अपनी कुलदेवी का पता कैसे लगाएं? - apanee kuladevee ka pata kaise lagaen?

कुलदेवी की खोज Kuldevi ki khoj: हेलो दोस्तों नमस्कार आज हम आप लोगों को कुलदेवी की खोज बताएंगे अगर आप जानना चाहते हैं कि कुलदेवी की खोज कैसे करें और कुलदेवी की स्थापना कैसे की जाती है उनको प्रसन्न कैसे करें तो आज हम आप लोगों को बताएंगे कुछ लोग तो कुलदेवी के बारे में नहीं जानते हैं इसीलिए उन्हें पता ना होने के कारण हो सकते हैं.

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अपनी कुलदेवी का पता कैसे लगाएं? - apanee kuladevee ka pata kaise lagaen?

जैसे ही वर्षों से परिवार के साथ नहीं रह रहे हैं और कुलदेवी को नहीं जानते हैं उनकी पूजा नहीं कर पाते हैं इसकी वजह से उनके घर में कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं इसीलिए आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से कुलदेवी कौन है और कुलदेवी की खोज कैसे करें इसके बारे में बताएंगे.

अगर आप कुलदेवी का पता लगाना चाहते हैं तथा उनकी स्थापना अपने घर में करना चाहते है और उन्हें प्रसन्न करने का तरीका जानना चाहते हैं तो इस संपूर्ण जानकारी को प्राप्त करने के लिए हमारे इस लेख में अंत तक बने क्योंकि आज हम आप लोगों को इन्हीं सारे विषयों के बारे में बताने वाले हैं।

Table of contents : दिखाएँ

1. कुलदेवी की खोज कैसे करे ? | Kuldevi ki khoj kaise kare ?

2. कुलदेवी की स्थापना कैसे करे ? | Kuldevi ki sthapna kaise karen

3. कुलदेवी की खोज करने के लिए ग्यारह मंगलवार करे यह प्रयोग

4. अब आप प्रार्थना

5. रात के समय प्रार्थना करे ?

6. ग्यारह मंगलवार निरंतर प्रयोग करे ?

7. कुलदेवी को कैसे प्रसन्न करे ? | Kuldevi ko kaise prasann kare

8. कुलदेवी की पूजा किस दिन करनी चाहिए ? | Kuldevi ki puja kis din karni chahiye

9. कुलदेवी की आरती | Kuldevi ki aarti

10. कुलदेवी नागणेची माता आरती | Kuldevi Nagnechi Mata Aarti

11. FAQ : कुलदेवी की खोज

11.1. कुलदेवी की खोज कैसे करे?

11.2. कुलदेवी का क्या नाम है?

11.3. कुलदेवी को खुश कैसे करे?

12. निष्कर्ष

कुलदेवी की खोज कैसे करे ? | Kuldevi ki khoj kaise kare ? 

अगर आप यह जानना चाहते हैं कि कुलदेवी की खोज कैसे करें तो आज हमने आप लोगों को इसके बारे में नीचे विस्तार से बताया है इसको पढ़ने के बाद आप कुलदेवी की सारी जानकारी प्राप्त कर लेंगे।

कुलदेवी की स्थापना कैसे करे ? | Kuldevi ki sthapna kaise karen

अगर आप अपने कुलदेवी को को अपने घर में स्थापित करना चाहते हैं तो सुबह के समय स्नान आदि से संपन्न होने के बाद उनकी तस्वीर अपने घर के मंदिर में स्थापित करें उसके बाद उन्हें देसी घी का दीपक जलाएं धूप दीप दिखाएं तथा कपूर जलाएं यह सभी प्रक्रिया करने के बाद प्रसाद का भोग लगाएं।

अपनी कुलदेवी का पता कैसे लगाएं? - apanee kuladevee ka pata kaise lagaen?


