कैसे पता लगाये की ओवुलेशन हो रहा है? - kaise pata lagaaye kee ovuleshan ho raha hai?

महिलाओं के मासिक धर्म का एक समय ऐसा होता है, जब ओवरी से एग (Ovum/Egg) का उत्पादन होता है. इस समय को ओव्यूलेशन (Ovulation) कहते हैं. ओव्यूलेशन के दौरान निकले इन्हीं एग यानी ओवम से मिलकर शुक्राणु समय के साथ भ्रूण (शिशु) का रूप लेते हैं. ओव्यूलेशन के दौरान ही कोई महिला गर्भवती होती है. लेकिन ओव्यूलेशन के दौरान महिलाओं का शरीर कुछ संकेत (Ovulation Signs) देता है, जिन्हें पहचानकर आप अपनी फैमिली प्लानिंग के अनुसार कदम उठा सकती हैं.

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ओव्यूलेशन के संकेत (Symptoms of Ovulation in Women)
स्वास्थ्य जानकारी देने वाली विक्टोरिया की सरकारी वेबसाइट Better Health के मुताबिक, आमतौर पर ओव्यूलेशन का समय पीरियड्स शुरू होने के 2 हफ्ते पहले होता है. जिस दौरान महिलाओं के शरीर में निम्नलिखित संकेत दिख सकते हैं. जैसे-

नियमित पीरियड्स
बेटर हेल्थ के मुताबिक, जिन महिलाओं की मेंस्ट्रुअल साइकिल 24 से 35 दिन की होती है, उनमें ओव्यूलेशन का समय नियमित रूप से पीरियड्स शुरू होने के दो हफ्ते के आसपास आता है. जिन महिलाओं का मासिक धर्म अनियमित होता है, उनमें ओव्यूलेशन का समय पता लगाना थोड़ा मुश्किल होता है.

म्यूकस में बदलाव
पीरियड्स शुरू होने के दो हफ्ते पहले अगर आपका ओव्यूलेशन शुरू हो गया है, तो आपके जननांग से चिपचिपा व गाढ़ा डिस्चार्ज होना शुरू हो जाता है, जो कि सर्वाइकल म्यूकस होता है.

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बेसल बॉडी टेंप्रेचर बढ़ना
स्वास्थ्य जानकारी देने वाली सर्विस के मुताबिक, जो महिलाएं गर्भनिरोध के नैचुरल तरीके अपनाती हैं, ओव्यूलेशन खत्म होने के दौरान उनके बेसल बॉडी टेंप्रेचर में आधा डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हो सकती है. बेसल बॉडी टेंप्रेचर शरीर का वह तापमान होता है, जो सुबह के समय नींद से उठने या पूरे आराम की स्थिति में दर्ज किया जाता है.

पेट में दर्द
ओव्यूलेशन के दौरान कुछ महिलाओं को पेट में दर्द भी महसूस हो सकता है. आमतौर पर यह दर्द पेट की एक साइड में होता है और सामान्य पेट दर्द होता है.

प्री-मेंस्ट्रुअल सिंप्टम्स
ओव्यूलेशन के साथ कुछ प्री-मेंस्ट्रुअल सिंप्टम्स यानी पीरियड्स से पहले दिखने वाले लक्षण भी हो सकते हैं. इसमें स्तनों का मुलायम या आकार बढ़ना, पेट फूलना या मूड स्विंग्स होना शामिल है.

यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.

अंडोत्सर्ग के दिखाई पड़ने वाले लक्षण

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जब आप अपने शरीर पर ध्यान देना शुरु कर देंगी, तो आपको काफी हैरानी होगी कि यह आपके चक्र में विभिन्न चरणों के बारे में कई संकेत देता है और अंडोत्सर्ग के लक्षण प्रायः पहचान में आने लगते हैं और संकेतों को पता लगाने में आसान है एक बार जब आप जानते हैं कि क्या देखना है।

यह भूलें कि कृत्रिम हॉर्मोनों (जैसे कि जन्म नियंत्रण पिल्स, इम्प्लांट्स या इंजेक्शंस) का इस्तेमाल करने वाले कोई भी जन्म नियंत्रण उपाय सामान्य अंडोत्सर्ग के लक्षणों और आपके मासिक चक्र की विभिन्न अवस्थाओं के अन्य संकेतों को दबाता है।

