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प्रदूषण तब होता है जब पर्यावरण में कुछ जीवित चीजों को हानिकारक या जहरीला तत्त्व आ जाते है। जल निकायों में प्रदूषित पानी या कचरा प्रदूषण का एक प्रकार है। दूसरे शब्दों में, प्रदूषण का मतलब कार्बन मोनोऑक्साइड आदि जैसे प्रदूषकों के उत्सर्जन के कारण पर्यावरण में अचानक परिवर्तन होता है। पीने के पानी में सीवेज एक और प्रकार का प्रदूषण है, जिसमें रोगाणु होते हैं और वायरस। 3 प्रकार के प्रदूषण हैं: जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, और शोर प्रदूषण। अगर आपको भी pradushan par nibandh in hindi, प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध, पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध इन हिंदी, आदि की जानकारी देंगे| पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध हिंदी में
प्रदूषण की समस्या पर निबंध
The environmental pollution essay
Pollution essay in english
जल प्रदूषण पर निबंध
वायु प्रदूषण पर निबंधयह जानकारी जैसे Hindi, Urdu, उर्दू, English, sanskrit, Tamil, Telugu, Marathi, Punjabi, Gujarati, Malayalam, Nepali, Kannada के Language Font , 100 words, 150 words, 200 words, 400 words में साल 2007, 2008, 2009, 2010, 2011, 2012, 2013, 2014, 2015, 2016, 2017 का full collection whatsapp, facebook (fb) व instagram पर share कर सकते हैं|
पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध कैसे लिखें?पेड़ लगाएं: कई कारणों से पेड़ों की कटाई जैसे सड़कों का चौड़ीकरण, घर बनाना आदि के कारण विभिन्न प्रकार के प्रदूषण में वृद्धि हुई है। पौधे वातावरण में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड आदि हानिकारक गैसों को अवशोषित करते हैं।
प्रदूषण क्या है pdf?प्रदूषकों के परिवहित एवं विसरित होने के माध्यम के आधार पर प्रदूषण को निम्नलिखित प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है- (i) जल प्रदूषण, (ii) वायु प्रदूषण, (iii) भू-प्रदूषण, (iv) ध्वनि प्रदूषण । बढ़ती हुई जनसंख्या और औद्योगिक विस्तारण के कारण जल के अविवेकपूर्ण उपयोग से जल की गुणवत्ता का बहुत अधिक निम्नीकरण हुआ है। है।
पर्यावरण प्रदूषण क्या है कक्षा 10?मानव की विकास सम्बन्धी गतिविधियाँ जैसे भवन निर्माण, यातायात और निर्माण न केवल प्राकृतिक संसाधनों को घटाती है बल्कि इतना कूड़ा-कर्कट (अपशिष्ट) भी उत्पन्न करती हैं जिससे वायु, जल, मृदा और समुद्र सभी प्रदूषित हो जाते हैं। वैश्विक ऊष्मण बढ़ता है और अम्ल वर्षा बढ़ जाती है।
प्रदूषण कितने प्रकार के होते हैं PDF?बहुत से उद्योग भी वायु प्रदूषण के लिए उत्तरदायी हैं। पेट्रोलियम परिष्करणशालाएँ सल्फर डाइऑक्साइड तथा नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे गैसीय प्रदूषकों की प्रमुख स्रोत हैं। विद्युत संयंत्रों में कोयला जैसे ईंधन के दहन से सल्फर डाइऑक्साइड उत्पन्न होती है।
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