दान देने से क्या लाभ होता है? - daan dene se kya laabh hota hai?

दान क्या है? मनुष्यर अन्य प्राणियों को खुशी देना। जब आप दूसरों को खुशी देते हैं, तो बदले में आपको खुशी मिलती है। खुदकी चीज़ देने के बावजूद आपको खुशी होती है, क्योंकि आपने कुछ अच्छा किया है।

किसीको शाश्वत सुख का अनुभव कब होता है? जब आप दुनिया में अपनी सबसे अधिक प्यारी चीज़ दूसरों के लिए छोड़ देंगे, तब। सांसार की वह ऐसी कौन सी चीज़ है? पैसा। लोगों को पैसों से अत्यधिक लगाव है। अतः धन को जाने दीजिए, बहा दीजिए। उसके बाद ही आपको पता चलेगा कि जितना आप जाने देंगे, उतना ही अधिक आपके पास आएगा।

दादाश्री ने परोपकार/दान और ऐसे ही अन्य प्रश्नों के बारे में व्यापक जानकारी दी हैं। परोपकार/दान के फायदे है। दान के प्रकार क्या है?दान कहाँ और किसे देना चाहिए?दान कैसे करना चाहए?गुप्तदान क्या है?वगैरह..वाचक को निश्चित रूप से यह अमूल्य और व्यवहारिक लगेंगे।

दान करने से जीवन की तमाम परेशानियों का अंत खुद-ब-खुद होने लगता है. दान करने से कर्म सुधरते हैं और अगर कर्म सुधर जाएं तो भाग्य संवरते देर नहीं लगती है.

दान को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है. ये मात्र रिवाज़ के लिए नहीं किया जाता बल्कि दान करने के पीछे विभिन्न धार्मिक उद्देश्य छिपे हैं. जन्म कुण्डली में कुछ ग्रहों को मजबूत और दुष्ट ग्रहों को शांत करने के लिए तो हम दान-पुण्य करते ही हैं लेकिन ग्रहों की कैसी स्थिति में हमें कैसा दान नहीं करना चाहिए, ये भी जानना जरूरी है.

जरूरतमंद व्यक्ति को दान देने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। कई बार ग्रहों के दोषों का निवारण भी दान देकर किया जा सकता है। लेकिन, दान देते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है. अगर सभी बातों का ध्यान रखकर दान किया जाए, तो उसका शुभ फल जरूर मिलता है.

दान करने से मन और कर्म दोनों उत्तम होते हैं. इसका सीधा असर इंसान के भाग्य पर पड़ता है. दान का आपके जीवन पर किस प्रकार का प्रभाव पड़ता है?

अन्नदान, वस्त्रदान, विद्यादान, अभयदान और धनदान. ये सारे दान भी इंसान को पुण्य का भागी बनाते हैं. किसी भी वस्तु का दान करने से मन को सांसारिक आसक्ति यानि मोह से छुटकारा मिलता है. हर तरह के लगाव और भाव को छोड़ने की शुरुआत दान और क्षमा से ही होती है.

श्रीरामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास ने कहा है कि परहित के समान कोई धर्म नहीं है और दूसरों को कष्ट देने के समान कोई पाप नहीं है.

दान के महत्व-

दान एक ऐसा कार्य है जिसके जरिए हम न केवल धर्म का ठीक ठीक पालन कर पाते हैं बल्कि अपने जीवन की तमाम समस्याओं से भी निकल सकते हैं. आयु रक्षा और सेहत के लिए तो दान को अचूक माना जाता है. जीवन की तमाम समस्याओं से निजात पाने के लिए भी दान का विशेष महत्व है. दान करने से ग्रहों की पीड़ा से भी मुक्ति पाना आसान हो जाता है. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो अलग-अलग वस्तुओं के दान से अलग-अलग समस्याएं दूर होती हैं लेकिन बिना सोचे समझे गलत दान से आपका नुकसान भी हो सकता है.

ज्योतिष के जानकारों की मानें तो वेदों में भी लिखा है कि सैकड़ों हाथों से कमाना चाहिए और हज़ार हाथों वाला होकर समदृष्टि से दान करना चाहिए. आज हम आपको बताएंगे कि अलग-अलग वस्तुओं के दान से कैसे संवरता है जीवन और कौन सी चीजों का दान करना आपके लिए सबसे उत्तम होगा.

अलग-अलग दान और उनके लाभ

अनाज का दान

- अनाज का दान करने से जीवन में अन्न का अभाव नहीं होता

- अनाज का दान बिना पकाए हुए करें तो ज्यादा अच्छा होगा

धातुओं का दान

- धातुओं का दान विशेष दशाओं में ही करें

- यह दान उसी व्यक्ति को करें जो दान की गई चीज़ का प्रयोग करे

- धातुओं का दान करने से आई हुई विपत्ति टल जाती है

वस्त्रों का दान

- वस्त्रों का दान करने से आर्थिक स्थिति हमेशा उत्तम रहती है

- उसी स्तर  के कपड़ों का दान करें , जिस स्तर के कपड़े आप पहनते हैं

- फटे पुराने या ख़राब वस्त्रों का दान कभी भी न करें  

ज्योतिष के जानकारों की मानें तो जिस इंसान को दान करने में आनंद मिलता है उसे ईश्वर की असीम कृपा प्राप्त होती है क्योंकि देना इंसान को श्रेष्ठ और सत्कर्मी बनाता है. अगर आप भी अपने भीतर की सच्ची खुशी को महसूस करना चाहते हैं तो जरूरतमंदों को दान करिए. अद्भुत आत्मसुख मिलेगा.

