सबसे अच्छी सल्फर कौन सी होती है? - sabase achchhee salphar kaun see hotee hai?

बेन्टोनाइट सल्फर गंधक व बेन्टोनाइट क्ले से युक्त सीधे तौर पर एक सल्फेटिक उर्वरक है । इस उर्वरक में गंधक की मात्रा 90% है, जो इस श्रेणी के सल्फेटिक उर्वरकों में सबसे अधिक है । इस तरह से फसलों को गंधक की मात्रा प्रदान करने में बेन्टोनाइट सल्फर ज्यादा प्रभावी है ।

उर्वरकों में, एन पी के पोषक तत्वों के अतिरिक्त, गंधक फसलों के लिए चौथा मुख्य पोषक तत्व है । अमीनो एसिड के संश्लेषण से प्रोटीन बनाने के लिए, गंधक एक आवश्यक तत्व (घटक) है । क्लोरोफिल के उत्पादन, फास्फोरस के उपयोग एवं अन्य आवश्यक पोषक तत्वों के अवशोषण के लिए भी गंधक की आवश्यकता होती है ।

विभिन्न फसलों के लिए बेन्टोनाइट सल्फर के उपयोग के फायदे

  • मिट्टी की अम्लता को बढ़ाता है या क्षारीय मिट्टी के लिए पी एच को कम करता है।
  • नाइट्रोजन, फास्फेट व सूक्ष्म पोषक तत्वों की उपयोगिता को बढ़ाता है ।
  • सल्फेट के रूप में परिवर्तित होने तक लींचिंग को रोकता है ।
  • ये सुनिश्चित करते हुये की पौधे भूमि से अधिकतम मात्रा में पोषक तत्व ग्रहण करें, जड़ों की वृद्धि दर का विकास करता है ।
  • मूँगफली व दूसरे तिलहनों में तेल के अंश में वृद्धि करता है ओर साथ – साथ दालों की गुणवत्ता व मात्रा भी बढ़ाता है ।

एन एफ एल में बेन्टोनाइट सल्फर का उत्पादन

सबसे अच्छी सल्फर कौन सी होती है? - sabase achchhee salphar kaun see hotee hai?

दिसम्बर 2017 में,  25,000 मीट्रिक टन प्रति वर्ष क्षमता का बेन्टोनाइट सल्फर संयत्र पानीपत इकाई में लगाया गया है। निर्मित उत्पादन, एफ सीओ  विनिर्देशों का पालन करता है, जिसका विवरण इस प्रकार है :-

1
गंधक % 
90% भार अनुसार (न्यूनतम)
2
बेन्टोनाइट क्ले
10% भार अनुसार (अधिकतम)
3
नमी 
0.5% भार अनुसार (अधिकतम)
4
कण का आकार 
>90% सामग्री 4.00 मिली मीटर की आई एस छलनी से निकल जाएगी ओर 1.0 मिली मीटर आई एस छलनी पर रूक जाएगी व <5% 1.0 मिली मीटर आई एस छलनी से कम होगी 
5
रंग
गहरा पीला हरा 






एन एफ एल उत्पाद को 1 किलोग्राम, 5 किलोग्राम, 10 किलोग्राम  25 किलोग्राम  के थैलों में पैक करती है। 

कृषि दिशा / खेती-बाड़ी / फसल के लिए सल्फर (Sulfur) का क्या महत्व है? जानिए फायदे तथा उपयोग

Sulfur – आज हम आपको खेती में उपयोग होने वाले ऐसे खाद के बारें में बताने जा रहे है जिस पर किसान प्रायः ध्यान नहीं देते हैं. जिसका नाम सल्फर (Sulfur) है. सल्फर मृदा पोषण में चौथा आवश्यक तत्व है. खेत में सल्फर की व्यापक कमी देखी जा रही है. सल्फर को गंधक नाम से जाना जाता है. यह हल्के पीले सफ़ेद रंग का होता है. फसलों में सल्फर का उपयोग क्या है? एवं यह कितना जरुरी है? सभी जानकारी जानने के लिए इस आर्टिकल को पूरा पढें.

सबसे अच्छी सल्फर कौन सी होती है? - sabase achchhee salphar kaun see hotee hai?
फसल के लिए सल्फर (Sulfur) का क्या महत्व है

सल्फर के प्रकार – (Types of Sulfur)

सल्फर तीन प्रकार के होते हैं- अधातु सल्फाइड, धातु सल्फाइड और कार्बनिक सल्फाइड, जोकि दानेदार, पाउडर और तरल रूप में होते हैं.

