सुलेमान के लश्कर के साथ गुज़रते हुए जब चींटियों ने उनके घोड़ों के टापों की आवाजें सुनीं तो वे भयभीत हो गईं। उनका भय दूर करने के लिए सुलेमान ने कहा, “घबराओ नहीं, सुलेमान को खुदा ने सबका रखवाला बनाया है। वह सबके लिए मुहब्बत है। ऐसा कहकर सुलेमान ने चींटियों का भय दूर किया।” Show Students who are searching for NCERT MCQ Questions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 15 अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले with Answers Pdf free download can refer to this page thoroughly. Because here we have compiled a list of MCQ Questions for Class 10 Hindi with Answers. So, Plan your Exam Preparation accordingly with the अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले Class 10 MCQs Questions with Answers PDF. Also, you can practice and test your subject knowledge by solving these अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले objective questions. अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले Class 10 MCQs Questions with AnswersPracticing the Class 10 Hindi Sparsh Chapter 15 MCQ with Answers aids students to learn all the fundamental concepts and prepare effectively for the exams. MCQ of अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले Class 10 with Answers are prepared based on the latest exam pattern & CBSE guidelines. Here are the links available online for Free Download of Class 10 Hindi अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले MCQ Multiple Choice Questions with Answers PDF. Question 1. Answer: (d) गंदा। Question 2. Answer: (d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं Question 3. Answer: (a) कबूतर। Question 4. Answer: (b) कबूतर का अंडा टूट जाने के कारण। Question 5. Answer: (c) कबीर या मिर्जा द्वारा लिखी पुस्तकों पर बैठकर उन्हें गंदा करना Question 6. Answer: (c) वह सभी जीव-जंतुओं की जुबान समझता था। Question 7. Answer: (b) निदा फाजली। Question 8. Answer: (c) ईसा से 1025-वर्ष पहले। Question 9. Answer: (a) चींटियों ने। Question 10. Answer: (d) सिंधी। Question 11. Answer: (c) एक च्योंटे को रेंगते हुए देखा। Question 12. Answer: (b) वे जीवन भर रोते रहे। गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न (1) दुनिया कैसे वजूद में आई? पहले क्या थी? किस बिंदु से इसकी यात्रा शुरू हुई? इन प्रश्नों के उत्तर विज्ञान अपनी तरह से देता है, धार्मिक ग्रंथ अपनी-अपनी तरह से। संसार की रचना भले ही कैसे हुई हो लेकिन धरती किसी एक की नहीं हैं। पंछी, मानव, पशु, नदी, पर्वत, समंदर आदि की इसमें बराबर की हिस्सेदारी है। यह और बात है कि इस हिस्सेदारी में मानव जाति ने अपनी बुद्धि से बड़ी-बड़ी दीवारें खड़ी कर दी हैं। पहले पूरा संसार एक परिवार के समान था। अब टुकड़ों में बँटकर एक-दूसरे से दूर हो चुका है। पहले बड़े-बड़े दालानों-आँगनों में सब मिल-जुलकर रहते थे, अब छोटे-छोटे डिब्बे जैसे घरों में जीवन सिमटने लगा है। बढ़ती हुई आबादियों ने समंदर को पीछे सरकाना शुरू कर दिया है, पेड़ों को रास्तों से हटाना शुरू कर दिया है, फैलते हुए प्रदूषण ने पंछियों को बस्तियों से भगाना