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विशिष्ट शिक्षा से आप क्या समझते हैं?(What do you understand by special education?)विशिष्ट शिक्षा शास्त्र की एक ऐसी शाखा है जिसके अंतर्गत उन बच्चों को शिक्षा दी जाती है जो सामान्य बच्चों से शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक विशेषताओं में थोड़े अलग होते हैं सामान्य बच्चों की तुलना में ऐसे बच्चों की आवश्यकताएँ भी विशिष्ट होती है। इसलिए वे ‘विशेष आवश्यकता वाले बच्चे’ कहलाते हैं। ये बच्चे अपनी सहायता स्वयं नहीं कर पाते हैं। विशिष्ट शिक्षा के तहत विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की विशिष्ट शैक्षिक आवश्यकताओं की पहचान एवं उनके शैक्षिक पुनर्वास का अध्ययन किया जाता है। ‘विशिष्ट शिक्षा’ से तात्पर्य अलग विद्यालयों में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की शिक्षा है इसका प्रयोग सामान्यतः उन बच्चों के लिए किया जाता है जो विकलांगता से ग्रस्त हों, ये विकलांगता अधिकतर अंग-हानियों से पैदा होती है। ‘विशिष्ट शिक्षा’ की परिभाषा के मुद्दे पर शिक्षाविदों और मनोवैज्ञानिकों के बीच मत्यैक नहीं है। विभिन्न लोगों ने इसे विभिन्न तरीकों से परिभाषित करने का प्रयास किया है। विकीपीडिया नामक इनसाइक्लोपाडिया के अनुसार यह एक प्रकार का शैक्षिक है, जिसका निर्माण अधिगम अक्षम, मानसिक मंद या शारीरिक विकासात्मक अक्षमताग्रस्त अथवा प्रतिभाशाली बच्चे सरीखे विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर किया जाता है। शैक्षिक अनुदेश निर्माण के दौरान पाठ्यचर्या में बदलाव, सहायक उपकरण एवं विशिष्ट सुविधाओं के प्रावधान आदि का ख्याल रखा जाता है ताकि विकलांग बच्चे नये शैक्षिक वातावरण का भरपूर आनंद ले सकें। कर्क के अनुसार ‘विशिष्ट शिक्षा’ शब्द शिक्षा के उन पहलुओं को इंगित करता है जिसे विकलांग एवं प्रतिभाशाली बच्चों के लिए किया जाता है, लेकिन औसत बालकों के मामले में यह प्रयुक्त नहीं होता है। हल्लहन और कॉफमैन (1973) के अनुसार, विशेष शिक्षा का अर्थ विशेष रूप से तैयार किये गये साधनों द्वारा विशिष्ट बच्चों को प्रशिक्षण देना है। इसके लिए विशिष्ट साधन, अध्यापन तकनीक, साजो-सामान तथा अन्य सुविधाओं की आवश्यकता होती है। विकलांग शिक्षा अधिनियम के अनुसार- “विशिष्ट शिक्षा-विशिष्ट रूप से डिजाइन किया गया अनुदेश है जो विकलांग बच्चों की अतुलनीय आवश्यकताओं की पूर्ति करता हो। इसमें वर्गकक्ष अनुदेश, गृह अनुदेश एवं अस्पतालीय एवं संस्थानिक अनुदेश भी शामिल हैं।” एक अन्य परिभाषा के मुताबिक- “विशिष्ट शिक्षा एक प्रकार का शैक्षिक कार्यक्रम और अधिन्यास है जिसमें विशिष्ट कक्षाएँ एवं कार्यक्रम अथवा असमर्थ बच्चों के शैक्षिक सामर्थ्य विकसित करने वाली सेवाएँ, मसलन स्कूल कमेटी द्वारा ऐसे बच्चों के शैक्षिक पदस्थापन, लोक स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, मानसिक मंद विभाग, युवा एवं समाज सेवाएँ एवं शैक्षिक बोर्ड द्वारा बनाया गया अधिनियम आदि शामिल हैं।” विशिष्ट शिक्षा के उद्देश्य (Aims of Special Education)विशिष्ट शिक्षा के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं- (i) वर्ग-कक्षा में विकलांग बच्चों के शिक्षण-अधिगम एवं कौशलों का आकलन करना। (ii) नियमित कक्षाओं में विकलांग बच्चों के सुव्यवस्थित रूप से पढ़ने-लिखने