कांजी हाउस में कैद पशुओं की हाजिरी क्यों ली जाती है? - kaanjee haus mein kaid pashuon kee haajiree kyon lee jaatee hai?

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कांजी हाउस में कैद पशुओं की हाजिरी क्यों ली जाती है? - kaanjee haus mein kaid pashuon kee haajiree kyon lee jaatee hai?

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कांजी हाउस में कैद पशुओं की हाजिरी क्यों ली जाती थी पाठ 1 गद्य खंड इन नाइंथ क्लास

  • Posted by Ishant Semwal 6 months, 3 weeks ago

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    कांजी हाउस में कैद पशुओं की हाजिरी इसलिए ली जाती थी ताकि उनकी संख्या का पता लगाया जा सके और पता लगाया जा सके कि उनमें से कोई मर या भाग तो नहीं गया।

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    Posted by Ishant Semwal 6 months, 3 weeks ago

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    Posted by Rani Chouthury 8 months, 2 weeks ago

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    Posted by Ariz Ansari 2 months, 1 week ago

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    Posted by Atiya Ateeqa 2 months, 1 week ago

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    Posted by Sneha Paul 8 months, 2 weeks ago

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    1. कांजीहौस में क़ैद पशुओं की हाजिरी क्यों ली जाती होगी?

    उत्तर:- कांजीहौस में कैद पशुओं की हाज़िरी ली जाती है। इससे पशुओं की संख्या की जानकारी होती है ताकि कोई जानवर अगर कैद से भाग जाए तो तुरन्त पता लगाया जा सके।

    2. छोटी बच्ची को बैलों के प्रति प्रेम क्यों उमड़ आया ?

    उत्तर:- छोटी बच्ची का बैलों के प्रति प्रेम उमड़ने के निम्नलिखित कारण हैं –
    1. छोटी बच्ची की माँ मर चुकी थी। वह माँ के बिछुड़ने का दर्द जानती थी। उसे लगा कि वे भी उसी की तरह अभागे हैं और अपने मालिक से दूर हैं।
    2. छोटी बच्ची को उसकी सौतेली माँ सताती थी, यहाँ हीरा-मोती पर अत्याचार कर रहा था ।

    3. कहानी में बैलों के माध्यम से कौन-कौन से नीति-विषयक मूल्य उभरकर आए हैं ?

    उत्तर:- (1) ”दो बैलों की कथा” के माध्यम से लेखक ने पशुओं तथा मनुष्यों के बीच भावनात्मक सम्बन्धों का वर्णन किया है।
    (2) इस कहानी में स्वतंत्रता के मूल्य की बात कही गई है। स्वतंत्र रहना किसी भी प्राणी का जन्मसिद्ध अधिकार है फिर चाहे वो मनुष्य हो या पशु। स्वतंत्रता कभी सहजता से नहीं मिलती। हमें इसके लिए संघर्ष करना पड़ता है।
    (3) इस कहानी में बार-बार बैलों के माध्यम से प्रेमचंद ने यह नीति-विषयक मूल्य हमारे सामने रखा है कि समाज में नारी का स्थान सर्वोपरि है तथा हमें उनका सम्मान करना चाहिए।

    4. प्रस्तुत कहानी में प्रेमचंद ने गधे की किन स्वभावगत विशेषताओं के आधार पर उसके प्रति रूढ़ अर्थ ‘मूर्ख’ का प्रयोग न कर किसी नए अर्थ की ओर संकेतकिया है ?

    उत्तर:- गधे को स्वभाव के कारण मूर्खता का पर्याय समझा जाता है। उसके स्वभाव में सरलता और सहनशीलता भी देखने मिलती है। इस कहानी में लेखक ने गधे की सरलता और सहनशीलता की ओर हमारा ध्यान खींचा है। प्रेमचंद ने स्वयं कहा है – “सदगुणों का इतना अनादर कहीं नहीं देखा। कदाचित सीधापन संसार के लिए उपयुक्त नहीं है।” कहानी में भी उन्हों ने सीधेपन की दुर्दशा दिखलाई है, मूर्खता की नहीं।

    5. किन घटनाओं से पता चलता है कि हीरा और मोती में गहरी दोस्ती थी ?

