एक शिक्षक के रूप में आप में क्या गुण होंगे? - ek shikshak ke roop mein aap mein kya gun honge?

1. आदर्श व्यक्तित्व : शिक्षक की जिम्मेदारी होती है राष्ट्र चरित्र का निर्माण करने हेतु बच्चों में अच्छे गुणों और शिक्षा को बढ़ावा देना। स्कूल से ही देश का भविष्य निकलता है। इसलिए जरूरी है कि प्राथमिक स्कूल का शिक्षक खुद चरित्रवान हो ताकि उसे देखकर बच्चे उसे आदर्श मानने लगे। विद्यार्थियों के ऊपर उसकी एक अमिट छाप पड़नी चाहिए। स्कूल में बच्चे सिर्फ पढ़ाई के लिए नहीं भेजे जाते हैं बिल्क इसलिए भी भेजे जाते हैं कि उनका व्यक्तित्व निर्माण हो सके वे भोंदू या संकोची बनकर ही नहीं रह जाएं।

2. सर्वगुण संपन्न : एक शिक्षक को सिर्फ अपने ही सब्जेक्ट का ज्ञान नहीं होना चाहिए उसे स्कूल में पढ़ाए जा रहे सभी सब्जेक्ट का ज्ञान होने से साथ ही उसके सामान्य ज्ञान का स्तर ऊंचा होना चाहिए, क्योंकि आजकल के बच्चे शिक्षक से ज्यादा ज्ञान रखने लगे हैं ऐसे में अब शिक्षकों के सामने अपने विद्यार्थियों से ही चुकौति मिलने लगी है। इसीलिए ज्ञान को निरंतर अपडेट करने की जरूरत हमेशा बनी रहेगी, क्योंकि आज के छात्र पहले की तुलना में कहीं ज्यादा जानते हैं। अब उनके हाथों में मोबाइल है और गुगल है।

3. आदेश नहीं निर्देश दें : एक अच्छा शिक्षका कभी भी अपने विद्यार्थियों से आदेशात्मक भाषा में बात नहीं करता बल्कि वह विनम्रतापूर्वक निर्देश देता है और जब जरूरत होती है तो वह फटकार भी प्यार से लगा देता है। उसके व्यवहार अपने विद्यार्थियों से मित्रता का होता है। शिक्षक और विद्यार्थी के बीच अनुशासन जरूरी है, लेकिन अब समय बदल गया है। अब मित्रता भी जरूरी है जिससे आपको स्टेडेंट्स को समझने और समझाने दोनों में आसानी होगी। इससे अंतर्मुखी विद्यार्थी भी खुल सकेगा और डर दूर होगा।

4. समानता का भाव : एक अच्छा टीचर वही होता है जो अपने सभी विद्यार्थियों से समान व्यवहार करता है और सभी के आत्मविश्‍वास को बढ़ाने का कार्य करता है। कई बच्चे हैं तो दूसरे बच्चों की भांति पढ़ने में तेज नहीं होते हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं परंतु शिक्षक को उन कारणों के बारे में न सोचते हुए यह सोचना चाहिए कि आज यदि कमजोर बच्चों पर ध्यान नहीं दिया गया तो ये बच्चे भविष्य में अपने जीवन में संघर्ष ही करते रहेंगे। माता पिता भले ही ध्यान दें या नहीं लेकिन टीचर को हर बच्चों को विशेष ध्यान देना चाहिए।

5. रोचकपूर्ण अध्यापन : शिक्षा देने का कार्य तो हर कोई शिक्षक करता है परंतु उसी शिक्षक को बच्चे जींदगीभर याद रखते हैं जो अपने कार्य को रोचकढंग से करता है। रोचकता से ही बच्चों का ध्यान पढ़ाई में लगा रहता है और वे किसी तरह के ज्ञान को जल्दी ग्रहण कर लेते हैं। हर बार कुछ नया करते रहना चाहिए। आपका प्रेजेंटेशन महत्व रखता है। इसके लिए विनोद प्रिय होना जरूरी है।

6. अनुभव बांटे : शिक्षक का कार्य सिर्फ कोर्स की किताबें पढ़ाते रहना नहीं होता उसे अपने जीवन के अनुभव भी बांटना चाहिए। इससे आप उनके साथ बेहतर तालमेल बैठा पाएंगे। एक बेहतर शिक्षक वही होता है जो अपने विद्यार्थी को जीवन में अच्छे बुरे की पहचान, उज्जवल भविष्य के लिए जरूरी बातें, व्यवहार और मानवता की सीख दे।

7. कोई विद्यार्थी अध्यापक क्यों नहीं बनना चाहता : आजकल के बच्चों से यदि पूछा जाए कि तुम क्या बनना चाहोगे तो क्लास रूम में शायद एक ही बच्चा कहे कि मैं अध्यापक बनना चाहूंगा। ऐसे बहुत से सर्वेक्षण हुए हैं, जिनमें शीर्ष दस पेशों में अध्यापन आठवें- नौवें क्रम में आता है।

