* नक्षत्रों के नाम और हमारे हिन्दी माह, जानिए रोचक बातें... Show
हिन्दू धर्मानुसार महीनों के जो नाम रखे गए हैं उनसे मौसम की ऋतुएं जुड़ीं है। इन सबका ज्योतिषीय आधार है। उसी से संबंधिइत है नक्षत्रों का नामकरण। पेश है इसी से जुड़ी रोचक जानकारी। *चंद्रमा के महीनों में पहला महीना चैत्र आता है। देखिए प्रमाण- इसकी पूर्णिमा को हमेशा चित्रा नक्षत्र ही आता है। *दूसरा महीना बैसाख कहलाता है, इसकी पूर्णिमा पर बिशाखा नक्षत्र रहता है। *ज्येष्ठ की पूर्णिमा को ज्येष्ठा नक्षत्र आता है। *आषाढ़ की पूर्णिमा को पूर्वाषाढ़ा या उत्तराषाढ़ा दो नक्षत्रों में से एक रहता है। *श्रावण
की पूर्णिमा को श्रवण नक्षत्र रहता है। *भादो (भाद्रपद) की पूर्णिमा को भाद्रपद या उत्तराभाद्रपद नक्षत्र रहेगा। *अाश्विन माह की पूर्णिमा को अाश्विनी नक्षत्र कहलाता है। *कार्तिक माह की पूर्णिमा को कृतिका नक्षत्र। *मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा को मृगशिरा नक्षत्र। *पौष माह की पूर्णिमा को पुष्य नक्षत्र। *माघ की पूर्णिमा को मघा नक्षत्र। *फाल्गुन की पूर्णिमा को पूर्वाफाल्गुनी या उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र रहेगा। चैत्र की
पूर्णिमा से फाल्गुन तक आपने देखा हर महीने का नाम और नक्षत्र का विलक्षण संयोग। Bhadrapada 2022: भाद्रपद का अर्थ है- भद्र परिणाम देने वाले व्रतों का महीना. यह महीना लोगों को व्रत, उपवास, नियम और निष्ठा का पालन करवाता है. अपनी गलतियों को याद करके उनका प्रायश्चित करने के लिए यह सर्वोत्तम महीना है. मन को शुद्ध करने और पवित्र भाव भरने में यह महीना काफी कारगर है. इसी महीने में गणेश चतुर्थी का बड़ा पर्व मनाया जाता है. श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव और कलंक चतुर्थी भी इसी महीने में आती है. इस बार भाद्रपद का महीना 13 अगस्त से 10 सितंबर तक रहेगा. भाद्रपद
मास के नियम और सावधानियां भाद्रपद मास के व्रत-त्योहार इस महीने पाएं श्रीकृष्ण की विशेष कृपा भगवान गणेश से वरदान पाएं हिन्दू कैलेंडर के महीनों (माह) के नाम व उनका महत्व Hindu Months (Maah) Name Mahatv In Hindi भारत में प्राचीन समय से समय मापने के लिए हिन्दू कैलेंडर का इस्तेमाल होता आ रहा है. भारत में पंचाग के द्वारा बनाया गया एक हिन्दू कैलेंडर है. समय के साथ भारत कई हिस्सों में बंटता गया, जिसके चलते कैलेंडर में भी कई बदलाव किये गए. आज के समय कई क्षेत्रीय कैलेंडर जैसे पंजाबी कैलेंडर, बंगाली कैलेंडर, ओड़िया, मलयालम, तमिल, कन्नड़, तुलु है, जो महाराष्ट्र, तेलांगना, कर्नाटका, आंध्रप्रदेश में फॉलो किये जाते है. विक्रम संवत भी एक कैलेंडर है. हर कैलेंडर में एक छोटी चीज दुसरे से उसे अलग बनाती है, लेकिन सभी कैलेंडर में 12 महीने होते है, और उनके नाम भी एक जैसे ही है. कैलेंडर सौर और चन्द्र दोनों कैलेंडर से बना है और यह भी खगोल विज्ञान और धर्म पर केंद्रित है. सबसे पहले हिन्दू कैलेंडर ईसा पूर्व में विकसित खगोलीय दर्शन के द्वारा बनाया गया था. चन्द्र मास के आधार पर कैलेंडर का निर्माण हुआ है. कैलेंडर में महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार और पूजा पाठ के बारे में भी बखान किया गया है. 1957 में हिन्दू कैलेंडर के अनुसार साका कैलेंडर बना था, इसमें अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार लीप इयर को भी जोड़ा गया, जिसे अधिक मास कहते है. हिन्दू कैलेंडर के बहुत सारे रूप है, लेकिन एक मानक संस्करण ‘साका कैलेंडर’ को भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर का दर्जा प्राप्त है.
