गुप्तकाल ‘स्वर्ण युग’ क्यों कहलाया? Show
C. क्योंकि इस काल में भारत का चहुँमुखी विकास हुआ। 276 Views कुषाण कौन थे? वे कहाँ से आए? उन्होंने अपनी सत्ता कहाँ से कहाँ तक कायम की? उनका प्रमुख शासक कौन हुआ? युई-ची जाति में एक दल कुषाणों का था। ये लोग सुदूर पूरब से आए। इन्होंने पूरे उत्तर भारत और मध्य एशिया के बहुत बड़े भाग पर अपना शासन कायम किया। उनका सबसे प्रसिद्ध राजा कनिष्क था। 4271 Views मौर्य साम्राज्य के पश्चात् सत्ता किनके हाथों में आई? मौर्य साम्राज्य के पश्चात् शासन सत्ता शुंग वंश ने संभाली। 17435 Views ‘हेलिओदो स्तंभ’ कहाँ स्थित है? यह क्यों प्रसिद्ध है? ‘हेलिओदो स्तंभ’ भारत के मध्य प्रदेश में सांची के निकट बेसनगर में स्थित है। यह ग्रेनाइट पत्थर की एक लाट है जिस पर संस्कृत का एक लेख खुदा है। इससे यूनानियों के भारतीयकरण की झलक मिलती है। 4386 Views
शक जाति के लोग कहाँ बसे? शक जाति के लोग मध्य एशिया में ऑक्सस (अक्षु) नदी की घाटी में बस गए। 3852 Views राजा मिलिंद कौन था? भारत के उत्तर में काबुल से पंजाब तक भारतीय यूनानी फैले थे। मेनांडर नामक व्यक्ति के नेतृत्व में उन्होंने राजधानी पाटलीपुत्र पर हमला किया; लेकिन हार गए। मेनांडर पर भारतीय चेतना और वातावरण का ऐसा प्रभाव पड़ा कि वह बौद्ध हो गया। वह राजा मिलिंद के नाम से प्रसिद्ध हुआ। उसकी लोक प्रसिद्धि केवल एक संत के रूप में हुई। 7195 Views
गुप्त काल को स्वर्ण काल क्यों कहा जाता हैस्वर्ण युग
भारतीय इतिहास में गुप्तकाल को स्वर्ण युग कहे जाने के निम्नांकित मुख्य कारण हैं-
महान् सम्राटों का युग
राजनीतिक एकता का गुण
शान्ति तथा सुव्यवस्था का युग
साहित्य के उत्कर्ष का युग
वैज्ञानिक उन्नति का युग
कला की चरमोन्नति का युग
वैदिक सभ्यता तथा संस्कृति की रक्षा का युग
धार्मिक सहिष्णुता का युग
विदेशों में भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति के प्रसार का युग
गुप्त काल को स्वर्ण काल कहने की समीक्षा
किन्तु कुछ ऐसे भी तत्व मौजूद थे जो इस युग के महत्त्व को कम करते हैं।
Also Read... गुप्त कालीन इतिहास के साधन गुप्त कौन थे ? गुप्तों की जाति और उत्पत्ति गुप्तों का मूल निवास स्थान गुप्त वंश का उदय समुद्रगुप्त की विजय और साम्राज्य का संगठन समुद्रगुप्त की शासन प्रणाली |समुद्रगुप्त का मूल्यांकन समुद्रगुप्त के बाद गुप्त वंश का इतिहास -रामगुप्त चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य चन्द्रगुप्त द्वितीय का शासन प्रबन्ध चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य का मूल्यांकन फाहियान ( 399-411 ई.) का विवरण फाहियान के अनुसार की भारत की सामाजिक आर्थिक एवं धार्मिक दशा कुमारगुप्त ( 415 से 455 ई. तक ) स्कन्दगुप्त विक्रमादित्य ( 455-467 ई. लगभग ) पुरुगुप्त | कुमारगुप्त द्वितीय | बुद्धगुप्त | अंतिम गुप्त शासक गुप्त साम्राज्य के पतन के कारण गुप्त साम्राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था | गुप्त कालीन केन्द्रीय शासन गुप्तकालीन सैन्य संगठन |गुप्त कालीन पुलिस संगठन |गुप्त कालीन न्याय व्यवस्था |गुप्त कालीन राजस्व व्यवस्था गुप्त कालीन प्रान्तीय शासन गुप्तकालीन स्थानीय प्रशासन गुप्तकाल की सामाजिक दशा गुप्त काल में धार्मिक अवस्था गुप्तकालीन भारत की आर्थिक अवस्था गुप्तकाल में शिक्षा और साहित्य गुप्तकाल को स्वर्णयुग क्यों कहा जाता है समझाइये?गुप्तकाल में विज्ञान प्रौद्योगिकी से लेकर साहित्य, स्थापत्य तथा मूर्तिकला के क्षेत्र में नये प्रतिमानों की स्थापना की गई जिससे यह काल भारतीय इतिहास में 'स्वर्ण युग' के रूप में जाना गया।
गुप्त काल का स्वर्ण युग क्यों कहालाया?गुप्तकाल 'स्वर्ण युग' क्यों कहलाया? क्योंकि इस काल में अधिक-से-अधिक शासकों ने शासन किया। क्योंकि इस काल में देश की सीमा बढ़ गई। क्योंकि इस काल में भारत का चहुँमुखी विकास हुआ।
स्वर्ण काल क्यों कहा जाता है?इस काल में भारत ने बहुत से महान राजा, जैसे की समुद्रगुप्त और चंद्रगुप्त-2 का शासन देखा । सभी गुप्त राजा रचनात्मकता, कला और साहित्य के विकास को बढ़ावा देते थे । समुद्रगुप्त के काल में राज्य का व्याप इतना बड़ा हो चुका था की इस राजा की तुलना महान एलेक्जेंडर और नेपोलियन के साथ की जाती थी।
स्वर्ण युग का क्या मतलब होता है?स्वर्णयुग संज्ञा पुं० [सं०] सुख समृद्धि एवं शांति का काल ।
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