भारत का राष्ट्रीय मंदिर कौन सा है? - bhaarat ka raashtreey mandir kaun sa hai?

जहां लोग इकट्टे होकर प्रार्थना, पूजा या ध्यान करते हैं उसे ईश्वर का इबादतघर कहा जाता है। यदि हम प्राचीन सभ्यताओं के मंदिरों की बात करें तो आपको इजिप्ट (मिस्र), नोस्सोस, येरुशलम, तुर्की, माचू पिच्चू आदि जगहों पर 2500 ईसा पूर्व के प्राचीन मंदिर मिल जाएंगे। लेकिन हम उन सभ्यताओं के नहीं, धर्मों के मंदिर की बात कर रहे हैं। ऐसे तो हड़प्पा और मोहन-जोदड़ो में भी मंदिर रहे होंगे।

हमारे देश में 1 से 1,500 वर्ष पुराने मंदिर तो मिल ही जाएंगे, जैसे अजंता-एलोरा का कैलाश मंदिर, तमिलनाडु के तंजौर में बृहदेश्‍वर मंदिर, तिरुपति शहर में बना विष्‍णु मंदिर, कंबोडिया का अंकोरवाट मंदिर आदि। लेकिन सबसे प्राचीन मंदिर के प्रमाण के रूप में मुंडेश्वरी देवी का मंदिर माना जाता है जिसका निर्माण 108 ईस्वी में हुआ था।

मुंडेश्वरी देवी का मंदिर बिहार के कैमूर जिले के भगवानपुर अंचल में पवरा पहाड़ी पर 608 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इसकी स्थापना 108 ईस्वी में हुविश्‍क के शासनकाल में हुई थी। यहां शिव और पार्वती की पूजा होती है। प्रमाणों के आधार पर इसे देश का सबसे प्राचीन मंदिर माना जाता है। कहा जाता है कि इस मंदिर में पिछले 2026 सालों से लगातार पूजा हो रही है। इस मंदिर के 635 में विद्यामान होने का उल्लेख मिलता है। कुछ के अनुसार मंदिर से प्राप्त शिलालेख के अनुसार उदय सेन के शासन काल में इसका निर्माण हुआ था।

यहां पहाड़ी के मलबे के अंदर गणेश और शिव सहित अनेक देवी-देवताओं की मूर्तियां पाई गई। यहां खुदाई के क्रम में मंदिरों के समूह भी मिले हैं। इन मूर्तियों से इनके ईसा पूर्व होने के प्रमाण मिलते हैं। वर्ष 1968 में पुरातत्व विभाग ने यहां से मिलीं 97 दुर्लभ प्रतिमाओं को सुरक्षा की दृष्टि से 'पटना संग्रहालय' और तीन को 'कोलकाता संग्रहालय' रखवा दिया।

हालांकि इस आधार पर इस मंदिर को दुनिया का सबसे प्राचीन पूजागृह घोषित नहीं किया जा सकता, क्योंकि मक्का स्थित काबा को हजरत इब्राहीम ने स्थापित किया था। हज. अनुमानत: 1800 ईसा पूर्व हुए थे, लेकिन कहा जाता है कि हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के समय इसकी फिर से तामीर की गई थी। लेकिन काबा से भी भी पुराने भारत के शक्तिपीठ हैं।

प्राचीनता के मामले में देश में सबसे प्राचीन शक्तिपीठों और ज्योतिर्लिंगों को माना जाता है। हिंगलाज माता का मंदिर, ज्वालादेवी का मंदिर, कामाख्‍यादेवी का मंदिर, अमरनाथ का मंदिर आदि सभी कम से कम 5,000 वर्ष पुराने बताए जाते हैं। बामियान की गुफाओं के मंदिर या देशभर के अन्य बौद्ध मंदिर भी 2,000 वर्ष पुराने बताए जाते हैं। प्राचीनकाल में यक्ष, नाग, शिव, दुर्गा, भैरव, इन्द्र और विष्णु की पूजा और प्रार्थना का प्रचलन था। रामायण काल में मंदिर होते थे, इसके प्रमाण हैं। राम का काल आज से 7,200 वर्ष पूर्व था अर्थात 5114 ईस्वी पूर्व।