अंडोत्सर्ग के लक्षण काफी सूक्ष्म हो सकते हैं। इनमें आपके शरीर की सामान्य प्रतिक्रिया से लेकर आपके अंडोत्सर्ग चक्र की विभिन्न अवस्थाओं  में हॉर्मोनों में होने वाले स्वाभाविक बदलाव तक शामिल होते हैं।

ये लक्षण प्रायः अंडोत्सर्ग से पहले आते हैं और वाकई आपको इस बात के अच्छे संकेत देते हैं कि आप अपनी सबसे उर्वरता वाली अवधि में हैं, जहाँ से अंडोत्सर्ग में 4 या 5 दिनों का वक्त लगने वाला है। 

अंडोत्सर्ग के कुछ सामान्य लक्षण हैं:

  • यौन इच्छा में वृद्धि
  • सर्विकल म्यूकस में बदलाव
  • सर्विक्स के पोजिशन और स्थिरता में बदलाव
  • स्तनों का मुलायम होना
  • गंध और स्वाद का तीव्र बोध
  • पेट में मरोड़
  • बुनियादी (शरीर का सबसे कम तापमान विराम की अवस्था में; प्रायः नींद की हालत में रहता है) शरीर का तापमान

अंडोत्सर्ग कालक्षण: यौनइच्छायासेक्सकीइच्छामेंवृद्धि

  • कई महिलाएँ इस अंडोत्सर्ग लक्षण से हैरान नहीं होंगीऔर वाकई यह जैविक रूप से अच्छी बात होती है।
  • अंडोत्सर्ग प्रारंभ करने में कुछ हॉर्मोनों में वृद्धि होने से महिलाओं में सामान्य से अधिक यौन इच्छा जगती है।
  • महिलाओं में ऐसी इच्छा को प्रभावित करने वाले हॉर्मोनों में शामिल होते हैं- ऑस्ट्रोजन, टेस्टोस्टरोन और ल्युटिनाइजिंग हॉर्मोन।
  • अंडोत्सर्ग से पूर्व लक्षण आपकी यौन इच्छा में वृद्धि होने की घटना आपके लिए अच्छी बात है, क्योंकि अंडोत्सर्ग से चार-पाँच दिन पहले, बार-बार यौन संबंध बनाने से आपमें गर्भवती होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • ऐसे कई वास्तविक विवरण हैं जिनमें महिलाएं मानती हैं कि वे अंडोत्सर्ग वाली अवधि में अधिक आकर्षक दिखती हैं; ऑस्ट्रोजन ऐसे कई साइड-इफ़ेक्ट पैदा कर सकता है, जिससे ऐसे लक्षण उभरते हैं, साथ ही महिलाओं की त्वचा में तेल का निर्माण भी कम हो जाता है, जिससे उनके चेहरे पर मुंहासे कमी आती है।

अंडोत्सर्गलक्षण: सर्विकलम्यूकसमेंबदलाव

  • ठीक अंडोत्सर्ग से पूर्व सर्विकल म्यूकस में होने वाला बदलाव, ज्यादातर महिलाओं में पैदा होने वाले सभी अंडोत्सर्ग लक्षणों में सबसे स्थिर और भरोसेमंद माना जाता है।
  • अंडोत्सर्ग के निकट आने पर सर्विकल म्यूकस की मात्रा बढ़ने लगती है। मासिक के ठीक बाद, सर्विकल म्यूकस कम हो सकता है, पर आने वाले दिनों में उसकी मात्रा धीरे-धीरे बढ़ेगी। सबसे पहले इसमें एक हल्का चिपचिपा पदार्थ आएगा और इसका रंग सफेद और धुंधला होता है।
  • अंडोत्सर्ग से ठीक पहले के दिनों में, ऑस्ट्रोजन में वृद्धि होने से अधिक सर्विकल म्यूकस का निर्माण होता है। इस अवस्था में म्यूकस काफी साफ दिखता है और इसकी बनावट फिसलन वाली और लचीली होती हैकई बार इसे कच्चे अंडे का सफेद रंग और घनापन से तुलना की जाती है।
  • अंडोत्सर्ग से पूर्व और उसके दौरान निर्मित सर्विकल म्यूकस की ऐसी संरचना होती है कि यह सर्विक्स और फ़ैलोपियन नली में शुक्राणु को स्वतंत्रतापूर्वक घूमनेकी अनुमति दे सके और अंडे के निकलने तक इसे जीवित रखने में मदद करे।

