अर्थशास्त्र में हमें क्या पढ़ना चाहिए? - arthashaastr mein hamen kya padhana chaahie?

stuti goswami |

नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 24 Sep 2021, 1:19 pm

How To Crack Economics Exam: अर्थशास्त्र की अवधारणाओं की समझ अच्छी होनी चाहिए आप जब कुल उत्पाद और सीमांत उत्पाद या कुल निश्चित लागत और औसत निश्चित लागत के बीच सम्बन्ध को समझ पाएंगे तब ही आप इस विषय में अच्छे नंबर प्राप्त कर पाएंगे।

अर्थशास्त्र में हमें क्या पढ़ना चाहिए? - arthashaastr mein hamen kya padhana chaahie?
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Economics Exam Tips And Tricks: अर्थशास्त्र एक ऐसा विषय है जो परीक्षा में छात्रों को हाई मार्क्‍स भी दिला सकता है और फेल भी करा सकता है, इसलिए पढ़ाई के दौरान छात्रों को ख़ास ध्यान देने की जरुरत पड़ती है। यह गणित का मिलता-जुलता रूप है। अर्थशास्त्र में किसी व्यक्ति या संपूर्ण अर्थव्यवस्था से संबंधित आर्थिक समस्याओं का अध्ययन किया जाता है। देश के तेज आर्थिक विकास के लिए सही आर्थिक नीतियों को अपनाना आवश्यक होता है और आर्थिक नीतियों का निर्माण अर्थशास्त्र से ही संभव होता है। अर्थशास्‍त्र को जहां कई लोग विज्ञान मानते हैं, वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो इसको कला कहते हैं। यह इसलिए है क्‍योंकि अर्थशास्त्र में जहां कला सैद्धांतिक जानकारी देती है, वहीं विज्ञान सैद्धांतिक जानकारी को व्यावहारिक रूप में प्रस्तुत करता है।
विज्ञान उन परीक्षणों पर आधारित होता है, जो कि नियंत्रित होते हैं तथा परिकल्पनाओं को संतुष्ट करते हैं। इसलिए अर्थशास्त्र को कला एवं विज्ञान के मिश्रण के रूप में भी देखा जाता है।

तैयारी से न डरें
अर्थशास्‍त्र की पढ़ाई के दौरान छात्र यह सोचकर परेशान हो जाते हैं कि इसके बड़े कोर्स को वह कैसे पूरा कर पाएंगे। हालांकि यह कोर्स उन छात्रों को ही बड़ा लग सकता है जो की कोर्स को समझने के लिए कई तरह की रेफरेंस बुक्स का उपयोग करते है, लेकिन जो छात्र केवल अपने सिलेबस कोर्स की किताब से पढाई करते है उनके लिए यह समय पर्याप्त होता है कोर्स को पूरा करने और उसका रिवीजन करने के लिए। अर्थशास्‍त्र में आप तभी अच्छे नंबर प्राप्त कर सकते है जब आपकी विश्लेषणात्मक और तार्किक स्किल (Analytical and Logical Skills) अच्छी हो।
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जानें कैसे पाएं अच्छे मार्क्स
अगर आप बोर्ड परीक्षा में अर्थशास्त्र के अंदर अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको शुरू से ही समय सारणी बनाकर नियमित अध्ययन करना होगा। पाठ्यक्रम को ध्यान में रखते हुए ही तैयारी करें, बहुत अधिक सांकेतिक किताब पढ़ने से आप भ्रमित हो सकते है, इसलिए सिर्फ एनसीईआरटी की अच्छी रेफरेंस किताब ही पढ़ें।
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इकोनॉमिक्स के एग्जाम से पहले जरूर अपनाएं ये टिप्स
  • पढ़ाई के दौरान टॉपिक को लिखकर उन्‍हें याद करें, जब भी मौका मिले उन्‍हें दोहराएं। साथ ही संख्यात्मक प्रश्नों और रेखाचित्रों का भी अभ्यास करें, और साफ़ कार्य करने की आदत डालें।
  • परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्‍नों का अनुभव करने के लिए स्कूल की सभी प्रीबोर्ड परीक्षा में अवश्य भाग ले, एनसीईआरटी की पुस्तकें जरुर पढ़ें।
  • दोनों इकोनॉमिक्स मैक्रो और माइक्रो दोनों में कई तरह के डाइग्राम होते है, इसलिए आपको इन डाइग्राम को बनाने का अभ्यास होना चाहिए, अगर आप पेपर में अच्छे डाइग्राम बनाते है तो आपको अंक मिलते है लेकिन अगर आपके डाइग्राम सही नहीं है तो आपको किसी भी तरह अंको का लाभ नहीं होता है।
  • अर्थशास्त्र के पेपर के कॉन्सेप्ट्स और टर्म में बहुत अंतर होता है। इसलिए इनमें अंतर समझने के लिए आपको तैयारी की जरुरत है। साथ ही इसे सारणीबद्ध रूप से प्रस्तुत करना भी आपको आना चाहिए। तभी आप पेपर में अच्छे अंक प्राप्त कर सकेंगे।
  • पिछले साल के पेपर्स को भी सॉल्व करें इससे आपको परीक्षा का क्या पैटर्न है, पता चलता है और साथ ही आप यह भी समझ पाते है की परीक्षक आपसे क्या पूछना चाहता है।