भोग लगाने के बाद उन्हें चंदन और चावल का टीका अर्पित करें ध्यान रहे कि चावल टूटे नहीं होने चाहिए उसके बाद उन्हें शुद्ध पुष्प अर्पित करें इसी प्रकार रोज सुबह और शाम को उनकी पूजा-अर्चना करनी है और उनसे हाथ जोड़कर क्षमा प्रार्थना करनी है।

कुलदेवी की खोज करने के लिए ग्यारह मंगलवार करे यह प्रयोग

अगर आप कुलदेवी की खोज करना चाहते हैं तो आपको मंगलवार के दिन यह 11 उपाय करना चाहिए क्या प्रयोग शुरू करने से पहले आपको शुक्ल पक्ष में मंगलवार के दिन या उपाय करना है सबसे पहले आपको स्नानादि से संपन्न हो जाना है उसके बाद एक साबुत , सुपारी लेकर उसे स्नान कराएं और उसे एक पाटे पर स्थापित कर दें।

अब आप प्रार्थना

उसके बाद अब उनसे प्रार्थना करें उनसे कहें की यह “हमारे कुल गोत्र के देवता” आप कौन हैं और कहां से आए हैं इसके बारे में मुझे बिल्कुल भी नहीं पता है इसीलिए आज हम आपको इस सुपारी में आपका आवाहन करता हूं” इस चीज को आप तीन बार बोले और सुपारी की पंचोंपचार पूजा करें और घर के मंदिर में उसे स्थापित कर दे।

रात के समय प्रार्थना करे ?

उसके बाद अब रात के समय आपको यह प्रार्थना करनी है कि यह “हमारे कुल गोत्र के कुलदेवता” आप कौन हो मैं आपको जानना चाहता हूं कृपया आप मेरे सपने में आए और मुझे मार्गदर्शन प्रदान करें इस प्रार्थना को करें करने के बाद सुपारी को अपने तकिए के नीचे रखा लें।

ग्यारह मंगलवार निरंतर प्रयोग करे ?

  1. उसके बाद 11 मंगलवार तक आपको यह क्रिया करनी है सबसे पहले आपको मंगलवार के दिन उपवास रखना है अगर आप इस उपवास को रखते हैं और यह क्रिया करते हैं तो आप के कुलदेवता या कुलदेवी आपको अपने सपने में मार्गदर्शन दिखाते हैं वह अपने स्थान के बारे में भी बताते हैं।
  2. जिस भी मंगलवार के दिन आप इस प्रक्रिया को करते हैं उस दिन आपको स्नान आदि से संपन्न होने के बाद शुद्ध वस्त्र धारण करें ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए मांस मदिरा का सेवन ना करें श्रद्धा पूर्वक उनकी पूजा-अर्चना करें अगर आप यह प्रक्रिया करते हैं तो आपके वर्ष से भूली हुई कुलदेवी की समस्या का हल होगा उसके बाद में आपको आपके कुलदेवी की जानकारी मिल जाएगी।
  3. जैसे ही आपको आपके कुलदेवी की जानकारी मिल जाती है उसके बाद उनकी अपने घर के मंदिर में स्थापना करने स्थापना करने के लिए नीचे बिंदु को अवश्य पढ़ें कि कैसे उनकी स्थापना की जाती है।

कुलदेवी को कैसे प्रसन्न करे ? | Kuldevi ko kaise prasann kare

अपनी कुलदेवी का पता कैसे लगाएं? - apanee kuladevee ka pata kaise lagaen?

  1. अगर आप अपनी कुलदेवी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो हमारे बताए गए नियमों का पालन करें।
  2. कुलदेवी को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धा पूर्वक उनकी रोज पूजा अर्चना करें।
  3. जहां पर आप की कुलदेवी का स्थान है वहां जाकर उनकी पूजा करें उसके बाद दान करें भूखे लोगों को भोजन खिलाएं और वहां जाने के बाद अपने घर में साल भर या फिर 2 साल में एक हवन जरूर करवाएं अगर आप पिज्जा प्रक्रिया करते हैं तो आप की कुलदेवी मां प्रसन्न हो जाती हैं और आपको आशीर्वाद प्राप्त करती है और आपके परिवार पर अपना आशीर्वाद हमेशा बनाए रखती हैं।

कुलदेवी की पूजा किस दिन करनी चाहिए ? | Kuldevi ki puja kis din karni chahiye

कुलदेवी की पूजा आप हर रोज कर सकते हैं जिस प्रकार आप अपने घर में सभी देवी देवताओं की पूजा करते हैं उसी प्रकार आपको सुबह-शाम अपने कुलदेवी की पूजा करनी चाहिए प्रतिदिन उनके सामने घी का दीपक जलाकर उनकी पूजा करें।

