Show शिशु का रंग साफ करने के लिये बेसन का पेस्ट बनाइये। इसके लिये हल्दी, कच्चा दूध, हल्दी, ताजी मलाई और बेसन को मिक्स कर के पेस्ट तैयार कीजिये। इसे बेबी की स्किन पर लगा कर 10 मिनट तक छोड़ दीजिये। फिर इसे इसे मुलायम कपड़े या फिर कॉटन से साफ कर दीजिये। इस
पेस्ट से शिशु की स्किन में चमक आएगी और उसकी रंगत निखरेगी। Also read:क्या आप जानते हैं मां की लोरी बच्चे के लिए है कितनी फायदेमंद? बॉडी पैक का करें प्रयोगघर पर एक बॉडी पैक बनाएं जिसमें चंदन पावडर, कच्चा दूध, हल्दी और केसर मिलाएं। इसे शिशु के
शरीर पर लगा कर सूखने के लिये छोड़ दें और फिर मुलायम कपड़े से पोछ दें। यह सामग्रियां स्किन के लिये काफी अच्छी होती है और दबे रंग को साफ करती हैं। Also read: नवजात शिशु को गोद में उठाने से लगता है डर, जाने बच्चे को पकड़ने का सही तरीका न करें साबुन का उपयोगएक हल्का साबुन, जो विशेष रूप से
बच्चे की संवेदनशील त्वचा के लिए बनाया गया है, आपके शिशु के लिये बेहद फायदेमंद हो सकता है। आप कच्चे दूध और गुलाब जल के साथ घर का बना पैक भी बना सकती हैं। अपने बच्चे की स्किन पर इस घोल को लगाएं और फिर गुनगुने पानी से धो लें। माइल्ड सोप बच्चे के लिए सुरक्षित हैं। हालांकि, हार्श सोप उनकी त्वचा छील सकते हैं और ड्रायनेस पैदा कर सकते हैं। Also read: एकता कपूर ने 36 की उम्र में करवाए थे अपने एग्स फ्रीज, जानें एग फ्रीजिंग के प्रोसेस के बारे में सबकुछ मॉइस्चराइजर लगाएंशिशुओं की नाजुक त्वचा होती है। दिन में दो से तीन बार एक हल्के मॉइस्चराइजर के साथ एक सौम्य मालिश
देने पर उनकी स्किन पर चमक आएगी। मॉइस्चराइजर त्वचा को हाइड्रेटेड रखता है और ड्रायनेस को रोकता है। यह बच्चे की त्वचा को निखारता है लेकिन त्वचा का रंग नहीं बदलता है। तेल से मसाजतेल की मसाज से बेबी की स्किन स्मूथ और हाइड्रेट होती है। आप चाहें तो नारियल तेल या फिर ऑलिव ऑइल का प्रयोग कर सकती हैं। तेल को हल्का गुनगुना करें और फिर उससे मसाज करें। मालिश के लिये हाथों का प्रेशर धीमा रखें। कई दिनों तक मालिश करने पर आप देखेंगी कि शिशु की
स्किन का रंग साफ हो गया है। सन-बाथ कराएंअपने शिशु को सुबह सूरज की धूप जरूर दिखाएं। इससे
उसके शरीर में ऊर्जा पैदा होगी और विटामिन डी मिलेगी। इसकी वजह से उसे कभी कोई बीमारी नहीं घेरेगी। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि उसे कभी कड़क धूम में न ले जाएं, नहीं तो उसका रंग सांवला हो जाएगा। बच्चे को धूप सिकाने के बाद उसे गुनगुने पानी से जरूर नहलाएं। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें यहां हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपाय बता रहे हैं जिनकी मदद से नैचुरली शिशु की स्किन टोन को बेहतर किया जा सकता है। कच्चे दूध में हल्दी या बेसन मिलाकर शिशु के शरीर पर लगाएं और 5 से 10 मिनट के बाद इसे साफ और सूती कपड़े से हटा दें। दूध में विटामिन ए, डी, बी12, लैक्टिक एसिड और बायोटिन के साथ कई अन्य पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं। यह नैचुरल क्लींजर की तरह काम करता है जिससे स्किन हाइड्रेट रहती है। हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लामेट्री गुण होते हैं जो रंगत को निखारने का काम करते हैं। बेसन से भी स्किन पर तुरंत ग्लो आता है। यह भी पढ़ें : बेबी की स्किन हो जाएगी और भी फेयर, अगर आजमाएंगी ये घरेलू