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जिस प्रकार चिकित्सा शास्त्र में मानव शरीर की समस्याओं का अध्ययन किया जाता है, उसी प्रकार अर्थशास्त्र में किसी व्यक्ति या संपूर्ण अर्थव्यवस्था से संबंधित आर्थिक समस्याओं का अध्ययन किया जाता है। देश के तेज आर्थिक विकास के लिए सही आर्थिक नीतियों को अपनाना नितांत आवश्यक होता है और आर्थिक नीतियों का निर्माण अर्थशास्त्र से ही संभव होता है।

अर्थशास्त्र विषय के व्यावहारिक महत्व के कारण ही इसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। दिल्ली विश्वविद्यालय के ईको ऑनर्स कोर्स में प्रवेश के इच्छुक विद्यार्थियों की संख्या लगातार बढ़ती जाने के कारण इस कोर्स में ऊंची कटऑफ देखने को मिल रही है।

कैसे करें अर्थशास्त्र की तैयारी?
बारहवीं कक्षा में अर्थशास्त्र में ऊंचे अंक प्राप्त करने के लिए शुरुआत से ही टाइम टेबल बना कर नियमित अध्ययन करना चाहिए। सीबीएसई के पाठय़क्रम को ध्यान में रखते हुए ही तैयारी करें। बहुत ज्यादा रेफरेंस बुक्स पढ़ने से दिमाग में कन्फ्यूजन हो सकता है। अत: कुछ अच्छी रेफरेंस बुक्स ही पढ़ें।

प्रश्नों के उत्तर लिख कर याद करें। संख्यात्मक प्रश्नों व रेखाचित्रों का भी अभ्यास करें।
छात्रों को अध्यापक द्वारा पढ़ाये गए हर विषय को घर जा कर दोहराना चाहिए। डायग्राम्स को समझें और इन्हें नामांकित करने का प्रयास करें। अपने नोट्स तैयार करें तथा हर पाठ के साथ जुड़े फॉर्मूलों की लिस्ट भी बना लें। एनसीईआरटी की पुस्तकों में से प्रत्येक विषय को पढ़ कर याद करें और बार-बार लिख कर उनका अभ्यास भी करें। हर प्रश्न में जरूरी शब्दों को रेखांकित करें। यह क्रम पाठ्यक्रम समाप्त होने तक चलता रहना चाहिए। हर चैप्टर के डायग्राम, फॉर्मूले, डेलिनेशन तथा संभावित प्रश्नों को लिख-लिख कर अच्छी तरह से याद कर लें।

कहा जाता है कि जब आंखें, दिमाग व हाथ एक साथ चलते हैं, तब ‘लर्निग रिफ्लेक्स’ पैदा होता है, जो विद्यार्थियों के लिए लाभदायक होता है। पूरे सिलेबस के अध्ययन के बाद गत पांच वर्षो के बोर्ड पेपर्स या सैंपल पेपर्स का अभ्यास भी जरूर करें। इससे आपकी तैयार बेहतर तरीके से हो जाएगी।