ऐसा क्यों है यह अध्यापक को समझना चाहिए। आजकल देखा गया है कि सरकारी स्कूल और प्राइवेट स्कूल और उनके टीचरों में कितना अंतर आ गया है। अच्छे और गुणी शिक्षक मिलना मुश्किल होते जा रहे हैं। शिक्षा में अच्‍छे, प्रतिबद्ध और गुणी शिक्षकों की जरूरत है क्योंकि शिक्षा का पेशा एक ऐसा पेशा है, जिस पर अन्य सभी पेशे निर्भर हैं।

8. उदाहरण और कहानियां : अच्छा शिक्षक वह होता है जो अपनी बात को उदाहरण और कहानियों के साथ प्रस्तुत करें। इससे बच्चे जल्दी से सीख जाते हैं और लंबे समय तक याद भी रख लेते हैं।

9. समय और अनुशासन का पाबंद : अच्छे शिक्षक को समय और अनुशासन का पाबंद रहना चाहिए क्योंकि उसे देखकर ही बच्चे भी समय से सभी कार्य करने लगते हैं और अनुशासन में रहेत हैं। वह समय पर विद्यालय में जाएं, प्रार्थना सभा में उपस्थित हो तथा क्लास प्रारंभ होते ही कक्षा में जाएं और क्लास समाप्ति के तुरंत बाद क्लास छोड़े दें। साथ ही वह अपनी छोटी छोटी हरकतों से बच्चों को अनुशासन का पाठ पढ़ाएं।

10. आत्म-सम्मान : शिक्षक में आत्म सम्मान नहीं है तो उसे देखकर विद्यार्थी क्या सीखेंगे? एक अच्छा और प्रभावशाली अध्यापक वह है जो विद्यार्थियों, प्रधानाध्यापक तथा अन्य के सामने किसी भी गलत बात के लिए झुकता नहीं हो। किसी प्रकार का अन्याय सहन करता नहीं हो और किसी भी गलत बात से समझौता नहीं करता है। जो अध्यापक अपने कर्तव्यों और अधिकारों के प्रति सचेत रहता है वही अपने आत्मसम्मान की रक्षा कर पाता है।

स्कूल में सभी शिक्षकों का शिक्षण में अपना योगदान है। इसी प्रकार कला शिक्षक का भी शिक्षण में एक विशेष भूमिका होती है। अगर एक कला शिक्षण सही है तो विद्यायर्थियों के अंदर Handwriting जैसे गुण का विकास होता है जो अन्य विषयों के साथ जुड़ा हुआ है आइये जानते हैं कला शिक्षक के अंदर क्या गुण होने,चाहिए ,उसके क्या कर्तव्य हैं और एक शिक्षक के रूप में एक कला शिक्षक के अंदर क्या- क्या विशेषताएं होनी चाहिए और कला शिक्षक के रूप में उसकी क्या भूमिका है।

एक शिक्षक के रूप में आप में क्या गुण होंगे? - ek shikshak ke roop mein aap mein kya gun honge?



एक कला शिक्षक की भूमिका और कार्यक्षेत्र | Role and Scope of an Art Teacher

  • छात्रों को कला परियोजनाएं सौंपें, पूरी की गई कला परियोजनाओं को ग्रेड दें, कला परीक्षण करें, और छात्र प्रगति का रिकॉर्ड अपने पास रखे और उसे स्कूल Head और अभिवावकों के साथ साँझा करे। 
  • छात्र कलाकृति को प्रदर्शित करने के लिए कला प्रदर्शनियों का आयोजन करें और उन्हें अपने कला पोर्टफोलियो को विकसित करने में मदद करें। 
  • कला तकनीक सिखाने के लिए छात्रों को ड्राइंग और पेंटिंग का प्रदर्शन करे। 
  • छात्रों को विभिन्न ड्राइंग, पेंटिंग और रंग तकनीक में काम करने का निर्देश दें। 
  • विभिन्न कलात्मक दृष्टिकोणों और परंपराओं पर चर्चा करें और छात्रों को खुद को कलात्मक रूप से व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करें। 
  • पेंसिल, पेन, चारकोल, ब्रश, वॉटरकलर, एक्रेलिक रंग, ऑइल कलर और अन्य कला सामग्री के उपयोग बारे में विद्यार्थियों को जागृति करे। 
  • कला कार्यक्रमों के विकास में स्कूल प्रशासन का समर्थन करना चाहिए। 
  • शिक्षक बैठकों में भाग लेना और अभिभावक-शिक्षक चर्चाओं में भाग लेना चाहिए। 
  • कला, कलात्मक तकनीक, कला इतिहास और सौंदर्यशास्त्र पर छात्रों को व्याख्यान करना। 

