसलिए अगर आप एक पुरुष हैं तो बस आपको कुछ ही वर्षो तक इंतजार करना हैं फिर कानून आपके फेवर में होगा, इस बीच आपको ऐसा कोई भी काम नही करना हैं जिससे की आपकी पत्नी आपके खिलाफ कोई केस फाइल कर दे।

दोस्तों तलाक लेने का दूसरा भी एक अन्य आधार हैं जिसका नाम हैं Adultery, जिसका मालाब यह होता हैं की पति या पत्नी किसी दुसरे मर्द या ओरत के साथ समंध में रहती हैं यानि शररिक समंध में रहती हैं।

अगर आपको ऐसा लगता हैं की आपकी पत्नी किसी दुसरे मर्द के साथ शारीरिक समंध में हैं या बनाना चाहती हैं तो यह तलाक का आधार भी पुरुषो के सपोर्ट में आता हैं, 

बशर्ते इसमें शर्त यह होता हैं की आपको कोर्ट में केवल यह साबित करना होता हैं की आपकी पत्नी चरित्रहीन हैं और किसी दुसरे मर्द के साथ शारीरिक समंध में हैं।

निष्कर्ष -

तो दोस्तों मैं आशा करता हूँ की आपको या जानकारी मिल गई होगी की पुरुष तलाक कैसे ले?सकते हैं हैं और पुरुषो के लिए तलाक लेने के लिए कौन कौन से कानून हैं, तो दोस्तों अगर आपको यह लेख पसद आई हैं तो आप इस लेख को अपने उन दोस्तों या रिश्तेदारों के साथ शेयर करे।

जो तलाक को लेकर काफी सीरियस हैं और वे सच में तलाक लेना चाहते हैं. मैं आशा करता हूँ की आपको यह लेख पसद आया होगा, अगर आपको यह लेख पसद आया हैं तो आप हमें अपनी राय निचे कमेंट बॉक्स में जरुर दे,।

इसके आलावा अगर आपको तलाक से जुडी या फिर इस लेख से जुडा कोई प्रश्न इत्यादि पूछना चाहते हैं तो आप अपने प्रश्न को निचे कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछ सकते हैं। धन्यबाद

क्या पति अपनी पत्नी को तलाक दे सकता है?

आपको बता दे कि एक पति- पत्नी किसी कारण से तलाक ले सकते हैं। अगर बात करें मुख्य कारणों की तो उसमें संक्रामक रोग भी शामिल है। हिन्दू तलाक कानून के अनुसार अगर कोई पति/पत्नी किसी बड़ी बीमारी जैसे एड्स, सिफिलिस, गोनोरिया, कुष्ठ रोग आदि से ग्रसित है तो उसका पार्टनर उसे तलाक दे सकता है।

अगर पत्नी को तलाक देना हो तो क्या करना चाहिए?

आपसी सहमति से तलाक के नियम.
सबसे पहले न्यायालय में किसी वकील के माद्यम से आप एक याचिका दायर करे.
इस तलाक के याचिका में स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए कि आपसी सहमती से हम पति एंव पत्नी तलाक लेना चाहते है.
न्यायालय में याचिका दाखिल होने के बाद दोनों पक्ष के बयान सुने एंव दर्ज किया जाएगा.

पति पत्नी के झगड़े में कौन सी धारा लगती है?

- सीआरपीसी धारा 227: अगर पत्नी दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए आईपीसी धारा 498A के तहत झूठा केस करती है, तो पति सीआरपीसी की धारा 227 के तहत अपनी पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकता है कि उसकी पत्नी ने उसके खिलाफ झूठा केस किया है.

क्या कोई पुरुष भारत में कानूनी रूप से दो पत्नियों से शादी कर सकता है?

दूसरी पत्नी: दूसरी शादी की वैधता हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 5 के अनुसार, किसी व्यक्ति का किसी अन्य व्यक्ति से विवाह अवैध है यदि वह अभी भी किसी और से विवाहित है। इसका अर्थ यह है कि इस मामले में दूसरी पत्नी और पति के बीच दूसरी शादी अवैध है।