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नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 24 Sep 2021, 1:19 pm How To Crack Economics Exam: अर्थशास्त्र की अवधारणाओं की समझ अच्छी होनी चाहिए आप जब कुल उत्पाद और सीमांत उत्पाद या कुल निश्चित लागत और औसत निश्चित लागत के बीच सम्बन्ध को समझ पाएंगे तब ही आप इस विषय में अच्छे नंबर प्राप्त कर पाएंगे।Image Credit: freepik
Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें जिस प्रकार चिकित्सा शास्त्र में मानव शरीर की समस्याओं का अध्ययन किया जाता है, उसी प्रकार अर्थशास्त्र में किसी व्यक्ति या संपूर्ण अर्थव्यवस्था से संबंधित आर्थिक समस्याओं का अध्ययन किया जाता है। देश के तेज आर्थिक विकास के लिए सही आर्थिक नीतियों को अपनाना नितांत आवश्यक होता है और आर्थिक नीतियों का निर्माण अर्थशास्त्र से ही संभव होता है। अर्थशास्त्र विषय के व्यावहारिक महत्व के कारण ही इसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। दिल्ली विश्वविद्यालय के ईको ऑनर्स कोर्स में प्रवेश के इच्छुक विद्यार्थियों की संख्या लगातार बढ़ती जाने के कारण इस कोर्स में ऊंची कटऑफ देखने को मिल रही है। कैसे करें अर्थशास्त्र की तैयारी? प्रश्नों के उत्तर लिख कर याद करें। संख्यात्मक प्रश्नों व
रेखाचित्रों का भी अभ्यास करें। कहा जाता है कि जब आंखें, दिमाग व हाथ एक साथ चलते हैं, तब ‘लर्निग रिफ्लेक्स’ पैदा होता है, जो विद्यार्थियों के लिए लाभदायक होता है। पूरे सिलेबस के अध्ययन के बाद गत पांच वर्षो के बोर्ड पेपर्स या सैंपल पेपर्स का अभ्यास भी जरूर करें। इससे आपकी तैयार बेहतर तरीके से हो जाएगी। अनिवार्य कार्य सूची चैप्टर्स की तैयारी ऐसें करें प्रत्येक चैप्टर में दिए गए सभी डायग्राम्स को ध्यानपूर्वक समझ लें और इन प्रश्नों को अपनी कॉपी में जरूर लिखें और अपने अध्यापक से जांच भी करवाएं। एक फॉर्मूले की तरह यह लिस्ट अंत में आपके काम आएगी। कुछ प्रश्न प्रत्येक वर्ष पूछे जाते हैं, उन्हे अच्छे से लिख कर समझ लें, ताकि इनमें अंक न कटें। डेफिनेशिन को अच्छे से याद करें। आप उनमें पूरे अंक पा सकते हैं। न्यूमेरिकल को स्टैपवाइज हल करें और फॉर्मूला जरूर लिखें। कुछ परिभाषा वाले विषयों का अच्छे से अध्ययन करें। टाइम मैनेजमेंट और बाकी सावधानियां पेपर लिखते समय एक क्रम अपनाएं और उन प्रश्नों से शुरुआत करें, जो भली-भांति आते हों। शब्द सीमा का ध्यान रखें। 1 अंक वाले प्रश्नों को दो-दो मिनट का समय दें। तीन अंक वाले प्रश्नों को 4 से 5 मिनट में समाप्त करें और प्रत्येक उत्तर 60 शब्दों में दें। चार अंक वाले प्रश्नों को 7 से 10 मिनट का समय दें और प्रत्येक उत्तर 70 शब्दों में लिखें। छह अंक वाले उत्तर ध्यानपूर्वक 100 शब्दों में लिखें। वे आपको पहले से ही आने चाहिएं, क्योंकि ये संभावित प्रश्न होते हैं। इनमें 10 से 12 मिनट से ज्यादा समय न लगाएं। प्रत्येक उत्तर के बाद अपने प्रश्नपत्र पर निशान लगाएं और अपने समय की योजनानुसार उत्तर लिखते रहें। इस बोर्ड की परीक्षा से पहले अपने स्कूल की परीक्षाएं जरूर दें और प्रश्न पत्र का अभ्यास भी करें। किसी एक रेफरेंस बुक के साथ एनसीईआरटी की पुस्तक जरूर पढ़ें। आपके साल भर बने नोट्स रिवीजन में काम आएंगे। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप कुछ टॉपिक्स का लिख कर अभ्यास करते रहें, क्योंकि उनके आने की पूरी संभावना होती है। सीबीएसई के पिछले 4-5 सालों के सैम्पल पेपर और प्रश्नपत्रों का अच्छी तरह अभ्यास करें। प्रत्येक उत्तर लिखें और अपने अध्यापक से चेक करवाएं। हॉट्स और वेल्यूबेस्ड प्रश्न याद रहे, इनमें अंकों के लिए सही उत्तर के साथ-साथ सही कारण देना भी जरूरी होता है। भाग ए में सभी डायग्राम्स को अच्छी तरह से समझें, क्योंकि इन पर बेस्ड सवाल हॉट्स में आते हैं। इसी तरह से आरबीआई के कामकाज पर भी ध्यान दें। इन्डायरेक्ट प्रश्नों के उत्तर सही बुद्धि लगा कर दें। बेहतर अंक पाने के
नुस्खे इन सामान्य बातों को ध्यान में रखते हुए सार्थक अग्रवाल क्या आपने प्रथम स्थान पाने के लिए खास
मेहनत की थी? आपने इकोनॉमिक्स जैसे विषय की तैयारी किस तरह की, जिससे आपको शत-प्रतिशत अंक मिलें? अर्थशास्त्र जैसे विषय में अभ्यास कितना जरूरी है? क्या अर्थशास्त्र में डायग्राम पर विशेष ध्यान देना चाहिए? अर्थशास्त्र में अच्छे अंक पाने के लिए छात्रों को कुछ सुझाव देना चाहेंगे? अर्थशास्त्र में क्या पढ़ना होता है?अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग का अध्ययन किया जाता है। 'अर्थशास्त्र' शब्द संस्कृत शब्दों अर्थ (धन) और शास्त्र की संधि से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है – 'धन का अध्ययन'।
अर्थशास्त्र में कितने विषय होते हैं?वर्तमान में अर्थशास्त्र का अध्ययन दो भागों में किया जाता है - व्यष्टि अर्थशास्त्र और समष्टि अर्थशास्त्र।
अर्थशास्त्र का पिता कौन है?एडम स्मिथ (5 जून 1723 से 17 जुलाई 1790) एक ब्रिटिश नीतिवेत्ता, दार्शनिक और राजनैतिक अर्थशास्त्री थे। उन्हें अर्थशास्त्र का पितामह भी कहा जाता है। आधुनिक अर्थशास्त्र के निर्माताओं में एडम स्मिथ (जून 5, 1723—जुलाई 17, 1790) का नाम सबसे पहले आता है.
अर्थशास्त्र कितने प्रकार के होते हैं?व्यष्टि अर्थशास्त्र: इसमे व्यक्ति और उसके आर्थिक व्यवहार का अध्ययन किया जाता है। जैसे: व्यक्ति की आय, उसकी आवश्यकताए, उसकी इच्छाएँ, उसके खर्च करने का तरीका आदि का अध्ययन। २. समिष्टि अर्थशास्त्र: इसमे देश की सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था के आर्थिक व्यवहार का अध्ययन किया जाता है।
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