बचपन में लेखक अपने मामा के गाँव चाव से क्यों जाता था और बदलू को 'बदलू मामा' न कहकर 'बदलू काका' क्यों कहता था? Show Solutionबचपन में लेखक अपने मामा के गाँव चाव से इसलिए जाता था क्योंकि लेखक के मामा के गाँव में लाख की चूड़ियाँ बनाने वाला कारीगर बदलू रहता था। लेखक को बदलू काका से अत्यधिक लगाव था। वह लेखक को ढेर सारी लाख की रंग-बिरंगी
गोलियाँ देता था इसलिए लेखक अपने मामा के गाँव चाव से जाता था। Concept: गद्य (Prose) (Class 8) Is there an error in this question or solution? APPEARS INSolution : बचपन में लेखक गर्मियों की छुट्टियों में अपने मामा के गाँव चाव से इसलिए जाता था कि एक ओर वहाँ जाकर उसका मन लग जाता था, वहीं दूसरी ओर उसी गाँव में रहने वाले बदलू मनिहार से लाख की बनी रंग-बिरंगी मनमोहक गोलियाँ मिल जाती थीं, जो उसे बहुत प्रिय थीं। बदलू लेखक को आदर-सत्कार के साथ स्वादिष्ट आम तथा दूध की मलाई खिलाता था। साथ ही एक-दो गोलियाँ बनाकर देता था। लेखक बदलू को .बदलू मामा. न कहकर .बदलू काका. इसलिए कहता था, क्योंकि गाँव के सारे बच्चे उसे .बदलू काका. कहकर ही पुकारते थे। पैरागान कान्वेंट स्कूल कक्षा – 8 पाठ – 2 (लाख की चूड़ियाँ ) प्रश्न-अभ्यास प्रश्न 1.बचपन में लेखक अपने मामा के गाँव चाव से क्यों जाता था और बदलू को ‘बदलू मामा’ न कहकर ‘बदलू काका’ क्यों कहता था? प्रश्न 2.वस्तु-विनिमय क्या है? विनिमय की प्रचलित पद्धति क्या है? प्रश्न 3.मशीनी युग’ ने कितने हाथ काट दिए हैं।’ – इस पंक्ति में लेखक ने किस व्यथा की ओर संकेत किया है? प्रश्न 4.बदलू के मन में ऐसी कौन-सी व्यथा थी, जो लेखक से छिपी न रह सकी? प्रश्न 5.मशीनी
युग से बदलू के जीवन में क्या बदलाव आया? प्रश्न 6.लाख की वस्तुओं का निर्माण भारत के किन-किन राज्यों में होता है? लाख से चूड़ियों के अतिरिक्त क्या-क्या चीज़ें बनती है? ज्ञात कीजिए। प्रश्न 1: बचपन में लेखक अपने मामा के गाँव चाव से क्यों जाता था और बदलू को ‘बदलू मामा’ न कहकर ‘बदलू काका’ क्यों कहता था? उत्तर : लेखक के मामा के गाँव में लाख की चूड़ियाँ बनाने वाला कारीगर बदलू रहा करता था। वो लाख की बहुत सुन्दर चुड़ियाँ बनता था। परन्तु लेखक के लिए वह लाख की रंग बिंरगी सुन्दर गोलियाँ बनाकर दिया करता। जिसके कारण लेखक सदैव बदलू के पास जाता और यही कारण है कि लेखक को उसके मामा का गाँव भाता था। प्रश्न 2: वस्तु -विनिमय क्या है? विनिमय की प्रचलित पद्धति क्या है? उत्तर : वस्तु-विनिमय अर्थात् वस्तुओं का आदान-प्रदान करना। पहले लोग एक वस्तु देकर दूसरे से दूसरी वस्तु ले लत थे जैसे बदलू चूड़ियाँ लोगों को देकर पैसे न लेकर आवश्यकता का सामान ले लिया करता था। यही वस्तु-विनिमय पद्धति थी। वर्तमान में विनिमय की प्रचलित पद्धति मुद्रा है अर्थात् धन देकर वस्तु खरीदना। प्रश्न 3: ‘मशीनी युग ने कितने हाथ काट दिए हैं’ -इस पंक्ति में लेखक ने किस व्यथा की ओर संकेत किया हैं? उत्तर : ‘मशीनी युग ने कितने ही हाथ काट दिए हैं’ -इस पंक्ति के माध्यम से लेखक कहना चाहता है कि हाथ से किए जाने वाले उद्योग- धंधे मशीनों द्वारा किए जाने लगे हैं। ऐसे में हाथ से काम करने वाले लोग या तो बेरोजगार हो गए हैं या फिर अपने पैतृक (पूर्वजों के) कार्यों को छोड्कर दूसरे कार्य करने के लिए मजबूर हो गए हैं। इस पाठ में भी जब लेखक को यह पता चलता है कि बदलू की हाथ से बनने वाली लाख की चूड़ियों का स्थान मशीन से बनने वाली काँच की चूड़ियों ने ले लिया है तो उसे बहुत दु:ख होता है। लेखक अपने मामा के गाँव चाव से क्यों जाया करता था?उत्तर:- बचपन में लेखक अपने मामा के गाँव चाव से इसलिए जाता था क्योंकि लेखक के मामा के गाँव में लाख की चूड़ियाँ बनाने वाला कारीगर बदलू रहता था। लेखक को बदलू काका से अत्यधिक लगाव था। वह लेखक को ढेर सारी लाख की रंग-बिरंगी गोलियाँ देता था इसलिए लेखक अपने मामा के गाँव चाव से जाता था।
लेखक अपने मामा के घर जाते हुए उत्साहित क्यों होता था?उत्तर : लेखक के मामा के गाँव में लाख की चूड़ियाँ बनाने वाला कारीगर बदलू रहा करता था। वो लाख की बहुत सुन्दर चुड़ियाँ बनता था। परन्तु लेखक के लिए वह लाख की रंग बिंरगी सुन्दर गोलियाँ बनाकर दिया करता। जिसके कारण लेखक सदैव बदलू के पास जाता और यही कारण है कि लेखक को उसके मामा का गाँव भाता था।
वह बच्चा ऐसा क्यों कहता है कि मेरे मामा के गांव का होने के कारण मुझे बदलू को बदलू मामा कहना चाहिए था?बचपन में लेखक अपने मामा के गाँव बहुत चाव से इसलिए जाया करता था क्योंकि वहां उसे बदलू कारीगर मिलता था जो उसे रंग बिरंगी लाख की गोलियाँ दिया करता था और लेखक को ये गोलियां बहुत पसंद थी। बदलू को पूरे गांव के बच्चे 'बदलू काका' कहकर बुलाते थे इसलिए लेखक भी उन्हें बदलू मामा न कहकर 'बदलू काका' कहकर बुलाता था।
लेखक अपने मामा के घर कब तक रहता था?Solution : लेखक अपने मामा के घर स्कूल खुलने तक एक आध-महीने रहता था।
|