अंडोत्सर्ग लक्षण: सर्विक्सकेपोजिशनऔरस्थिरता मेंबदलाव

  • इस संकेत को पहचानने के लिए आपको अपने सर्विक्स के स्वाभाविकएहसाससे परिचित होना होगा।
  • इस विधि के समर्थक सुझाव देते हैं कि आप एक ही समय पर दिन में एक बार सर्विक्स की जाँच करें। सर्विक्स प्रायः योनि की तुलना में चिकना और गोल होता है और यह योनि के ऊपर स्थित होता है। इसे आप बैठी हुई स्थिति में एक या दो अंगुलियों से सबसे अच्छी तरह से जांच से सकती कर हैं।
  • अंडोत्सर्ग का समय करीब आने पर सर्विक्स जरा ऊंचा बढ़ जाता है (इसलिए उसतक पहुँचना कठिन हो जाता है) और सामान्यतः अधिक मुलायम और अधिक खुला अनुभव होता है।
  • कई महिलाएं अपने खुद के सर्विक्स की अवस्था का आकलन करने में सहज नहीं अनुभव करतीं, इसलिए यह ऐसा अंडोत्सर्ग लक्षण है, जिसे आम तौर पर खुद से नहीं परखा जाता है।

अंडोत्सर्गलक्षण: मुलायमस्तन

  • अंडोत्सर्ग के इस लक्षण को कुछ ही महिलाएँ अनुभव कर पाती हैं और इसे प्रायः उच्च ऑस्ट्रोजन स्तरों का एक साइड-इफ़ेक्ट माना जाता है। जो महिलाएँ स्तन की कोमलता का अनुभव कर पाती है, वे पाएंगी कि ऐसा हर माह एक ही तरीके से होता है।
  • ऑस्ट्रोजन के प्रभाव अंडोत्सर्ग के बाद काफी हद तक चले जाते हैं। वे माहवारी से पहले फिर उत्पन्न हो सकते हैं।
  • यदि आप मध्य-चक्र में स्तन में कोमलता का अनुभव करती हैं, तो इसे आप अंडोत्सर्ग का लक्षण समझ सकती हैं, आप इसके होने का समय और किस हद तक हुआ, उसे नोट कर सकती हैं; ताकि आप अपनी सबसे फ़र्टाइल अवधि की पहचान में मदद के लिए कई अन्य अंडोत्सर्ग लक्षणों के साथ इसका भी आकलन कर सकें।

अंडोत्सर्गलक्षण: गंधऔरस्वादकातीव्र बोध

  • कुछ महिलाएं बताती हैं कि उन्हें अंडोत्सर्ग के समय विभिन्न प्रकार के गंधों और स्वादों का अधिक तीव्र अनुभव होता है।
  • यह ऑस्ट्रोजन के बढ़े हुए स्तरों से जुड़ा अंडोत्सर्ग लक्षण होता है जोपहले कहा जा चुका है।
  • जब अंडोत्सर्ग के समय अंडाणु निकलता है और ऑस्ट्रोजन का स्तर गिरता है, यह लक्षण प्रायः गायब हो जाता है।

अंडोत्सर्गलक्षण: पेटमेंमरो (मिटेल्सच्मर्ज़)

