अल्सर में कौन कौन से फल खाने चाहिए? - alsar mein kaun kaun se phal khaane chaahie?

आलू भी पेट के अल्सर को ठीक करने में मदद करता है। सबसे अच्छा एंटासिड आहार माना जाता है आलू। यह पाचन प्रक्रिया को अनुकूलित करने में योगदान देता है। सूजन को कम करता है और पेट की जलन को शांत करता है। इसे सुनेंरोकेंफ्राइड फ़ूड न खाएं यदि आपके पेट में अल्सर की समस्या रहती है तो ऐसे में फ्राइड फ़ूड का सेवन न करें, इसके सेवन से पेट में दर्द और जलन की दिक्कत और भी ज्यादा बढ़ सकती है, इसलिए कोशिश करें कि अल्सर होने पर आप ज्यादा तेल-मसाले युक्त भोजन को ज्यादा से ज्यादा अवॉयड करें, ताकि से न बढ़े।पढ़ना:   एलिफेंटा की गुफाएं कब बनी?क्या अल्सर कैंसर हो सकता है? (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); इसे सुनेंरोकेंअगर वक्त रहते अल्सर का इलाज नहीं कराया गया तो यह कैंसर में तब्दील हो सकता है। अगर आपको पेट की बीमारियां हो रही हैं तो इन्हें बिल्कुल भी हल्के में न लें। दरअसल खानपान की अनियमितता, शराब और सिगरेट के ज्यादा सेवन और गैस्ट्रिक की समस्या की वजह से पेट में अल्सर यानी छाले व घाव हो जाते हैं।अल्सर में मीठा खा सकते हैं क्या?इसे सुनेंरोकेंअल्सर के मरीजों को कच्चे फल और सब्जियां खाने से बचना चाहिए. कोशिश करें कि फल और सब्जियां उबली हुई या स्टीम्ड हो. या फिर उन्हें कुक करें. गैस बनाने वाली सब्जियां जैसे गोभी, बींस, शिमला मिर्च, टमाटर, प्याज, पालक और लहसून का सेवन ना करें. (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); गैस्ट्रिक अल्सर कितने दिन में ठीक होता है?

इसे सुनेंरोकेंएंटी-अल्सर किट : पेप्टिक अल्सर में 10 दिन की दवा दी जाती है। इसे एंटी-अल्सर किट कहते हैं। इसमें खासतौर से पीपीआई (प्रोटॉन पंप इनहिबिटर), क्लैरीथ्रोमाइसिन और एमॉक्सिस्लिन ग्रुप की दवाएं होती हैं। इनसे एसिड का असर कम हो जाता है।

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पेट का अल्सर कितने दिन में ठीक होता है?

अल्सर और कैंसर में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंऐसी ही एक खतरनाक बीमारी है अल्सर। गलत खानपान और गैस्ट्रिक समस्या के कारण होने वाली इस बीमारी को गंभीरता से लें। पेप्टिक अल्सर से कैंसर का खतरा नहीं होता, लेकिन गैस्ट्रिक अल्सर से कैंसर हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि समय रहते इसका इलाज करा लिया जाए।

Stomach Ulcer Diet: आजकल कि लाइफस्टाइल और डाइट ऐसी हो गई है कि पेट में कोई न कोई समस्या लगी ही रहती है, जैसे कि कब्ज, अपच, पेट में दर्द होना आदि, ऐसे में अल्सर के जैसी समस्या होना भी बहुत ही ज्यादा कॉमन होता है, इसके होने पर व्यक्ति के पेट में बहुत सारी दिक्कतें आती हैं, जैसे कि पेट में लगातार दर्द का बने रहना, लगातार मितली आना आदि। इसके होने पर व्यक्ति को डाइट के ऊपर बहुत ही ज्यादा ध्यान रखने कि जरूरत होती है कि डाइट में कुछ भी उल्टा सीधा या तेल-मसाले युक्त खाना न खाना आदि। इसके होने पर आपको अपने लाइफस्टाइल और डाइट के ऊपर बहुत ही ज्यादा ध्यान देने कि जरूरत होती है। इसलिए जानिए कि अल्सर होने पर व्यक्ति कौन से फूड्स को खाएं और कौन से फूड्स को अवॉयड करें।

