पटनाः Viral Fever: बदलते मौसम के दौरान वायरल फीवर होना आम बात है. ये बच्चों और बूढ़ों को सबसे पहले अपनी चपेट में लेता है. इसकी वजह कमजोर इम्यून पॉवर हो सकता है. आमतौर पर देखा गया है कि बुखार होने पर लोग बिना डॉक्टर के सलाह के ही दवा ले लेते है. जो आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है. वायरल फीवर में बिना डॉक्टर के सलाह के कोई भी दवा लेना खतरनाक साबित हो सकता है. वायरल फीवर अमूमन पांच दिनों तक रहता है, लेकिन कभी-कभी ये भी देखा गया है कि ये मौसमी बुखार ठीक होने में लगभग 10-12 दिनों का समय ले लेता है. इसलिए अगर शुरूआत के दिनों में ही आप डॉक्टर से सलाह ले लेते है, तो इसके जल्दी ठीक होने की संभावना रहती है. Show
क्या है वायरल फीवर? क्या है वायरल फीवर के लक्षण वायरल फीवर के ये लक्षण आम होते है. हमारे शरीर में वायरस से वायरल फीवर होने के बाद शरीर का तापमान बढ़ने लगता है. इसका मतलब ये होता है कि हमारे शरीर में वायरस घुस चुका है. आपको बता दें कि अगर हमारी इम्यूनिटी पॉवर मजबूत होगी तो आप इस वायरल के वायरस से लड़ने में सक्षम होंगे. लेकिन अगर आपकी इम्यूनिटी कमजोर है तो वायरस आपके शरीर को वायरल फीवर से लड़ने में अक्षम बना देगा. कमजोर इम्यूनिटी के कारण वायरस के जल्दी अटैक का खतरा बना रहता है. बदलते मौसम के साथ आपको अपनी सेहत का खास ध्यान और देखभाल करनी चाहिए. शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत रखकर आप मौसम की मार से बच सकते है. मजबूत इम्यूनिटी आपके शरीर को किसी भी बीमारी से लड़ने में सक्षम बनाती है. मजबूत इम्यूनिटी पाने के लिए आप अपनी डाइट में सभी पौष्टिक आहार और तत्वों को शामिल करें. मजबूत इम्यूनिटी से खुद को मौसम की मार से बचाएं. वायरल संक्रमण हर उम्र के लोगों में एक आम बात है। मगर बच्चों में यह जायद देखने को मिलता है। हालाँकि बच्चों में पाए जाने वाले अधिकतर संक्रामक बीमारियां चिंताजनक नहीं हैं मगर कुछ गंभीर संक्रामक बीमारियां भी हैं जो चिंता का विषय है। ग्लोबल वार्मिंग की वजह से आजकल पूरे वातावरण में अचानक से बदलाव हो रहें हैं और इसके साथ ही साथ पूरा वातावरण भी प्रदूषित (the entire environment is getting pouted) है। खाने पीने की चीजों में भी अशुद्धि और मिलावट है (there is adulteration in food) , जिससे हमारे बच्चों की शारीरिक प्रतिरोधक क्षमता घटती ही जा रही है (natural immunity in children is getting decreased)। एक छोटा सा नाज़ुक बच्चा इन सारे परिवर्तन को एक साथ सहन नहीं कर पाता है जिसके फलस्वरूप वह बीमार पड़ जाता है (child gets infection)। यह बीमारियां भी विभिन्न प्रकार की होती हैं जो बच्चे को पूरी तरह से अपने प्रभाव में ले लेती हैं। इन्ही बीमारियों में वायरल बुखार (viral infection) भी एक बीमारी है। इस लेख में आप सीखेंगेबच्चों में वायरल बुखार - Viral fever in childrenवायरल संक्रमण (viral infection) हर उम्र के लोगों में एक आम बात है। मगर बच्चों में यह जायद देखने को मिलता है (viral infection is common in children))। हालाँकि बच्चों में पाए जाने वाले अधिकतर संक्रामक बीमारियां चिंताजनक नहीं हैं इनमें से कुछ आम संक्रामक बीमारियां है सर्दी खांसी, झुकाम, उलटी, दस्त और भुखार (common infection in children include cold, cough, fever, vomiting and lose motion)। इनके आलावा कुछ गंभीर संक्रामक