क्या कागज सच में लकड़ी से बनता है? - kya kaagaj sach mein lakadee se banata hai?

कागज पर हम जब चाहें जो चाहें वह लिख सकते हैं, जब हम सभी स्कूल जाया करते थें तो इन्ही कागजों से बने कापियों को खरीदते थे और उसपर लिखते थें, कागज का इस्तेमाल प्रिंट करने के लिए, अख़बार के लिए और कैर्री बैग जैसे अन्य कामों के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन क्या आप यह जानतें हैं की कागज कैसे बनता है (Kagaj Kaise Banta Hai) अगर नहीं जानतें तो आज आप इस आर्टिकल में जान जाओगे की पेपर कैसे बनता है (Paper Kaise Banta Hai).

Table of Contents

  • कागज कैसे बनता है? (Paper Kagaj Kaise Banta Hai)
  • कागज का इतिहास (History of Paper in Hindi)
  • कागज का इस्तेमाल कहाँ होता है? (Uses of Paper in Hindi)

कागज कैसे बनता है? (Paper Kagaj Kaise Banta Hai)

कागज (Kagaj) को बनाने के लिए मुख्य रूप से सेल्यूलोस (Cellulose) का इस्तेमाल किया जाता है जो की पेड़ के लकड़ियों में मौजूद रहता है, सेल्यूलोस चिपचिपा पदार्थ होता है जो की अक्सर पेड़ पौधों में पाया जाता है. सेल्यूलोस के रेसों को जोड़कर कागज की पतली परत का निर्माण किया जाता है.

क्या कागज सच में लकड़ी से बनता है? - kya kaagaj sach mein lakadee se banata hai?
क्या कागज सच में लकड़ी से बनता है? - kya kaagaj sach mein lakadee se banata hai?

वैसे तो रुई में शुद्ध रूप से सेल्यूलोस पाया जाता है जिससे की कागज (Paper) बनाया जा सकता है, लेकिन रुई का सेल्यूलोस काफी महँगा होता है इसीलिए इसका इस्तेमाल कपड़ों को बनाने के लिए किया जाता है. कागज की गुणवत्ता सेल्यूलोस के शुद्धता पर निर्भर करती है.

  • काँच कैसे बनता है?

हालांकि रेशम और ऊन में भी सेल्यूलोस पाया जाता है लेकिन इसके सेल्यूलोस में काफी ज्यादा अशुद्धत्ता रहती है इसलिए इनके सेल्यूलोस का इस्तेमाल कागज बनाने के लिए नहीं किया जाता है.

तो चलिए कागज के बनने की विधि को जान लेते हैं.

  • पेड़ का चयन : कागज (Paper) को बनाने के लिए सबसे पहले ऐसे पेड़ों का चयन किया जाता है जिसमे लकड़ी के रेशे की मात्रा काफी अधिक होती है.
  • टुकड़ों में अलग करना :  जब पेड़ का चयन हो जाता है उसके बाद उन पेड़ों को टुकड़ों में काटकर अलग कर दिया जाता है और फिर इन्हे फैक्ट्री में भेज दिया जाता है जहाँ इसके छिलके को साफ़ कर दिया जाता है. उसके बाद पेड़ के टुकड़ों को काफी छोटे छोटे टुकड़ों में काट दिया जाता है.
  • Digester चैम्बर : जब पेड़ के बड़े टुकड़ों को बारीक टुकड़ों में बदल दिया जाता है उसके बाद उन छोटे टुकड़ों में से लिग्निन को बाहर निकालने के लिए उसे कन्वेयर बेल्ट के जरिये Digester चैम्बर में भेज दिया जाता है जहाँ लकड़ी के टुकड़ों को Acidic Solution के साथ मिलाया जाता है, और बाद में इसमें से लिग्निन को अलग कर लिया जाता है. लिग्निन एक ऐसा पदार्थ है जो की लकड़ी को कठोर बनाता है. .
  • Bleaching : जब लकड़ी के टुकड़ों में से लिग्निन को निकाल लिया जाता है उसके बाद इसे पानी से धोया जाता है और बाद में Bleaching के जरिये इसे काफी नर्म बनाया जाता है. 
  • कैल्शियम कार्बोनेट का मिश्रण : जब लकड़ी के टुकड़ों का ब्लीचिंग हो जाता है उसके बाद इसे और भी सघन बनाने के लिए इसे कैल्शियम कार्बोनेट के साथ मिक्स किया जाता है.
  • पानी का मिश्रण : अब सघन लकड़ी के टुकड़ों को पतला बनाने के लिए इसमें पानी मिक्स किया जाता है और Pulp नामक मिश्रण बनकर तैयार हो जाता है, अब इस मिश्रण से कागज को बनाया जा सकता है.
  • पेपर मशीन : अब पानी से बने हुए पल्प को पेपर मशीन के अंदर से गुजारा जाता है जिसमे इसे कई सारी Phase से गुजारकर पेपर की लम्बी परत का निर्माण किया जाता है. पेपर की इन लम्बी परतों को बाद में छोटे छोटे टुकड़ों में काट दिया जाता है और इसी से ही कॉपी, मैगज़ीन और न्यूज़ पेपर का निर्माण किया जाता है.

