आग रोटियां सेकने के लिए है जलने के लिए नहीं उक्त पंक्ति से क्या संदेश दिया गया है? - aag rotiyaan sekane ke lie hai jalane ke lie nahin ukt pankti se kya sandesh diya gaya hai?

Solution :  उक्त पंक्ति में यह संदेश दिया गया है कि ससुराल में बहुएँ घर गृहस्थी में फँसकर, अत्याचारों को सहते हुए स्वयं को नुकसान न पहुचाएँ और न ही दूसरों के द्वारा किए गए जुल्मों को सहन करें। वे अपनी कमजोरियों के प्रति हताश होकर आत्महत्या न करें व सचेत रहें एवं मजबूत बनें। क्योंकि आज भी नारियों पर जुल्म किए जाते हैं और उन्हें जलाया जाता है।

‘आग रोटियाँ सेंकने के लिए है जलने के लिए नहीं’ कहकर कवयित्री ने समाज पर क्या व्यंग्य किया है?

माँ द्वारा अपनी बेटी को सीख देते हुए यह कहना ‘आग रोटियाँ सेंकने के लिए होती है, जलने के लिए नहीं’ के माध्यम से कन्या को सीख तो दिया ही है पर समाज पर कठोर व्यंग्य किया है। समाज में कुछ लोग बहुओं को इतना प्रताड़ित करते हैं कि उस प्रताड़ना से मुक्ति पाने के लिए या तो लड़की स्वयं को आग के हवाले कर देती है या ससुराल के लोग उसे जला देते हैं।

Concept: पद्य (Poetry) (Class 10 A)

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आग रोटियां सेकने के लिए है जलने के लिए नहीं पंक्ति का क्या अर्थ है?

'आग रोटियाँ सेंकने के लिए है जलने के लिए नहीं। Solution : उक्त पंक्ति में यह संदेश दिया गया है कि ससुराल में बहुएँ घर गृहस्थी में फँसकर, अत्याचारों को सहते हुए स्वयं को नुकसान न पहुचाएँ और न ही दूसरों के द्वारा किए गए जुल्मों को सहन करें। वे अपनी कमजोरियों के प्रति हताश होकर आत्महत्या न करें व सचेत रहें एवं मजबूत बनें।

आग से रोटियां सेकने के लिए मां ने बेटी को संकेत करना क्यों जरूरी समझा?

माँ ने बेटी को सचेत करना क्यों जरूरी समझा? माँ ने बेटी को सचेत करना इसलिए जरूरी समझा है कि वह भी अनेक अन्य बहुओं की तरह किसी की आग में अपना जीवन न खो दे। उसे किसी भी अवस्था में कमजोर नहीं बनना चाहिए। उसे कष्ट देने की कोशिश करने वालों के सामने उठ कर खड़ा हो जाना चाहिए।

आग के विषय में माँ के कथन का क्या अभिप्राय है?

इस सबसे मां का यह आशय की कुछ बेटियां अपने परिस्थितियों से परेशान होकर आत्महत्या जैसी कदम उठाती हैं जिसमें वे हालातों से लड़ना नहीं बल्कि हालातों से हार मानना जानती हैं जिससे वह जहर खाना, फांसी लगाना आग लगाने जैसी हरकतें करती हैं जिससे उनके परिवार ससुराल तथा मायके का अपमान होता है समाज में लोग तरह तरह की बातें सोचते हैं ...