ज्यादातर मामलों में पेट के अल्सर की समस्या 'हेलिकोबैक्टर पाइलोरी' (एच. पाइलोरी) नामक बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण की वजह से होती है। पेट के अल्सर की एक और सामान्य वजह है नॉन स्टेरॉयडल एंटी इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs) का उपयोग करना, जिसे एएसए भी कहा जाता है। अल्सर के उपचार में एच. पाइलोरी इंफेक्शन को ठीक करने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा पेट में बने एसिड की मात्रा को कम करने पर भी फोकस किया जाता है। इससे दर्द में कमी आती है और उपचार में मदद मिलती है।

इसके सामान्य लक्षणों में पेट में हल्का दर्द, वजन कम होना, दर्द की वजह से कुछ खाने का मन नहीं करना, मतली या उल्टी, सूजन, पेट फूलना, डकार या एसिड की वजह से सीने में जलन, एनीमिया आदि शामिल हैं। हालांकि, किसी भी ऐसे भोजन का पता नहीं चला है, जो अल्सर का कारण बनता हो, लेकिन कुछ भोजन लक्षणों को खराब कर सकते हैं या इसके उपचार को कठिन बना सकते हैं। इस लेख में, हम चर्चा करेंगे कि पेट का अल्सर हो जाने पर हमें क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।

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Antioxidant Rich Diet In Stomach Ulcer – पेट की सतह पर होने वाला पेप्टिक अल्‍सर एक तरह का घाव है. यह तब होता है जब भोजन पचाने वाले एसिड छोटी आंत को नुकसान पहुंचाने लगते हैं. पेट में अल्‍सर एक तरह के बैक्‍टीरियल इन्फेक्‍शन की वजह से भी हो सकता है, जिसका नाम हेलीकोबेक्‍टर पाइलोरी है. इसके अलावा ओवर-द-काउंटर बिकने वाले नॉनस्‍टेरॉयड एंटी-इनफ्लेमेटरी दवाओं जैसे एस्प्रिन और आइब्रूफेन अत्‍यधिक सेवन से भी पेट में अल्‍सर हो सकते हैं. अगर सही समय पर पेट में होने वाले अल्‍सर का उपचार न किया जाए तो ये गंभीर रूप ले सकते हैं. उपचार के साथ-साथ उचित खानपान का ध्‍यान रखा जाए तो जल्‍द ही अल्‍सर से राहत मिल सकती है. पेट में अल्‍सर होने पर क्‍या खाना चाहिए और क्‍या नहीं चलिए जानते हैं इसके बारे में.

पेट में अल्‍सर होने पर क्‍या खाएं
हेल्‍थलाइन के मुताबिक अल्‍सर बनने के लिए हेलीकोबेक्‍टर पाइलोरी बैक्‍टीरिया को जिम्‍मेदार माना गया है. इसके प्रभाव को कम करने में एंटी-ऑक्‍सीडेंट रिच डाइट लेने की सलाह दी जाती है. ये फूड अल्‍सर के लिए जिम्‍मेदार बैक्‍टीरिया को रोकने में भी काफी मददगार होते हैं. इनमें शामिल है-

फूल गोभी और पत्‍ता गोभी
फूल गोभी में इंडोल-3 कार्बिनोल नाम का फाइटो केमिकल होता है, जो एंटी अल्‍सर प्रॉपर्टी से भरपूर होता है. फूल गोभी में मौजूद ये केमिकल अल्‍सर की समस्‍या में लाभकारी होता है. वहीं पत्‍ता गोभी के जूस में एंटी पेप्टिक अल्‍सर गुण होते हैं, जो अल्‍सर को कम करने में मदद करते हैं.

