Haryana State Board HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 9 चिड़िया की बच्ची Textbook Exercise Questions and Answers. कहानी से चिड़िया
की बच्ची प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class प्रश्न 1. निम्नलिखित बातों से प्रतीत होता है कि वह सुखी नहीं था : चिड़िया की बच्ची Class 7 HBSE प्रश्न 2. Chidiya Ki Bacchi Summary In Hindi HBSE 7th Class प्रश्न 3. जबकि चिड़िया प्रकृति-प्रेमी है। उसे अपनी स्वच्छंदता प्यारी है। वह धन-दौलत को कुछ नहीं समझती। उसे अपनी माँ की गोद सबसे मूल्यवान और प्यारी प्रतीत होती है। यही कारण है कि चिड़िया माधवदास के बार-बार समझाने पर भी सोने के पिंजरे और सुख-सुविधाओं के लालच में नहीं आती। चिड़िया की बच्ची शब्दार्थ HBSE 7th
Class प्रश्न 4. चिड़िया की बच्ची HBSE 7th Class प्रश्न 5. चिड़िया
की बच्ची प्रश्न उत्तर Class 7 HBSE प्रश्न 6. कहानी से आगे 1. इस कहानी में आपने देखा कि वह चिड़िया अपने घर से दूर आकर भी फिर अपने घोंसले तक वापस पहुँच जाती है। मधुमक्खियों, चींटियों,
ग्रह-नक्षत्रों तथा प्रकृति की अन्य विभिन्न चीजों में हमें एक अनुशासनबद्धता देखने को मिलती है। इस तरह के स्वाभाविक अनुशासन का रूप आपको कहाँ-कहाँ देखने को मिलता है? उदाहरण देकर बताइए। 2. सोचकर लिखिए कि यदि सारी सुविधाएँ देकर एक कमरे में
आपको सारे दिन बंद रहने को कहा जाए तो क्या आप स्वीकार करेंगे? आपको अधिक प्रिय क्या होगा-“स्वाधीनता’ या ‘प्रलोभनोंवाली पराधीनता’? ऐसा क्यों कहा जाता है कि पराधीन व्यक्ति को सपने में भी सुख नहीं मिल पाता। नीचे दिए गए कारणों को पढ़ें और विचार करें HBSE 7th Class Hindi चिड़िया की बच्ची Important Questions and Answersअति लघुत्तरात्मक प्रश्न चिड़िया की बच्ची Class 9 HBSE 7th Class प्रश्न 1. चिड़िया की बच्ची Questions And Answers HBSE 7th Class प्रश्न 2. चिड़िया की बच्ची पाठ के शब्दार्थ HBSE 7th Class प्रश्न 3. पाठ 9 चिड़िया की बच्ची के प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class प्रश्न 4. Chidiya Ki Bacchi Ke Prashn Uttar 7th Class प्रश्न 5. चिड़िया की बच्ची के प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class प्रश्न 6. चिड़िया की बच्ची पाठ के प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class प्रश्न 7. लघुत्तरात्मक प्रश्न Chapter 9 Chidiya Ki Bacchi HBSE 7th Class प्रश्न 1. पाठ 9 चिड़िया की बच्ची HBSE 7th Class प्रश्न 2.
प्रश्न 3. प्रश्न 4. चिड़िया की बच्ची गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या 1. माधवदास ने …………………….. मिलती है। अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न : बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए 1. माधवदास की कोठी किससे बनी है? 2. माधवदास के पास धन की 3. उनके पास समय 2. उस दिन …………………. होती थी। अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न : बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए 1. चिड़िया कहाँ आ बैठी थी? 2. चिड़िया की गरदन कैसी थी? 3. चिड़िया क्या कर रही थी? 3, माधवदास ने ………………. न रहो? अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
: बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए 1. ‘भोली चिड़िया’ में रेखांकित शब्द क्या है? 2. ‘तुम प्यारी हो।’-रेखांकित शब्द क्या है? 3. माधवदास कौन है? 4. तुम सेठ ………………. होना चाहिए? अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न : बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए 1. चिड़िया स्वयं को कैसा बताती है? 2. क्या चिड़िया मालामाल होना चाहती थी? 3. चिड़िया की राह कौन देख रही होगी? 5. इतने में ……………. सुबकने लगी। अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न : बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए 1. ‘कठोर स्पर्श’ में रेखांकित शब्द क्या है? 2. यह कठोर स्पर्श किसका हो सकता है? 3.