शुरू कर दिया है। बारूदों की विनाशलीलाओं ने वातावरण को सताना शुरू कर दिया। अब गरमी में । ज्यादा गरमी, बेवक्त की बरसातें, जलजले, सैलाब, तूफ़ान और नित नए रोग, मानव और प्रकृति के इसी असंतुलन के परिणाम हैं। नेचर की सहनशक्ति की एक सीमा होती है। Question 1. Answer: (a) प्रकृति और मानव के बीच बड़ी-बड़ी दीवारें खड़ी कर दी। Question 2. Answer: (b) एक परिवार की तरह रहता था Question 3. Answer: (d) डिब्बानुमा घरों में Question 4. Answer: (c) मानव और प्रकृति के असंतुलन का। Question 5. Answer: (d) धरती पर रहने वाले सभी की। (2) बाइबिल के सोलोमेन जिन्हें कुरआन में सुलेमान कहा गया है, ईसा से 1025 वर्ष एक बादशाह थे। कहा गया है, वह केवल मानव जाति के ही राजा नहीं थे, सारे छोटे-बड़े पशु-पक्षी के भी हाकिम थे। वह इन सबकी भाषा भी जानते थे। एक दफा सुलेमान अपने लश्कर के साथ एक रास्ते से गुजर रहे थे। रास्ते में कुछ चींटियों ने घोड़ों की टापों की आवाज़ सुनी तो डर कर एक-दूसरे से कहा- ‘आप जल्दी से अपने-अपने बिलों में चलो, फौज आ रही है।’ सुलेमान उनकी बातें सुनकर थोड़ी दूर पर रुक गए और चींटियों से बोले, ‘घबराओ नहीं, सुलेमान को खुदा ने सबका रखवाला बनाया है। मैं किसी के लिए मुसीबत नहीं हूँ, सबके लिए मुहब्बत हूँ।’ Question 1. Answer:
Question 2. Answer:
Question 3. Answer:
Question 4. Answer:
(3) ऐसी एक घटना का ज़िक्र सिंधी भाषा के महाकवि शेख अयाज़ ने अपनी आत्मकथा में किया है। उन्होंने लिखा है-‘एक दिन उनके पिता कुएँ से नहाकर लौटे। माँ ने भोजन परोसा। उन्होंने जैसे ही रोटी का कौर तोड़ा उनकी नज़र अपनी बाजू पर पड़ी। वहाँ एक काला च्योंटा रेंग रहा था। वह भोजन छोड़कर उठ खड़े हुए।’ माँ ने पूछा- ‘क्या बात है? भोजन अच्छा नहीं लगा?’ शेख अयाज़ के पिता बोले- ‘नहीं, यह बात नहीं है। मैंने एक घर वाले को बेघर कर दिया है। उसे बेघर को कुएँ पर उसके घर छोड़ने जा रहा हूँ।’ बाइबिल और दूसरे पावन ग्रंथों में नूह नाम के एक पैगंबर का ज़िक्र मिलता है। उनका असली नाम लशकर था, लेकिन अरब ने उनको नूह के लकब से याद किया है। वह इसलिए कि आप सारी उम्र रोते रहे। इसका कारण एक जख्मी कुत्ता था। नूह के सामने से एक बार एक घायल कुत्ता गुज़रा। नूह ने उसे दुत्कारते हुए कहा- ‘दूर हो जा गंदे कुत्ते!’ इस्लाम में कुत्तों को गंदा समझा जाता है। कुत्ते ने उनकी दुत्कार सुनकर जवाब दिया… ‘न मैं अपनी मर्जी से कुत्ता हूँ, न तुम अपनी पसंद से इनसान हो। बनाने वाला सबका तो वही एक है।’ Question 1. Answer:
Question 2. Answer:
Question 3. Answer:
Question 4. Answer:
Question 5. Answer:
(4) कई सालों से बड़े-बड़े बिल्डर समंदर को पीछे धकेल कर उसकी ज़मीन को हथिया रहे थे। बेचारा समंदर लगातार सिमटता जा रहा था। पहले उसने अपनी फैली हुई टाँगें समेंटीं, थोड़ा सिमटकर बैठ गया। फिर जगह कम पड़ी तो उकडूं बैठ गया। फिर खड़ा हो गया… जब खड़े रहने की जगह कम पड़ी तो उसे गुस्सा आ गया। जो जितना बड़ा होता है उसे उतना ही कम गुस्सा आता है। परंतु आता है तो रोकना मुश्किल हो जाता है, और यही हुआ, उसने एक रात अपनी लहरों पर दौड़ते हुए तीन जहाजों को उठाकर बच्चों की गेंद की तरह तीन दिशाओं में फेंक दिया। एक वर्ली के समंदर के किनारे पर आकर गिरा, दूसरा बांद्रा में कार्टर रोड के सामने औंधे मुँह और तीसरा गेट-वे ऑफ़ इंडिया पर टूट-फूटकर सैलानियों का नज़ारा बना। बावजूद कोशिश, वे फिर से चलने-फिरने के काबिल नहीं हो सके। Question 1. Answer:
Question 2. Answer:
Question 3. Answer:
Question 4. Answer:
Question 5. Answer:
(5) ग्वालियर से बंबई की दूरी ने संसार को काफ़ी कुछ बदल दिया है। वीवा में जहाँ आज मेरा घर है, पहले यहाँ दूर तक जंगल था। पेड़ थे, परिंदे थे और दूसरे जानवर थे। अब समंदर के किनारे लंबी-चौड़ी बस्ती बन गई है। इस बस्ती ने न जाने कितने परिदों-चरिंदों से उनका घर छीन लिया है। इनमें से कुछ शहर छोड़कर चले गए हैं। जो नहीं जा सके हैं, उन्होंने यहाँ-वहाँ डेरा डाल लिया है। इनमें से दो कबूतरों ने मेरे फ्लैट के एक मचान में घोंसला बना लिया है। बच्चे अभी छोटे हैं। उनके खिलाने-पिलाने की ज़िम्मेदारी अभी बड़े कबूतरों की है। वे दिन में कई-कई बार आते-जाते हैं। और क्यों न आएँ-जाएँ, आखिर उनका भी घर है। लेकिन उनके आने-जाने से हमें परेशानी भी होती है। वे कभी किसी चीज़ को गिराकर तोड़ देते हैं। कभी मेरी लाइब्रेरी में घुसकर कबीर या मिर्जा गालिब को सताने लगते हैं। इस रोज़-रोज़ की परेशानी से तंग आकर मेरी पत्नी ने उस जगह जहाँ उनका आशियाना था, एक जाली लगा दी है, उनके बच्चों को दूसरी जगह कर दिया है। उनके आने की खिड़की को भी बंद किया जाने लगा। खिड़की के बाहर अब दोनों कबूतर रात-भर खामोश और उदास बैठे रहते हैं। मगर अब न सोलोमन है जो उनकी जुबान को समझकर उनका दुख बाँटे, न मेरी माँ है, जो इनके दुखों से सारी रात नमाज़ों में काटे। Question 1. Answer:
Question 2. Answer:
Question 3. Answer:
Question 4. Answer:
Question 5. Answer:
विषय-बोध पर आधारित प्रश्न Question 1. Answer:
Question 2. Answer:
Question 3. Answer:
Question 4. Answer:
Question 5. Answer:
Question 6. Answer:
Question 7. Answer:
Question 8. Answer:
Question 9. Answer:
Question 10. Answer:
We think the shed NCERT MCQ Questions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 15 अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले with Answers Pdf free download will benefit you to the fullest. For any queries regarding CBSE Class 10 Hindi Sparsh अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले MCQs Multiple Choice Questions with Answers, share with us via the below comment box and we’ll reply back to you at the earliest possible. बादशाह सुलेमान ने चींटियों को कैसे आश्वस्त किया?सुलेमान के लश्कर के साथ गुज़रते हुए जब चींटियों ने उनके घोड़ों के टापों की आवाजें सुनीं तो वे भयभीत हो गईं। उनका भय दूर करने के लिए सुलेमान ने कहा, “घबराओ नहीं, सुलेमान को खुदा ने सबका रखवाला बनाया है। वह सबके लिए मुहब्बत है। ऐसा कहकर सुलेमान ने चींटियों का भय दूर किया।”
सुलेमान ने चींटियों से क्या कहा?(ग) सुलेमान ने चींटियों से कहा कि वे सबके रखवाले हैं। किसी के लिए मुसीबत ना होकर सबके लिए मुहब्बत हैं।
ईसा से 1025 वर्ष पूर्व बादशाह को बाइबल और कुरआन में क्या कहा गया है?बाइबिल के सोलोमेन जिन्हें कुरान में सुलेमान कहा गया है, ईसा से 1025 वर्ष पूर्व एक <br> बादशाह थे। कहा गया है, वह केवल मानव जाति के ही राजा नहीं थे, सारे छोटे-बड़े <br> पशु-पक्षी के भी हाकिम थे। वह इन सबकी भाषा जानते थे। एक दफा सुलेमान अपने <br> लश्कर के साथ एक रास्ते से गुजर रहे थे।
|