कुलदेवी को हमारे कुल की गोत्र देवी माना जाता है इसीलिए उन्हें हमें रोज याद करना चाहिए और प्रतिदिन उनकी पूजा-अर्चना करनी चाहिए क्योंकि उनकी पूजा-अर्चना करने से हमारे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और देवी मां का आशीर्वाद ही प्राप्त होता है पूजा अर्चना करने से सभी प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती है।

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कुलदेवी की आरती | Kuldevi ki aarti

जय अम्बे गौरी मैया जय मंगल मूर्ति ।
तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिव री ॥टेक॥
मांग सिंदूर बिराजत टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना चंद्रबदन नीको ॥जय॥
कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला कंठन पर साजै ॥जय॥
केहरि वाहन राजत खड्ग खप्परधारी ।
सुर-नर मुनिजन सेवत तिनके दुःखहारी ॥जय॥
कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती ।
कोटिक चंद्र दिवाकर राजत समज्योति ॥जय॥
शुम्भ निशुम्भ बिडारे महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना निशिदिन मदमाती ॥जय॥
चौंसठ योगिनि मंगल गावैं नृत्य करत भैरू।
बाजत ताल मृदंगा अरू बाजत डमरू ॥जय॥
भुजा चार अति शोभित खड्ग खप्परधारी।
मनवांछित फल पावत सेवत नर नारी ॥जय॥
कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती ।
श्री मालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योति ॥जय॥
श्री अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै ।
कहत शिवानंद स्वामी सुख-सम्पत्ति पावै ॥जय॥

कुलदेवी नागणेची माता आरती | Kuldevi Nagnechi Mata Aarti

अपनी कुलदेवी का पता कैसे लगाएं? - apanee kuladevee ka pata kaise lagaen?

!! सेवक की सुन मेरी कुल माता, हाथ जोड़ हम तेरे द्वार खड़े !
धुप दीप नारियल ले हम, माँ नागणेचियां के चरण धरे ।।

( यह लेख आप OSir.in वेबसाइट पर पढ़ रहे है अधिक जानकारी के लिए OSir.in पर जाये  )

!! क्षत्रिय कुल राठौडो की माँ, हो खुश हम पर कृपा करे !
नागणेचियां माँ को नमन् है, कष्ठ हमारे माता दूर करे ।।

!! नाग रूप धर कर माँ, तुमने राव धुहड़ को आदेश करे !
कलयुग में कल्याण करण को, माँ तुमने विविध रूप धरे ।।

!! कृपा द्रष्टि करो हम पर माँ, तेरी कृपा से हो वंश हरे भरे !
दोष न देख अपना लेना, अच्छे बुरे पूत हम तवरे ।।

!! बुद्धि विधाता तुम कुल माता, हम सब का उद्धार करे !
चरण शरण का लिया आसरा, तेरी कृपा से सब काज सरे ।।

!! बांह पकड़ कर आप उठावो, हम तो शरण तेरी आन पड़े !
जब भीड़ पड़े भक्तों पर, माँ नागणेचियां सहाय करे ।।

!! नागणेचियां की आरती जो गावे, माँ उसके भण्डार भरे !
दर्शन तांई जो कोई आवे, माँ उसकी मंशा पूरी करे ।।

!! कुलदेवी को जो भी ध्यावे, माँ उसके कुल में वृद्धि करे !
कलि में कष्ठ मिटेंगे सारे, माँ की जो जय जयकार करे ।।

!! राठौड़ कुळ ले विन्नति , हाथ जोड़ तेरे द्वार खडा !
धुप दीप और नारियल ले , माँ तुम्हारे चरण पडा ।।

FAQ  : कुलदेवी की खोज

कुलदेवी की खोज कैसे करे?