मूली
मूली में एंटी अल्‍सर गुण होते हैं, जो शराब के अत्‍यधिक सेवन से होने वाले कैस्‍ट्राइटिस और गैस्ट्रिक अल्‍सर के उपचार में प्रभावी होते हैं. अल्‍सर में मूली का सेवन लाभकारी माना जाता है.

गाजर
गाजर में मौजूद एंटी पेप्टिक अल्‍सर गुण अल्‍सर को प्रभावी ढंग से ठीक करने में मदद करते हैं. गाजर का अर्क भी गैस्ट्रिक अल्‍सर से बचाने में मददगार होता है.



सेब
सेब में पॉलीफेनॉल्‍स होता है जो एक बहुत अच्‍छा एंटी ऑक्‍सीडेंट है. इसके अलावा सेब में गैस्‍ट्रो प्रोटेक्टिव गुण भी होते हैं, जो एस्प्रिन के अत्‍यधिक सेवन से होने वाले अल्‍सर को कम करने में प्रमुख भूमिका निभाता है. इतना ही नहीं सेब में एंटी हेलीकोबेक्‍टर पाइलोरी बैक्‍टीरिया से लड़ने में मदद करने वाले गुण भी होते हैं.

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ब्रोकली
ब्रोकली में सल्‍फोराफेन होता है जो अल्‍सर के लिए जिम्‍मेदार हेलीकोबेक्‍टर पाइलोरी बैक्‍टीरियो को पनपने से रोकने में मदद करता है. इसके अलावा हरी पत्‍तेदार सब्जियां जैसे पालक को भी अल्‍सर के लिए फायदेमंद माना गया है.

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अल्सर में कौन सा फल खा सकते हैं?

सेब में पॉलीफेनॉल्‍स होता है जो एक बहुत अच्‍छा एंटी ऑक्‍सीडेंट है. इसके अलावा सेब में गैस्‍ट्रो प्रोटेक्टिव गुण भी होते हैं, जो एस्प्रिन के अत्‍यधिक सेवन से होने वाले अल्‍सर को कम करने में प्रमुख भूमिका निभाता है. इतना ही नहीं सेब में एंटी हेलीकोबेक्‍टर पाइलोरी बैक्‍टीरिया से लड़ने में मदद करने वाले गुण भी होते हैं.

अल्सर में क्या क्या परहेज करना चाहिए?

जानिए, अल्सर डायग्नोज होने पर क्या खाना चाहिए..
अल्सर के मरीजों को कच्चे फल और सब्जियां खाने से बचना चाहिए. ... .
गैस बनाने वाली सब्जियां जैसे गोभी, बींस, शिमला मिर्च, टमाटर, प्याज, पालक और लहसून का सेवन ना करें..
दूध और दूध से बने प्रोडक्ट्स ना खाएं..
गेहूं और जौ से बने फूड अधिक खाएं..

अल्सर के लिए कौन सा जूस पीना चाहिए?

दरअसल, पत्ता गोभी जूस में ऐसे यौगिक होते हैं जो पेट के अल्सर को रोकने और ठीक करने में मदद कर सकते हैं।

पेट के अल्सर को ठीक करने का सबसे तेज़ तरीका क्या है?

पेट के अल्सर के लिए घरेलू उपचार.
1- मुलेठी एक गिलास पानी में एक छोटा चम्मच मुलेठी पाउडर डालकर उसे मिला लें और 15 मिनट के लिए छोड़ दें। इसके बाद इसे छान कर दिन में तीन बार पिएं। ... .
2- गुड़हल गुडहल की पत्तियों को पीस कर इसका शरबत बना लें। इसका रोजाना सेवन करने से अल्सर रोग ठीक हो जाता है।.