Show घर की इस दिशा में है पानी का नल तो मिलने वाले हैं आपको शुभ फलबात अगर वास्तु की हो तो इसमें मानव जीवन के ले ऐसा कई बातें बताई गई हैं, जो अगर कोई भी इंसान अपनाता है तो उसकी लाइफ की परेशानियां खुद ही दूर होने लगती है। शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ इसके लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं करना होगा बस हमारी वेबसाइट को फॉलो करते रहिए। क्योंकि हम आपको लॉकदाउन की स्थिति में घर बैठे ऐसे जानकारी प्रदान करते रहेंगे जिससे आप अपने फ्री समय का भरपूर फायदा उठा सकेंगे और अपने जीवन को सुधार सकेंगे। क्योंकि इन वास्तु की टिप्स से न केवल आपकी लाइफ और बेहतर होगी बल्कि साथ ही साथ संभवत आपको इस खतरनाक महामारी कोरोना से भी छुटाकारा मिल पाएगा। आइए जानते हैं वास्तु शास्त्र में पानी को लेकर बताई गई एक ऐसी अहम बात जिसका आपकी खुशियां से बहुत गहरा संबंध है। जी हां, वास्तु शास्त्र के अनुसार इन सभी चीज़ों का घर में रहने वाले लोगों पर बहुत गहरा असर पड़ता है। अपने इस आर्टिकल के माध्यम से इसी से जुड़ी खास बातें बताने वाले हैं। इतना तो सब
जानते हैं हमारे घर का रसोई घर सबसे अहम होता है। इसका कारण वहां अग्नि का होना, अन्नपूर्णा का वास होना। जीवन निर्वाह के लिए जो चीज़ सबसे ज़रूरी है वो है खाना। जो कहां पकता है घर के किचन में। इसके अलावा वहां हुई पानी की व्यवस्था भी अधुक महत्वपूर्ण मानी जाती है। मगर इसके अलावा आप सब ये जानते हैं कि ये सारी चीज़ें ने केवल जीवन जीने के लिए आवश्यक है। बल्कि इसका हमारे जीवन पर अच्छा बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए हर किसी के लिए ये जानना बहुत आवश्यक है कि किचन की अंदरूनी व्यवस्था कैसी होनी चाहिए। वास्तु विशेषज्ञों का कहना है कि प्रत्येक व्यक्ति को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनकी किचन में सिंक, पानी का नल पानी रखने का स्थान ये सब उत्तर दिशा से उत्तर-पूर्व दिशा के बीच हो। बता दें ये बात स्वतंत्र मकान में भी लागू होती और बंद मकान यानि कि फ़्लैट में भी। आपके घर में रसोई घर भले ही किसी भी कोने में हो लेकिन इस दौरान इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि पानी रखने की जगह में कोई बदलाव न हो। यानि से रखने के लिए उपरोक्त दिशा व दशा का इस्तेमाल होना चाहिए। क्योंकि अगर घर में समुचित पानी की व्यवस्था नहीं होगी तो इसके कारण आने वाले समय में परिवार के सदस्यों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसके लिए इन बातों का ध्यान रखें- यहां जानें इससे जुड़े अन्य
टिप्स- हमेशा बोरिंग के लिए ऐसे स्थान का चुनाव करें जहां लोगों का आना-जाना कम हो साथ ही साथ उस जगह पर कीचड़ न हो। साथ ही इस बात को भी हमेशा दिमाग में रखें कि इसके लिए आपको बिजली की लंबी लाइन न बिछानी पड़े। मकान के ऊपर पानी की टंकी बनवानी हो तो इसके लिए नैऋत्य कोण (पश्चिम-दक्षिण) सबसे उपयुक्त मानी जाती है। और ये भी पढ़े
इसके अलावा जो सबसे महत्वपूर्ण बात है वो ये है कि भवन के समस्त जल का निष्कासन पूर्व, वायव्य (पश्चिम-उत्तर), उत्तर या ईशान (उत्तर-पूर्व) कोण में ही होना चाहिए। पीने का पानी कौन सी दिशा में रखें?वास्तु शास्त्र के अनुसार पानी रखने का सही स्थान
वास्तुशास्त्र के अनुसार उत्तर पूर्व दिशा भी पानी का टैंक रखने के लिए शुभ है। इस दिशा में पानी होने से धन लाभ होता है। ऐसा घर उन्नति और समृद्धि देने वाला माना गया है। उत्तर दिशा में पानी का टेंक या पीने का पानी रखा जाए तो ऐसे घर में शांति और सुख बढ़ता है।
घर में पानी का स्थान कहाँ होना चाहिए?वास्तुशास्त्र के मुताबिक जल का शुभ स्थान ईशान कोण को माना गया है. पानी का भण्डारण अथवा भूमिगत टैंक या बोरिंग पूर्व, उत्तर या पूर्वोत्तर दिशा में होनी चाहिए. दक्षिण-पूर्व, उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम कोण में कुआं अथवा ट्यूबवेल नहीं होने चाहिए. इसके लिए उत्तर-पूर्व कोण का स्थान सही होता है.
किचन का पानी किधर निकलना चाहिए?वास्तु के अनुसार रसोई के लिए टिप्स :
पानी की सर्वाधिक शुभ जगह ईशान कोण है इसलिए पानी का भूमिगत टैंक या बोरिंग पूर्व, उत्तर या पूर्वोत्तर दिशा में होना चाहिए।
नल का मुंह किधर होना चाहिए?वास्तु विशेषज्ञों का कहना है कि प्रत्येक व्यक्ति को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनकी किचन में सिंक, पानी का नल पानी रखने का स्थान ये सब उत्तर दिशा से उत्तर-पूर्व दिशा के बीच हो। बता दें ये बात स्वतंत्र मकान में भी लागू होती और बंद मकान यानि कि फ़्लैट में भी।
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