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राजा प्रतिदिन स्नान करने कहाँ आता था?इसे सुनेंरोकेंशौचादि से निवृत्त होने के बाद महाराजा जब स्नान के लिए पोखरे में उतरे तो चमत्कारिक ढंग से उन्हें काफी आराम मिला। अन्तः प्रेरणा व साथियों की सलाह पर महाराज ने अपनी यात्रा कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दी और प्रतिदिन उसी पोखरे में स्नान करते रहे तथा अधिकाधिक उसके जल का सेवन किया। कार्तिक स्नान कितने बजे करना चाहिए? इसे सुनेंरोकेंपं द्विवेदी के अनुसार कार्तिक महीने में सूर्योदय से पहले शीतल जल का स्नान करना सबसे उत्तम है। कार्तिक माह में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने से धरती के जितने तीर्थ स्थान है, उनका पुण्य मिलता है। कार्तिक नहाने से क्या फल होता है?इसे सुनेंरोकेंKartik Snan: हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक माह में व्रत, स्नान और दान का बहुत ही ज्यादा महत्व है. मान्यता इससे पाप का नाश होकर सुख, शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है. कार्तिक नहान कब से शुरू है? इसे सुनेंरोकेंइस बार कार्तिक स्नान आश्विन माह की पूर्णिमा 20 अक्टूबर 2021 से 19 नवंबर 2021 तक किया जाएगा। कार्तिक माह में व्रत, तप, दान-पुण्य, पवित्र नदियों में स्नान और मंत्र जप आदि का विशेष महत्व होता है। बालगोबिन भगत प्रतिवर्ष गंगा स्नान के लिए क्यों जाते थे?इसे सुनेंरोकेंगंगा स्नान करते वक्त बालगोविंद जी संतों के दर्शन के लिए जाते थे। ताकि संतों का आशीर्वाद उन पर हमेशा बना रहे। गंगा उनके निवास स्थान से काफी दूर थी। लेकिन फिर भी वह हर वर्ष गंगा स्नान के लिए जाते थे। बालगोबिन भगत प्रतिवर्ष गंगा स्नान के लिए क्यों जाते थे 1 Point? इसे सुनेंरोकेंभगत जी प्रतिवर्ष गंगा स्नान के लिए क्यों जाते थे? संत समागम के लिए जाते थे। कार्तिक मास में जन्मे बच्चे कैसे होते हैं?इसे सुनेंरोकेंकार्तिक मास में पैदा होने वाले मनुष्य धनवान, कम बुद्धि वाले, दुष्ट प्रवृत्ति वाले, क्रय-विक्रय कर्म करने वाले, पापी और दुष्ट चित्त वाले होते हैं। मार्गशीर्ष मास में जन्म लेने वाले मनुष्य मीठे वचन बोलने वाले, धनवान, धर्मवान, बहुत मित्रों वाले, पराक्रमी और दूसरों का उपकार करने वाले होते हैं। कार्तिक महीने में तुलसी की पूजा कैसे करें? इसे सुनेंरोकेंऐसे करें तुलसी पूजा (Tulsi Pooja Vidhi) तुलसी में कार्तिक महीने में हर रोज सुबह नहाकर जल चढाएं और तुलसी पूजा वाले दिन पौधे के चारों तरफ एक स्तंभ जैसा बनाकर उसको सजाएं. इसके बाद तुलसी के गमले पर स्वास्तिक बनाएं. पौधे के पास रंगोली बनाएं जिसमें कमल का चित्र बनाकर वहां शंख,चक्र और गाय के पैर भी बनाएं. कार्तिक स्नान में क्या क्या खाना चाहिए?इसे सुनेंरोकेंइसके अलावा इस मास में दूध, खीरे, सूखे मेवे आदि तरह के उत्तम भोजन का सेवन करना चाहिए। चूंकि कार्तिक मास का धार्मिक महत्व अधिक है, इसलिए इस मास में किसी भी प्रकार से मास मछली का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा इस मास में मुख्य रूप से मछली, बैंगन, दही, करेला और जीरा का बिल्कुल भी नहीं सेवन नहीं करना चाहिए। इलाहाबाद का नहान कब है 2022? इसे सुनेंरोकेंइस बार प्रयागराज संगम की रेती पर 14 जनवरी से माघ मेला शुरू हो रहा है। जो कि 1 मार्च तक चलेगा। जिला प्रशासन ने प्रमुख स्नान पर्व की तारीखों का ऐलान कर दिया है। कार्तिक Purnima कब से शुरू है 2021?