उपचार दही और टमाटरदही में टमाटर के गूदे को मिलाकर शिशु की स्किन की मालिश करें। जिन हिस्सों पर आपको पिगमेंटेशन दिख रही है, उन हिस्सों पर जरूर मसाज करें। दही स्किन को हाइड्रेट करती है और टमाटर नैचुरल ब्लीचिंग एजेंट का काम करता है। इससे कोशिकाएं पुनर्जीवित होती है और स्किन से धूल और मिट्टी निकलती है। ओटमील स्क्रबशिशु की त्वचा बहुत नाजुक होती है इसलिए उन पर केमिकल युक्त साबुन, शैंपू या मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसकी जगह आप शिशु को ओटमील बॉडी स्क्रब से नहला सकती हैं। थोड़ा-सा ओट्स लें और उसमें गुनगुना पानी और शहद डालकर एक पेस्ट बना लें। इस स्क्रब को हल्के हाथों से शिशु की स्किन पर लगाएं और फिर बच्चे को नहला दें। ओटमील में अमीनो एसिड होते हैं जो त्वचा के डल रंग को ठीक करते हैं। इसके एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेट्री गुण स्किन को ठंडक देकर चमकदार बनाते हैं। यह भी पढ़ें : डायपर रैशेज और एक्जिमा जैसी
स्किन प्रॉब्लम्स से बचाने के लिए शिशु को दें ओटमील बाथ नारियल तेलदिन में कम से कम एक बार गुनगुने नारियल तेल से मालिश करने से स्किन में लचीलापन आता है और ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है। तेल स्किन में गहराई से जाकर उसे हाइड्रेट करता है जिससे स्किन की रंगत में निखार आता है। शिशु की मालिश करने के लिए नारियल तेल सबसे ज्यादा असरकारी होता है। इससे स्किन का रंग भी साफ होता है और दाग-धब्बे भी दूर होते हैं। यह भी पढ़ें : जन्म के बाद मां के जापे में शिशु की भी होनी चाहिए मालिश, जानिए फायदे एलोवेरा जेलयदि शिशु की स्किन पर रैशेज, खुजली, जलन या एलर्जी हो गई है तो आप उस पर एलोवेरा जेल लगा सकती हैं। इसके औषधीय गुण स्किन ही हर तरह की परेशानी को दूर करते हैं। आप एलोवेरा जेल में दही, बेसन, शहद या नारियल तेल मिलाकर शिशु की त्वचा पर लगा सकती हैं। आप चाहें तो एलोवेरा जेल को शिशु की स्किन पर सीधा भी लगाया जा सकता है। हालांकि, इससे पहले डॉक्टर से एक बार बात करना बेहतर होगा। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें 5 साल के बच्चों को गोरा कैसे करें?शिशु की स्किन को नैचुरली गोरा और साफ करने के लिए, अपनाएं ये खास.... दूध और हल्दी कच्चे दूध में हल्दी या बेसन मिलाकर शिशु के शरीर पर लगाएं और 5 से 10 मिनट के बाद इसे साफ और सूती कपड़े से हटा दें। ... . दही और टमाटर दही में टमाटर के गूदे को मिलाकर शिशु की स्किन की मालिश करें। ... . ओटमील स्क्रब ... . नारियल तेल ... . एलोवेरा जेल. बच्चों का कालापन कैसे दूर करें?बच्चे के त्वचा की रंगत साफ करने के घरेलू उपाय. दूध और हल्दी से त्वचा में आएगा निखार शिशु की त्वचा को साफ कर रंगत निखारने के लिए दूध और हल्दी काफी फायदेमंद होती है। ... . दही-टमाटर की मालिश से स्किन बनेगी ग्लोइंग ... . ओटमील स्क्रब से त्वचा होगी मॉइश्चराइज ... . नारियल तेल भी है फायदेमंद. क्या लगाने से बच्चे गोरे होते हैं?कुछ माताएं अपने बच्चों को गोरा बनाने के लिए उन्हें बहुत सारा टैल्कम पाउडर लगाती हैं। इससे शिशु की रंगत पर कोई असर नहीं पड़ेगा, बल्कि पाउडर को चेहरे पर न लगाने की सलाह दी जाती, क्योंकि शिशु पाउडर के छोटे कणों को सांस के जरिये अंदर ले सकता है। और अधिक पढ़ें कि टैल्कम पाउडर का सुरक्षित इस्तेमाल कैसे किया जाए।
बच्चा काला क्यों होता है?कहते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान काली चीजें खाने से बच्चे का रंग काला हो जाता है। आपने भी प्रेगनेंट होने के बाद ऐसी कई चीजों के बारे में सुना होगा जिन्हें खाने से गर्भवती मां के बच्चे का रंग काला हो सकता है। माना जाता है कि प्रेग्नेंसी में काले जामुन खाने से भी महिला के गर्भस्थ शिशु का रंग काला हो सकता है।
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