हिन्दू कैलेंडर में भी अंग्रेजी कैलेंडर की तरह 12 महीने है, जिसमें लगभग 29.5 दिन हर महीने होते है. महीने में दो पखवाड़े 15-15 दिन के होते है, ढलते चाँद के बाद अमावस्या आती है एवं प्रकाशमय चाँद के बाद पूर्णिमा आती है. महीने का पहला दिन अलग – अलग कैलेंडर के हिसाब से अलग होता है. ज्यादातर उत्तर भारत में पूर्ण चंद्रमा जिस दिन निकलता है, उसे महीने का पहला दिन मानते है, जबकि दक्षिण भारत में अमावस्या के दिन को महीने का पहला दिन मानते है. महीनों के नाम राशियों के हिसाब से रखे गए है. हर महीने का अपना एक महत्व है, और सभी महीने के अपने त्यौहार और पर्व है, भारत के प्रमुख व्रत पर्व और त्यौहार के बारे में जानने के लिए पढ़े. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार साल में 6 मौसम होते है-
चैत्र (मेष राशी) –ये हिन्दू कैलेंडर का पहला महिना होता है. इस महीने से ग्रीष्म ऋतू की आवट शुरू हो जाती है. ये माह अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार मार्च-अप्रैल महीने में आता है. बंगाली एवं नेपाली कैलेंडर के अनुसार चैत्र साल का आखिरी महिना होता है. चैत्र महीने के 15 दिन पहले फाल्गुन में होली का त्यौहार मनाते है. चैत्र महीने के पहले दिन महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा का त्यौहार, तमिलनाडु में चैत्री विशु और कर्नाटका एवं आंध्रप्रदेश में उगडी का त्यौहार मनाया जाता है. उत्तरी भारत, मध्य भारत में चैत्र के पहले दिन से चैत्र नवरात्री की शुरुवात होती है, इसके नौवे दिन भगवान् राम का जन्मदिन ‘रामनवमी’ के रूप में मनाते है. चैत्र माह के आखिरी पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती मनाते है. बैसाख (वृषभ) –हिन्दू कैलेंडर के अनुसार ये दूसरा महिना है, लेकिन नेपाली, पंजाबी एवं बंगाली कैलेंडर का ये पहला महिना होता है. ये माह अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अप्रैल-मई महीने में आता है. इस महीने का नाम बैसाख इसलिए पड़ा क्यूंकि इस समय सूर्य की स्तिथि विशाखा तारे के पास होती है. बैसाख आने पर बंगाली न्यू इयर मनाया जाता है. इसके साथ ही बांग्लादेश एवं पश्चिम बंगाल में इस समय लोग नए काम की शुरुवात करते है. पंजाब में किसान लोग कटाई का पर्व ‘बैसाखी’ इसी महीने मनाते है, साथ ही ये उनका नया साल भी होता है. बैसाख की पूर्णिमा को ‘बुद्ध पूर्णिमा’ के रूप में मनाते है, इस दिन गौतम बुद्ध का जन्म उत्सव मनाया जाता है. ये ज्यादातर मई में पड़ने वाली पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है. जयेष्ट (मिथुन राशि) –जयेष्ट के महीने अत्याधिक गर्मी वाला होता है. ये मई-जून के आस पास आता है. इसे तमिल में आणि माह कहते है. जयेष्ट माह में आने वाले त्यौहार –
अषाढ़ ( कर्क राशी) –तमिल में इस महीने को आदि कहते है. ये माह अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार जून-जुलाई महीने में आता है. अषाढ़ महीने की पूर्णिमा के दिन गुरु पूर्णिमा मनाते है. इसी महीने देव शयनी एकादशी भी आती है. तमिलनाडु में आदि अमावस्या का विशेष महत्व है. श्रावण (सिंह) –सावन का महिना हिन्दू कैलेंडर के अनुसार सबसे पवित्र माना जाता है. इस महीने से अनेकों त्यौहार शुरू हो जाते है. ये माह अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार जुलाई-अगस्त महीने में आता है. ये पूरा महिना शिव जी को समर्पित है. तमिल में इसे अवनि कहते है. जब सूर्य, सिंह राशी में आता है तब श्रावण महीने की शुरुवात होती है. कई हिन्दू पुरे सावन माह व्रत रखते है, तो कई हर सावन सोमवार का व्रत रखते है. श्रावण महीने में आने वाले व्रत –
भाद्रपद (कन्या राशी) –भादों/भाद्रपद अगस्त-सितम्बर महीने में आता है. पुरात्तासी भी कहते है. इस महीने की शुरुवात में ही हरितालिका तीज, गणेश चतुर्थी, ऋषि पंचमी आती है. अष्टमी के दिन राधा अष्टमी, चौदस के दिन अनंत चतुर्दशी मनाते है. इसके बाद 15 दिन पितृ पक्ष होते है, इस दौरान पितरों को