इसे सुनेंरोकेंइस बार कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima 2021) 19 नवंबर 2021 के दिन शुक्रवार को पड़ रही है। पूर्णिमा तिथि भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) और माता लक्ष्मी (Mata Laxami) को प्रिय होती है। इस दिन को त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। साथ ही इस दिन काशी में देव दिवाली मनाने की भी परंपरा है। बालगोबिन भगत प्रतिवर्ष गंगा स्नान क्यों जाया करते थे पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए? इसे सुनेंरोकेंगंगा-स्नान के बहाने उन्हें संतों के दर्शन हो जाते थे। गंगा उनके गाँव से तीस कोस दूर थी। वहाँ जाने में चार-पाँच दिन लग जाते थे। वे गंगा स्नान जाते समय अपने घर से ही खा कर चलते थे और वापस अपने घर पर ही आकर खाते थे। Check the below NCERT MCQ Questions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 11 बालगोबिन भगत with Answers Pdf free download. MCQ Questions for Class 10 Hindi Kshitij with Answers were prepared based on the latest exam pattern. We have Provided बालगोबिन भगत Class 10 Hindi Kshitij MCQs Questions with Answers to help students understand the concept very well. You can refer to NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 11 बालगोबिन भगत to revise the concepts in the syllabus effectively and improve your chances of securing high marks in your board exams.
Ans: जब भगत के पुत्र की मृत्यु हुई
Ans: वह मानसिक रूप से कमजोर था, उसे देखभाल की ज्यादा जरूरत थी
Ans: उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
Ans: ‘a’ और ‘b’ दोनों कथन सत्य हैं।
Ans: उपर्युक्त सभी कथनं सत्य हैं।
Ans: संत समागम के लिए
Ans: जैसे वीणा का तार टूट गया हो।
Ans: उपर्युक्त सभी कारण सत्य हैं।
Ans: उपर्युक्त सभी कारण सत्य हैं।
Ans: उपर्युक्त सभी कारण सत्य हैं।
Ans: उनके विचारों से।
Ans: सन् 1899 में
Ans: सरस्वती
Ans: गोदान एवं रंगभूमि
Ans: वे ब्राह्मण जाति के थे
Ans: कबीरदास को
Ans: उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
Ans: साहब की
Ans: कृषि
Ans: उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं। बालगोबिन भगत गंगा स्नान के लिए क्यों जाते थे?गंगा स्नान करते वक्त बालगोविंद जी संतों के दर्शन के लिए जाते थे। ताकि संतों का आशीर्वाद उन पर हमेशा बना रहे। गंगा उनके निवास स्थान से काफी दूर थी। लेकिन फिर भी वह हर वर्ष गंगा स्नान के लिए जाते थे।
बाल गोविंद भगत का गंगा स्नान पर जाते समय क्या नियम था?वे गंगा स्नान जाते समय अपने घर से ही खा कर चलते थे और वापस अपने घर पर ही आकर खाते थे। उनके अनुसार यदि वे साधु हैं तो साधु को कहीं आते-जाते समय खाने की क्या आवश्यकता है और यदि वे गृहस्थी हैं तो गृहस्थी को भिक्षा मांगकर खाना अच्छा नहीं है। इसलिए वे दोनों कारणों से मार्ग में खाना नहीं लेते थे।
बालगोबिन भगत के अनुसार कैसे लोग निगरानी और मुहब्बत के हकदार होते हैं?Answer. बालगोबिन भगत के अनुसार जो लोग शारीरिक रूप से अक्षम और मानसिक रूप से शिथिल होते हैं वे निगरानी और मुहब्बत के ज्यादा हकदार होते हैं |. बीमार और मृत्यु के खबर में यह अंतर देखा जाता है कि किसी के बीमार होने का समाचार पाकर सामान्यतः लोग अधिक ध्यान नहीं देते।. बाल गोविंद भगत आत्मा और परमात्मा के बीच कौन सा संबंध मानते हैं?बालगोबिन भगत के अनुसार आत्मा और परमात्मा का संबंध बहुत गहरा है। धरती पर अपना समय पूरा करने के पश्चात आत्मा परमात्मा के पास चली जाती है क्योंकि विरहनि अपने प्रेमी से मिलकर संतुष्ट होती है। इसमें किसी को दु:खी नहीं होना चाहिए। आत्मा और परमात्मा के संबंध में यह उनका चरम विश्वास था।
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