  • सीखने के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कला और कला इतिहास पाठ्यक्रम की योजना बनाना, विकसित करना और उन्हें कार्यान्वित करना। 
  • कला आपूर्ति खरीदें और कला आपूर्ति सूची बनाकर उसे व्यवस्थित करे। 


एक कला शिक्षक के गुण, विशेषता और कर्तव्य | Qualities, Characteristics and Duties of an Art Teacher

1. अपने विषय में निपुण :- 


एक कला शिक्षक का पहला और जरूरी गुण ये ही है कि वह अपने विषय में निपुण होना चहिये ताकि वह शिक्षण को एक आसान कार्य बना सके। अगर एक कला शिक्षक अपने विषय में निपुण नहीं है तो वह बच्चों को कला के बारे में सही ज्ञान नहीं दे सकता है।

2. समय का पापंद होना चाहिए :- 


एक कला शिक्षक समय की कदर करने वाला होना चाहिए अगर एक शिक्षक समय की कदर नहीं करता है तो वह कोई भी जिंदगी में सफल कार्य नहीं कर सकता है। इसलिए समय के साथ अपने आप को ढालना उसका पहला कर्तव्य और गुण है।

3.  कला शिक्षक समाज प्रेमी और देश प्रेमी हिना चाहिए :-


समाज के विकास और उत्थान के वगेर कोई भी काम सफल नहीं माना जाता है। जब समाज सही है तो परिवार सही है परिवार और समाज के साथ एक अच्छे देश का नर्माण होता है इसलिए एक कला शिक्षक को समाज प्रेमी और देश प्रेमी होना बहुत ही जरूरी है।


4. कला अध्यापक खुश दिल होने चाहिए :- 

आज तक जितने भी महान अध्यापक हुए हैं वे हमेशा ही खुश दिल होते हैं और ऐसा होना भी चाइये। ये बात अलग है कि कभी अध्यापक शिक्षण और सरकारी काम की वजह से थकन महसूस करता है। पर एक कला अध्यापक अपने शिक्षण के कार्यक्रम के बाद अपने में चिन्तन करे तो उसे इस बात की ख़ुशी होनी चाहिए कि उसने अपने शिक्षण को सही रूप दिया है और वह उस शिक्षण से संतुष्ट है। अगर ऐसा आप कला के शिक्षक होते हुए सोचते हैं तो आप एक आदर्श कला के शिक्षक हो।
छात्रों के उपयोग के लिए कक्षा में कला आपूर्ति और कला उपकरण तैयार करना और व्यवस्थित करना। 


5. कला का शिक्षक मजाकिया होना चाहिए :- 


वैसे शिक्षण का काम कोई मजाक नहीं है पर एक कला के शिक्षक को अपने शिक्षण में Boring शब्द को दूर करने के लिए हमेशा बच्चो के साथ Fun के साथ पेश आना चाहिए। अगर एक कला का शिक्षक अपने विद्यार्थियों के साथ मजाक करके और ख़ुशी से शिक्षण का कर्यक्रम पूरा करता है तो बच्चे आपकी कक्षा में आने के लिए मजबूर होंगे और शिक्षा को बोख न समझ के उसकी और आकर्षित होंगे। वैसे भी उदाहरण को अगर किसी Fun से जोड़ा जाये तो वह हमेशा यद् रहता है।

6. कला अपने छात्रों को जोड़ने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।


एक कला शिक्षक के अंदर यह गुण, या विशेषता का होना भी जरुरी है कि वह कैसे अपने पाठ्यक्रम के साथ अपने विद्यार्थियों को जोड़ रहे हैं। कला शिक्षक को अंदर ये भावना होनी चाहिए कि वह शिक्षण में इतनी सरलता लाये की एक Student आपके शिक्षण के साथ जुड़ने के लिए मजबूर हो जाएँ मुझे लगता है कि हम सभी सहमत हो सकते हैं यदि हम किसी पाठ या विषय के बारे में उत्साहित नहीं हैं, तो आमतौर पर हमारे बच्चे भी नहीं होते हैं। 


महान कला शिक्षकों ने यह पता लगाया है कि सबसे उबाऊ विषयों को कैसे लिया जाए और उन्हें आकर्षक, मज़ेदार, सीखने के अवसरों में बदल दिया जाए। हमारा उत्साह हमारे बच्चों को उत्साहित और व्यस्त रखता है, जिसका आमतौर पर मतलब है कि वे सीख रहे हैं !