राम के काल में सीता द्वारा गौरी पूजा करना इस बात का सबूत है कि उस काल में देवी-देवताओं की पूजा का महत्व था और उनके घर से अलग पूजा स्‍थल होते थे। इसी प्रकार महाभारत में दो घटनाओं में कृष्ण के साथ रुक्मणि और अर्जुन के साथ सुभद्रा के भागने के समय दोनों ही नायिकाओं द्वारा देवी पूजा के लिए वन में स्थित गौरी माता (माता पार्वती) के मंदिर की चर्चा है। इसके अलावा युद्ध की शुरुआत के पूर्व भी कृष्ण पांडवों के साथ गौरी माता के स्थल पर जाकर उनसे विजयी होने की प्रार्थना करते हैं।

सोमनाथ के मंदिर के होने का उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है। इससे यह सिद्ध होता है कि भारत में मंदिर परंपरा कितनी पुरानी रही है। इतिहासकार मानते हैं कि ऋग्वेद की रचना 7000 से 1500 ईसा पूर्व हई थी अर्थात आज से 9,000 वर्ष पूर्व। यूनेस्को ने ऋग्वेद की 1800 से 1500 ईपू की 30 पांडुलिपियों को सांस्कृतिक धरोहरों की सूची में शामिल किया है। उल्लेखनीय है कि यूनेस्को की 158 सूचियों में भारत की महत्वपूर्ण पांडुलिपियों की सूची 38 है।

हिन्दू मंदिरों को खासकर बौद्ध, चाणक्य और गुप्तकाल में भव्यता प्रदान की जाने लगी और जो प्राचीन मंदिर थे उनका पुन: निर्माण किया गया। ये सभी मंदिर ज्योतिष, वास्तु और धर्म के नियमों को ध्यान में रखकर बनाए गए थे। अधिकतर मंदिर कर्क रेखा या नक्षत्रों के ठीक ऊपर बनाए गए थे। उनमें से भी एक ही काल में बनाए गए सभी मंदिर एक-दूसरे से जुड़े हुए थे। प्राचीन मंदिर ऊर्जा और प्रार्थना के केंद्र थे लेकिन आजकल के मंदिर तो पूजा-आरती के केंद्र हैं।

मध्यकाल में मुस्लिम आक्रांताओं ने जैन, बौद्ध और हिन्दू मंदिरों को बड़े पैमाने पर ध्वस्त कर दिया। यह विध्‍वंस उत्तर भारत में अधिक हुआ जिसके चलते अयोध्या, मथुरा और काशी के कई प्राचीन मंदिरों का अब नामोनिशान मिट गया है। मलेशिया, इंडोनेशिया, अफगानिस्तान, ईरान, तिब्बत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, कंबोडिया आदि मुस्लिम और बौद्ध राष्ट्रों में अब हिन्दू मंदिर नाममात्र के बचे हैं। अब ज्यादातर प्राचीन मंदिरों के बस खंडहर ही नजर आते हैं, जो सिर्फ पर्यटकों के देखने के लिए ही रह गए हैं। अधिकतर का तो अस्तित्व ही मिटा दिया गया है।

1.बैजनाथ मंदिर : यह भगवान शिव को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है। प्राचीन इतिहास के अनुसार बैजनाथ मंदिर में स्थापित शिवलिंग रावण द्वारा लाया गया था। रावण ने जब भगवान शिव की पूजा की तो शिवजी उन पर प्रसन्न हो गए और तब शिव ने रावण को आशीर्वाद दिया और शिवलिंग का रूप धारण कर लिया। यह मंदिर उसी स्थान पर बनाया गया है, जिसे आज बैजनाथ कहा जाता है।

2.चूड़धार मंदिर : यह मंदिर हिमाचल प्रदेश में स्थित है। चूड़धार हिमाचल की सबसे ऊंची चोटी है जिस पर स्थित है यह मंदिर, जो भगवान शिव को समर्पित है। चूड़धार पहाड़ की चोटी पर पहुंचने के लिए लगभग 18 किलोमीटर की चढ़ाई करना पड़ती है। इस पहाड़ की चोटी पर से हिमालय की प्राकृतिक छटा देखते ही बनती है। यदि आप यहां जा रहे हैं तो सुबह-सुबह पहाड़ पर चढ़ना शुरू करना चाहिए, ताकि दोपहर से पहले मंदिर पहुंच सकें।

3.अक्षरधाम मंदिर : 'अक्षरधाम' भगवान स्वामीनारायण का निवास स्थान है। नई दिल्ली में स्थित स्वामीनारायण मंदिर भक्ति के लिए समर्पित है। यह मंदिर महान संत और भगवान नारायण के अवतार भगवान स्वामीनारायण (1781- 1830) की श्रद्धांजलि स्वरूप समर्पित है। दिल्ली में यमुना नदी के पास स्थित यह मंदिर पारंपरिक हिंदू संस्कृति को प्रदर्शित करता है। जब भी आप नई दिल्ली जाएं तो इस मंदिर में जरूर देखें।