सल्फर का उपयोग – (Use of Sulfur in Farming)

  • सभी फसलों में सल्फर उपयोग लाभकारी होता है.
  • सल्फर से तिलहनी फसलों में तेल की मात्रा का प्रतिशत बढ़ाता है
  • सल्फर मिट्टी की उर्वरा शक्ति प्रतिशत बढ़ाता है
  • सल्फर पौधों के लिए टॉनिक का काम भी करता है.
  • सल्फर पौधों में एंजाइमों की क्रियाशीलता को बढ़ता है.
  • सल्फर तम्बाकू, सब्जियों एवं चारे वाली फसलों की गुणवत्ता को बढ़ाता है.
  • सल्फर आलू में पाये जाने वाले स्टार्च की मात्रा को बढ़ता है.

सल्फर की कमी से फसलों में पाए जाने वाले लक्षण – (Symptoms found in crops due to deficiency of sulfur)

  • सल्फर की कमी से पौधों का रंग पीला पड़ जाता है.
  • सल्फर की कमी शुरुआत पौधों के उपरी हिस्से या नये पत्ते से होती है
  • सल्फर की कमी से पौधों का विकास रुक जाता है
  • सल्फर की कमी से पौधों का हरापन कम हो जाता है.
  • सल्फर की कमी से खाद्यान्न फसलें अपेक्षाकृत देर से पकती है
  • सल्फर की कमी से बीज ढंग से परिपक्व नहीं हो पाते है.
  • सल्फर की कमी से पत्तियां व तने में बैंगनीपन आ जाता है.
  • सल्फर के अभाव में पौधे पीले, हरे, पतले और आकर में छोटे हो जाते हैं.
  • सल्फर के अभाव में पौधे का तना पतला और कड़ा हो जाता है.
  • सल्फर की कमी से आलू की पत्तियों का रंग पीला, तने कठोर तथा जड़ों का विकास कम रहता है.
  • सल्फर की कमी से फसल में फूल नही आते और न ही फल बनते हैं.

सल्फर की पौधे में क्या आवश्यकता है? (What is the need of Sulfur in the plant?)

  • एमीनो एसिड का आवश्यक अंग है.
  • ये पत्तियों में क्लोरोफिल निर्माण के लिए आवश्यक है.
  • पौधों में तेल निर्माण और एन्जाईम निर्माण में सहायक है.
  • दलहनी फसलों की गाठो के निर्माण में सहायक है.

निवारण

सल्फर की कमी को दूर करने के लिए एस.एस.पी. फास्फो जिप्सम एवं सल्फर मिश्रित खाद का इस्तेमाल करना चाहिए.
English Summary: Know Use and Importance of Sulfur for Crop

Reader Interactions

सबसे अच्छा सल्फर कौन सा होता है?

बेन्टोनाइट सल्फर गंधक व बेन्टोनाइट क्ले से युक्त सीधे तौर पर एक सल्फेटिक उर्वरक है । इस उर्वरक में गंधक की मात्रा 90% है, जो इस श्रेणी के सल्फेटिक उर्वरकों में सबसे अधिक है । इस तरह से फसलों को गंधक की मात्रा प्रदान करने में बेन्टोनाइट सल्फर ज्यादा प्रभावी है ।

सल्फर कितने प्रकार की आती है?

सल्फर तीन प्रकार के होते हैं- अधातु सल्फाइड, धातु सल्फाइड और कार्बनिक सल्फाइड, जोकि दानेदार, पाउडर और तरल रूप में होते हैं.

सल्फर का उपयोग कब करना चाहिए?

आइए जानते है सल्फर के उपयोग पर :.
प्रोटीन के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान।.
पत्तियों में पर्णहरित के निर्माण में सहायक।.
पौधों में एंजाइमों की क्रियाशीलता को बढ़ता है।.
सरसों के तेल में गुल्कोसाइड के निर्माण में सहायक होता है।.
तिलहनी फसलों में तेल की मात्रा का प्रतिशत बढ़ाता है।.

सल्फर क्या क्या काम करता है?

सल्फर को मिट्टी का सुधारक कहा जाता है क्योंकि यह मिट्टी के पीएच को कम करता है। चूना युक्त पथरीली चिपचिपी मिट्टी में सल्फर का उपयोग करना महत्वपूर्ण है। सल्फर का महत्वपूर्ण उपयोग तिलहनों में प्रोटीन और तेल की मात्रा में वृद्धि करना है।