स्कूल तथा समुदाय के बीच पहुंच संबंध है। शिक्षा के क्षेत्रा में समुदायों का सहयोग प्राचीन काल से चला आ रहा है। आज भी है और भविष्य के मैें भी बिना इसके सहयोग के शिक्षा की उचित व्यवस्था करना संभव नहीं होगा। आज हमारी शिक्षा का उद्देश्य बच्चों का शारीरिक, मानसिक, चरित्रिक, नैतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास करना है और उन्हें किसी उद्योग अथवा उत्पादन कार्य में निपुण कर लोकतंत्रा में सबल, योग्य एवं सुसंस्कृत नागरिक बनाना है। देश का नैतिक पतन रोकने के लिए आज धार्मिक शिक्षा और आध्यात्मिक विकास की भी आवश्यकता अनुभव की जा रही है। समुदाय हमें इन सब उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायता करता है। विद्यालय और समुदाय में सहयोग स्थापित करने के लिये निम्न सिद्धांतों का ध्यान रखना पड़ेगा।
समुदाय और विद्यालय में सहयोग |