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ब्लड चढ़ाने के बाद नहीं होगा मरीज को रिएक्शनकैंसरके मरीजों को अब खून चढ़ाने के बाद होने वाले रिएक्शन से जूझना नहीं पड़ेगा। अब उन्हें ब्लड बैंक से वाइट ब्लड सैल अलग करने के बाद रक्त दिया जाएगा। इसके लिए ल्यूक रिडक्शन मशीन लगाई गई है। इसके बाद से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे मरीजों को काफी लाभ होगा। इसके अलावा थेलेसीमिया से ग्रस्त मरीजों को भी यही ब्लड दिया जाएगा। ब्लड बैंक का दावा है कि इस ब्लड को चढ़ाने के बाद मरीजों को रिएक्शन होने की आशंका के बराबर हो जाएगी। आईजीएमसी में स्थित ब्लड बैंक में ल्यूको रिडक्शन मशीन ने एक सप्ताह पहले ही काम करना शुरू कर दिया है। इसके बाद कैंसर के मरीजों को रिफाइन ब्लड दिया जा रहा है। कैंसर के मरीजों को उपचार के दौरान खून चढ़ाने के दौरान एक वार्ड में ही फिल्टर लगाया जाता है। जिसके होकर ब्लड मरीज के शरीर में जाता है। यह फिल्टर मरीज को बाजार से खरीद का लाना पड़ता है। इसका रेट एक हजार से लेकर 1500 रुपए तक है। कैंसर के मरीज काे हर बार नया फिल्टर खरीदना पड़ता था। आईजीएमसी में लगी नई मशीन से ब्लड से डब्ल्यू बीसी अलग करने के लिए काफी खर्च आता है। लेकिन इस खर्चे का बोझ मरीज पर नहीं पड़ता है। इस मशीन में एक युनिट ब्लड से डब्ल्यू बीसी निकालने के लिए 500 रुपए तक खर्च आता है। लेकिन इस बोझ को मरीज पर नहीं डाला गया है। उन्हें अभी पुरानी फीस देकर यह रिफाइन ब्लड मुहैया करवाया जा रहा है। जब मरीज को ब्लड चढ़ाया जाता है तो अकसर कई मरीजों को शरीर में ब्लड के कारण रिएक्शन होता है। मरीज को यह रिएक्शन खून में मौजूद वाइट ब्लड सैल के कारण होता है। मेडिकल की भाषा में इसे सेपराइल रिएक्शन कहा जाता है। कैंसर और थैलीसिमिया से ग्रस्त मरीजों को जो ब्लड दिया जाता था। उसमें से कई को ब्लड चढ़ाने के बाद रिएक्शन होना शुरू हो जाता है। इस रिएक्शन को डॉक्टरी भाषा में सेपराइल रिएक्शन कहते हैं। इसमें खून चढ़ने के बाद मरीज को बुखार आना खारिश होने की शिकायत करते थे। जिसके बाद उन्हें दवाइयां खानी पड़ती हैं। तब कहीं इस रिएक्शन से छुटकारा मिलता था। दोबारा खून चढ़ाने के बाद मरीज का फिर इन्हीं दिक्कतों से जूझना पड़ता था। कैंसर अस्पताल में रोज छह से आठ मरीज उपचार के लिए आते हैं। इनमें कुछ कीमोथैरिपी चल रही होती है। ऐसे में ब्लड बैंक से हर रोज आठ यूनिट के करीब ब्लड कैंसर के मरीजों को दिया जा रहा है। अब बैंक में रिफाइन ब खून चढ़ाना यानि ब्लड ट्रॉन्सफ्यूजन रिस्की भी होता है, तब जब इसे चढ़ाने से पहले कुछ बातों का ध्यान न दिया जाए। तो ब्लड चढ़वाने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, चलिए जानें। 1. एक्सपायरी डेट चेक करने के बाद ही ब्लड चढ़वाएं (Check expiry date of blood) 2. खून चढ़ने से जुड़ी हिस्ट्री या रिएक्शन टेस्ट जरूर कराएं (Blood reaction test) 3. गलत ब्लड ग्रुप का खून (wrong blood can cause harm) 4. ड्रिप लगाते हुए विशेष सावधानी (Air embolism) 5. सैंपल ट्यूब पर सिग्नेचर (Labeling of blood) 6. ब्लड डोनर पर भी रखें नजर डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। 'पत्रिका' इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। खून की बोतल चढ़ाने से क्या होता है?जब मरीज को ब्लड चढ़ाया जाता है तो अकसर कई मरीजों को शरीर में ब्लड के कारण रिएक्शन होता है। मरीज को यह रिएक्शन खून में मौजूद वाइट ब्लड सैल के कारण होता है। मेडिकल की भाषा में इसे सेपराइल रिएक्शन कहा जाता है। कैंसर और थैलीसिमिया से ग्रस्त मरीजों को जो ब्लड दिया जाता था।
ब्लड Chadne में कितना समय लगता है?-आमतौर पर ब्लड की 10 से 20 बूंदें प्रति मिनट के हिसाब से चढ़ाई जाती हैं पर मरीज की हालत के मुताबिक उसे कम-ज्यादा भी किया जा सकता है। पहले आधे घंटे निगरानी की जरूरत होती है, इसलिए ब्लड धीरे-धीरे चढ़ाया जाता है, जिससे कोई रिएक्शन होने पर तुरंत काबू पाया जा सके ।
1 यूनिट ब्लड की कीमत कितनी होती है?1 Unit Blood Price In India (एक यूनिट ब्लड की कीमत)
1ml Blood की कीमत लगभग 6.50 रुपए होती है और देखा जाए तो एक Unit में 450ml Blood होता है, इसप्रकार एक Unit Blood की कीमत 450 * 6.5 = 2925 रुपये होती है।
ब्लड बैंक में ब्लड को कितने दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है?ब्लड बैंक रेफ्रिजरेटर में रक्त 4 - 5 सप्ताह तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
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