अनिवार्य कार्य सूची
1. अपने स्कूल की प्रीबोर्ड परीक्षा में अवश्य भाग लें।
2. एनसीईआरटी की पुस्तक जरूर पढे़।
3. उत्तर पुस्तिका में साफ कार्य करें।
4. फॉर्मूले न्यूमेरिकल्स प्रश्नों में जरूर लिखें।
5. डायग्राम्स को साफ-सुथरा बनायें।

चैप्टर्स की तैयारी ऐसें करें
अर्थशास्त्र जैसे विषय को याद करने की बजाए उसे समझने का प्रयास करें, क्योंकि यह हमारी रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ा हुआ है। इसके दो भाग हैं- व्यष्टि अर्थशास्त्र और समष्टि अर्थशास्त्र। एक अच्छी रेफरेंस बुक की सहायता लें। प्रत्येक चैप्टर्स के नोट्स बना लें। कुछ महत्वपूर्ण चैप्टर्स का अच्छे से अध्ययन करें।

प्रत्येक चैप्टर में दिए गए सभी डायग्राम्स को ध्यानपूर्वक समझ लें और इन प्रश्नों को अपनी कॉपी में जरूर लिखें और अपने अध्यापक से जांच भी करवाएं। एक फॉर्मूले की तरह यह लिस्ट अंत में आपके काम आएगी। कुछ प्रश्न प्रत्येक वर्ष पूछे जाते हैं, उन्हे अच्छे से लिख कर समझ लें, ताकि इनमें अंक न कटें। डेफिनेशिन को अच्छे से याद करें। आप उनमें पूरे अंक पा सकते हैं। न्यूमेरिकल को स्टैपवाइज हल करें और फॉर्मूला जरूर लिखें। कुछ परिभाषा वाले विषयों का अच्छे से अध्ययन करें।

टाइम मैनेजमेंट और बाकी सावधानियां
परीक्षा के समय सभी छात्रों को 3 घंटे का समय दिया जाता है। यह प्रश्नपत्र 100 अंकों का है। इसमें 29 प्रश्न पूछे जाते हैं। यहां 15 मिनट का समय प्रश्नपत्र को पढ़ने के लिए दिया जाता है। इस स्थिति में यह आवश्यक है कि समय की पूरी योजना बनाएं और सुंदर लिखाई में सभी प्रश्नों के उत्तर समय से लिखें। अंत में 10-15 मिनट का समय पूरे पेपर के रिवीजन के लिए दें।

पेपर लिखते समय एक क्रम अपनाएं और उन प्रश्नों से शुरुआत करें, जो भली-भांति आते हों। शब्द सीमा का ध्यान रखें। 1 अंक वाले प्रश्नों को दो-दो मिनट का समय दें। तीन अंक वाले प्रश्नों को 4 से 5 मिनट में  समाप्त करें और प्रत्येक उत्तर 60 शब्दों में दें।

  चार अंक वाले प्रश्नों को 7 से 10 मिनट का समय दें और प्रत्येक उत्तर 70 शब्दों में लिखें। छह अंक वाले उत्तर ध्यानपूर्वक 100 शब्दों में लिखें। वे आपको पहले से ही आने चाहिएं, क्योंकि ये संभावित प्रश्न होते हैं। इनमें 10 से 12 मिनट से ज्यादा समय न लगाएं। प्रत्येक उत्तर के बाद अपने प्रश्नपत्र पर निशान लगाएं और अपने समय की योजनानुसार उत्तर लिखते रहें।

इस बोर्ड की परीक्षा से पहले अपने स्कूल की परीक्षाएं जरूर दें और प्रश्न पत्र का अभ्यास भी करें। किसी एक रेफरेंस बुक के साथ एनसीईआरटी की पुस्तक जरूर पढ़ें। आपके साल भर बने नोट्स रिवीजन में काम आएंगे।

यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप कुछ टॉपिक्स का लिख कर अभ्यास करते रहें, क्योंकि उनके आने की पूरी संभावना होती है। सीबीएसई के पिछले 4-5 सालों के सैम्पल पेपर और प्रश्नपत्रों का अच्छी तरह अभ्यास करें। प्रत्येक उत्तर लिखें और अपने अध्यापक से चेक करवाएं।