7. कला शिक्षक उत्साही होना चाहिए :-


इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि किसी भी काम में उत्साह तब पैदा होता है जब उसे शुरू में करते है। ये उत्साह एक कला शिक्षक में ही नहीं होता सभी कार्यों में शुरू में होता है पर अगर ये उत्साह अगर सम्पूर्ण जीवन में कायम रहे तो एक शिक्षक का शिक्षण पूर्ण समझा जायेगा। इसलिए एक कला शिक्षक के अंदर उत्साह का होना बहुत जरूरी है। हमारे समाज और कार्यबल को अब पहले से कहीं अधिक रचनात्मक विचारकों की सख्त जरूरत है। हमारी कला सामग्री को महसूस करना छात्रों को शक्तिशाली जीवन कौशल सिखा रहा है जो किसी भी कला शिक्षक को चालू रखने के लिए पर्याप्त है!

8. कला शिक्षक पेशे के प्रति जुनूनी होना चाहिए :-

सबसे महान और सबसे सफल कला शिक्षक कला शिक्षा के बारे में में यह बहुत जरूरी है कि वह अपने विषय के प्रति जूनून से भरा हो और वह जूनून उसमें शिक्षण के अंत तक कायम होना चाहिए। ऐसा नहीं कि जूनून के चक्र में अपने पाठ्यक्रम को ही भूल जाएँ पर इसके साथ अपने विषय में महारत हासिल करना भी आपका फर्ज होना चाहिए। टेनेसी आर्ट एजुकेशन एसोसिएशन के अध्यक्ष मेलोडी वेनट्रॉब लिखते हैं, "शिक्षण के लिए जुनून कला शिक्षा में नंबर एक सबसे महत्वपूर्ण चीज है।" उसने आगे कहा, "यह जुनून सकारात्मक, पेशेवर ऊर्जा बनाता है जो दूसरों के लिए संक्रामक है।



9. अपने पेशे के लिए समर्पित होना चाहिए :- 


वैसे हर कोई अध्यापक के अंदर इस गुण का होना जरूरी है कि वह अपने शिक्षण और काम के प्रति Dedicated हो पर एक कला के शिक्षक के लिए ये बहुत जरूरी है कि वह जिस काम के लिए उसे Appoint किया गया है उसके प्रति सजकता से काम करे और Dedication के भावना के साथ शिक्षण विधि को अंजाम दे। वे अपने पेशे में इस तरह से समय और ऊर्जा लगाते हैं जो अक्सर अप्रतिम होता है। हम सभी जानते हैं कि एक कला शिक्षक बनना एक कठिन काम है। लेकिन, जब हम अपने छात्रों और कार्यक्रमों को चमकते हुए देखना चाहते है इसलिए एक कला शिक्षक का अपने पेशे के प्रति समर्पित होना जरूरी है।

एक शिक्षक में कौन कौन से गुण होने चाहिए?

वेशभूषा - टीचर का व्यक्तित्व प्रभावशाली होने के लिए उसका बाहरी स्वरूप अध्यापक के सम्मान ही होना आवश्यक है। ... .
अच्छा स्वास्थ्य - एक अच्छे अध्यापक का शारीरिक रूप से स्वस्थ होना भी आवश्यक है। ... .
उच्च गुणवत्ता- एक शिक्षक को चारित्रिक रुप से दृढ़ होना चाहिए। ... .
नेतृत्व शक्ति- ... .
धैर्यवान - ... .
विनोदप्रिय - ... .
उत्साह - ... .
आत्म-सम्मान -.

एक अच्छे शिक्षक का सबसे महत्वपूर्ण गुण क्या है?

अतः यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि 'विषयवस्तु का पूर्ण ज्ञान' एक अच्छे शिक्षक का सबसे महत्वपूर्ण गुण है।.
निष्ठावान और समर्पित।.
जिम्मेदार और देखभाल करने वाले।.
सभी बच्चों के प्रति निष्पक्ष।.
अच्छा सम्प्रेषण कौशल।.
एक अच्छा वक्ता और श्रोता।.
विद्यार्थियों के हित का ध्यान रखना।.

एक शिक्षक के रूप में आप अपने स्वयं की पहचान कैसे बनाएंगे?

अपनी भूमिका को पहचानते हुए सामाजिक परिवर्तन के साथ नैतिक मूल्यों का समावेश छात्र-छात्राओं में करें। स्कूल से लेकर समाज के बीच में अपने आदर्श प्रस्तुत करें। एक संस्कारवान नागरिकों का निर्माण करें ताकि वह राष्ट्र निर्माण में अपनी सहभागिता कर सकें।

शिक्षक की विशेषता क्या है?

एक अच्छे शिक्षक के कुछ गुणों में संचार कौशल, सुनना, सहयोग, अनुकूलन क्षमता, सहानुभूति और धैर्य शामिल हैं। प्रभावी शिक्षण की अन्य विशेषताओं में एक आकर्षक कक्षा उपस्थिति, वास्तविक दुनिया में सीखने में मूल्य, सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान और सीखने का आजीवन प्यार शामिल है।