शून्य से 6 वर्ष के बीच की उम्र में प्रति एक हजार लड़कों पर लड़कियों की संख्या को बाल लिंगानुपात कहा जाता है. वर्ष 2001 की जनगणना में भारत बाल लिंगानुपात 927 था जो कि 2011 की जनगणना में घटकर 919 हो गया है. वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश में सबसे अधिक बाल लिंगानुपात (972) है जबकि हरियाणा में सबसे कम अर्थात 834 प्रति हजार है.
Child sex ratio in India:Census-2011 शून्य से 6 वर्ष के बीच की उम्र में प्रति एक हजार लड़कों पर लड़कियों की संख्या को बाल लिंगानुपात कहा जाता है. वर्ष 2001 की जनगणना में भारत बाल लिंगानुपात 927 था जो कि 2011 की जनगणना में घटकर 919 हो गया है. वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश में सबसे अधिक बाल लिंगानुपात (972) है जबकि हरियाणा में सबसे कम अर्थात 834 प्रति हजार है. यदि केंद्र शासित प्रदेशों की बात की जाए तो अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में बाल लिंगानुपात सबसे अधिक अर्थात 968 है जबकि सबसे कम बाल लिंगानुपात (871) दिल्ली में है. सभी भारतीय राज्यों का बाल लिंगानुपात इस प्रकार है;
Source: Census of India 2011 उपर्युक्त तालिका से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि भारत में बाल लिंगानुपात 2001 से 2011 की अवधि के बीच घट गया है. भारत के बाल लिंगानुपात में कमी के पीछे बहुत कारण हैं. जिसमे सबसे मुख्य है, लोगों में लड़कियों की तुलना में लड़कों की चाह अधिक होना. लोग यह मानते हैं कि लड़के लोगों के बुढ़ापे का सहारा बनेंगे, वंश को आगे बढ़ाएंगे और उनके अंतिम संस्कार को अंजाम देंगे. भारत से निर्यात किए जाने वाले टॉप 10 उत्पादों की सूची खेलें हर किस्म के रोमांच से भरपूर गेम्स सिर्फ़ जागरण प्ले पर |