Haryana State Board HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 10 अपूर्व अनुभव Textbook Exercise Questions and Answers. पाठ से Class 7 Hindi
Chapter 10 Apoorv Anubhav HBSE प्रश्न 1. पहले तो वह चौकीदार की झोपड़ी से एक सीढ़ी लाई। उसे पेड़ के सहारे लगा दिया। पर यासुकी-चान के हाथ-पैर इतने कमजोर थे कि वह पहली सीढ़ी पर भी नहीं चढ़ पाया। फिर तोत्तो-चान चौकीदार की झोपड़ी
से एक तिपाई-सीढ़ी खींचकर लाई। बहुत प्रयास के बाद वह ऊपर तो पहुँच गया। फिर तोतो-चान ने उसकी पोलियोग्रस्त उँगलियों में अपनी उँगलियाँ फंसाकर ऊपर खींचा। इस प्रकार यासुकी-चान पेड़ की द्विशाखा तक पहुँचने में सफल हो सका। अपूर्व अनुभव पाठ के शब्दार्थ HBSE 7th Class प्रश्न
2. अपूर्व अनुभव के प्रश्न उत्तर Class 7 HBSE प्रश्न 3. अपूर्व अनुभव का सारांश HBSE 7th Class प्रश्न 4. पाठ से आगे Apoorv Anubhav Question Answer Class 7 HBSE प्रश्न 1. Class 7 Hindi Chapter 10 Apoorv Anubhav Question Answer प्रश्न 2. HBSE 7th Class Hindi अपूर्व अनुभव Important Questions and Answersअति लघुत्तरात्मक प्रश्न अपूर्व अनुभव पाठ
के प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class प्रश्न 1. अपूर्व अनुभव प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class प्रश्न 2. अपूर्व अनुभव के प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class प्रश्न 3. पाठ 10 अपूर्व अनुभव HBSE 7th Class प्रश्न 4. Apurv Anubhav Class 7 HBSE प्रश्न 5. अपूर्व अनुभव HBSE 7th Class प्रश्न 6. अपूर्व अनुभव शब्दार्थ HBSE 7th Class प्रश्न 7. लघुत्तरात्मक प्रश्न अपूर्व अनुभव पाठ का
सारांश HBSE 7th Class प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. अपूर्व अनुभव गद्यांशों पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न 1. बच्चे अपने ……………………….. जरूर डाँटते। अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न : बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए 1. बच्चे किसे अपनी सम्पत्ति मानते थे? 2. थासुकी-चान को क्या रोग था? 3. यासुकी-चान को किसके लिए आमंत्रित किया गया था? 2. यासुकी-चान ……………… क्या करे वह? अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न : बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए 1. यासुकी-चान का कौन-सा अंग कमजोर था? 2. पेड़ से नीचे कौन उतर आया? 3. यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाने का काम कैसा था? 3. यासुकी-चान ……………. रही थी। अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न : बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए 1. ‘यह उसकी
हार्दिक इच्छा थी’-किसकी? 2. उदास कौन था? 3. तोत्तो-चान को चौकीदार के छप्पर से क्या वस्तु मिली? 4. तिपाई की ऊपरी सीढ़ी कहाँ तक पहुँच गई? 4. काफी मेहनत …………. लड़ाते रहे। अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न : बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए 1. तोत्तो-चान ने यासुकी-चान का स्वागत कहाँ किया? 2. यासुकी-चान ने क्या पूछा? 3. यासुकी-चान ने
पेड़ पर क्या देखा? अपूर्व अनुभव Summary in Hindiअपूर्व अनुभव पाठ का सार इस कहानी में दो पात्र हैं-एक बालिका तोत्ता-चान और उससे एक साल बड़ा लड़का यासुकी-चान। यासुकी-चान को पोलियों था अतः वह किसी पेड़ पर नहीं चढ़ पाता था। सभागार में शिविर लगने के दो दिन बाद तोखे चान को एक साहसपूर्ण काम करने का दिन आया। उसने अपंग यासुकी-चान को अपने पेड़ पर चढ़ने का न्योता दिया। तोमोए में प्रत्येक बच्चा बाग के एक-एक पेड़ को अपने खुद के चढ़ने का पेड़ मानता था। तोत्ता-चान अक्सर खाने की छुट्टी के समय या स्कूल के बाद पेड़ के ऊपर चढ़ी मिलती थी। सभी बच्चे अपने-अपने पेड़ को निजी संपत्ति मानते थे। किसी दूसरे के पेड़ पर चढ़ने से पूर्व पूछना पड़ता था। यासुकी-चान पोलियोग्रस्त होने के कारण किसी पेड़ को अपना नहीं मान पाता था। घर से निकलते समय तोत्तो चान ने झूठ बोला था कि वह यासुकी-चान के घर डेनेनचोफु जा रही है पर उसने रॉकी को सच बता दिया था। जब तोत्तो-चान स्कूल पहुँची तो उसे यासुकी-चान मैदान में क्यारियों के पास मिला। जैसे ही यासुकी