  • एक अनुमान के मुताबिक लगभग 20% महिलाएँ अंडोत्सर्ग के समय पेट में हल्के मरोड़ या ऐंठन का अनुभव करती हैं।
  • इस अंडोत्सर्ग लक्षण का चिकित्सीय नाम मिटेश्चमर्ज है, जो एक जर्मन मुहावरा है, जिसका अर्थ होता हैमध्यम पीड़ा
  • यह पीड़ा कुछ मिनटों से लेकर कुछ घंटों तक हो सकती है और यह निचले पेट के दाएँ ओर अधिक पाई जाती है। हालांकि कुछ महिलाएँ पेट के दोनों ओर दर्द का अनुभव करती हैं, तो कुछ महिलाएँ बताती हैं कि हर माह दर्द एक ओर से दूसरी ओर खिसकता रहता है।
  • अंडोत्सर्ग के मिटेश्चमर्ज लक्ष्ण के लिए कई संभावित व्याख्याओं में शामिल हैं:
  • अंडोत्सर्ग से पूर्व अंडाशय में फ़ॉलिकल की वृद्धि
  • अंडोत्सर्ग के समय हर महीने टूटने वाली अंडाशयी दीवार
  • अंडोत्सर्ग के बाद फ़ैलोपियन नली और अंडाशयों में होने वाली

अंडोत्सर्गलक्षण: बुनियादी शरीरकातापमानमेंवृद्धि

  • अंडोत्सर्ग के ठीक बाद, शरीर में प्रॉजेस्टरोन हॉर्मोन के स्तरों में वृद्धि होना लगभग अंडोत्सर्ग तापमान के सामान्य लक्षण होता है।
  • इस समय, ज्यादातर महिलाएँ विराम अवस्था में अपने शरीर में लगभग 0.5 डिग्री सेल्सियस के लगभग तापमान वृद्धि अनुभव करती हैं और उनका यह तापमान महीने के शेष हिस्से में भी इसी स्तर पर रहेगा।
  • बुनियादी शरीर का तापमान का मापन सबसे अच्छी तरह से सुबह बिस्तर छोड़ने से पहले एक  सटीक थर्मामीटर का उपयोग करके और प्रत्येक दिन एक  चार्ट पर अपना तापमान रिकॉर्ड करें

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कैसे पता चलेगा कि ओवुलेशन हुआ है?

ओवुलेशन के लक्षण -Ovulation symptoms in Hindi.
शरीर का तापमान थोड़ा कम होना फिर बढ़ना.
सर्वाइकल म्यूकस का अंडे की सफेदी के समान पतला, चिकना और स्पष्ट होना.
सर्विक्स का कोमल होकर खुल जाना.
पेट में नीचे की और हल्का दर्द या ऐंठन होना.
सेक्स करने की इच्छा बढ़ जाना.
योनि में सूजन आना.
LH में वृद्धि होना.

घर पर ओवुलेशन कैसे चेक करें?

ओव्‍यूलशन स्ट्रिप: ओव्‍यूलेशन से 24 से 36 घंटे पहले आपके शरीर में ल्‍यूटिनाइजिंग हार्मोन का स्‍तर बढ़ जाता है। ओव्‍यूलेशन स्ट्रिप्‍स पर दो लाल रेखाओं की उपस्थिति इस बात की ओर इशारा करती हैं ओव्‍यूलेशन 24 से 36 घंटों में हो जाएगा। ओव्‍यूलेशन स्ट्रिप से परीक्षण का सबसे अच्‍छा समय दोपहर के मध्‍य में होता है।

ओव्यूलेशन वाला दिन कौन सा होता है?

ओवुलेशन आमतौर पर उस चक्र के 10वें और 19वें दिन के बीच होता है। अगली मासिक धर्म की अवधि से लगभग 12 से 16 दिन पहले। महिलाएं ओवुलेशन के लक्षणों को भी समझ सकती हैं। इस समय वेजाइनल डिस्चार्ज पर भी ध्यान दें।

पीरियड के कितने दिन बाद अंडा बनना शुरू होता है?

पीरियड्स शुरू होने के लगभग 12-14 दिनों के पहले ओव्यूलेशन की प्रक्रिया शुरू होती है। इस दौरान महिला की ओवरी से अंडा रिलीज होकर फैलोपियन ट्यूब में चला जाता है जहाँ पुरुष के स्पर्म के साथ उसका संयोजन यानी फर्टिलाइजेशन होता है। अगर आप गर्भधारण करना चाहती हैं तो आपको ओव्यूलेशन के दौरान सेक्स करना चाहिए।