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तेल उत्पादक देश इस सूची में उन देशों एवं उनके प्रान्तों/राज्यों की सूची दी गयी है जो तेल के कुओं से कच्चा तेल (अंग्रेज़ी: crude oil) निकालते हैं। अनुक्रम
अफ्रीका[संपादित करें]
एशिया[संपादित करें]
ऑस्ट्रेलिया[संपादित करें]
यूरोप[संपादित करें]
मध्य पूर्व[संपादित करें]
उत्तरी अमेरिका[संपादित करें]
मध्य अमेरिका एवं कैरेबियायी देश[संपादित करें]
दक्षिणी अमेरिका[संपादित करें]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
वर्तमान में विश्व के लगभग सभी देश COVID-19 महामारी से गंभीर रूप से प्रभावित हैं। इस महामारी से जहाँ एक तरफ भारी जनहानि हुई है वहीं इसकी रोकथाम के लिये लॉकडाउन एवं अन्य सुरक्षात्मक प्रतिबंधों के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी जैसी स्थितियाँ बनने लगी हैं। वैश्विक स्तर पर औद्योगिक गतिविधियों में गिरावट से कच्चे तेल की मांग में कमी आई है और इसका सीधा प्रभाव तेल की कीमतों में गिरावट
के रूप में देखने को मिला है। हाल ही में अमेरिकी कच्चे तेल के बेंचमार्क माने जाने वाले ‘वेस्ट टेक्सस इंटरमिडिएट’ (West Texas intermediate- WTI) के फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट (Future Contract) की कीमतें शून्य से भी नीचे पहुँच गई थी, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अमेरिकी कच्चे तेल कीमतों में यह सबसे बड़ी गिरावट है। साथ ही तेल की मांग में इस कमी से विश्व के अन्य तेल उत्पादक जैसे- सऊदी अरब, रूस आदि भी तेल की कीमतों में हुई इस गिरावट से प्रभावित हुए हैं। पृष्ठभूमि:
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कारण:
वेस्ट टेक्सस इंटरमिडिएट(West Texas intermediate- WTI):
WTI के मूल्यों में गिरावट का कारण:
कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती:
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर तेल कीमतों का प्रभाव:
भारतीय अर्थव्यवस्था पर तेल कीमतों का प्रभाव:
‘इंडियन क्रूड बास्केट’ (Indian Crude Basket): ‘इंडियन क्रूड बास्केट’ भारत में आयात होने वाले कच्चे तेल के मूल्य का संकेतक है। सामान्यतः इसका निर्धारण ‘दुबई और ओमान’ तथा ब्रेंट क्रूड के भारित औसत (75.50:24.50) के आधार पर किया जाता है।
निष्कर्ष: वैश्विक तेल बाज़ार के वर्तमान संकट को देखकर यह स्पष्ट होता है कि COVID-19 की महामारी ने इस संकट में वृद्धि की है परंतु तेल उत्पादक देशों के बीच सामंजस्य का अभाव ही इस संकट का मूल कारण है। वर्तमान में तेल की कीमतों से भारत को अपने वित्तीय घाटे को संतुलित करने में सहायता मिलेगी परंतु इस गिरावट के लंबे समय तक बने रहने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गंभीर नकारात्मक परिणाम होंगे। वस्तुतः इस संकट के कारण निर्यात तथा आयात दोनों से जुड़े देशों के हितों को क्षति होगी। आगे की राह:
अभ्यास प्रश्न: वर्तमान में वैश्विक स्तर पर खनिज तेल के मूल्यों में हुई गिरावट के कारणों का उल्लेख करते हुए वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभावों की समीक्षा कीजिये। एशिया में सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश कौन सा है?सही उत्तर सऊदी अरब है। विकल्पों में से, सऊदी अरब एशिया में तेल (पेट्रोलियम) का सबसे बड़ा उत्पादक है। सऊदी अरब प्रति दिन लगभग 12 मिलियन बैरल तेल का उत्पादन करता है। सऊदी अरब अमेरिका के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक है।
तेल का सबसे बड़ा उत्पादक देश कौन सा है?वर्तमान में सऊदी अरब, रूस और अमेरिका विश्व के सबसे बड़े तेल उत्पादक देश हैं।
दुनिया के 10 सबसे बड़े तेल उत्पादक देश जानें कौन है नंबर वन?जिन देशों के पास सबसे बड़ा तेल भंडार मौजूद है वो हैं- वेनेजुएला (301 अरब बैरल), सऊदी अरब (266 अरब बैरल), कनाडा (170 अरब बैरल), ईरान (158 अरब बैरल), इराक (143 अरब बैरल), कुवैत (102 अरब बैरल), संयुक्त अरब अमीरात (98 अरब बैरल), रूस (80 अरब बैरल) लीबिया (48 अरब बैरल) और नाइजीरिया (37 अरब बैरल)।
विश्व का सबसे बड़ा तेल निर्यातक देश कौन सा है?दुनिया में सबसे ज्यादा कच्चा तेल निर्यात करने वाला देश सऊदी अरब है. उसने एक साल में 182.5 अरब डॉलर का कच्चा तेल निर्यात किया. कुल कच्चे तेल के निर्यात में उसकी हिस्सेदारी 16.1% है.
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