छत्तीसगढ़ में होमरूल आन्दोलन में किन किन राजनीतिज्ञों ने भाग लिया था - chhatteesagadh mein homarool aandolan mein kin kin raajaneetigyon ne bhaag liya tha

छत्तीसगढ़ में होमरूल आन्दोलन में किन किन राजनीतिज्ञों ने भाग लिया था - chhatteesagadh mein homarool aandolan mein kin kin raajaneetigyon ne bhaag liya tha

होम रूल लीग योजना को 14 दिसंबर 1915 में तिलक के द्वारा प्रस्तुत किया गया। वर्ष 1916 में भारत में होमरूल लीग की सुरुवात हुई। अप्रैल 1916 में तिलक ने बॉम्बे प्रान्त में तथा एनी बेसेंट ने अड़यार ( मद्रास ) को केंद्र बनाया।

छत्तीसगढ़ में होमरूल आंदोलन तिलक के नेतृत्व में हुआ। छत्तीसगढ़ में डॉ. एन. चौधरी, राव साहब दानी, ठा. मनमोहन सिंह आदि नेता सक्रिय थे।

प्रथम विश्वयुद्ध में अंग्रेजो को समर्थन देने के संबंध में 1918 वामन राव लाखे ने आपत्ति प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव का समर्थन पं. रविशंकर शुक्ल ने किया। वर्ष1918 में होमरूल का एक सम्मेलन रायपुर में हुआ जिसमें पं. रावुशंकर शुक्ल नगर शाखा के संगठक थे।

छत्तीसगढ़ में नेतृत्वकर्ता :
रायपुर - पं. रविशंकर
बिलासपुर - ई. राघवेंद्र राव
दुर्ग - घनश्याम सिंह गुप्त
राजनांदगांव - ठा. प्यारेलाल
धमतरी - नारायण राव मेघवाले


होमरूल आंदोलन से कौन कौन जुड़ा था?

होमरूल आंदोलन में मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू, भोलाभाई देसाई, चित्तरंजन दास, मदन मोहन मालवीय, मोहम्मद अली जिन्ना, तेज बहादुर सप्रू और लाला लाजपत राय भी शामिल हुए।

होमरूल आंदोलन कब प्रारंभ किया गया?

28 अप्रैल 1916, बेलगाम, भारतहोम रूल आन्दोलन / स्थापना की तारीख और जगहnull

होमरूल का मतलब क्या होता है?

होमरूल का तात्पर्य एक ऐसी स्थिति से है जिसमें किसी देश का शासन वहाँ के स्थायी नागरिकों के द्वारा ही चलाया जाता है। प्रशासन में ब्रिटिश नियंत्रण को कम करने के लिये होमरूल को एक आंदोलन के रूप में 1870 से 1907 के बीच आयरलैंड में चलाया गया था।

होम रूल लीग की स्थापना के समय भारत का वायसराय कौन था?

लोकमान्य तिलक और एनी बेसेंट ने आयरिश होम रूल आंदोलन के आधार पर वर्ष 1916 में लॉर्ड हार्डिंग के वायसराय के दौरान दो होम रूल लीग आंदोलनों की घोषणा की।