4.वैष्णो देवी मंदिर : भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर के जम्मू में स्थित प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थ स्थल वैष्णो देवी का मंदिर हैं। नवरात्रि पर्व के दौरान भारी संख्या में यहां तीर्थयात्री आते हैं। वैष्णो देवी मंदिर के ऊपर भैरो बाबा का एक प्रसिद्ध मंदिर है। सर्दियों के दौरान यहां बर्फबारी होती है। ग्रीष्मकाल के दौरान, तापमान पर्यटकों के लिए उपयुक्त होता है।

5.स्वर्ण मंदिर : सिख गुरु राम दास बनवाया गया यह एक पवित्र मंदिर है। यह पंजाब के अमृतसर में स्थित है। इसकी दीवारों को सोने की परत से मढ़ा गया है, इसीलिए इसे "द गोल्डन टेम्पल" कहा जाता है। इस मंदिर के परिसर में एक पवित्र झील है। श्रद्धालु अपने पापों से छुटकारा पाने के लिए इस पवित्र झील में स्नान करते हैं।

6.तेरा मंजिल मंदिर : भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर ऋषिकेश में गंगा नदी के तट पर स्थित है। ऋषिकेश में अन्य प्रसिद्ध मंदिर भी हैं जैसे भारत मंदिर, गीता भवन और रघुनाथ मंदिर आदि।

भारत का राष्ट्रीय मंदिर कौन सा है? - bhaarat ka raashtreey mandir kaun sa hai?

7.प्रेम मंदिर : भगवान कृष्ण को समर्पित यह प्रसिद्ध मंदिर मथुरा जिले के वृंदावन में स्थित है। संध्या आरती में भाग लेने के लिए प्रेम मंदिर में बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं। इस मंदिर को बनाने में काफी समय लगा था।

8..बंगला साहिब गुरुद्वारा : यह दिल्ली में स्थित एक प्रसिद्ध सिख तीर्थ स्थल है। इस गुरुद्वारे को दिल्ली के सबसे अच्छे पर्यटन स्थल के रूप में स्थान दिया गया है। गुरु का आशीर्वाद लेने के लिए दुनिया भर के लोग इस गुरुद्वारे में जाते हैं। गुरुद्वारा में एक पवित्र झील है जहां लोग पवित्र स्नान करते हैं।

9.भैरो मंदिर : यह मंदिर भी दिल्ली में स्थित है। इस मंदिर में भैरो बाबा को भक्त लोग प्रसाद के रूप में शराब चढ़ाते हैं। भैरो बाबा भगवान शिव का रूप है। जब भी हम दिल्ली जाते हैं, हमारे लिए इस भैरो बाबा के मंदिर का दर्शन करना और उनका आशीर्वाद लेना जरूरी होता है। इसके नजदीक प्रगति मैदान का मेट्रो स्टेशन है।

10.नीलकंठ महादेव मंदिर : यह मंदिर ऋषिकेश में स्थित है। यह मंदिर नीलकंठ महादेव (भगवान शिव का एक रूप) को समर्पित है। यह मंदिर मणिकूट, विष्णुकूट, ब्रह्मकूट जैसी घाटियों से घिरा हुआ है। हिंदू मान्यता के अनुसार, यह एक ऐसी जगह है, जहां भगवान शिव ने विष का सेवन किया था, और देवता और असुरों ने समुद्र को अमृत पाने के लिए समुद्र मंथन किया था।

11.काशी विश्वनाथ मंदिर : विश्व प्रसिद्ध यह हिन्दू मंदिर काशी विश्वनाथ का मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह उत्तर प्रदेश के काशी में पवित्र गंगा नदी के तट पर स्थित है और यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहां के देवता को विश्‍वनाथ और मंदिर को काशी विश्वनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है। मंदिर का हिन्दू शास्त्रों में उल्लेख मिलता है। इतिहास के अनुसार, इस मंदिर को कई बार नष्ट किया गया और फिर से बनाया गया है। मंदिर का वर्तमान स्वरूप 1780 में इंदौर की मराठा शासक अहिल्या बाई होल्कर द्वारा निर्मित करवाया गया था। इस मंदिर का प्रबंधन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किया गया है।

12. बद्रीनाथ मंदिर : बद्रीनाथ चार छोटे और बड़े धामों में से एक धाम भी है। यहां का मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है जो कि उत्तराखंड के बद्रीनाथ में स्थित है। इस मंदिर को भगवान विष्णु के 108 दिव्य धामों में से एक माना जाता है।

भारत का राष्ट्रीय मंदिर कौन सा है? - bhaarat ka raashtreey mandir kaun sa hai?

