अगर पूर्व दिशा में टॉयलेट हो तो क्या करें? - agar poorv disha mein toyalet ho to kya karen?

वास्तु शास्त्र में बताये गए उपाय पूरी तरह से वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित होते हैं। वास्तु में किसी भी नए घर या भवन के निर्माण से पहले सूर्य की किरणों, पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र तथा भौगोलिक स्थिति का पूरा ध्यान रखा जाता है। घर को बनवाने से पहले हर व्यक्ति यही चाहता है कि नए घर में उसका जीवन सुख-शांति से बीते। इसलिए, घर बनाने के दौरान वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा (Toilet Seat Direction As Per Vastu) भी निर्धारित होती है। शौचालय अगर गलत दिशा में हो तो इससे आपके घर में धन की हानि, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां आदि जैसे प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिल सकते है। इसलिए, ऐसी परिस्थितियों से बचने के लिए वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा (Toilet Seat Direction As Per Vastu) हेतु ये 15 उपयोगी टिप्स अपनाएं। 

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वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा

हमने यहाँ वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा (Toilet Seat Direction As Per Vastu) संबंधी कुछ सुझाव दिए है:

वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा (Toilet Seat Direction As Per Vastu) 1 : बाथरूम का स्थान तय करें

घर का उत्तर-पश्चिम या उत्तर दिशा वह स्थान है जहां कचरा रखा जाता है। इसलिए, आपका बाथरूम हमेशा उत्तर-पश्चिमी कोने में या आपके घर के उत्तर की ओर होना चाहिए। इससे आपका घर नकारात्मक ऊर्जा से बचा रहता है तथा घर में सकारात्मकता आती है।

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नकारात्मकता दूर करने के लिए वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा (Toilet Seat Direction As Per Vastu)  

वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा (Toilet Seat Direction As Per Vastu) 2 : टॉयलेट सीट की दिशा

वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा पर विचार करना महत्वपूर्ण है। टॉयलेट की सीट को हमेशा ऐसी दिशा में होनी चाहिए कि इसका उपयोग करने वाले का मुख घर के उत्तर या दक्षिणी दिशा में हो। इससे परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य ठीक रहेगा।

अगर पूर्व दिशा में टॉयलेट हो तो क्या करें? - agar poorv disha mein toyalet ho to kya karen?
वास्तु के अनुसार शौचालय की सही दिशा 

वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा (Toilet Seat Direction As Per Vastu) 3 : वह दिशा जिससे हमेशा बचना चाहिए

पूर्वी या उत्तर-पूर्वी कोने को धार्मिक तथा आध्यात्मिक कार्यों के लिए सही माना जाता है। घर के इस हिस्से में कभी भी शौचालय नहीं बनवाना चाहिए। इससे आपके परिवार के सदस्यों की भलाई तथा आपके घर की समृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।   

अगर पूर्व दिशा में टॉयलेट हो तो क्या करें? - agar poorv disha mein toyalet ho to kya karen?
वास्तु के अनुसार इस दिशा में शौचालय की सीट न लगवाएं 

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वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा (Toilet Seat Direction As Per Vastu) 4 : इस दिशा का महिलाओं के स्वास्थ्य पर पड़ता है प्रभाव

प्राचीन काल में महिलाओं तथा पुरुषों के बॉथरुम अलग-अलग होते थे। वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि महिलाओं का शौचालय दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण-पूर्वी और दक्षिण हिस्से में नहीं होना चाहिए। इससे महिलाओं के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। 

अगर पूर्व दिशा में टॉयलेट हो तो क्या करें? - agar poorv disha mein toyalet ho to kya karen?
वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा (Toilet Seat Direction As Per Vastu)

वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा (Toilet Seat Direction As Per Vastu) 5 : टॉयलेट सीट के ऊपर खिड़की लगवाएं 

शौचालय का मुख घर की उत्तर दिशा में होना चाहिए और इसके ठीक ऊपर खिड़की बनवाना आपके लिए फायदेमंद रहेगा।

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वास्तु के अनुसार सीट के ऊपर खिड़की लगा हुआ शौचालय 

वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा (Toilet Seat Direction As Per Vastu) 6 : टॉयलेट को थोड़ा ऊंचाई पर बनवाएं 

वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा (Toilet Seat Direction As Per Vastu) तय करने के पश्चात् बाथरूम को घर की सतह से थोड़ा ऊंचा बनवाना बेहतर होता है। लेकिन कभी-कभी ऐसा करने से आपके घर का डिजाइन बिगड़ सकता है। इसलिए, अपने शौचालय की सीट को ऊपर लगाकर एक सीढ़ी बनवाएं। 

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वास्तु के अनुसार समतल फर्श वाले शौचालय 

वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा (Toilet Seat Direction As Per Vastu) 7 : सही दिशा में जल निकासी व्यवस्था 

जैसा कि हमने बताया है, घर का पश्चिमी हिस्सा वह क्षेत्र होता है, जहां आपका शौचालय होना चाहिए। इसलिए, बाथरूम का ड्रेनेज सिस्टम, चाहे वह शौचालय के लिए हो या वॉश बेसिन के लिए हो, पश्चिमी दिशा की तरफ होना चाहिए। वास्तव में, आपके घर के सभी ड्रेनेज पाइप एक ही दिशा में होने चाहिए।

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वास्तु के अनुसार शौचालय में जल निकासी की दिशा

वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा (Toilet Seat Direction As Per Vastu) 8 : बाथरूम के दरवाजे बनाने के लिए लकड़ी का प्रयोग करें

धातु से आपके बाथरूम से ऊर्जा आपके लिविंग एरिया में आती है और सकारात्मक ऊर्जा पर अपना प्रभाव डालती है। इसलिए, अपने बाथरूम में लकड़ी के दरवाजे लगाएं ताकि बाथरूम से निकलने वाली नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव को कम किया जा सके।

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वास्तु के अनुसार लकड़ी के दरवाजे वाला शौचालय 

वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा (Toilet Seat Direction As Per Vastu) 9 : बाथरूम के दरवाजे की स्थिति

बाथरूम बनाते समय बाथरूम के दरवाजे की दिशा का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। बाथरुम का दरवाजा हमेशा या तो उत्तर की ओर या पूर्व की ओर खुलना चाहिए। पूर्व दिशा धार्मिक कार्यों के लिए शुभ होती है, इसलिए पूजा कक्ष कभी भी बाथरूम के सामने नहीं होना चाहिए।

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वास्तु के अनुसार सही दिशा में दरवाजे वाला शौचालय 

वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा (Toilet Seat Direction As Per Vastu) 10 : दीवार पर लगे शीशे की दिशा 

वास्तु में दर्पण का बहुत महत्व है। दर्पण या शीशा नकारात्मक व सकारात्मक दोनों तरह की ऊर्जा को प्रतिबिंबित करते हैं। इसलिए, बाथरूम के पूर्वी दीवार पर पश्चिम दिशा की ओर मुख वाला, या बाथरूम की दक्षिणी दीवार पर उत्तर दिशा की ओर मुंह वाला शीशा लगाने से सभी बुरी ऊर्जा वापस प्रतिबिंबित होती हैं।

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वास्तु के अनुसार प्रतिबिंबित एरिया के साथ शौचालय सीट की दिशा

वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा (Toilet Seat Direction As Per Vastu) 11 : कभी भी अपने घर के बीच में न बनवाएं

आपके घर के केंद्र में ऊर्जा अधिक होती है तथा इसे ब्रह्मस्थान माना जाता है। कभी भी टॉयलेट सीट या बाथरूम को घर के मध्य भाग में लगाने की गलती न करें। इससे आपके घर व परिवार के सदस्यों पर खतरनाक प्रभाव पड़ सकता है। कमर्शियल जगहों पर भी ऐसा ही करें। 

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वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा (Toilet Seat Direction As Per Vastu) का मूल नियम  

वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा (Toilet Seat Direction As Per Vastu) 12 : यदि संभव हो तो इस नियम पर विचार करें

वास्तु के अनुसार शौचालय तथा बॉथरुम अलग-अलग स्थान पर होना चाहिए। हालाँकि, ऐसा करना दिनों-दिन बढ़ती आबादी को देखते हुए असंभव है। लेकिन, यदि आप ऐसा कर सकते है, तो स्नान व शौचालय के लिए अलग-अलग जगह व्यवस्था करने पर विचार करें।