चान ने तोत्तो चान को देखा, वह पैर घसीटता हुआ उसकी ओर आया। तोत्ता-चान यासुकी-चान को अपने पेड़ की ओर ले गई। वह चौकीदार के छप्पर से एक सीढ़ी घसीट लाई और उसे तने के सहारे ऐसे लगा दिया, जिससे वह द्विशाखा तक पहुँच जाए। उसने सीढ़ी को पकड़ लिया और यासुकी-चान को ऊपर चढ़ने की कोशिश करने को कहा, पर उसके हाथ-पैर इतने कमजोर थे कि वह बिना सहारे के पहली सीढ़ी भी नहीं चढ़ पाया। वह सिर झुकाकर खड़ा हो गया। तोत्तो-चान कोई और उपाय सोचने लगी। वह चौकीदार के छप्पर से एक तिपाई-सीढ़ी खींच लाई। वह सीढ़ी द्विशाखा तक पहुँच रही थी। यासुकी-चान ने घबराकर तिपाई-सीढ़ी की ओर देखा। उसे पसीना आ रहा था। उसने निश्चय के साथ पाँव उठाकर पहली सीढ़ी पर रखा। तोत्तो-चान उसकी मदद कर रही थी। यासुको-चान पूरी शक्ति के साथ जूझ रहा था और आखिर वह ऊपर पहुँच गया, पर तभी सारी मेहनत बेकार होती लगने लगी। तोत्तो चान तो सीढ़ी पर से द्विशाखा पर छलांग लगाकर पहुँच गई, पर यासुकी-चान को सीढ़ी से पेड़ पर लाने की हर कोशिश बेकार रही। तोत्तो चान की रुलाई छूटने को थी, क्योंकि वह चाहती थी कि वह यासुकी-चान को अपने पेड़ पर आमंत्रित कर तमाम नई-नई चीजें दिखाए। तोत्तो चान ने यासुकी-चान की पोलियो से पिचकी और अकड़ी उँगलियों को अपने हाथ में थाम लिया और बोली-“तुम लेटे रहो, मैं तुम्हें पेड़ पर खींचने की कोशिश करती हूँ।” यह कहकर वह पूरी ताकत से यासुकी-चान को खींचने लगी। काफी मेहनत के बाद दोनों आमने-सामने पेड़ की द्विशाखा पर थे। तोत्तो ने सम्मान से सिर झुकाकर कहा-“मेरे पेड़ पर तुम्हारा स्वागत है।” यासुकी-चान ने मुस्कराते हुए पूछा-“क्या मैं अंदर आ सकता हूँ?” उस दिन यासुकी-घान ने दुनिया की एक ऐसी नई झलक देखी जैसी उसने पहले कभी नहीं देखी थी। वे दोनों गप्पें लड़ाते रहे। यासुकी-चान ने उमंग में भरकर बताया कि उसकी बहन अमेरिका में है। उसने एक चीज टेलीविजन के बारे में बताया है। वह कहती है कि इसमें वह सूमो-कुश्ती भी देख सकेगा।
तोत्तो-चान सोचती रही कि सूमो पहलवान किसी डिब्बे में कैसे अपूर्व अनुभव शब्दार्थ उदास = निराश, दु:खी होना (Sad)। छप्पर = झोंपड़ी के ऊपर घास-पूस की छत (Hut), तिपाई = तीन पाँवों/पैरों वाली (Stool)। धामे = पकड़े (Caught)। तरबतर = लथपथ, डूबे हुए (Drenched)। तमाम = समस्त, सारी (Total)। जोखिम = खतरा (Danger)। भरोसा = विश्वास (Belief) झिझकता हुआ = हिचक या संकोच के साथ धीरे-धीरे (Hesitated)। सम्मान से = आदर के साथ (With regard)। झलक = तस्वीर (Picture)। सूमों = (जापानी पहलवान जो कुश्ती लड़ते हैं उन्हें सूमों बोला जाता है।) (A wrestler)। ताकना = देखना (To see)। आमंत्रित = बुलाया हुआ (Invited) स्थिर = टिका हुआ (Stable)। संपत्ति = प्रापर्टी (Property)। हताशा = निराशा (Distress)। हैरान = आश्चर्यचकित (Surprised)। सभागार = बैठक करने का बड़ा कक्ष (Meeting Place)। शिविर = किसी निश्चित उद्देश्य से एकत्र होना (Camp)। द्विशाखा = दो शाखाएँ (Two wigs)। निजी = अपनी (Own)। सूना = खाली-खाली, सुनसान (Empty place)। उत्तेजित = जोश में आना (Excited)। भेद = अंतर (Difference)। यासुकी चान को पेड़ पर चढ़ाने के लिए तोतो चान ने अथक प्रयास क्यों?जापान के शहर तोमोए में प्रत्येक बच्चे का एक निजी पेड़ था लेकिन यासुकी-चान ने अपनी शारीरिक अपंगता के कारण किसी भी पेड़ को निजी नहीं बनाया था। उसके मन की पेड़ पर चढ़ने की इच्छा थी, जिसे पूरा करने के लिए तोत्तो-चांन ने उसे अपने पेड़ पर चढ़ाने का अथक प्रयास किया।
तोत्तो चान सीढ़ी कैसे लेकर आई थी?वह तिपाई-सीढ़ी को घसीटकर ले आई तो अपनी शक्ति पर हैरान होने लगी । तिपाई की ऊपरी सीढ़ी द्विशाखा तक पहुँच रही थी । सीढ़ी थामे तोत्तो–चान की ओर ताकने लगा । तोत्तो - चान की रुलाई छूटने को हुई।
यासुकी चान पहली सीढ़ी पर भी क्यों नहीं चढ़ सकता था?यासुकी-चान को पोलियो था, इसलिए वह किसी पेड़ पर नहीं चढ़ पाता था। यासुकी-चान के हाथ-पैर इतने कमज़ोर थे कि वह पहली सीढ़ी पर भी बिना सहारे के नहीं चढ़ पाता था।
यासुकी चान के लिए तोत्तो चान खतरा क्यों ले रही थी?Solution : यासुकी-चान के लिए तोत्तो-चान खतरा इसलिए उठा रही थी, क्योंकि वह उसे द्विशाखा का आनंद देना चाहती थी।
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