आप अपने कुलदेवी की खोज करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको 11 मंगलवार इसका प्रयोग करना 11 मंगलवार तक सुबह उठकर स्नान आदि से संपन्न होने के बाद एक साबुत सुपारी लेना है और उसे स्नान कराना है उसके बाद उसे एक पाटे पर स्थापित कर देना है अब उनसे प्रार्थना करना है की है हमारे कुल गोत्र देवता आप कौन हैं और कहां से आए हैं इसके बारे में मुझे नहीं पता है इसीलिए मैं इस सुपारी में आप का आवाहन करती हूं।"

कुलदेवी का क्या नाम है?

वैसे तो कुल देवी या देवता को लिया वंश के रक्षक माने जाते हैं यह घर परिवार या फिर वंश के प्रथम पूर्वज का अधिकार प्राप्त करते हैं की गिनती हमारे घर के पूर्वज सदस्यों में की जाती है इसीलिए इन्हें प्रत्येक कार्य में जरूर याद किया जाता है।

कुलदेवी को खुश कैसे करे?

अगर आप अपने कुल देवता को प्रसन्न करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको हल्दी में लिपटे पीले चावल पानी में भिगोकर अर्पण करना शुभ माना जाता है और उनकी पूजा करते समय पान के पत्ते का होना बहुत आवश्यक है अगर आप अपने कुलदेवता को पान के पत्ते अर्पित करते हैं तो उसके साथ सुपारी , लॉन्ग , इलायची और गुलकंद भी अर्पित करना है इससे आपकी कुलदेवता जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं।

निष्कर्ष

आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से कुलदेवी की खोज कैसे करें तथा गोत्र की कुलदेवी के बारे में कैसे जाने अगर आपको यह तरीका जानना है तो इस लेख को अच्छे से पढ़ लें और उनकी स्थापना कैसे की जाती है इन्हें प्रसन्न कैसे करें इनके बारे में भी बताया है पहले इनके बारे में अच्छे से पता कर ले उसके बाद इनकी स्थापना श्रद्धा पूर्वक करें.

अपनी कुलदेवी का पता कैसे लगाएं? - apanee kuladevee ka pata kaise lagaen?

इन को प्रसन्न करके इनका आशीर्वाद प्राप्त करें और इनसे भूल चूक हुई है तो माफी मांग ले इससे आप की कुलदेवी प्रसन्न हो जाएंगी और उनका आशीर्वाद आपके ऊपर हमेशा बना रहेगा उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और आपके लिए उपयोगी भी साबित हुई होगी।

कैसे पता करें कि हमारी कुलदेवी कौन है?

मंगलवार को सुबह स्नान आदि से स्वच्छ पवित्र हो अपने देवी देवता की पूजा करें। इस अवधि में शुद्धता का विशेष ध्यान रखें ,यहां तक कि बिस्तर और सोने का स्थान तक शुद्ध और पवित्र रखें। ब्रह्मचर्य का पालन करें और मांस-मदिरा से पूर्ण परहेज रखें। इस प्रयोग की अवधि के अन्दर आपको स्वप्न में आपके कुलदेवता/देवी की जानकारी मिल जाएगी।

घर की कुलदेवी कौन होती है?

कुलदेवी या देवता कुल या वंश के रक्षक देवी-देवता होते हैं। ये घर-परिवार या वंश-परंपरा के प्रथम पूज्य तथा मूल अधिकारी देव होते हैं। इनकी गणना हमारे घर के बुजुर्ग सदस्यों जैसी होती है। अत: प्रत्येक कार्य में इन्हें याद करना जरूरी होता है।

कुलदेवी को मनाने के लिए क्या करना चाहिए?

कुलदेवता को हल्दी में लिपटे पीले चावल पानी में भिगोकर अर्पण करना शुभ माना जाता है. पूजा के समय पान के पत्ते का बहुत महत्व है. यदि आप पान का पत्ता अर्पित कर रहे हैं तो साथ में सुपारी, लौंग, इलायची और गुलकंद भी अर्पण करना चाहिए. इससे कुलदेवता प्रसन्न होते हैं.

कश्यप गोत्र की कुलदेवी का नाम क्या है?

प्राचीन ग्रंथों में अदिति को कश्यप गोत्र की कुल देवी माना है। अदिति पुराण के अनुसार कश्यप ऋषि ने अपनी पत्नी अदिति के गर्भ से १२ आदित्यों को जन्म दिया था।