अगर पूर्व दिशा में टॉयलेट हो तो क्या करें? - agar poorv disha mein toyalet ho to kya karen?
वास्तु के अनुसार शौचालय व बाथरुम के लिए अलग-अलग जगह

वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा (Toilet Seat Direction As Per Vastu) 13 : आपके बाथरूम के लिए वैकल्पिक दिशा

यदि आपके पास वास्तु सिद्धांतों के अनुसार बाथरूम को फिर से बनाने का विकल्प नहीं है तो आप यहाँ बताया गया सुझाव मान सकते हैं। शौचालय बाथरूम के दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पूर्वी दिशा में बनवाएं। हालांकि ये केवल विकल्प हैं, ऊपर बतायी गई सही दिशा का उपयोग करना हमेशा बेहतर होगा। 

अगर पूर्व दिशा में टॉयलेट हो तो क्या करें? - agar poorv disha mein toyalet ho to kya karen?
वास्तु के अनुसार शौचालय के लिए वैकल्पिक दिशा 

वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा (Toilet Seat Direction As Per Vastu) 14 : बाथरूम के ढलान का भी रखें ध्यान

आपके बाथरूम का ढलान उत्तर दिशा की ओर झुका होना चाहिए जहां जल निकासी पाइप जुड़ी हुई है। यदि ढलान का झुकाव ड्रेनेज पाइप की ओर नहीं है तो आपके बाथरूम में पानी जमा हो सकता है। इसलिए बाथरूम में ड्रेनेज पाइप से पानी निकलने की पूरी व्यवस्था करें। 

अगर पूर्व दिशा में टॉयलेट हो तो क्या करें? - agar poorv disha mein toyalet ho to kya karen?
वास्तु के अनुसार शौचालय का ढलान

वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा (Toilet Seat Direction As Per Vastu) 15 : जगह खाली रखें

चॉयलेट सीट के ऊपर की जगह पर पानी की टंकी के अलावा कुछ भी नहीं होना चाहिए। जगह खाली रहने से सीट के ऊपर की खिड़की से हवा अंदर और बाहर आ सकेगी। यह वास्तु और वैज्ञानिक दोनों दृष्टिकोण से सही है।

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वास्तु के अनुसार पर्याप्त जगह के साथ शौचालय 

शौचालय के लिए वास्तु (Vastu for Toilets): शौचालय बनवाने के दौरान क्या करें और क्या न करें

  1. अगर आप नया घर बना रहे हैं तो शौचालय को दक्षिण पश्चिम कोने या उत्तर पूर्व में बनवाने से बचें।

  2. बाथरूम में पानी का प्रवाह दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर या पश्चिम से पूर्व की ओर होना चाहिए। आसान शब्दों में कहें तो शौचालय का फर्श उत्तर या पूर्व दिशा में ढलान वाला होना चाहिए।

  3. वास्तु के अनुसार शौचालय/वाशरूम कभी भी घर के बीच में नहीं होना चाहिए।

  4. शौचालय के लिए वास्तु (Vastu for the toilet) के अनुसार आपको कभी भी पूजा कक्ष के बगल में शौचालय नहीं बनवाना चाहिए।

  5. वॉशरूम/शौचालय में कमोड को बाकी वॉशरूम के फर्श के स्तर की तुलना में थोड़ा ऊँचाई पर बनवाएं।

बाथरूम बनवाने के दौरान पालन किए जाने वाले वास्तु के महत्वपूर्ण नियम

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हल्के रंगों से बना एक सुंदर बाथरूम 

हमने यहाँ बाथरूम के लिए कुछ महत्वपूर्ण वास्तु नियम बताये हैं:

  • बाथरूम को या तो उत्तर या उत्तर पश्चिम दिशा में बनवाना चाहिए। इसे कभी भी दक्षिण, दक्षिण पूर्व या दक्षिण पश्चिम में नहीं बनवाना चाहिए।

  • बाथरूम कभी भी किचन के सामने या उसके बगल में नहीं होना चाहिए।

  • शौचालय की सीट या तो पश्चिम या उत्तर पश्चिम दिशा में होनी चाहिए।

  • पानी की बाल्टी खाली नहीं रखनी चाहिए। इसे या तो पानी से भरकर रखना चाहिए या उल्टा रखना चाहिए।