    उत्तर:- दो बैलों की कथा नामक पाठ में एक नहीं अनेक घटनाएँ हैं, जिनसे पता चलता है की हीरा और मोती में गहरी दोस्ती थी।
    जैसे –
    1. दोनों बैल हल या गाड़ी में जोत दिए जाते और गरदन हिला-हिलाकर चलते, उस समय हर एक की चेष्टा होती कि ज्यादा-से-ज्यादा बोझ मेरी ही गर्दन पर रहे।
    2. दिन-भर के बाद दोपहर या संध्या को दोनों खुलते तो एक-दूसरे को चाट-चूट कर अपनी थकान मिटा लिया करते, नांद में खली-भूसा पड़ जाने के बाद दोनों साथ उठते, साथ नांद में मुँह डालते और साथ ही बैठते थे। एक मुँह हटा लेता तो दूसरा भी हटा लेता था।
    3. मटर खाते समय मोती के पकड़े जाने पर हीरा भी वापस आ गया और दोनों ही कांजीहौस में बंदी बनाए गए ।

    6. “लेकिन औरत जात पर सींग चलाना मना है, यह भूल जाते हो।” – हीरा के इस कथन के माध्यम से स्त्री के प्रति प्रेमचंद के दृष्टिकोण को स्पष्ट कीजिये।

    उत्तर:- प्रेमचंद के मन में नारी जाति के प्रति सम्मान की भावना थी। नारी का स्थान समाज में सर्वोपरि है, वह पूजनीय है। इसलिए नारी पर प्रहार करने को अमानवीय कहा गया है। प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं में स्त्री पात्र का आदर्श रुप प्रस्तुत किया है तथा इन्होंने स्त्री प्रधान रचनाएँ भी की हैं। इससे यह स्पष्ट है कि नारी के प्रति प्रेमचंद का दृष्टिकोण अत्यंत व्यापक है।

    7. किसान जीवन वाले समाज में पशु और मनुष्य के आपसी संबंधों को कहानी में किस तरह व्यक्त किया गया है ?

    उत्तर:- पशु आदिकाल से ही मनुष्यों के साथी रहे हैं।
    किसान के लिए पशु वरदान के समान है। किसान हल चलाने, बोझ ढोने, पानी खींचने तथा सवारी करने के लिए पशुओं का प्रयोग करते है। झूरी हीरा और मोती को बच्चों की तरह स्नेह करता था। वह उन्हें अपनी आँखों से दूर नहीं करना चाहता था। इससे पता चलता है कि किसान अपने पशुओं से मानवीय व्यवहार करते हैं। किसान पशुओं को घर के सदस्य की भांति प्रेम करते रहे हैं और पशु अपने स्वामी के लिए जी-जान देने को तैयार रहे हैं।

    8. इतना तो हो ही गया कि नौ दस प्राणियों की जान बच गई। वे सब तो आशीर्वाद देंगे ‘ – मोती के इस कथन के आलोक में उसकी विशेषताएँ बताइए।

    उत्तर:- मोती के उक्त कथन के आलोक में उसकी निम्नलिखित विशेषताएँ प्रकट होती हैं –
    1. मोती का स्वभाव उग्र होते हुए भी वह दयालु था।
    2. मोती सच्चा मित्र है। वह मुसीबत के वक्त अपने मित्र हीरा का साथ नहीं छोड़ता।
    3. मोती परोपकारी है, तभी तो वह कांजीहौस में बंद जानवरों की जान बचाता है।
    4. मोती साहसी है। वह हीरा की मदद से साँड़ को पराजित करता है।
    5. मोती अत्याचार का विरोधी है इसलिए कांजीहौस की दीवार तोड़कर विरोध प्रकट किया था।

    आशय स्पष्ट कीजिए –
    9.1 अवश्य ही उनमें कोई ऐसी गुप्त शक्ति थी, जिससे जीवों में श्रेष्ठता का दावा करने वाला मनुष्य वंचित है।

    उत्तर:- हीरा और मोती बिना कोई वचन कहे एक-दूसरे के मन की बात समझ जाते थे। प्रायः वे एक दूसरे से स्नेह की बातें सोचते थे। यद्दपि मनुष्य स्वयं को सब प्राणियों से श्रेष्ठ मानता है किंतु उसमें भी ये शक्ति नहीं होती कि वह दूसरों के मनोभावों को समझ सके।

    9.2 उस एक रोटी से उनकी भूख तो क्या शांत होती; पर दोनों के ह्रदय को मानो भोजन मिल गया।