तर्पण दिया जाता है. चौमासा/ चातुर्मास का महत्त्व जानने के लिए पढ़े. अश्विन (तुला राशी) –इस महीने को कुआर भी कहते है. भाद्र पक्ष की अमावस्या के बाद ये दिन शुरू होता है. ये माह अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार सितम्बर- अक्टूबर महीने में आता है. नवरात्री, दुर्गापूजा, कोजागिरी पूर्णिमा, विजयादशमी/दशहरा, दिवाली, धनतेरस, काली पूजा इसी महीने में आते है. इस महीने सबसे अधिक छुट्टियाँ पड़ती है. कार्तिक (वृश्चिक) –गुजरात में
दिवाली से नया साल शुरू होता है, वहां कार्तिक पहला महिना होता है. ये माह अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अक्टूबर-नवम्बर महीने में आता है. इस माह गोबर्धन पूजा, भाई दूज, कार्तिक पूर्णिमा मनाते है. कार्तिक पूर्णिमा को देव दिवाली मनाते है. इस माह एकादशी को देव उठनी एकादशी मनाते है. जिसे तुलसी विवाह भी कहते है. इस दिन के बाद से शुभ कार्यों की शुरुवात हो जाती है. इस महीने गुरु नानक जयंती भी आती है. कार्तिक माह महत्व व्रत कथा एवम पूजा विधि जानने के लिए पढ़े. अगहन (धनु राशि) –इस महीने वैकुण्ठ एकादशी जिसे मोक्ष एकादशी भी कहते है, बड़ी धूमधाम से मनाते है. ये माह अंग्रेजी कैलेंडर के
अनुसार नवम्बर – दिसम्बर महीने में आता है. पौष (मकर राशि) –पौष का महिना दिसम्बर-जनवरी के समय आता है. यह ठण्ड का समय होता है, जिसमें अत्याधिक ठण्ड पड़ती है. इस महीने लौहड़ी, पोंगल एवं मकर संक्राति जैसे कई त्यौहार मनाये जाते है. माघ (कुंभ राशि) –इस महीने सूर्य कुंभ राशी में प्रवेश करता है, तमिल में इस महीने को मासी कहते है. यह माह अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार जनवरी-फरवरी महीने में आता है. इस महीने विद्या एवं काला की देवी सरस्वती जी की पूजा बसंत पंचमी के दिन की जाती है. इसके साथ ही महा शिवरात्रि, रथा सप्तमी त्यौहार भी मनाये जाते है. उत्तरी भारत में माघ मेला एक बड़ा उत्सव होता है. फाल्गुन (मीन राशि) – बंगाल में ये 11 वां महिना होता है. बांग्लादेश में फाल्गुन महीने के पहले दिन पोहेला फाल्गुन मनाया जाता है. नेपाल में फाल्गुन के पहले दिन रंगों का त्यौहार होली को बड़ी धूमधाम से मनाते है, जिसे वहां फागु कहते है. भारत में भी
फाल्गुन पूर्णिमा को होली मनाई जाती है. यह माह अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार फरवरी- मार्च महीने में आता है. पुरषोत्तम माह (अधिक मास) –ये हिन्दू माह का अतिरिक्त महिना होता है, जो 32 महीने, 16 दिन के बाद आता है. अधिक मास का हिन्दुओं में बहुत महत्व है. अधिक मास एवम कोकिला व्रत का महत्व विधि एवम कहानी जानने के लिए पढ़े. अधिक मास एवम कोकिला व्रत का महत्व विधि एवम कहानी यहाँ पढ़ें. अन्य पढ़े:
भादो के बाद क्या आता है?Bhadrapada Starts From 13th August 2022 हिंदू धर्म में भादो का महीना बेहद खास माना जाता है। यह हिंदू कैलेंडर का 6वां महीना होता है। वहीं चातुर्मास का दूसरा माह। सावन समाप्त होते ही यह महीना प्रारंभ होता है।
भाद्र पक्ष के बाद कौन सा महीना आता है?हिन्दू पंचांग के अनुसार साल के छठे महीने को का महीना कहा जाता है। ये श्रावण के बाद और आश्विन से पहले आता है।
भादो महीना कब से कब तक है?Bhado ka Mahina 2022: भादो का महीना भगवान की भक्ति करने का महीना है. इस महीने भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव जन्माष्टमी मनाई जाती है. साथ ही 10 दिन का गणेशोत्सव भी भाद्रपद महीने में ही मनाया जाता है. साल 2022 में 13 अगस्त से भाद्रपद महीना शुरू हो चुका है और यह 10 सितंबर तक चलेगा.
हिंदी का कौन सा महीना चल रहा है 2022?आश्विन मास प्रारंभ हो जाएगा. इस दिन आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है. आश्विन मास का समापन 9 अक्टूबर 2022 को होगा. इसके बाद हिंदू कैलेंडर का 8वां महीना कार्तिक मास है, जिसमें दिवाली का पर्व मनाया जाता है.
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