  • नीले रंग की बाल्टी और मग से बाथरूम का माहौल अच्छा लगता है।

  • दरवाजे हमेशा बंद रखने चाहिए। दरवाजा खुला होने से नकारात्मक ऊर्जा आती है।

  • नल खराब नहीं होने चाहिए क्योंकि नल से पानी लीक होने से आपकी वित्तीय स्थिति पर प्रभाव पड़ सकता है।

  • नकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकलने के लिए बाथरूम में खिड़की होनी चाहिए।

वास्तु के अनुसार बाथरूम के लिए सर्वश्रेष्ठ रंग

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हरियाली के साथ सफेद रंग का बाथरूम

बाथरूम में हल्के रंगों जैसे कि सफेद, क्रीम, बेज व ब्राउन चुनें। काला, लाल और गहरा नीला जैसे रंगों का इस्तेमाल न करें। वास्तु के अनुसार टाइल्स या वॉल पेंट हेतु गहरे रंग का इस्तेमाल न करें। 

इसके अलावा, हल्के रंग से धूल साफ नज़र आती है, जिससे आपको साफ करने में आसानी रहती है। साथ ही ये ऐसे रंग से माहौल शांत बनता है।

दूसरी ओर, गहरे रंग नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं और इससे जगह कॉम्पैक्ट व तंग नज़र आती है।

वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा (Toilet Seat Direction As Per Vastu) के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण बातें

हमने आपको ऊपर वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा (Toilet Seat Direction As Per Vastu) पर 15 जरुरी सुझाव बताये हैं। वास्तु के इन सुझावों का पालन करने से आपका नया घर सुरक्षित रहेगा, इसमें रहने वाले लोग स्वस्थ व समृद्ध होंगे। हमें पूरी उम्मीद है कि आप अपने घर को बनवाने के दौरान वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा (Toilet Seat Direction As Per Vastu) के इन सुझावों का पूरी तरह से पालन करेंगे। 

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सामान्यतःपूछे जाने वाले प्रश्न

  • वास्तु के अनुसार सबसे अच्छी टॉयलेट सीट कौन सी है?

    अपने अंतरिक्ष से नकारात्मक ऊर्जाओं को खत्म करने के लिए सबसे उपयुक्त दिशा उत्तर या उत्तर पश्चिम है।

  • शौचालय पूर्व दिशा में हो तो क्या उपाय है?

    यदि आपका शौचालय पूर्व दिशा में है तो आप बाथरूम की छत पर बांस का उपयोग कर सकते हैं। यह टिप बुरे प्रभावों को कम करने में मदद करेगी।

    पूर्व दिशा में शौचालय हो तो क्या करें?

    उत्तर पूर्व दिशा में शौचालय के लिए उत्तर पश्चिम की ओर इशारा करते हुए तीन तीर रखें। नेगेटिव वाइब को खत्म करने के लिए टॉयलेट के अंदर कपूर या सुगंधित मोमबत्तियां जलाएं। शौचालय के दरवाजे हमेशा बंद रहने चाहिए। उत्तर दिशा में शीशा लगाएं।

    पूर्व मुखी घर में शौचालय कहाँ होना चाहिए?

    दक्षिण- पूर्व दिशा पूर्व-दक्षिण-पूर्व की ओर बना शौचालय अच्छा होता है।

    शौचालय का वास्तु दोष कैसे दूर करें?

    वास्तु शास्त्र के अनुसार, किचन और शौचालय कभी भी आमने-सामने नहीं होने चाहिए। शौचालय सदैव पश्चिम और दक्षिण दिशा में होना चाहिए। अगर आपके घर में जगह की कमी के कारण शौचालय और स्‍नानघर एक ही दिशा में हों तो भूलकर भी इसे ईशान कोण की किसी भी दीवार से सटा हुआ न बनाएं।

    टॉयलेट का मुंह कौनसी दिशा में होना चाहिए?

    पश्चिम या दक्षिण दिशा में टॉयलेट सीट रखनी चाहिएटॉयलेट सीट के लिए दक्षिण – पश्चिम सबसे उचित दिशा है। टॉयलेट सीट का प्रोयग करते वक़्त आपका मुख दक्षिण या पश्चिम दिशा की तरफ होना चाहिएटॉयलेट सीट का प्रयोग करते वक़्त कभी भी मुख पूर्व दिशा की तरफ नहीं रखें।