    उत्तर:- हीरा और मोती गया के घर बंधे हुए थे। गया ने उनके साथ अपमान पूर्ण व्यवहार किया था। इसलिए वे क्षुब्ध थे। परन्तु तभी एक नन्हीं लड़की ने आकर उन्हें एक रोटी ला दी। यद्यपि इससे हीरा-मोती की भूख कम नहीं हो सकती थी, तथापि उन्होंने बालिका के प्रेम का अनुभव कर लिया और प्रसन्न हो उठे।

    10. गया ने हीरा-मोती को दोनों बार सूखा भूसा खाने के लिए दिया क्योंकि –
    क. गया पराये बैलों पर अधिक खर्च नहीं करना चाहता था।
    ख. गरीबी के कारण खली आदि खरीदना उसके बस की बात न थी।
    ग. वह हीरा-मोती के व्यवहार से बहुत दुखी था।
    घ. उसे खली आदि सामग्री की जानकारी नहीं थी।

    उत्तर:- ग. वह हीरा-मोती के व्यवहार से बहुत दुखी था।

    • रचना-अभिव्यक्ति
    11. हीरा और मोती ने शोषण के खिलाफ़ आवाज़ उठाई लेकिन उसके लिए प्रताड़ना भी सही। हीरा-मोती की इस प्रतिक्रिया पर तर्क सहित अपने विचार प्रकट करें।

    उत्तर:- हीरा और मोती शोषण के विरुद्ध हैं वे हर शोषण के विरुद्ध आवाज़ उठाते रहे हैं। उन्होंने झूरी के साले गया का विरोध किया तो सूखी रोटियाँ और डंडे खाए फिर काँजीहौस में अन्याय का विरोध किया और बंधन में पड़े। मेरे विचार से उन्होंने शोषण का विरोध करके ठीक किया क्योंकि शोषित होकर जीने का क्या लाभ।
    शोषित को भय और यातना के सिवा कुछ प्राप्त नहीं होता।

    12. क्या आपको लगता है कि यह कहानी आज़ादी की कहानी की ओर भी संकेत करती है ?

    उत्तर:- यह कहानी अप्रत्यक्ष रूप से आज़ादी के आंदोलन से जुडी है यह कहानी दो बैलों से सम्बंधित है। दोनों बैल संवेदनशील और क्रांतिकारी भारतीय है। दोनों मिलकर आज़ादी पाने के लिए संघर्षरत रहते हैं। ये अपने देश (झूरी के घर) से बहुत प्रेम करते हैं। उन्हें दूसरे देश में (घर में) रहना पसंद नहीं। स्वदेश जाने के लिए वे हर बाधा का डटकर सामना करते हैं। भूखे – प्यासे रहना पड़ता है, कैद में रहना पड़ता है। ये हमारे क्रांतिकारियों की लड़ाई याद दिला देते है

    • भाषा-अध्ययन
    13. बस इतना ही काफ़ी है।
    फिर मैं भी जोर लगाता हूँ।
    ” ‘ ही ‘ , ‘ भी ‘ वाक्य में किसी बात पर ज़ोर देने का काम कर रहे हैं। ऐसे शब्दों को निपात कहते हैं। कहानी में पाँच ऐसे वाक्य छाँटिए जिनमें निपात का प्रयोग हुआ हो।

    उत्तर:- ‘ ही ‘ निपात –
    1. एक ही विजय ने उसे संसार की सभ्य जातियों में गण्य बना दिया।
    2. अवश्य ही उनमे कोई ऐसी गुप्त शक्ति था, जिससे जीवों में श्रेष्ठता का दावा करनेवाला मनुष्य वंचित हैं।
    3. नाँद में खली-भूसा पड़ जाने के बाद दोनों साथ ही उठते, साथ नाँद में मुँह डालते और साथ ही बैठते थे।
    4. एक मूँह हटा लेता, तो दूसरा भी हटा लेता।
    5. अभी चार ही ग्रास खाये थे दो आदमी लाठियाँ लिये दौड़ पडे, और दोनो मित्रों को घेर लिया।