ऊपर बताये गए विधि से ही कागज का निर्माण किया जाता है और अंत में इसका इस्तेमाल न्यूज़ पेपर, नोट बुक, टेक्स्ट बुक, मैगज़ीन, पैकिंग बैग जैसे कई चीज़ों को बनाने के लिए किया जाता है.

कागज का इतिहास (History of Paper in Hindi)

अगर बात करें कागज के इतिहास की तो सबसे पहले इसका इस्तेमाल चीन में किया गया था, सन 105 में चीन में रहने वाले व्यक्ति काई लुन (Cai Lun) ने पेपर का अविष्कार किया था. कागज के अविष्कार से पहले लेखनी के लिए बांस और रेशम का इस्तेमाल किया जाता था.

काई लुन (Cai Lun) ने पेड़ के छाल, भांग, शहतूत तथा अन्य प्रकार के रेशों का इस्तेमाल करके कागज का निर्माण किया था, पहला कागज दिखने में चमकीला, लचीला, और काफी मुलायम था इसी के साथ इसपर लिखना भी काफी आसान था.

कागज का इस्तेमाल कहाँ होता है? (Uses of Paper in Hindi)

1. एन्वेलप बनाने के लिए

2. गिफ्ट कार्ड बनाने के लिए 

3. न्यूज़ पेपर बनाने के लिए 

4. कैलेंडर बनाने के लिए 

5. टिश्यू पेपर बनाने के लिए 

6. पैकिंग बैग बनाने के लिए 

7. नोटबुक बनाने के लिए 

8. मैगज़ीन बनाने के लिए 

9. पतंग बनाने के लिए 

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हमें आशा है की यह आर्टिकल पढ़ने के बाद आपके सवाल पेपर कैसे बनता है (Paper Kaise Banta Hai), कागज का उपयोग, इतिहास और न्यूज़ पेपर किससे बनता है इसका जवाब आपको मिल गया होगा. अब जब आप किसी पुस्तक पर कुछ लिखोगे तो ज़रा सा यह भी याद कर लेना की कागज बनता कैसे है.

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क्या कागज सच में लकड़ी से बनता है? - kya kaagaj sach mein lakadee se banata hai?
क्या कागज सच में लकड़ी से बनता है? - kya kaagaj sach mein lakadee se banata hai?

Vikas Tiwari

विकास तिवारी इस ब्लॉग के मुख्य लेखक हैं. इन्होनें कम्प्यूटर साइंस से Engineering किया है और इन्हें Technology, Computer और Mobile के बारे में Knowledge शेयर करना काफी अच्छा लगता है.

कागज कौन सी लकड़ी से बनता है?

आजकल कागज बनाने के लिए निम्नलिखित वस्तुओं का उपयोग मुख्य रूप से होता है : चिथड़े, कागज की रद्दी, बाँस, विभिन्न पेड़ों की लकड़ी, जैसे स्प्रूस और चीड़, तथा विविध घासें जैसे सबई और एस्पार्टो। भारत में बाँस और सबई घास का उपयोग कागज बनाने में मुख्य रूप से होता है।

क्या कागज पेड़ से बना है?

कागज का निर्माण softwood या hardwood पेड़ों से किया जाता है. लेकिन कागज बनाने के लिए काम आने वाले wood pulp का 85 प्रतिशत सॉफ्टवूड शंकुधारी पेड़ों से लिया जाता है, क्योंकि इनके fibres की लंबाई अधिक होती है जिससे एक मजबूत कागज बनता है.

एक पेज कितने पेड़ से बनता है?

एक टन अच्छी गुणवत्ता वाले पेपर बनाने के लिए 12 से 17 पेड़ लगते हैं। पूरी दुनिया में हर रोज कागज बनाने के लिए 80 हजार से डेढ़ लाख पेड़ काटे जाते हैं। भारत में कागज और गत्तों की मौजूदा खपत लगभग 100 लाख टन होने का अनुमान है। देश में लगभग सभी प्रकार के कागज मिलों की उत्पादन क्षमता बढ़ रही है।

कागज की लुगदी कैसे बनाई जाती है?

मुख्य वक्ता पीजी कॉलेज के चित्रकला विभाग के व्याख्याता रामदेव मीणा ने बताया कि कागज को 5-6 दिनों तक पानी में गलाकर कूटा जाता है। इसके बाद उसमें मुल्तानी मिट्‌टी, मेथी पाउडर, गोंद को मिलाकर इसे तैयार किया जाता है। लुगदी तैयार होने पर उससे कलाकृतियां बनाई जाती हैं