प्रश्न 56. भारत की नगरीय समस्याओं का वर्णन कीजिए। Show
उत्तर- 1. आवास की समस्या- नगरों में जिस घनत्व के आधार पर विभिन्न सुविधाओं की व्यवस्था की जाती है उसकी तुलना में नगरों की आबादी बहुत अधिक है। फलस्वरूप बड़ी संख्या में लोगों के पास अपने मकान नहीं होते। मुम्बई, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, अहमदाबाद, कानपुर और अनेक ऐसे नगर हैं, जिनमें लाखों लोग रात में फुटपाथ पर सोने के लिए विवश हैं। 2. मलिन बस्तियाँ- मलिन बस्तियाँ हम ऐसे इलाकों को कहते हैं जिनमें टूटे-फूटे मकानों के अलावा टीन के टुकड़ों, पॉलीथिन और कच्ची दीवारों की सहायता से झुग्गी-झोपड़ियाँ बना ली जाती हैं। ऐसे क्षेत्रों में शौचालय, पानी या बिजली की कोई सुविधाएँ नहीं होती। जो नगर जितना बड़ा है उसमें रेल लाइनों के दोनों ओर तथा खाली पड़ी हुई जमीनों पर इस तरह की बस्तियों की संख्या उतनी ही अधिक है । 3. प्रदूषण की समस्या- नगरीकरण में वृद्धि होने के साथ प्रदूषण की समस्या जनसाधारण के स्वास्थ्य के लिए एक गम्भीर खतरा बन गई है। नगरों में कूड़े-कचरे और गन्दगी के ढेर हर जगह देखने को मिल सकते हैं। सीवर लाइनों की सही व्यवस्था न होने के कारण बहुत दूषित और विषाक्त पानी सड़कों पर फैलता रहता है। उद्योगों की चिमनियों और मोटर वाहनों से निकलने वाला धुआँ वातावरण को अधिक प्रदूषित कर रहा है । 4. बुनियादी सुविधाओं की कमी- अधिकांश राज्यों के नगरों में लोगों को कुछ घण्टे ही पानी और बिजली की सुविधा मिल पाती है। नगरों में टूटी हुई सड़कों के कारण चलना भी कठिन है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी स्वच्छता के प्रति पूरी तरह उदासीन हैं। 5. अपराधों में वृद्धि- नगरों में बढ़ते हुए संगठित अपराधों के कारण सामान्य लोग अपने जीवन को बहुत असुरक्षित मानने लगे हैं। अपहरण, चोरियाँ, बलात्कार और लूटमार जैसी घटनाएँ बढ़ती जा रही हैं। बड़े-बड़े भू-माफिया जबरदस्ती लोगों की सम्पत्ति को हड़प रहे हैं। जालसाजी, शराबखोरी और मादक पदार्थों का सेवन नगरीकरण के घातक परिणाम हैं। शहरीकरण से उपज़ते संकट
इस Editorial में The Hindu, The Indian Express, Business Line आदि में प्रकाशित लेखों का विश्लेषण किया गया है। इस लेख में शहरीकरण और उससे संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है। आवश्यकतानुसार, यथास्थान टीम दृष्टि के इनपुट भी शामिल किये गए हैं। संदर्भसंयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में दुनिया की आधी आबादी शहरों में रह रही है। वर्ष 2050 तक भारत की आधी आबादी महानगरों व शहरों में निवास करने लगेगी। एक दूसरी संस्था ऑक्सफोर्ड इकॉनोमिक के अध्ययन के मुताबिक वर्ष 2019 से लेकर वर्ष 2035 के बीच सबसे तेज़ी से बढ़ने वाले सभी शीर्ष दस शहर भारत के ही होंगे। विश्व बैंक की वर्ष 2015 की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का शहरीकरण ‘Hidden And Messy’ अर्थात अघोषित एवं अस्त-व्यस्त है। भारत का शहरी विस्तार देश की कुल आबादी का 55.3% है परंतु आधिकारिक जनगणना के आँकड़े इसका विस्तार केवल 31.2% ही बताते हैं। वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक भारत में 53 ऐसे शहर हैं जिनकी आबादी 10 लाख से अधिक है। इसके अलावा देश की राजधानी दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बंगलूरू और हैदराबाद जैसे महानगर हैं जिनकी आबादी लगातार बढ़ रही है। लोग बेहतर भविष्य की तलाश में यहाँ पहुँचते और बसते रहते हैं। शहरीकरण से संबंधित समस्याओं में चाहे बंगलूरू की प्रदूषित झीलें हों या गुरुग्राम का ट्रैफिक जाम और मुंबई की बारिश हो या फिर दिल्ली का वायु प्रदूषण। शहरीकरण का नकारात्मक प्रभाव अलग-अलग तरीके से हर जगह देखने को मिल रहा है। इस आलेख में शहरीकरण के कारण, उससे संबंधित समस्याएँ तथा इन समस्याओं का समाधान तलाशने का प्रयास किया जाएगा। क्या है शहरीकरण?
शहरी क्षेत्र के मानक
भारत में शहरीकरण से संबंधित आँकड़े
बढ़ते शहरीकरण का कारण
शहरीकरण से संबंधित समस्याएँ
शहरीकरण का प्रभाव
शहरीकरण की समस्या से निपटने के लिये सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयास
शहरीकरण का महत्व
आगे की राह
प्रश्न- शहरीकरण से आप क्या समझते हैं? शहरीकरण में वृद्धि के कारणों पर चर्चा करते हुए समाज पर पड़ने वाले प्रभावों का विश्लेषण कीजिये। नगरीय जीवन की प्रमुख समस्याएं क्या है?1. पर्यावरणीय समस्याः नगरीय केन्द्रों में जनसंख्या के लगातार बढ़ते रहने एवं औद्योगीकरण के फलस्वरूप पर्यावरण प्रदूषण तथा अवनयन की कई समस्याएँ उत्पन्न हो गई हैं। सबसे ज्यादा प्रदूषण वायु तथा जल में देखने को मिलता है। महानगरों में प्रदूषण का मुख्य कारण वाहनों एवं औद्योगिक संस्थानों द्वारा निस्सृत विषैले रसायन हैं।
नगरीकरण के कारण पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ता है?शहरीकरण विकसित देषो की तुलना विकासषील देषांे के लिए ज्यादा घातक सिद्ध होती है। शहरीकरण अनेक समस्याओं को जन्म देती है जैसे आवास, गर्मी, गंदी बस्ती का निमार्ण जल आपुर्ति कि समस्या। धूल, कचरे का निपटारा, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण भीड़-भाड़ आदि । यह सभी समस्या स्वास्थ को प्रभावित करता है।
नगरीकरण पर्यावरण को कैसे बिगड़ता है?अनुक्रम. 2.1 जल प्रदूषण. 2.2 वायु प्रदूषण. 2.3 ध्वनि प्रदूषण. 2.4 भूमि प्रदूषण. 2.5 जनसंख्या वृद्धि और पर्यावरण की गुणवत्ता. नगरों की क्या समस्याएं हैं?नगरों में आने वाली अधिकांश जनसंख्या अकुशल श्रमिकों की है। इससे ये रोजगार के उचित अवसर प्राप्त नहीं कर पाते और आर्थिक समस्या से जूझते रहते हैं । इसके अलावा कार्य की बदलती प्रकृति के कारण बेरोजगारी बढ़ती है जिससे नगरों में आर्थिक समस्याओं में वृद्धि होती है। नगरों की एक बड़ी समस्या सामाजिक-सांस्कृतिक समस्या है।
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