हॉट्स और वेल्यूबेस्ड प्रश्न
ऐसे प्रश्नों की तैयारी के लिए आपको कॉन्सेप्ट समझ में आने बहुत जरूरी हैं। ध्यान रहे, कोई भी टॉपिक छूट न जाए और किसी अच्छी रेफरेंस बुक के पीछे दिए गए एमसीक्यू तथा सही व गलत की अच्छे से जांच-पड़ताल कर लें।

याद रहे, इनमें अंकों के लिए सही उत्तर के साथ-साथ सही कारण देना भी जरूरी होता है। भाग ए में सभी डायग्राम्स को अच्छी तरह से समझें, क्योंकि इन पर बेस्ड सवाल हॉट्स में आते हैं। इसी तरह से आरबीआई के कामकाज पर भी ध्यान दें।

इन्डायरेक्ट प्रश्नों के उत्तर सही बुद्धि लगा कर दें।

बेहतर अंक पाने के नुस्खे
स्थिर दिमाग दोगुनी तेजी से काम करता है, अत: प्रश्नपत्र मिलने पर सर्वप्रथम पूरा प्रश्नपत्र शांति के साथ पढ़ें।
प्रश्नों का उत्तर लिखते समय प्रश्न क्रमांक सही प्रकार से डालें।
प्रश्नों के उत्तर को लिखते समय सरल, किंतु सही भाषा का इस्तेमाल करें। लिखावट साफ रखें।
जो प्रश्न अच्छे-से आते हों, उन्हें सबसे पहले हल करें। इससे आत्मविश्वास बढ़ेगा।
अंतर वाले प्रश्नों में अंतर तालिका बना कर लिखें। इससे अंतर प्रभावपूर्ण तरीके से समझ में आ जाता है।
जहां प्रश्न में कहा गया हो, वहां रेखाचित्र जरूर बनाएं। रेखाचित्र में सही प्रकार से नामांकन करें। रेखाचित्र बनाते समय पेंसिल व स्केल का प्रयोग करें।
अगर प्रश्न में वाक्य के सही या गलत होने का कारण भी पूछा गया हो तो कारण भी जरूर लिखें। कारण न लिखने पर अंक नहीं मिलता।
संख्यात्मक प्रश्नों के सीधे उत्तर न लिख कर पहले सूत्र अवश्य लिखें। संख्यात्मक प्रश्नों में प्रत्येक चरण (स्टेप) के अंक होते हैं। अत: सारे चरण लिखें। उत्तर लिखते समय इकाई लिखना न भूलें।
अगर कुछ गलत हो जाता है तो पूरा शब्द काट कर पुन: लिखें। ओवरराइटिंग न करें।

इन सामान्य बातों को ध्यान में रखते हुए
प्रश्नपत्र हल करने से नब्बे से अधिक अंक भी अर्थशास्त्र में आसानी से प्राप्त किए जा
सकते हैं।

सार्थक अग्रवाल
कुल अंक 498/500 
इको में 100/100
कॉमर्स स्ट्रीम
स्कूल: डीपीएस पब्लिक स्कूल, वसंत कुंज, दिल्ली
वर्तमान: दिल्ली विश्वविद्यालय के एसआरसीसी कॉलेज से इको (ऑनर्स) प्रथम वर्ष

क्या आपने प्रथम स्थान पाने के लिए खास मेहनत की थी?
मैंने यह कभी नहीं सोचा था कि मैं ऑल इंडिया टॉपर बनूंगा, लेकिन मैंने मेहनत और टाइम मैनेजमेंट के बलबूते पर यह मुकाम हासिल कर ही लिया। हर विद्यार्थी को मेहनत करनी ही चाहिए। मैं रोजाना 3 से 4 घंटे पढ़ता था। कभी-कभी पढ़ते हुए स्ट्रेस महसूस होता था तो मैं मनोरंजन के लिए टीवी सीरियल या मूवी देख लेता था और फिर पढ़ाई में जुट जाता था।