माँ की गोद में चिड़िया क्या करने लगी? चिड़िया की बच्ची Summary in Hindiचिड़िया की बच्ची पाठ का सार एक सेठ थे-माधवदास। उन्होंने संगरमरमर की नई कोठी ‘बनवाई और उसमें सुहावना बगीचा भी लगाया। उन्हें कला से बहुत प्रेम था। उनके पास धन की कोई कमी न थी। उन्हें बगीचे में फूल-पौधे और फव्वारों से उछलता पानी देखना बहुत अच्छा लगता था। वे मित्रों से विनोद-चर्चा अथवा हुक्के की नली को मुँह में दयाए संध्या को स्वप्न की भाँति गुजार देते थे। एक दिन की बात है कि वे मसनद के सहारे बैठे थे। मन कुछ खाली-सा था। तभी सामने गुलाब की डाली पर एक चिड़िया आ बैठी। वह बड़ी रंग-बिरंगी और प्यारी लग रही थी। माधवदास को वह चिड़िया बड़ी अच्छी लगी। उसने चिड़िया से कहा, “आओ, तुम बड़ी अच्छी आईं। यह बगीचा तुम लोगों के बिना सूना लगता है। सुनो चिड़िया, तुम खुशी से यह समझो कि यह बगीचा मैंने तुम्हारे लिए ही बनवाया है। तुम बेखटके यहाँ आया करो।” चिड़िया तो घबरा गई। वह बोली.-“मुझे मालूम नहीं था कि यह बगीचा आपका है। मैं अभी चली जाती हूँ। पलभर साँस लेने के लिए मैं यहाँ टिक गई थी।” सेठ माधवदास ने उससे बार-बार आग्रह किया वह यहीं रहे और इस संगमरमर की कोठी तथा बगीचे को अपना ही समझे। चिड़िया इसके लिए तैयार न हुई। वह बार-बार यही कहती रही कि मैं अपनी माँ के पास जा रही हूँ। अब साँझ हो गई है। मेरी । माँ मेरी बाट देख रही होगी। सेठ ने उसे अपना परिचय दिया और कहा कि वह जो कुछ माँगेगी, वही उसे मिलेगी। चिड़िया को सेठ से कुछ भी नहीं चाहिए था। वह मालामाल नहीं होना चाहती थी। वह सोने को भी नहीं जानती थी। सेठ को लगा कि चिड़िया नादान है। सेठ ने एक बटन दबा दिया। उसकी आवाज सनकर कोठी के भीतर से एक दास झपटकर बाहर आया। सेठ ने दास को इशारा कर दिया और वह चिड़िया को पकड़ने का उपाय करने लगा। चिड़िया के मन के भीतर चैन नहीं था। वह सेठ से कहने लगी-” सेठ मुझे डर लगता है। माँ मेरी दूर है। रात हो जाएगी तो राह नहीं सूझेगी।” तभी चिड़िया को लगा कि कोई कठोर स्पर्श उसके शरीर को छू गया है। वह चीखकर एकदम उड़ी। वह नौकर के फैले पंजे से निकल गई और एक ही साँस में माँ के पास जा पहुँची। वह माँ की गोद में गिरकर सुबकने लगी। माँ ने उसे छाती से चिपकाकर पूछा-“क्या है मेरी बच्ची?” चिड़िया बस सुबकंती रही। वह पलक मींचकर माँ की छाती से चिपककर सो गई। चिड़िया की बच्ची शब्दार्थ सुहावना = सुदर (Beautiful)। व्यसन = बुरी आदत (Addiction)। अभिरुचि = अच्छी रुचि (Good taste)। रकाबी = तश्तरी (Plate)। निहारते – देखते (To see)। गुजारना – बिताना (To spend)। प्रकाश = रोशनी (Light)। स्वच्छंदता – आजादी (Freedom)। सकुचाना = झिझकना (To hesitate)। भयभीत = डरी हुई (Feared)। प्रफुल्लित = प्रसन्न चित्त (Cheerful)। वीरान = सुनसान (Lonely)। मालामाल = धनी (Rich)। किस्मत = भाग्य (Luck)। अनगिनती = जिनकी गिनती न हो सकी Countless): देह = शरीर (Body)। राह = रास्ता (Parh)। ढाढस = तसल्ली (Solace)। तृप्ति = संतुष्टि (Satisfaction)। चिड़िया अपनी मां के पास ही क्यों रहना चाहती थी?माँ हमें जन्म देती है, हमारा पालन-पोषण करती है तथा सुख या दुःख में हमारा साथ नहीं छोड़ती। हम माँ के ऋण से कभी भी मुक्त नहीं हो सकते। इसी तरह का स्नेह चिड़िया तथा उसकी माँ का भी था। इसी कारण चिड़िया बार-बार माँ को स्मरण करके उसके पास जाने की जिद कर रही थी।
चिड़िया डाली पर क्यों रुकी थी?चिड़िया को भोली कहते हुए माधवदास कहता है कि वह वहीं माधवदास के पास सुखी रह सकती है। चिड़िया माधवदास की इन बातों से बहुत डर गई थी , वह डरते हुए माधवदास से बोली कि वह भटककर थोड़ा सा आराम करने के लिए इस डाली पर रुक गई थी।
चिड़िया क्या कर रही थी?चिड़िया को मानो माधवदास की सत्ता का कुछ पता नहीं था और मानो तनिक देर का आराम भी उसे नहीं चाहिए था। कभी पर हिलाती थी, कभी फुदकती थी। वह खूब खुश मालूम होती थी। अपनी नन्ही-सी चोंच से प्यारी-प्यारी आवाज़ निकाल रही थी।
चिड़िया को अपने शरीर पर क्या स्पर्श महसूस होता है?उछलता हुआ पानी उन्हें बहुत अच्छा लगता है। समय भी उनके पास काफ़ी है। शाम को जब दिन की गरमी ढल जाती है और आसमान कई रंग का हो जाता है तब कोठी के बाहर चबूतरे पर तख्त डलवाकर मसनद के सहारे वह गलीचे पर बैठते हैं और प्रकृति की छटा निहारते हैं। इनमें मानो उनके मन को तृप्ति मिलती है।
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