अन्नदान, वस्त्रदान, विद्यादान, अभयदान और धनदान, ये सारे दान इंसान को पुण्य का भागी बनाते हैं. किसी भी वस्तु का दान करने से मन को सांसारिक आसक्ति यानी मोह से छुटकारा मिलता है. हर तरह के लगाव और भाव को छोड़ने की शुरुआत दान और क्षमा से ही होती है.

श्रीरामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास ने कहा है कि परहित के समान कोई धर्म नहीं है और दूसरों को कष्ट देने के समान कोई पाप नहीं है.

दान का महत्व
दान एक ऐसा कार्य है, जिसके जरिए हम न केवल धर्म का ठीक-ठीक पालन कर पाते हैं बल्कि अपने जीवन की तमाम समस्याओं से भी निकल सकते हैं. आयु, रक्षा और सेहत के लिए तो दान को अचूक माना जाता है. जीवन की तमाम समस्याओं से निजात पाने के लिए भी दान का विशेष महत्व है. दान करने से ग्रहों की पीड़ा से भी मुक्ति पाना आसान हो जाता है.

ज्योतिष के जानकारों की मानें तो अलग -अलग वस्तुओं के दान से अलग-अलग समस्याएं दूर होती हैं, लेकिन बिना सोचे-समझे गलत दान से आपका नुकसान भी हो सकता है. कई बार गलत दान से अच्छे ग्रह भी बुरे परिणाम दे सकते हैं. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो वेदों में भी लिखा है कि सैकड़ों हाथों से कमाना चाहिए और हजार हाथों वाला होकर दान करना चाहिए.

जानें कि अलग-अलग वस्तुओं के दान से कैसे संवरता है जीवन और कौन-सी चीजों का दान करना आपके लिए सबसे उत्तम होगा -

अनाज का दान
- अनाज का दान करने से जीवन में अन्न का अभाव नहीं होता
- अनाज का दान बिना पकाए हुए करें तो ज्यादा अच्छा होगा

धातुओं का दान
- धातुओं का दान विशेष दशाओं में ही करें
- यह दान उसी व्यक्ति को करें जो दान की गई चीज का प्रयोग करें
- धातुओं का दान करने से आई हुई विपत्ति टल जाती है

वस्त्रों का दान
- वस्त्रों का दान करने से आर्थिक स्थिति हमेशा उत्तम रहती है
- उसी स्तर के कपड़ों का दान करें, जिस स्तर के कपड़े आप पहनते हैं
- फटे पुराने या खराब वस्त्रों का दान कभी भी न करें

ज्योतिष के जानकारों की मानें तो जिस इंसान को दान करने में आनंद मिलता है, उसे ईश्वर की असीम कृपा प्राप्त होती है क्योंकि देना इंसान को श्रेष्ठ और सत्कर्मी बनाता है. अगर आप भी अपने भीतर की सच्ची खुशी को महसूस करना चाहते हैं तो जरूरतमंदों को दान करिए. इससे आपको अद्भुत आत्मसुख मिलेगा.

यहां जानें किस राशि के व्यक्ति को कौन-से दान से हो सकता है नुकसान...

- मेष: सूर्य का दान न करें, मीठी चीज़ों के दान से बचें
- वृष: शनि का दान न करें, लोहा दान न करें
- मिथुन: शुक्र का दान न करें, हरी चीज़ों के दान से बचें
- कर्क: चन्द्रमा का दान न करें, सोने के दान से बचें
- सिंह: मंगल का दान न करें, भूमि या मिट्टी की चीजों के दान से बचें
- कन्या: बुध का दान न करें, दूध के दान से बचें
- तुला: शनि का और काली चीजों का दान कभी ना करें
- वृश्चिक: मंगल का और पीली चीजों का दान न करें
- धनु: सूर्य का और मीठी चीजों का दान कभी न करें
- मकर: शुक्र का और तेल का दान न करें
- कुंभ: शनि का और हरी चीजों का दान कभी न करें
- मीन: मंगल का और लाल चीजों का दान न करें

क्या दान करने से क्या फल मिलता है?

हिंदू धर्म में दान करना बहुत पुण्यदायी कार्य माना गया है। दान-पुण्य करने से ना सिर्फ ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त होता है बल्कि घर में सुख-शांति और बरकत भी आती है। जरूरतमंद लोगों की मदद करना मानव जीवन के लिए सबसे बड़ा कार्य है।

सबसे उत्तम दान क्या है?

ज्ञानदान और अभयदान को भी श्रेष्ठ दानों में गिना गया है। वैदिक ग्रंथों के अनुसार दान करने के समय स्नान करके पहले शुद्ध स्थान को गोबर से लीप ले, फिर उसपर बैठकर दान दे और उसके बाद दक्षिणा दे।

मंदिर में दान देने से क्या होता है?

भक्ति में कितना पवित्र भाव है इसे मानव समझे। पुण्य पवित्र धार्मिक अनुष्ठान में यदि व्यक्ति क्षमता से बढ़कर भगवान के लिए दान करता है तो उसका फल उसको मिलता है। वह मिट्टी में हाथ डालता है तो वहां भी सोना निकलता है।

गीता के अनुसार दान क्या है?

गीता के अनुसार दान तीन प्रकार का होता है। जो दान कुपात्र व्यसनी को या अनादरपूर्वक या दिखावे के लिए दिया जाए वह अधम, जो बदले में कोई लाभ लेने या यश की आशा से कष्ट से भी दिया जाए वह दान मध्यम है। परंतु जो दान कर्तव्य समझकर, बिना किसी अहं भाव के, नि:स्वार्थ भाव से किया जाता है वही उत्तम श्रेणी में आता है।