बीमारियां (serious infectious disease in children) भी हैं जो चिंता का विषय है। जैसे - चेचक (missiles), जो वैक्सीन के कारण अब उतना नहीं देखने को मिलता है (vaccine is effective in controlling serious infections)। अधिकतर संक्रामक बीमारियां इसलिए भी चिंता का विषय नहीं हैं क्योँकि वे समय के साथ अपने आप ही ठीक हो जाएंगी। (most infectious disease go away on their own after a set duration that varies from infection to infection) बहुत सी संक्रामक बीमारियां इतनी अलग हैं की उनके डायग्नोसिस (diagnosing viral infection is not required since symptoms are enough to identify them) के लिए किसी टेस्ट की जरुरत ही नहीं है। उनके लक्षण ही काफी हैं उनकी पहचान के लिए। बच्चों में वायरल बुखार क्यों होता है - Why does my child have a fever?हर बच्चा कभी ना कभी बीमार पड़ता ही रहता है। वो इसलिए क्यूंकि उसके शरीर में बिमारियों से लड़ने की प्रतिरोधक छमता पूरी तरह से डेवेलोप नहीं हुई (immune system is not fully developed in children) है। इसके आलावा उन्हें ये नहीं पता होता की गन्दगी क्या होती है। वे जमीन पर पड़ी कुछ भी गन्दी वस्तु मुँह में डाल लेते हैं जिससे संक्रमण उनके शरीर में प्रवेश कर जाता (children body get infected when put dirty things lying on the floor in their mouth) है। हमें गन्दी वस्तुओं को, जिनसे संक्रमण का खतरा हो, बच्चों के पहुँच से दूर रखना चाहिए। बीमारी से बचाव ही सबसे बेहतरीन इलाज है। Keeping children in hygienic condition is the best way to protect them. वायरल बुखार क्या है - what is viral fever?वायरल बुखार एक एक्यूट वायरल संक्रमण (viral fever is acute viral infection) है। इसमें संक्रमित विषाणु शरीर में तेजी से फैलते हैं और कुछ ही दिनों में पूरी तरह खत्म भी हो जाते हैं। वायरल होने पर रोगी का तांत्रिक तंत्र भी प्रभावित हो सकता है। शिशुओं के लिए वायरल और अधिक कष्टदायी होता है। इससे वे पीले तथा सुस्त पड़ जाते हैं। उन्हें श्वसन तथा स्तनपान में कठिनाई के साथ ही उल्टी-दस्त भी हो सकते हैं। इसके अलावा शिशुओं में निमोनिया, कंठशोथ और कर्णशोथ जैसी जटिलताएँ भी पैदा हो जाती हैं। किसी अन्य रोग के साथ मिलकर वायरल बुखार रोगी की हालत को और भी खराब कर देता है। उदाहरण के लिए यदि खाँसी के रोगी बच्चे को वायरल हो जाए तो उसका तंत्रिका तंत्र भी प्रभावित हो सकता है। बच्चों में वायरल बुखार कितनी दिन रहता है - How long does a viral infection last in a child?संक्रमण कई तरह के होते हैं। हर बीमारी की अवधि अलग अलग होती है। वायरल बुखार कम से कम तीन दिन और अधिक से अधिक दो सप्ताह तक रह सकता है। वायरल बुखार को किसी दवा से या एंटीबायोटिक से ठीक नहीं किया जा सकता है। परन्तु वायरल बुखार के दौरान बच्चों की प्रतिरोधक छमता बहुत घाट जाती है, जिस कारण ये जरुरी होता है की उनको सावधानी के तौर पे, डॉक्टर की सलाह पर दवाई दिया जाये। परन्तु बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण हुई बीमारी को एंटीबायोटिक के द्वारा ठीक किया जा सकता है। बच्चों में वायरल बुखार होने पर तापमान को कैसे निचे लाएं - How do you bring down a high temperature?बच्चों में वायरल बुखार होने पर तापमान को बिना किसी दवा के मदद के भी निचे लाया जा सकता है। परन्तु इस का मतलब यह नहीं की बीमारी का इलाज हो गया। बुखार में तापमान इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करता है। मगर तापमान बहुत जयादा हो जाये तो बच्चों के शरीर पर इसका बुरा आसार भी हो सकता है। इससे डिहाइड्रेशन भी हो सकता है। इस परिस्थिति में तापमान की निचे लाना जरुरी हो जाता है। बिना किसी दवा के, घरेलू उपचार के द्वारा भी तापमान को निचे लाया जा सकता है - home remedy to bring down high temperature in small children:
सावधानियां - Medical emergencyअगर आप के बच्चे का तापमान किसी भी वक़्त 100.4 या फिर इससे अधिक पहुँच जाये तो आप को तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। ये एक मेडिकल एमर्जेन्सी (medical emergency) है। अगर आप का बच्चा 3 महीने से कम उम्र का है तो डॉक्टर को यह बात आवश्य बताएं (consult doctor immediately if your child is within the age of 3 months and inform specifically about the age)। बच्चों में वायरल बुखार के लक्षण - Symptoms of viral fever in children
बच्चों में वायरल बुखार कारण - Reasons of viral fever in child
क्या वायरल बुखार से दूसरों को संक्रमण फैलता है - Is viral fever is contagious?बुखार कम हो या ज्यादा हो, अगर आप के बच्चे को बुखार है तो उसे घर में ही रखें। बुखार किसी भी तरह का हो, वह संक्रामक है। आपके बीमार बच्चे के द्वारा दूसरे बच्चों को भी संक्रमण लग सकता है। बच्चों में वायरल बुखार का घरेलू उपचार - Viral fever in children home remedies
अगर आपके बच्चे में उपर्युक्त लक्षण दिखाई पड़ते हैं तो आप उसका पहले घरेलू इलाज करें और आराम न मिलने पर तुरंत डॉक्टर के पास ले जा कर उसका चेक अप करवाएं। Baccho ko वायरल फीवर कितने दिन रहता है?वायरल फीवर कितने दिन रहता है? सीनियर कंसलटेंट डॉ. प्रशांत एस बताते हैं कि बुखार की तीव्रता मरीज के उम्र पर निर्भर करती है और अगर वायरल फीवर किसी फ्लू वायरस की वजह से हुआ है तो इसे ठीक होने में कम से कम 5 दिनों का समय लगता है।
वायरल बुखार जल्दी कैसे ठीक करें?तुलसी तुलसी की पत्तियों में एंटीबायोटिक गुण पाया जाता है। ... . अदरक अदरक सर्दी-जुकाम को दूर करने में सहायक होता है। ... . दालचीनी इसे खाने से गले के दर्द, खांसी और सर्दी-जुकाम में राहत मिलती है। ... . गिलोय ये वायरल फीवर में होने वाले दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है। ... . अजवाइन अजवाइन से बुखार में राहत मिलती है। ... . अनार ... . नारियल पानी. बुखार नहीं उतर रहा हो तो क्या करें?आराम है सबसे ज़रूरी आपको जैसे ही हल्का सा बुखार महसूस होने लगे, फौरन जो भी काम कर रहे हैं उसे रोकें क्योंकि आपको सिर्फ और सिर्फ आराम की ज़रूरत है। ... . ठंडे पानी की पट्टियां ठंडे पानी में कपड़े को डुबोकर माथे पर रखने से बुखार जल्दी उतरता है। ... . खूब पानी पिएं ... . हल्के कपड़े पहनें ... . कमरे को ज़्यादा गर्म न रखें. वायरल फीवर में क्या देना चाहिए?वायरल बुखार के इलाज के लिए व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला घरेलू उपचार तुलसी है, मुख्य रूप से इसके एंटी-बैक्टीरियल और एंटीबायोटिक गुणों के कारण। तुलसी के पत्तों को आधा चम्मच लौंग के साथ उबालकर तुलसी का रस तैयार किया जा सकता है। जब पानी आधा रह जाए तो इसे छान लें और आपका तुलसी का रस तैयार है!
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