यह हिमालयी क्षेत्र में मौसम की स्थिति के कारण हर साल (अप्रैल के अंत और नवंबर की शुरुआत के बीच) छह महीने के लिए यह खुला रहता है। यह मंदिर अलक्षनंदा नदी के किनारे स्थित है। भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक इस मंदिर का उल्लेख विष्णु पुराण और स्कंद पुराण जैसे प्राचीन धार्मिक ग्रंथों में मिलता है।

13. केदारनाथ मंदिर : भारत के उत्तराखंड में स्थित केदारनाथ का मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मौसम की स्थिति के कारण, मंदिर केवल अप्रैल से (अक्षय तृतीया) और नवंबर (कार्तिक पूर्णिमा) के बीच खुला रहता है। सर्दियों के दौरान, केदारनाथ मंदिर से देवताओं को उखीमठ तक ले जाया जाता है, और वहां अगले छह महीनों के लिए देवता की पूजा की जाती है।

हिन्दू किंवदंतियों के अनुसार, प्रारंभ में इस मंदिर को पांडवों ने बनवाया था। शिव का यह पवित्र मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे ऊंचा हैं।

14.सोमनाथ मंदिर : सोमनाथ मंदिर गुजरात में स्थित है, और माना जाता है कि यह भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से पहला है। पुराणों के अनुसार, मंदिर को एक पवित्र मंदिर माना जाता है। यह गुजरात के मध्य में एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। मुस्लिम राजाओं द्वारा कई बार तोड़े जाने के बाद इस मंदिर का कई बार पुनर्निर्माण किया गया था। वर्तमान मंदिर को हिंदू वास्तुकला की चालुक्य शैली में पुनर्निर्मित किया गया और इसे मई 1951 में पूरा किया गया था।

15.पंढरपुर मंदिर : महाराष्ट्र के पंढरपुर में स्थित यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। यहां श्रीकृष्ण को विठोबा कहते हैं। इसीलिए इसे विठोबा मंदिर भी कहा जाता है। यह हिन्दू मंदिर विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर के रूप में जाना जाता है। यह भगवान विठोबा की पूजा का मुख्य केंद्र है, जिनकी पत्नी रखुमई है। यह महाराष्ट्र का सबसे लोकप्रिय मंदिर है।

माना जाता है कि यहां स्थित पवित्र नदी चंद्रभागा में स्नान करने से भक्तों के सभी पापों को धोने की शक्ति होती है। सभी भक्तों को भगवान विठोबा की मूर्ति के पैर छूने की अनुमति है। इस मंदिर में महिलाओं और पिछड़े वर्गों के लोगों को पुजारी नियुक्त किया गया है।

राष्ट्रीय मंदिर कौन सा है?

रांची रेलवे स्टेशन से 7 किलो मीटर की दुरी पर रांची हिल पर शिवजी का अति प्राचीन मंदिर स्थित है जिसे की पहाड़ी मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर धार्मिकता के साथ साथ देशभक्तो के बलिदान के लिए भी जाना जाता है।

भारत का सबसे पुराना मंदिर कौन सा है?

यह एक हिन्दू मन्दिर है। यह कम्बोडिया के अंकोर में है जिसका पुराना नाम 'यशोधरपुर' था। ... अंकोरवाट मंदिर.

भारत के प्रसिद्ध मंदिर कौन है?

भारत के प्रसिद्ध मंदिर- माता वैष्णो देवी मंदिर (Mata Vaishno Devi Temple): Mata-Vaishno_Devi_Temple_Bhavan. ... .
तिरुपति बालाजी मंदिर (Tirupati Balaji Mandir): Tirupati Balaji temple. ... .
बैद्यनाथ धाम मंदिर (Baidyanath Dham Temple): Baidyanath Dham Temple. ... .
भारत के प्रसिद्ध मंदिर-केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Temple):.

भारत में कुल कितने मंदिर है?

भारत में कई प्रसिद्ध मंदिर है दुनिया में सबसे अधिक मंदिर भारत में है भारत में कुल कितने मंदिर है उनका अनुमान लगाना असंभव है लेकिन अनुमान के अनुसार भारत में 10 लाख से भी ज्यादा मंदिर है इनमें से कुछ इतने प्रसिद्ध है कि यहां साल भर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है और इन मंदिरों का सालाना चढ़ावा भारत के कुल बजट से भी अधिक ...