संबंधी भौतिक एवं अकादमिक अनुकूलन की पहचान करना। (iii) नि:शक्त स्कूली बच्चों की शक्तियों एवं कमजोरियों की पहचान करना। (iv) नि:शक्त बालकों को नियमित कक्षाओं में भ्रमण करने के अवसर मुहैया कराना। (v) बच्चों को मुख्यधारा में लाने वाली गतिविधियों की योजना निर्माण में सहभागी बनाना। (vi) अभिभावक एवं सामुदायिक आरियेन्टेशन कार्यक्रमों में भाग लेना। (vii) पुनर्वास विशेषज्ञों एवं स्कूल कर्मचारियों के बीच परामर्शात्मक संबंध कायम करना। (viii) विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को मुख्यधारा की कक्षा मे दाखिले के लिए कार्यक्रमों का निर्माण करना। (ix) सामान्य कक्षाओं के शिक्षकों और छात्रों को निःशक्त बच्चों की देखभाल के लिए मानसिक तौर पर तैयार करना। (x) नि:शक्त बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं के मापन के लिए सूचनाओं का संग्रह करना। (xi) प्रत्येक नि:शक्त बच्चे की वर्तमान क्रियाकलापों का आकलन करना। (xii) नि:शक्त बच्चों के शैक्षिक लक्ष्यों का निर्धारण करना। (xiii) बच्चों के लक्ष्य के निर्धारण में माता-पिता की भागीदारी सुनिश्चित करना। (xiv) नि:शक्त बच्चों के लिए शिक्षण-अधिगम सामग्रियों का निर्माण करना। (xv) गतिविधि आधारित शिक्षण कार्यक्रमों का निर्माण करना। (xvi) वैकल्पिक शैक्षिक रणनीतियों को डिजाइन करना।
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DisclaimerDisclaimer: Sarkariguider does not own this book, PDF Materials Images, neither created nor scanned. We just provide the Images and PDF links already available on the internet. If any way it violates the law or has any issues then kindly mail us: You may also likeAbout the authorविशिष्ट उद्देश्य क्या है?किसी कार्य को करने के पीछे निहित कारणों को उद्देश्य तथा उस कार्य को सम्पन्न करने हेतु उसकी विविध पक्षीय क्रियाओं पर पूर्व-चिन्तन तथा निश्चयन को विशिष्ट उद्देश्य कहते हैं।
शिक्षा से आप क्या समझते हैं इसकी विशेषताएं लिखिए?शिक्षा ज्ञान, उचित आचरण, तकनीकी दक्षता, विद्या आदि को प्राप्त करने की प्रक्रिया को कहते हैं। शिक्षा में ज्ञान, उचित आचरण और तकनीकी दक्षता, शिक्षण और विद्या प्राप्ति आदि समाविष्ट हैं। इस प्रकार यह कौशलों (skills), व्यापारों या व्यवसायों एवं मानसिक, नैतिक और सौन्दर्यविषयक के उत्कर्ष पर केंद्रित है।
विशिष्ट आवश्यकता वाले बालक का क्या अर्थ है इसकी विशेषताएं लिखिए?(1) शारीरिक दृष्टि से इनकी ज्ञानेन्द्रियाँ तीव्र होती है। ये सामान्य बालकों की अपेक्षा अधिक स्वस्थ होते हैं । (2) मानसिक दृष्टि से इनकी बुद्धि लब्धि 120 से अधिक होती है। (3) रुचियों की दृष्टि से इन बालकों की विशेषताओं में मुख्यतः तुलनात्मक, कल्पना प्राप्ति, धैर्य, तर्क व खोजबीन की प्रवृत्ति पायी जाती है ।
समावेशी शिक्षा का उद्देश्य क्या है?समावेशी शिक्षा, शिक्षा के अधिकार को प्राप्त करने के लिए एक सकारात्मक प्रयास है। इसका मुख्य उद्देश्य सभी बच्चों को चाहे वह मानसिक, सामाजिक, शारीरिक, संवेगात्मक रूप से कमजोर हो, उन्हें एक समान व सामान्य बच्चों के साथ शिक्षा प्रदान करना व बच्चे के अधिकार का सम्मान करना समावेशी शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य है।
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