    ‘ भी ‘ निपात –
    1. कुत्ता भी बहुत गरीब जानवर हैं, लेकिन कभी-कभी उसे भी क्रोध आ जाता हैं, किन्तु गधे को कभी क्रोध करते नहीं सुना।
    2. उसके चहरे पर एक स्थायी विषाद स्थायी रूप से छाया रहता हैं। सुख-दुःख, हानि-लाभ, किसी भी दशा में बदलते नहीं देखा।
    3. चार बातें सुनकर गम खा जाते हैं फिर भी बदनाम हैं।
    4. गाँव के इतिहास में यह घटना अभूतपूर्व न होने पर भी महत्वपूर्ण थी।
    5. झूरी इन्हें फूल की छड़ी से भी न छूता था। उसकी टिटकार पर दोनों उड़ने लगते थे। यहाँ मार पड़ी।

    14.रचना के आधार पर वाक्य भेद बताइए तथा उपवाक्य छाँटकर उसके भी भेद लिखिए-
    (क) दीवार का गिरना था कि अधमरे-से पड़े हुए सभी जानवर चेत उठे।
    (ख) सहसा एक दढ़ियल आदमी, जिसकी आँखे लाल थीं और मुद्रा अत्यंत कठोर, आया।
    (ग) हीरा ने कहा – गया के घर से नाहक भागे।
    (घ) मैं बेचूँगा, तो बिकेंगे।
    (ङ) अगर वह मुझे पकड़ता तो मैं बे-मारे न छोड़ता।

    उत्तर:-(क) यहाँ संयुक्त वाक्य है तथा संज्ञा उपवाक्य है।
    (ख) यहाँ मिश्र वाक्य है, विशेषण उपवाक्य है।
    (ग) यहाँ मिश्र वाक्य है, संज्ञा उपवाक्य है।
    (घ) यहाँ संयुक्त वाक्य है, क्रिया विशेषण उपवाक्य है।
    (ङ) यहाँ संयुक्त वाक्य है, क्रिया विशेषण उपवाक्य है।

    15. कहानी में जगह – जगह पर मुहावरों का प्रयोग हुआ है कोई पाँच मुहावरे छाँटिए और उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
    उत्तर:-मुहावरें
    (1) हिम्मत हारना – (निराश होना) इस असफलता के बाद राहुल हिम्मत हार गया है।
    (2) टकटकी लगाना – (निरंतर देखना) वह दरवाजें पर टकटकी लगाए देखता रहा।
    (3) जान से हाथ धोना – (मर जाना) यह काम बहुत खतरनाक है। थोड़ी भी गलती होने पर जान से हाथ धोना पड़ सकता है।
    (4) ईंट का जवाब पत्थर से देना – (कड़ी प्रतिक्रिया) युद्ध के मैदान में भारतीय सैनिकों ने दुश्मन की ईंट का जवाब पत्थर से दिया।
    (5) दाँतों पसीना आना – (कठिन परिश्रम करना) इतना भारी सामान उठाने से राकेश के दाँतों पसीने आ गए।

    कांजी हाउस में पशुओं की हाजिरी क्यों ली जाती है?

    कांजीहौस में कैद पशुओं की हाज़िरी ली जाती थी। इससे पशुओं की संख्या की जानकारी होती थी ताकि कोई जानवर अगर कैद से भाग जाए तो तुरन्त पता लगाया जा सके।

    कांजी हाउस क्या है उसमें बंद जानवरों का जीवन किसने और कैसे बचाया?

    कांजी हाउस पशुओं को रखने का एक बाड़ा था, जहाँ पर कसाईखाने में बेचने के लिए पशु रखे जाते थे। उसमें बंद जानवरों का जीवन हीरा-मोती ने बचायाकांजी हाउस का मालिक पशुओं को पकड़ता, खरीदता और उन्हें उस बारे में बंद कर देता फिर जब वह पशुओं को बाड़े में बंद करके ना उन्हें चारा पानी देता, ना उनकी देखभाल करता।

    कांजीहौस में कैद पशुओं की हाजिरी क्या?

    कांजीहौस में क़ैद पशुओं की हाजिरी क्यों ली जाती होगी? उत्तर:- कांजीहौस में कैद पशुओं की हाज़िरी ली जाती है। इससे पशुओं की संख्या की जानकारी होती है ताकि कोई जानवर अगर कैद से भाग जाए तो तुरन्त पता लगाया जा सके।

    कांजी हाउस में हाजिरी लेने कौन आता था?

    Answer: कांजीहौस में कैद पशुओं की हाजिरी इसलिए ली जाती होगी जिससे यह पता चल सके कि वहां कैद किए गए सभी पशुओं में उपस्थित है कि नहीं।