आपने इकोनॉमिक्स जैसे विषय की तैयारी किस तरह की, जिससे आपको शत-प्रतिशत अंक मिलें?
अगर हम किसी काम को एक नीति के तहत और रूप-रेखा बना कर करेंगे तो उसमें जरूर सफलता मिलेगी। मैंने वेटेज के हिसाब से चैप्टर्स की तैयारी की थी। जो भी प्रश्न जिस रूप से पूछा जाता था, उस प्रश्न का वैसा ही उत्तर मैंने अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखा।

अर्थशास्त्र जैसे विषय में अभ्यास कितना जरूरी है?
इस विषय में मैथ्स की तरह अभ्यास जरूरी है। बिना अभ्यास के यह विषय आपसे अछूता ही रहेगा, क्योंकि कॉमर्स जैसे विषयों में यह विषय सबसे मुश्किल माना जाता है। यह अभ्यास से ही सरल हो पाता है। हमें अर्थशास्त्र जैसे विषयों की तैयारी के लिए लिख कर अभ्यास करना चाहिए। प्रश्नों के उत्तर प्वॉइंटवाइज लिखने चाहिए। महत्वपूर्ण बातों को अंडरलाइन करना चाहिए। रेखाचित्रों वाले प्रश्नों का बार-बार अभ्यास करना चाहिए, क्योंकि इस विषय में चित्रों के अंक होते हैं। चित्र बनाने के बाद लेबलिंग अवश्य करें।

क्या अर्थशास्त्र में डायग्राम पर विशेष ध्यान देना चाहिए?
हमें अर्थशास्त्र में डायग्राम पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा एनसीईआरटी या रेफरेंस बुक से बेसिक डेफिनेशन याद करनी चाहिए। दूसरा, इसमें न्यूमेरिकल्स हल करते समय फॉर्मूले अवश्य लिखें, उसके बाद उसकी वेल्यू की प्लेसमेंट करें, क्योंकि सभी स्टेप्स के अलग-अलग अंक होते हैं।

अर्थशास्त्र में अच्छे अंक पाने के लिए छात्रों को कुछ सुझाव देना चाहेंगे?
एनसीईआरटी की पुस्तकों को फोकस करें। स्कूल में दिए गए नोट्स को बार-बार दोहराएं। न्यूमेरिकल्स करें। पिछले 2-3 सालों के प्रश्न पत्रों को हल करें। प्री बोर्ड परीक्षा को गंभीरता से लें। टाइम मैनेजमेंट का ध्यान रखें। लिख कर अभ्यास करें।
प्रस्तुति: अशोक वशिष्ठ

अर्थशास्त्र में क्या पढ़ना होता है?

अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग का अध्ययन किया जाता है। 'अर्थशास्त्र' शब्द संस्कृत शब्दों अर्थ (धन) और शास्त्र की संधि से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है – 'धन का अध्ययन'।

अर्थशास्त्र में कितने विषय होते हैं?

वर्तमान में अर्थशास्त्र का अध्ययन दो भागों में किया जाता है - व्यष्टि अर्थशास्त्र और समष्टि अर्थशास्त्र

अर्थशास्त्र का पिता कौन है?

एडम स्मिथ (5 जून 1723 से 17 जुलाई 1790) एक ब्रिटिश नीतिवेत्ता, दार्शनिक और राजनैतिक अर्थशास्त्री थे। उन्हें अर्थशास्त्र का पितामह भी कहा जाता है। आधुनिक अर्थशास्त्र के निर्माताओं में एडम स्मिथ (जून 5, 1723—जुलाई 17, 1790) का नाम सबसे पहले आता है.

अर्थशास्त्र कितने प्रकार के होते हैं?

व्यष्टि अर्थशास्त्र: इसमे व्यक्ति और उसके आर्थिक व्यवहार का अध्ययन किया जाता है। जैसे: व्यक्ति की आय, उसकी आवश्यकताए, उसकी इच्छाएँ, उसके खर्च करने का तरीका आदि का अध्ययन। २. समिष्टि अर्थशास्त्र: इसमे देश की सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था के आर्थिक व्यवहार का अध्ययन किया जाता है।